उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर खुलेंगे अस्पताल
चर्चा में क्यों?
29 जनवरी, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की तर्ज़ पर अब 50 बेड और 200 बेड के अस्पताल भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर खोले जा सकेंगे। इसके लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नीति जारी की है।
प्रमुख बिंदु
- इन अस्पतालों में मरीज़ों को नि:शुल्क इलाज मिलेगा। मरीज़ पर होने वाला खर्च सरकार उठाएगी। इन अस्पतालों में आयुष्मान सहित अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
- राज्य सरकार की ओर से 16 असेवित ज़िलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। अब अस्पताल खोलने के लिये भी नीति तैयार की गई है। इसके लिये सरकार और निजी क्षेत्र की कंपनी के बीच एमओयू होंगे।
- सरकार निजी क्षेत्र के लोगों को अस्पताल के क्षेत्र में निवेश के लिये आकर्षित कर रही है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में ज़्यादा-से-ज़्यादा नए अस्पताल खोलकर मरीज़ों को सस्ती दर पर इलाज उपलब्ध कराया जाए।
- पीपीपी मॉडल पर खुलने वाले 50 बेड के अस्पताल के लिये सरकार वाइबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत ज़मीन उपलब्ध कराएगी। कॉर्पोरेट कंपनी अस्पताल बनाएगी। सरकार और कंपनी के बीच उपचार का मूल्य तय हो जाएगा। करीब 30 साल बाद यह अस्पताल जस-का-तस सरकार को लौटा दिया जाएगा।
- इसमें दूसरा विकल्प यह दिया गया है कि निजी क्षेत्र की कंपनी खुद ज़मीन खरीदेगी और अस्पताल बनवाएगी। उसका रखरखाव सहित अन्य सुविधाएँ वही देगी। फिर अस्पताल सरकार को वापस कर देगी। इसके लिये सरकार और कंपनी के बीच एमओयू होगा। उसमें नियम एवं शर्तें तय की जाएंगी।
- वहीं, 200 बेड का अस्पताल बनाने के लिये निजी क्षेत्र की कंपनी ज़मीन खरीदकर अस्पताल बनवाएगी और उसका रखरखाव करेगी। निर्धारित समय बाद अस्पताल उत्तर प्रदेश सरकार को लौटा देगी।
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