बस्ती का नाम होगा ‘वशिष्ठ नगर’ | उत्तर प्रदेश | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
28 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले की ज़िलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि बस्ती का नाम बदलकर महर्षि वशिष्ठ के नाम पर ‘वशिष्ठ नगर’ करने का प्रस्ताव राजस्व परिषद को पुन: भेजा गया है।
प्रमुख बिंदु
- डीएम सौम्या अग्रवाल ने बताया कि ज़िले के सभी विभागों से सहमति प्राप्त करने के बाद बस्ती ज़िले का नाम बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
- उन्होंने बताया कि ज़िले का नाम बदलने पर आने वाले खर्च सभी विभाग मिलकर वहन करेंगे। इसके लिये कोई अतिरिक्त शासकीय व्यय नहीं होगा। इस आशय की रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग ने भी दी है।
- प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है कि रामायण काल में बस्ती में भगवान श्रीराम के कुलगुरू महर्षि वशिष्ठ का आश्रम होने के कारण इसका नाम वशिष्ठी था। यहाँ स्थित मखौड़ा धाम में राजा दशरथ ने महर्षि वशिष्ठ की प्रेरणा से ही पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था।
- इससे पहले 16 नवंबर, 2019 को तत्कालीन ज़िलाधिकारी आशुतोष निरंजन की ओर से यह प्रस्ताव भेजा गया। नाम बदलने पर होने वाले व्यय के बारे में परिषद ने जानकारी मांगी तो एक करोड़ का भारी-भरकम खर्च बता दिया गया, जिससे यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई और यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।
- उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद और फैज़ाबाद का नाम बदले जाने के बाद वर्ष 2019 में बस्ती ज़िले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर करने की माँग ज़ोर पकड़ने लगी थी। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती में खुले मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर करने की घोषणा की तो इसे और बल मिल गया।
- बस्ती ज़िले का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्त्व है। प्राचीन काल में यह कोसल साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। 1865 में इसे गोरखपुर से अलग करके ज़िला बनाया गया और वर्ष 1997 में इसे मंडल बनाया गया।
बिहार सरकार ने दी जमुई ज़िले में देश के सबसे बड़े सोने के भंडार की खोज़ की अनुमति | बिहार | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
28 मई, 2022 को बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव सह-खान आयुक्त हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि बिहार सरकार ने जमुई ज़िले में देश के सबसे बड़े सोने के भंडार की खोज़ के लिये अनुमति देने का फैसला किया है।
प्रमुख बिंदु
- हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि राज्य का खान और भूविज्ञान विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज़ के लिये जीएसआई और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) सहित अन्वेषण में लगी एजेंसियों के साथ परामर्श कर रहा है।
- उन्होंने कहा कि जीएसआई के निष्कर्षों का विश्लेषण करने के बाद परामर्श प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें जमुई ज़िले में करमाटिया, झाझा और सोनो जैसे क्षेत्रों में सोने की उपस्थिति का संकेत मिला था।
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अनुसार, जमुई ज़िले में 37.6 टन खनिजयुक्त अयस्क सहित लगभग 222.88 मिलियन टन सोने का भंडार मौज़ूद है।
- राज्य सरकार द्वारा एक महीने के भीतर जी3 (प्रारंभिक) चरण की खोज़ के लिये एक केंद्रीय एजेंसी या एजेंसियों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावना है। कुछ क्षेत्रों में, जी2 (सामान्य) अन्वेषण भी किया जा सकता है।
- केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले साल लोकसभा को बताया था कि बिहार के पास भारत के सोने के भंडार में सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी है। एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा था कि बिहार में 222.885 मिलियन टन सोना धातु है, जो देश के कुल सोने के भंडार का 44% है।
- नेशनल मिनरल इन्वेंटरी के अनुसार, देश में 1.4.2015 को प्राथमिक स्वर्ण अयस्क के कुल संसाधन 654.74 टन स्वर्ण धातु के साथ 501.83 मिलियन टन होने का अनुमान है और इसमें से बिहार में 222.885 मिलियन टन मौजूद है।
एसएमएस स्टेडियम में लोकार्पण व खिलाड़ी सम्मान समारोह | राजस्थान | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में लोकार्पण एवं खिलाड़ी सम्मान समारोह में राजस्थान हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर, नवीनीकृत सिंथेटिक हॉकी एस्ट्रोटर्फ और बैडमिंटन इंडोर हॉल का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ओलंपिक और पैरा-ओलंपिक में राजस्थान के पदक विजेताओं तथा एशियन गेम्स, 2022 और कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
- इसके अलावा समारोह में मुख्यमंत्री ने पदक विजेता खिलाड़ियों को अनुदान राशि देने के लिये ऑनलाइन पोर्टल को लॉन्च किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लगभग 229 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत राजकीय सेवाओं में नियुक्तियाँ दी गई हैं, साथ ही खिलाड़ियों के लिये 2 प्रतिशत का आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है।
- उन्होंने बताया कि ओलंपिक, पैरा-ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेताओं के साथ अर्जुन और द्रोणाचार्य अवार्डीज को स्पोर्ट्स पर्सन पेंशन दी जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने ओलंपिक और पैरा-ओलंपिक पदक विजेताओं को 25-25 बीघा नि:शुल्क भूमि आवंटित करने तथा गुरु वशिष्ठ और महाराणा प्रताप अवार्डीज को मिलने वाली पुरस्कार राशि को बढ़ाने की घोषणा भी की।
जैसलमेर में भारत का पहला हाइब्रिड पावर प्लांट शुरू | राजस्थान | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
28 मई, 2022 को अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के एमडी और सीईओ विनीत एस. जैन ने बताया कि एजीईएल की सहायक कंपनी अडाणी हाइब्रिड एनर्जी जैसलमेर वन लिमिटेड (एएचईजेओएल) ने जैसलमेर में पवन व सौर ऊर्जा के मेल वाला 390 मेगावाट का हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्र शुरू किया है, जो देश में अपनी तरह का पहला हाइब्रिड ऊर्जा उत्पादन संयंत्र है।
प्रमुख बिंदु
- नए संयंत्र का सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ बिजली खरीद समझौता (पीपीए) है, जिसमें टैरिफ 2.69 रुपए प्रति किलोवाट है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर औसत बिजली खरीद लागत (APPC) से काफी कम है।
- इस संयंत्र के सफलतापूर्वक चालू होने के साथ अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) की परिचालन क्षमता 5.8 गीगावाट हो गई है। यह एजीईएल के 20.4 गीगावाट के कुल नवीकरणीय पोर्टफोलियो को 2030 तक 45 गीगावाट क्षमता के अपने विज़न को पूरा करने की दिशा में एक मील का पत्थर है।
- विनीत एस. जैन ने बताया कि सौर व पवन ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से एकीकृत हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्र उत्पादन अंतर को हल करके अक्षय ऊर्जा की पूरी क्षमता का उपयोग करता है और बढ़ती बिजली की माँग को पूरा करने के लिये एक अधिक विश्वसनीय समाधान प्रदान करता है।
- यह परियोजना अडानी ग्रीन में अंतर्राष्ट्रीय बैंकों द्वारा पहली निर्माण सुविधा का एक हिस्सा है।
मतदाता जागरूकता अभियान में सहयोग के लिये बनेंगे कैंपस एंबेसडर | मध्य प्रदेश | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह ने कलेक्टर एवं ज़िला निर्वाचन अधिकारियों को नगरीय निकायों एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन, 2022 के लिये मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने, मतदान की अपील तथा आयोग द्वारा किये गए नवाचारों की जानकारी देने के लिये ‘मतदाता जागरूकता अभियान’ प्रारंभ करने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने अधिकारियों को ‘मतदाता जागरूकता अभियान’ के तहत मतदाताओं को प्रेरित/जागरूक करने के लिये स्थानीय महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों से कुछ विद्यार्थियों को, जो कि नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं, को कैंपस एंबेसडर (Campus Ambassador) नियुक्त करने का निर्देश भी दिया।
- कैंपस एंबेसडर का चयन ज़िला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उनकी निष्पक्ष, स्वच्छ एवं गैर-राजनीतिक छवि को चिह्नित कर महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों के प्राचार्य, उप-कुलपति द्वारा प्रदान की गई सूची के आधार पर किया जाएगा।
- ज़िला निर्वाचन अधिकारी अपने स्तर पर एन.सी.सी./एन.एस.एस. के सहयोग से भी नियुक्ति कर सकते हैं।
- कैंपस एंबेसडर का चयन केवल एक शैक्षणिक सत्र के लिये किया जाएगा। सह-शिक्षा
(Co-Education) महाविद्यालयों में 2 कैंपस एंबेसडर (एक छात्र एवं एक छात्रा) का चयन किया जाएगा।
- कैंपस एंबेसडर की संबद्धता किसी भी राजनीतिक दल या उनकी संलग्नता किसी राजनीतिक गतिविधि में नहीं होनी चाहिये। कैंपस एंबेसडर के परिवार का संबंध किसी भी राजनीतिक दल या राजनीतिक गतिविधि से नहीं होना चाहिये।
- कैंपस एंबेसडर के विरुद्ध आचरण एवं व्यवहार संबंधी किसी भी तरह की शिकायत प्राप्त होने की स्थिति में संस्था प्रमुख तत्काल जाँच कर उपयुक्त कार्यवाही करेंगे। प्रत्येक कैंपस एंबेसडर का पुलिस सत्यापन ज़िला प्रशासन द्वारा किया जाना अनिवार्य होगा।
- कैंपस एंबेसडर मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया तिथियों तथा आयोग द्वारा किये गए विभिन्न नवाचारों आदि की जानकारी देंगे। स्कॉउट-गाइड, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) एवं अशासकीय संगठनों (NGO) के साथ समन्वय कर मतदाता जागरूकता में उनका सहयोग प्राप्त करेंगे।
- मतदाता जागरूकता अभियान (SENSE) की गतिविधियों के संचालन के लिये सक्रिय सदस्यों का एक दल बनाकर मतदाताओं को जागरूक करेंगे।
- ज़िला निर्वाचन अधिकारी कैंपस एंबेसडर की नियुक्ति के पश्चात् उन्हें उनकी भूमिका, दायित्वों, उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों, गतिविधियों, लक्ष्यों, संभावित उपलब्धियों तथा कार्ययोजनाओं से अवगत कराएंगे तथा उन्हें संक्षिप्त प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। ज़िला निर्वाचन अधिकारी कैंपस एंबेसडर को मतदाता जागरूकता अभियान कार्य के लिये यथायोग्य सामग्री, मार्गदर्शन एवं सहयोग देंगे।
- ज़िला निर्वाचन अधिकारी समय-समय पर संपन्न की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों का आकलन करेंगे एवं प्रतिवेदन प्राप्त करेंगे। SENSE की गतिविधियों के लिये नियुक्त किये गए नोडल अधिकारी समय-समय पर प्रतिवेदन (फोटोग्राफ्स सहित) आयोग को भेजेंगे।
- ज़िला स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कैंपस एंबेसडर को चिह्नित कर उनके नाम की अनुशंसा की जाएगी तथा राष्ट्रीय पर्व पर आयोजित समारोह में प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।
तंबाकू नियंत्रण के लिये झारखंड को डब्ल्यूएचओ पुरस्कार | झारखंड | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2022 को झारखंड के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के नोडल अधिकारी ललित रंजन पाठक ने बताया कि झारखंड को तंबाकू की खपत को नियंत्रित करने के प्रयासों के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) पुरस्कार, 2022 के लिये चुना है।
प्रमुख बिंदु
- 31 मई को नई दिल्ली में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर झारखंड स्वास्थ्य विभाग का स्टाटा तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ पुरस्कार ग्रहण करेगा।
- ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस)-1 की रिपोर्ट के अनुसार, जब वर्ष 2012 में झारखंड में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) शुरू किया गया था, तब राज्य में तंबाकू प्रसार दर 51.1 प्रतिशत थी, जिसमें से 48 प्रतिशत धूम्रपान रहित उपयोगकर्त्ता थे।
- 2018 में प्रकाशित हुई रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या घटकर 38.9 प्रतिशत हो गई, जिनमें से 35.4 प्रतिशत धूम्रपान रहित उपयोगकर्त्ता थे।
- रंजन पाठक ने बताया कि झारखंड ने 2018 और 2022 के बीच कई उपायों की शुरुआत की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, डब्ल्यूएचओ और समर्पित राज्य एवं ज़िला स्वास्थ्य टीमों ने झारखंड में तंबाकू प्रसार दर को कम करने में बहुत योगदान दिया है।
29 से बढ़कर 38 हुए खान सुरक्षा महानिदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय | झारखंड | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2022 को खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS), धनबाद ने क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या 29 से बढ़ाकर 38 करने की अधिसूचना जारी कर दी गई।
प्रमुख बिंदु
- एक दशक से भी अधिक समय के बाद खान सुरक्षा महानिदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालयों का पुनर्गठन कर उनकी संख्या बढ़ाई गई है। हालांकि, जोन की संख्या (वर्तमान में 8) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
- इस्टर्न ज़ोन सीतारामपुर, साउथ-इस्टर्न ज़ोन रांची, साउदर्न ज़ोन बैंगलोर, वेस्टर्न ज़ोन नागपुर एवं नॉर्थ-वेस्टर्न ज़ोन उदयपुर में एक-एक क्षेत्रीय, साउथ सेंट्रल ज़ोन हैदराबाद और नॉदर्न ज़ोन गाज़ियाबाद में दो-दो क्षेत्रीय कार्यालय को जोड़ा गया है।
- इस्टर्न ज़ोन सीतारामपुर में गुवाहटी रीजन-2, साउथ-इस्टर्न ज़ोन राँची में भुवनेश्वर रीजन-2, साउदर्न ज़ोन बैंगलोर में बेल्लारी रीजन-2, वेस्टर्न ज़ोन नागपुर में परसिया रीजन, नॉर्थ-वेस्टर्न ज़ोन उदयपुर में अहमदाबाद रीजन-2, साउथ सेंट्रल ज़ोन हैदराबाद में नेल्लोर रीजन व हैदराबाद रीजन-3 तथा नॉदर्न ज़ोन गाजियाबाद में श्रीनगर रीजन व अजमेर रीजन-2 को जोड़ा गया है।
- उल्लेखनीय है कि इससे पहले डीजीएमएस के क्षेत्रीय कार्यालयों का पुनर्गठन वर्ष 2009 में किया गया था, तब 6 ज़ोन, 21 क्षेत्रीय कार्यालय और पाँच उपक्षेत्रीय कार्यालय के साथ मौज़ूदा 6 ज़ोन में 2 नए ज़ोन के साथ 29 क्षेत्रीय और 3 उपक्षेत्रीय कार्यालय के साथ 8 ज़ोन के वर्तमान स्तर तक लाया गया था।
- 2 नए ज़ोन- साउदर्न ज़ोन और नॉर्थ-वेस्टर्न ज़ोन और 8 नए क्षेत्रीय कार्यालय- वाराणसी, सूरत, अहमदाबाद, बैंगलोर, बेल्लारी, गुवाहटी (उपक्षेत्रीय से क्षेत्रीय में अपग्रेड), रायगढ़ और ग्वालियर का गठन किया गया था। उस समय रामगढ़ उपक्षेत्रीय कार्यालय को राँची में ट्रांसफर कर दिया गया और साउदर्न-इस्टर्न ज़ोन, राँची के साथ विलय कर दिया गया था।
टाटामारी में टूरिस्ट इन्फॉर्मेशन सेंटर का शुभांरभ | छत्तीसगढ़ | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में स्व-सहायता समूह की बहनों ने कोंडागाँव ज़िले में पर्यटन सुविधाओं की जानकारी देने के लिये टाटामारी में निर्मित टूरिस्ट इन्फॉर्मेशन सेंटर का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- टाटामारी के बिहान कैंटीन में कार्यरत महिला समूह की अध्यक्ष लक्ष्मी साहू एवं सदस्य जयंती ध्रुव के हाथों मुख्यमंत्री ने टाटामारी के इस सेंटर का फीता काटकर शुभारंभ कराया।
- वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा इस सेंटर का निर्माण लगभग 25.36 लाख रुपए की लागत से किया गया है। इस टूरिस्ट इन्फॉर्मेशन सेंटर में प्रशिक्षण सह-उत्पादन केंद्र भी बनाया गया है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट पर केंद्रित पुस्तिका और लोगो का विमोचन किया।
- गौरतलब है कि कोंडागाँव ज़िले में अपार पर्यटन की संभावनाओं के दोहन और स्थानीय लोगों को रोज़गार दिलाने के उद्देश्य से मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट का विकास किया जा रहा है।
- इसके लिये 3 दिन एवं 2 रातों का पर्यटन पैकेज तैयार किया गया है, जिसमें पर्यटक स्थानीय प्रकृति के सान्निध्य में मनोरम वादियों, 20 से अधिक जलप्रपातों, पुरातात्त्विक अवशेषों, आदिवासी सभ्यता-संस्कृति, प्रागैतिहासिक शैलचित्रों, कोंडागाँव की अनोखी संस्कृति से परिचित हो सकेंगे।
राज्य में जारी होंगे पॉलीकार्बोनेट आधारित कार्ड पर क्यूआर कोडयुक्त ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण-पत्र | छत्तीसगढ़ | 30 May 2022
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2022 को सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के परिवहन विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सुविधा ‘तुंहर सरकार तुंहर द्वार’ को और सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने की दिशा में अब प्रदेश में जारी होने वाले समस्त ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ एवं ‘पंजीयन प्रमाण-पत्र’ पॉलीकार्बोनेट आधारित कार्ड पर एवं क्यूआर कोडयुक्त होंगे।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि भारत सरकार के भूतल एवं परिवहन विभाग (MoRTH) द्वारा वर्ष 2019 में जारी अध्यादेश के अनुपालन में एकीकृत ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी किया जाना है, जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग ने हाल ही में निविदा प्रक्रिया संपन्न की है एवं यह योजना 17 मई, 2022 से प्रादेशिक स्तर पर प्रारंभ की गई है।
- ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण-पत्र के प्रिंटिंग का कार्य ‘केंद्रीकृत कार्ड प्रिंटिंग एवं डिस्पैच यूनिट’ पंडरी रायपुर में किया जाएगा एवं छत्तीसगढ़ सरकार की संकल्पित योजना के अंतर्गत भारतीय डाक के माध्यम से आवेदकों के घर पर प्रेषित किये जाएंगे।
- इस नवीन व्यवस्था के अंतर्गत ‘क्यूआर कोड’ वाले पॉलीकार्बोनेट ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी किये जाएंगे। पॉलीकार्बोनेट कार्ड उच्च गुणवत्ता एवं लंबे समय तक चलने वाले होते हैं, जिस पर लेजर के माध्यम से प्रिंटिंग की जाती है। यह कार्ड सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली (MoRTH) के द्वारा तय मानकों को पूर्ण करते हुए जारी किये जाएंगे।
- नए प्रारूप के ‘क्यूआर कोड’ वाले पॉलीकार्बोनेट ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण-पत्र के प्रिंटिंग का कार्य ‘एमसीटी कार्ड्स एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा कार्य किया जाएगा। यह कंपनी मनिपाल कर्नाटका की आईटी कंपनी है, जो कि इस क्षेत्र में अग्रणी है एवं इसी प्रकार के कार्य अन्य राज्यों में करती आ रही है।
- परिवहन विभाग द्वारा संचालित ‘तुंहर सरकार तुंहर द्वार’ योजना लोगों की सुविधा के लिये अतिमहत्त्वपूर्ण योजना है। परिवहन विभाग से संबंधित जनसुविधाएँ इतनी सहजता से घर बैठे मिलने से लोगों को अब बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर लगाने की आवश्कयता नहीं पड़ती। इसके चलते आवेदकों के समय और धन की बचत होगी।