उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड चार बाघों को राजस्थान स्थानांतरित करेगा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अधिकारियों के अनुरोध के बाद उत्तराखंड सरकार चार बाघों को राजस्थान में स्थानांतरित करने पर सहमत हो गई है।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राजस्थान भेजे जाने वाले बाघों को संरक्षित वन क्षेत्र से नहीं बल्कि बफर ज़ोन से पकड़ा जाएगा।
- तीन बाघों को ओडिशा में स्थानांतरित करने का एक समान अनुरोध भी प्राप्त हुआ है और यह विचाराधीन है।
- उत्तराखंड में बाघ पुनर्वास परियोजना के सफल संचालन के बाद राजस्थान और ओडिशा सरकारों से बाघों के स्थानांतरण के लिये अनुरोध प्राप्त हुए थे, जिसके तहत चार बड़ी बिल्लियों को कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व से राजाजी टाइगर रिज़र्व में स्थानांतरित किया गया था।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण
- यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिशों के बाद की गई थी।
- इसे सौंपी गई शक्तियों और कार्यों के अनुसार, बाघ संरक्षण को मज़बूत करने के लिये वर्ष 2006 में संशोधित वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के सक्षम प्रावधानों के तहत गठित किया गया था।
राजाजी टाइगर रिज़र्व
- यह हरिद्वार (उत्तराखंड) में शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है। यह राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है।
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1983 में उत्तराखंड में तीन अभयारण्यों यानी राजाजी, मोतीचूर और चीला को मिलाकर की गई थी।
- इसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सी. राजगोपालाचारी लोकप्रिय रूप से "राजाजी" के नाम से जाने जाते हैं, के नाम पर रखा गया था।
- इसे वर्ष 2015 में देश का 48वाँ बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था।
उत्तराखंड Switch to English
भारतीय रेलवे और उत्तराखंड पर्यटन ने लॉन्च की मानसखंड एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड (IRCTC) के साथ मिलकर, उत्तराखंड में कुमाऊँ क्षेत्र के छिपे हुए रत्नों को बढ़ावा देने के लिये "मानसखंड एक्सप्रेस" नामक एक नई पर्यटक ट्रेन शुरू की है।
मुख्य बिंदु
- "मानसखंड एक्सप्रेस - भारत गौरव पर्यटक ट्रेन" 10 रातों/11 दिनों की एक विशेष यात्रा है।
- यह अनूठी यात्रा अपने आध्यात्मिक महत्त्व और विरासत स्थलों के लिये मशहूर देवभूमि उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता तथा सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिये बनाई गई है।
- 22 अप्रैल, 2024 को प्रस्थान करने वाली यह यात्रा पूरे उत्तराखंड के विभिन्न स्थलों की व्यापक खोज प्रदान करती है।
- ट्रेन के बोर्डिंग और डिबोर्डिंग स्टेशनों में पुणे, लोनावाला, पनवेल, कल्याण, नासिक, जलगांव, भुसावल, खंडवा, इटारासी तथा रानी कमलापति शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के यात्रियों के लिये पहुँच सुनिश्चित करते हैं।
- यात्रा के कुछ मुख्य आकर्षणों में बालेश्वर, चाय बागानों और मायावती आश्रम का पता लगाने के लिये चंपावत/लोहाघाट का दौरा, नंदा देवी तथा कैंची धाम- बाबा नीम करोली मंदिर में श्रद्धांजलि अर्पित करना एवं नानकमत्ता गुरुद्वारा- खटीमा व नैना देवी- नैनीताल में आशीर्वाद लेना शामिल है।
- इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को जागेश्वर धाम और गोलू देवता - चितई की आध्यात्मिक आभा की खोज करने तथा हाट कालिका मंदिर एवं पाताल भुवनेश्वर की यात्रा करने का मौका मिलेगा।
बिहार Switch to English
भारत रोज़गार रिपोर्ट 2024
चर्चा में क्यों?
मानव विकास संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा जारी भारत रोज़गार रिपोर्ट 2024 के अनुसार, वर्ष 2004-05 तथा वर्ष 2021-22 के बीच राज्यों के 'रोज़गार स्थिति सूचकांक' में सुधार हुआ है।
मुख्य बिंदु
- वर्ष 2004-05 और वर्ष 2021-22 के बीच "रोज़गार स्थिति सूचकांक" में सुधार हुआ है, लेकिन बिहार, ओडिशा, झारखंड तथा उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्य इस अवधि में सबसे निचले स्थान पर रहे हैं।
- जबकि कुछ अन्य राज्य दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड और गुजरात शीर्ष पर रहे हैं।
- यह सूचकांक सात श्रम बाज़ार परिणाम संकेतकों पर आधारित है:
- नियमित औपचारिक कार्य में नियोजित श्रमिकों का प्रतिशत;
- आकस्मिक मज़दूरों का प्रतिशत;
- गरीबी रेखा से नीचे स्व-रोज़गार श्रमिकों का प्रतिशत;
- कार्य भागीदारी दर;
- आकस्मिक मज़दूरों की औसत मासिक कमाई;
- माध्यमिक और उच्च-शिक्षित युवाओं की बेरोज़गारी दर;
- रोज़गार और शिक्षा या प्रशिक्षण से बाहर युवा।
- रिपोर्ट में रोज़गार की खराब स्थितियों के बारे में चिंता व्यक्त की गई है: गैर-कृषि रोज़गार की ओर धीमी गति से बदलाव उलट गया है; स्व-रोज़गार और अवैतनिक पारिवारिक कार्यों में वृद्धि के लिये बड़े पैमाने पर महिलाएँ ज़िम्मेदार हैं; युवाओं का रोज़गार वयस्कों के रोज़गार की तुलना में खराब गुणवत्ता का है; मज़दूरी तथा कमाई स्थिर है या घट रही है।
- रोज़गार गुणवत्ता: लगभग 82% कार्यबल अनौपचारिक क्षेत्र में लगा हुआ है और लगभग 90% अनौपचारिक रूप से कार्यरत है। स्व-रोज़गार और अवैतनिक पारिवारिक कार्य में विशेषकर महिलाओं के लिये वृद्धि हुई है।
- महिलाओं की भागीदारी: भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) दुनिया में सबसे कम है। वर्ष 2000 और वर्ष 2019 के बीच महिला LFPR में 14.4% अंक (पुरुषों के लिये 8.1% अंक की तुलना में) की गिरावट आई।
- इसके बाद प्रवृत्ति उलट गई, वर्ष 2019 और वर्ष 2022 के बीच महिला LFPR में 8.3% अंक (पुरुष LFPR के लिये 1.7% अंक की तुलना में) की वृद्धि हुई।
- संरचनात्मक परिवर्तन: कुल रोज़गार में कृषि की हिस्सेदारी वर्ष 2000 में 60% से गिरकर वर्ष 2019 में लगभग 42% हो गई। यह बदलाव बड़े पैमाने पर निर्माण और सेवाओं द्वारा अवशोषित किया गया था, कुल रोज़गार में हिस्सेदारी वर्ष 2000 में 23% से बढ़कर वर्ष 2019 में 32% हो गई
- युवा रोज़गार: युवा रोज़गार में वृद्धि हुई है, लेकिन काम की गुणवत्ता चिंता का विषय बनी हुई है, खासकर योग्य युवा श्रमिकों के लिये। वर्ष 2022 में कुल बेरोज़गार आबादी में बेरोज़गार युवाओं की हिस्सेदारी 82.9% थी।
हरियाणा Switch to English
GST चोरी: 19,690 करोड़ रुपए के फर्ज़ी क्रेडिट दावे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वस्तु और सेवा (GST) चोरी के रूप में फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों में पाए गए मूल्य के मामले में दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा शीर्ष पर रहा।
मुख्य बिंदु
- चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 (जनवरी तक) में भारत में फर्ज़ी ITC दावों के लिये कुल 1,999 मामले दर्ज किये गए हैं, जिसमें 19,690 करोड़ रुपए की राशि शामिल हैं।
- FY24 (जनवरी तक) में फर्ज़ी ITC दावों में शामिल राशि FY23 में 1,940 मामलों में पाए गए 13,175 करोड़ रुपए से 49% अधिक है।
- आँकड़ों के अनुसार, मूल्य निर्धारण के मामले में हरियाणा और दिल्ली 10,851 करोड़ रुपए की राशि के साथ शीर्ष पर रहे। चालू वित्त वर्ष में GST के तहत फर्ज़ी ITC दावों में पकड़ी गई कुल 19,690 करोड़ रुपए की राशि में हरियाणा और दिल्ली की हिस्सेदारी 55% है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट
- यह वह कर है जो कोई व्यवसाय किसी खरीदारी पर चुकाता है और इसका उपयोग वह बिक्री करते समय अपनी कर देनदारी को कम करने के लिये कर सकता है।
- इसका अर्थ है कि आउटपुट पर कर का भुगतान करते समय, कोई व्यक्ति इनपुट पर पहले से भुगतान किये गए कर को कम कर सकता है और शेष राशि का भुगतान कर सकता है।
- अपवाद: GST कंपोजीशन स्कीम के तहत कोई व्यवसाय इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं उठा सकता है। व्यक्तिगत उपयोग या छूट प्राप्त वस्तुओं के लिये ITC का दावा नहीं किया जा सकता है।
GST काउंसिल
- अनुच्छेद 279A - GST के प्रशासन और संचालन के लिये राष्ट्रपति द्वारा GST परिषद का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री हैं और राज्य सरकारों द्वारा नामित मंत्री इसके सदस्य हैं।
- परिषद को इस तरह से तैयार किया गया है कि केंद्र के पास 1/3 मतदान शक्ति होगी और राज्यों के पास 2/3 मतदान शक्ति होगी।
- निर्णय 3/4 बहुमत से लिये जाते हैं।
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