झारखंड ने गणतंत्र दिवस परेड में तसर रेशम उत्पादन का प्रदर्शन किया | झारखंड | 30 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड की झाँकी में तसर रेशम के उत्पादन में आदिवासी महिलाओं के कौशल का प्रदर्शन किया गया।
मुख्य बिंदु:
- झाँकी में तसर कीट पालन, कोकून उत्पादन, बुनाई और तसर परिधानों के डिज़ाइन से लेकर वैश्विक वितरण तक की आधुनिक यात्रा को दर्शाया गया है।
- प्रदर्शन में "झूमर" लोक नृत्य और स्वदेशी संगीत के माध्यम से झारखंड की जीवंत भावना का प्रदर्शन किया गया।
- तसर रेशम:
- यह एक प्रकार का जंगली रेशम है, जो आसन और अर्जुन जैसे पौधों को खाने वाले रेशम के कीड़ों से बनाया जाता है।
- भारत के विभिन्न भागों में इसे टसर, टसर, तुषार, तुसा, टैस्सोर तथा तसर आदि नामों से जाना जाता है।
- रेशम भूरे, क्रीम और नारंगी रंगों में भी पाया जा सकता है।
- तसर रेशम के धागे अक्सर अन्य रेशम की तुलना में मोटे होते हैं और उन्हें इस तरह से बुना जाता है कि एक 'चेकरबोर्ड' पैटर्न बनता है।
- यह हल्का होने के साथ-साथ मज़बूत भी है, अक्सर कश्मीरी या मखमल की तुलना में इसमें बेहतर मुलायम अहसास होता है।
- यह नमी बरकरार नहीं रखता है और इसे विश्व के गर्म मौसम वाले क्षेत्रों में पहना जा सकता है।
- भारत टसर रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारतीय टसर (जिसे उष्णकटिबंधीय टसर भी कहा जाता है) का विशेष उत्पादक है, जिसकी देखभाल बड़े पैमाने पर आदिवासियों द्वारा की जाती है।
- भारत में इसका उत्पादन मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में होता है। वर्तमान में, झारखंड सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है।
- चीन, श्रीलंका और बांग्लादेश तसर रेशम के वैश्विक उत्पादक हैं।
भारत के रेशम उद्योग की स्थिति
- भारत चीन के बाद कच्चे रेशम का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत में शहतूत, तसर, मुगा और एरी सहित विभिन्न प्रकार के रेशम पाए जाते हैं। ये विविधताएँ रेशमकीटों की विशिष्ट आहार आदतों से उत्पन्न होती हैं।
- रेशम उद्योग भारत के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा अर्जक में से एक है, जो देश के आर्थिक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
- देश में प्रमुख रेशम उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल हैं।