वाराणसी में बनेगा उत्तर प्रदेश का अपना ‘सिल्क एक्सचेंज’ | उत्तर प्रदेश | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जल्द ही वाराणसी में राज्य का ‘सिल्क एक्सचेंज’ स्थापित होने जा रहा है, जिससे व्यापारियों और साड़ी निर्माताओं को उचित मूल्य पर रेशम की उपलब्धता सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
प्रमुख बिंदु
- ‘सिल्क एक्सचेंज’ क्षेत्र में रेशम की तस्करी रोकने के साथ ही रेशम व्यापारियों और विनिर्माण इकाइयों के लिये उत्पादन लागत कम करेगा। प्रवक्ता के अनुसार अगले छह महीनों में राज्य सरकार क्षेत्र के बुनकरों को ‘सिल्क एक्सचेंज’ से जोड़ेगी।
- उत्तर प्रदेश के रीलर्स द्वारा ‘सिल्क एक्सचेंज’ में बिक्री के लिये लाए गए सभी रेशम लॉट की गुणवत्ता परीक्षण के बाद प्रत्येक रेशम लॉट का न्यूनतम मूल्य राज्य में रेशम के औसत मूल्य और विशेष लॉट की गुणवत्ता के आधार पर तय किया जाएगा। इसके बाद रेशम के लॉट की नीलामी कर एक्सचेंज द्वारा रीलर्स को स्पॉट पेमेंट सुनिश्चित किया जाएगा।
- प्रवक्ता ने यह भी बताया कि राज्य सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत ‘सिल्क एक्सचेंज’ के डिजिटाइजेशन पर भी काम करेगी, जिसके माध्यम से बुनकरों, सूत बनाने वाली इकाइयों और ‘सिल्क एक्सचेंज’ को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा, ताकि बुनकरों के तैयार रेशम उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शन के लिये एकल मंच की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
धान की नई किस्म ‘हीरा’ का राष्ट्रीय स्तर पर चयन | बिहार | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
27 अप्रैल, 2022 को हैदराबाद में आयोजित समन्वित चावल सुधार परियोजना की 57वीं वार्षिक धान शोध बैठक में धान की नई किस्म ‘हीरा’ का चयन राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन के लिये किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस नई किस्म का विकास भागलपुर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्राधीन वीर कुँवर सिंह कृषि महाविद्यालय, डुमराँव के वैज्ञानिक डॉ. प्रकाश सिंह और उनकी टीम द्वारा किया गया है।
- धान की यह किस्म बाढ़ के पानी में 15 दिनों तक डूबी रहने के बाद भी खराब नहीं होगी।
- इसकी उत्पादन क्षमता भी सामान्य धान से डेढ़ गुना अर्थात् 70 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
ऊर्जा विभाग और केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक जर्मनी के बीच ऋण एवं अनुदान के लिये अनुबंध हस्ताक्षरित | मध्य प्रदेश | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
29 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर उन्नत बनाने के लिये ऊर्जा विभाग ने केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक जर्मनी के साथ ऋण एवं अनुदान के लिये अनुबंध हस्ताक्षरित किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों- पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी तथा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रस्तावित विभिन्न विकास कार्यों के लिये 1400 करोड़ रुपए के वित्तपोषण के लिये पृथक् ऋण अनुबंध, पृथक् अनुदान अनुबंध एवं प्रोजेक्ट अनुबंध हस्ताक्षरित किये गए।
- ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने बताया कि इस वृहद् योजना में 1120 करोड़ रुपए का ऋण केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक देगा तथा शासन शेष 280 करोड़ रुपए की राशि ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराएगा।
- विद्युत सुधार के इन प्रयासों से मध्य प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के कार्यक्षेत्र में स्मार्ट मीटरिंग, फीडर सेपरेशन जैसे कार्य किये जा सकेंगे।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने 23 दिसंबर, 2021 को केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक जर्मनी के साथ ऋण अनुबंध एवं अनुदान अनुबंध हस्ताक्षरित किया था। मध्य प्रदेश शासन इसी अनुबंध के आधार पर प्रदेश के विद्युत क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिये प्रयासरत् है।
बहुमंजिला आवासीय इमारतों के निवासियों की सुरक्षा के लिये स्ट्रक्चरल सेफ्टी गाइडलाइंस | हरियाणा | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
29 अप्रैल, 2022 को हरियाणा के नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग (डीटीसीपी) द्वारा बहुमंजिला आवासीय इमारतों के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये स्ट्रक्चरल सेफ्टी गाइडलाइंस जारी कर दी गई।
प्रमुख बिंदु
- नई गाइडलाइन के अनुसार किसी भी इमारत के निर्माण के दौरान तीन से चार बार निर्माण एजेंसी सुरक्षा मानकों को ऑडिट करवाएगी।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह जानकारी गुरुग्राम में आयोजित सेवोकॉन सम्मेलन के समापन सत्र में दी। इसके साथ ही उन्होंने नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा तैयार स्ट्रक्चरल सेफ्टी गाइडलाइंस पुस्तिका का विमोचन भी किया।
- गाइडलाइन के अनुसार सभी पूर्व आवश्यक मानदंडों को पूरा करने के बाद ही बिल्डरों द्वारा निर्मित आवासीय परिसरों को आरडब्ल्यूए को सौंपा जाएगा।
- यदि बिल्डर्स अपनी कीमतों पर घर बेचते हैं, तो यह सुनिश्चित करना उनकी ज़िम्मेदारी होगी कि सुरक्षा और बुनियादी ढाँचा मौज़ूद है या उन पर भारी ज़ुर्माना लगाया जाए।
- डीटीसीपी ने यह दिशानिर्देश इसलिये जारी किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऊँची इमारतों में उपयोग की जाने वाली सामग्री और डिजाइन सरकार द्वारा निर्दिष्ट मानकों और बिल्डिंग कोड को पूरा करती है।
बिरसा हरित ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर वर्चुअल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन | झारखंड | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
29 अप्रैल, 2022 को मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने बिरसा हरित ग्राम योजना के वित्तीय वर्ष 2022-23 में सफल क्रियान्वयन को लेकर आयोजित वर्चुअल प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षुओं और अधिकारियों को योजना के लक्ष्य के अनुरूप कार्य करते हुए सीपीटी (पशुरोधक खाई) का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राजेश्वरी बी ने उपस्थित अधिकारियों को मिश्रित बागवानी के द्वारा आमजनों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में मिश्रित बागवानी के तहत किसानों को आम, नीबू, अमरूद एवं इमारती पौधा लगवाने के लिये प्रेरित करने के लिये निर्देश दिया।
- उल्लेखनीय है कि 4 मई, 2020 को झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के लिये रोज़गार उत्पन्न करने के उद्देश्य से तीन श्रम गहन कार्यक्रमों- ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’, ‘नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना’ और ‘वीर शहीद पोतो हो खेल विकास योजना’ की शुरुआत की थी।
- बिरसा हरित ग्राम योजना का उद्देश्य वनीकरण हेतु दो लाख एकड़ से अधिक अप्रयुक्त सरकारी परती भूमि का उपयोग करना है।
- इसके तहत लगभग पाँच लाख परिवारों को 100 फल देने वाले पौधे दिये जाएँगे और इनके वृक्षारोपण, रखरखाव, भूमि कार्य एवं वनीकरण कार्य की ज़िम्मेदारी उन ग्रामीण परिवारों के पास होगी, जबकि भूमि का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा।
- इस योजना के तहत अगले कुछ महीनों में पाँच करोड़ से अधिक फल देने वाले पौधे लगाए जाने की उम्मीद जताई गई है।
- इस योजना से प्रत्येक परिवार को तीन वर्ष के बाद इन पौधों से लगभग 50,000 रुपए की वार्षिक आय प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है।
छत्तीसगढ़ के 5 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र | छत्तीसगढ़ | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
29 अप्रैल, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीज़ों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के पाँच सरकारी अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र पाने वाले पाँच सरकारी अस्पतालों में तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के आमाडांड, बस्तर के आड़ावाल और कांकेर के कोटतरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा रायपुर के भाठागाँव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दुर्ग ज़िले के टंकी मरोदा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
- गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा विगत मार्च महीने में इन पाँचों अस्पतालों का निरीक्षण कर वहाँ मरीज़ों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया था। उन्होंने इस संबंध में मरीज़ों से भी फीडबैक लिया था।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के अंतर्गत राज्य के अस्पतालों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और मरीज़ों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिये स्वास्थ्यकर्मियों के नियमित प्रशिक्षण के बाद संस्था का आंतरिक तथा राज्यस्तरीय मूल्यांकन, सेवा प्रदान ऑडिट तथा पेशेंट संतुष्टि सर्वे की प्रक्रिया की जाती है।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का कई मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।
सूर्यधार झील | उत्तराखंड | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
29 अप्रैल, 2022 को उत्तराखंड के सिंचाई एवं लघु सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि सूर्यधार झील की गहराई को बिना अनुमति के 7 मीटर से बढ़ाकर 10 मीटर कर दिया जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रमुख बिंदु
- सूर्यधार झील परियोजना के निर्माण की घोषणा 29 जून, 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी।
- सूर्यधार झील उत्तराखंड में स्थित है। डोईवाला के भोगपुर में जाखम नदी पर बनाई गई सूर्यधार झील का उद्घाटन उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 29 नवंबर, 2020 को किया था।
- यह एक बहु-उद्देशीय झील है, जिसकी धारण क्षमता 77 हज़ार घन मीटर है। यह झील 550 मीटर लंबी, 28 मीटर चौड़ी एवं 10 मीटर गहरी है। इस झील से लगभग 18 गाँवों को सिंचाई और 19 गाँवों को पेयजल मिलेगा।
- इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ क्षेत्र का विकास भी होगा।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री से की गई शिकायतों का होगा त्वरित निपटान | उत्तराखंड | 30 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
29 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मुख्यमंत्री संदर्भों और पत्रों के ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- इस पोर्टल के माध्यम से शिकायतें संबंधित विभागों तक एक क्लिक से ही पहुँच जाएंगी, जिससे इन शिकायतों का तीव्र निपटारा किया जा सकेगा।
- गौरतलब है कि अब तक मुख्यमंत्री कार्यालय को संबोधित पत्रों को मुख्यमंत्री लेटर मॉनिटरिंग पैकेज के माध्यम से पंजीकृत कर भौतिक रूप से संबंधित विभागों को भेजा जाता रहा है।
- इसके अलावा अब मुख्यमंत्री को भेजी जाने वाली शिकायतों और पत्रों को सीएम हेल्पलाइन नंबर 1905 के साथ एकीकृत किया गया है।