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स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Jan 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर खुलेंगे अस्पताल

चर्चा में क्यों?

29 जनवरी, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की तर्ज़ पर अब 50 बेड और 200 बेड के अस्पताल भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर खोले जा सकेंगे। इसके लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नीति जारी की है।

प्रमुख बिंदु

  • इन अस्पतालों में मरीज़ों को नि:शुल्क इलाज मिलेगा। मरीज़ पर होने वाला खर्च सरकार उठाएगी। इन अस्पतालों में आयुष्मान सहित अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
  • राज्य सरकार की ओर से 16 असेवित ज़िलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। अब अस्पताल खोलने के लिये भी नीति तैयार की गई है। इसके लिये सरकार और निजी क्षेत्र की कंपनी के बीच एमओयू होंगे।
  • सरकार निजी क्षेत्र के लोगों को अस्पताल के क्षेत्र में निवेश के लिये आकर्षित कर रही है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में ज़्यादा-से-ज़्यादा नए अस्पताल खोलकर मरीज़ों को सस्ती दर पर इलाज उपलब्ध कराया जाए।
  • पीपीपी मॉडल पर खुलने वाले 50 बेड के अस्पताल के लिये सरकार वाइबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत ज़मीन उपलब्ध कराएगी। कॉर्पोरेट कंपनी अस्पताल बनाएगी। सरकार और कंपनी के बीच उपचार का मूल्य तय हो जाएगा। करीब 30 साल बाद यह अस्पताल जस-का-तस सरकार को लौटा दिया जाएगा।
  • इसमें दूसरा विकल्प यह दिया गया है कि निजी क्षेत्र की कंपनी खुद ज़मीन खरीदेगी और अस्पताल बनवाएगी। उसका रखरखाव सहित अन्य सुविधाएँ वही देगी। फिर अस्पताल सरकार को वापस कर देगी। इसके लिये सरकार और कंपनी के बीच एमओयू होगा। उसमें नियम एवं शर्तें तय की जाएंगी।
  • वहीं, 200 बेड का अस्पताल बनाने के लिये निजी क्षेत्र की कंपनी ज़मीन खरीदकर अस्पताल बनवाएगी और उसका रखरखाव करेगी। निर्धारित समय बाद अस्पताल उत्तर प्रदेश सरकार को लौटा देगी।

राजस्थान Switch to English

पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की शासी परिषद और कार्यकारी परिषद की संयुक्त बैठक

चर्चा में क्यों?

29 जनवरी, 2023 को राजस्थान के राज्यपाल एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष कलराज मिश्र ने गोवा में पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की शासी परिषद और कार्यकारी परिषद की संयुक्त बैठक में कलाकारों को वर्षों से दिये जा रहे डॉक्टर कोमल कोठारी पुरस्कार के मानदेय में समय के अनुरूप वृद्धि करने के निर्देश देते हुए इस संबंध में मौके पर ही प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल की मंजूरी के बाद पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र द्वारा दिये जाने वाले कोमल कोठारी पुरस्कार की ढाई लाख रुपए की राशि एक-से-अधिक लोगों को दिये जाने पर अब बाँटकर नहीं दी जाएगी। यदि दो कलाकारों को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा तो दोनों को ढाई-ढाई लाख रुपए राशि प्रदान की जाएगी।
  • इस बैठक में केंद्र के सदस्य राज्यों राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा एवं केंद्रशासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन दीव से शाषी निकाय और कार्यकारी निकाय के सदस्य सम्मिलित हुए।
  • इस अवसर पर केंद्र द्वारा 2023 का फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ-ईस्ट ओक्टेव कार्यक्रम गोवा में किये जाने की भी घोषणा की। नॉर्थ-ईस्ट के कलाकारों की कला प्रोत्साहन का यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
  • राज्यपाल ने बैठक में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अंतर्गत पारंपरिक और लुप्त होती आदिवासी कलाओं के संरक्षण, प्रलेखन और विभिन्न कला रूपों के अधिकाधिक प्रसार के लिये गंभीर होकर कार्य करने के भी निर्देश दिये।
  • इस अवसर पर राज्यपाल ने केंद्र के तहत राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दमन दीव, दादरा एवं नगर हवेली से जुड़ी लोक, पारंपरिक और आदिवासी कलारूपों के संरक्षण, कलाकारों की परस्पर आदान-प्रदान गतिविधियों को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया।
  • उल्लेखनीय है कि राजस्थान के जाने-माने कला मर्मज्ञ पद्म भूषण डॉ. कोमल कोठारी की स्मृति में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा ‘डॉ. कोमल कोठारी स्मृति लाइफ टाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार’ प्रदान किया जाता है।
  • गौरतलब है कि डॉ. कोमल कोठारी को ‘कोमल दा’ के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने लोक कलाओं के संरक्षण के लिये अहम कार्य किये। इन्होंने राजस्थान की लोक कलाओं, लोक संगीत और वाद्यों के संरक्षण, लुप्त हो रही कलाओं की खोज आदि के लिये बोरूंदा में रूपायन संस्था की स्थापना की थी।

मध्य प्रदेश Switch to English

लाडली बहना योजना

चर्चा में क्यों?

28 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदापुरम (होशंगाबाद) ज़िले में नर्मदा जयंती एवं नर्मदापुरम के गौरव दिवस पर ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ की तरह प्रदेश में ‘लाडली बहना योजना’ शुरू किये जाने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना में सभी वर्गों की गरीब बहन को प्रतिमाह एक हज़ार रुपए मिलेंगे और यदि उन्हें अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है, तो वह पूर्ववत् मिलता रहेगा।
  • इस योजना पर 5 वर्षों में अनुमानित 60 हज़ार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि लाडली बहना योजना प्रदेश की बहनों की ज़िंदगी को और बेहतर बनाएगी तथा प्रदेश की महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।
  • इस गौरव दिवस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नर्मदापुरम ज़िले को अनेक विकास कार्यों की सौगात देते हुए श्री महाकाल लोक की तर्ज़ पर नर्मदापुरम लोक और नर्मदा कॉरीडोर बनाने की घोषणा की। साथ ही यहाँ आधुनिक बस स्टैंड भी बनाया जाएगा।
  • नर्मदा जयंती और गौरव दिवस पर मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों का जल मंच से वर्चुअली भूमि पूजन और लोकार्पण किया। इसमें प्रमुख रूप से 11 करोड़ 26 लाख रुपए की लागत से निर्मित नवीन आयुक्त नर्मदापुरम के भवन का लोकार्पण, 1 करोड़ 97 लाख रुपए की लागत से रामलीला मैदान के उन्नयन, 2 करोड़ रुपए की लागत से मुख्यमंत्री अधो-संरचना एवं विभिन्न विकास कार्य और 5 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत वाले नगर के ऑडिटोरियम का वर्चुअली भूमि पूजन किया।

हरियाणा Switch to English

कुरुक्षेत्र के किरमिच गाँव से हुई प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

29 जनवरी, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल पहली बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 97वें एपिसोड की शुरुआत हरियाणा के कुरुक्षेत्र के गाँव किरमिच से की। इसमें प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज पैदा करने से लेकर लोकतंत्र को और प्रगाढ़ किये जाने, ई-वेस्ट से बेस्ट निकालने सहित कई अहम संदेश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि इस बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम से हरियाणा, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा व उत्तर प्रदेश सीधेतौर पर जुड़े। इसमें हरियाणा से एकमात्र गाँव किरमिच के बूथ नंबर 180 कालू पट्टी से किसान धुम्मन सिंह का चयन किया गया था।
  • कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस समारोह में की गईं कई नई पहल को लेकर देश भर में की जा रही सराहना की चर्चा की तो वहीं मोटे अनाज को लेकर इंटरप्योर बने लोगों के उदाहरण भी दिये।
  • प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज पर विशेषतौर पर चर्चा की, जो हरियाणा की प्रमुख खेती है। इससे किसानों का हौंसला बढ़ा है। उनके इस संदेश से मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा।
  • उल्लेखनीय है कि ‘मन की बात’ आकाशवाणी पर प्रसारित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है, जिसके ज़रिये भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के नागरिकों को संबोधित करते हैं। इस कार्यक्रम का पहला प्रसारण 3 अक्तूबर, 2014 को किया गया था। जनवरी 2015 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनके साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया था तथा भारत की जनता के पत्रों के उत्तर दिये थे।
  • जुलाई 2021 में राज्यसभा में सूचना और प्रसारण मंत्री के एक बयान के अनुसार, कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ‘दिन-प्रतिदिन के शासन के मुद्दों पर नागरिकों के साथ संवाद स्थापित करना’ है। यह कार्यक्रम भारत का ‘पहला नेत्रहीन समृद्ध रेडियो कार्यक्रम’ है।

झारखंड Switch to English

‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिये विधेयक, 2022’ को राज्यपाल ने वापस लौटाया

चर्चा में क्यों?

29 जनवरी, 2023 को झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की ओर से पारित 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति से संबंधित ‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिये विधेयक, 2022’ को राज्यपाल रमेश बैस ने समीक्षा के लिये वापस लौटा दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल ने विधेयक को लौटाते हुए राज्य सरकार से कहा है कि इस विधेयक की वैधानिकता की गंभीरतापूर्वक समीक्षा करें कि यह संविधान के अनुरूप एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों व निर्देशों के अनुरूप हो।
  • उल्लेखनीय है कि हेमंत सोरेन की अगुवाई में चल रही झारखंड मुक्ति मोर्चा, कॉन्ग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (झामुमो-कॉन्ग्रेस-राजद) की महागठबंधन सरकार ने ‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिये विधेयक, 2022’ को 11 नवंबर, 2022 को ध्वनिमत से पारित करके अनुमोदन के लिये राज्यपाल के पास भेजा था।
  • इस विधेयक में कहा गया था कि झारखंड में स्थानीय व्यक्ति वे लोग कहलाएंगे, जो भारत के नागरिक होंगे और झारखंड की क्षेत्रीय एवं भौगोलिक सीमा में निवास करते हैं। उसके पूर्वज के नाम 1932 या उससे पहले के सर्वेक्षण/खतियान में दर्ज़ हैं।
  • इस विधेयक में यह भी कहा गया है कि इस अधिनियम के तहत पहचाने गए स्थानीय व्यक्ति ही राज्य में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी के हकदार होंगे।
  • विधेयक की समीक्षा में पाया गया कि संविधान की धारा 16 में सभी नागरिकों को नियोजन के मामले में समान अधिकार प्राप्त हैं। संविधान की धारा 16(3) के अनुसार सिर्फ संसद को विशेष प्रावधान के तहत धारा 35(A) के अंतर्गत नियोजन के मामले में किसी भी प्रकार की शर्त लगाने का अधिकार है। राज्य विधानमंडल को यह शक्ति प्राप्त नहीं है।
  • गौरतलब है कि ए.वी.एस. नरसिम्हा राव एवं अन्य बनाम आंध्र प्रदेश एवं अन्य (AIR 1970 SC 422) में भी स्पष्ट व्याख्या की गई है कि नियोजन के मामले में किसी भी प्रकार की शर्त लगाने का अधिकार केवल भारतीय संसद में ही निहित है। इस प्रकार यह विधेयक संविधान के प्रावधान तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत है।
  • झारखंड राज्य के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र है, जो पाँचवीं अनुसूची में आता है। उक्त क्षेत्रों में शत-प्रतिशत स्थानीय व्यक्तियों को नियोजन में आरक्षण देने के विषय पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। इस आदेश में भी सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित क्षेत्रों में नियुक्तियों की शर्त लगाने की राज्यपाल में निहित शक्तियों को भी संविधान की धारा 16 के विपरीत घोषित किया था।
  • सत्यजीत कुमार बनाम झारखंड राज्य के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित क्षेत्रों में राज्य द्वारा दिये गए शत-प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। विदित है कि विधि विभाग ने स्पष्ट किया था कि प्रश्नगत विधेयक के प्रावधान संविधान एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के विपरीत हैं। साथ ही कहा गया है कि ऐसे प्रावधान सुप्रीम कोर्ट एवं झारखंड हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों के अनुरूप नहीं हैं।
  • विधि विभाग ने यह भी कहा कि ऐसा प्रावधान स्पष्टत: भारतीय संविधान के भाग-III के अनुच्छेद 14, 15, 16 (2) में प्रदत्त मूल अधिकार से असंगत व प्रतिकूल प्रभाव रखने वाला प्रतीत होता है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 से भी प्रभावित होगा तथा अनावश्यक वाद-विवादों को जन्म देगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्यस्तरीय युवा महोत्सव 2022-23 का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

28 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में राज्यस्तरीय युवा महोत्सव 2022-23 का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • तीनदिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से किया जा रहा है। इसका समापन 30 जनवरी को होगा
  • राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में छत्तीसगढ़िया खेल, जैसे- फुगड़ी, भौंरा और गेड़ी दौड़ की स्पर्धाएँ होंगी। साथ ही छत्तीसगढ़ी लोक गीत और लोक नृत्य करमा, राउत नाचा, पंथी, सरहुल, सुवा, बस्तरिया नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति भी राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में देखने को मिलेगी।
  • महोत्सव में छत्तीसगढ़ी संस्कृति से संबंधित चित्रकला, छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा और व्यंजनों के फूड फेस्टिवल का आयोजन होगा।
  • महोत्सव के पहले दिन राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान और पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में लोकगीत, तात्कालिक भाषण, शास्त्रीय संगीत, हिंदुस्तानी और कर्नाटका संगीत, तबला और गिटार वादन की प्रतियोगिताएँ हुईं। साथ ही निबंध, चित्रकला, खो-खो महिला एवं पुरुष, कबड्डी महिला एवं पुरुष तथा कुश्ती महिला एवं पुरुष वर्ग की प्रतियोगिताएँ हुईं।
  • राज्यस्तरीय युवा महोत्सव-2023 के अंतर्गत पहले दिन आयोजित लोकनृत्य प्रतियोगिता में 15 से 40 वर्ष आयुवर्ग में पहला स्थान रायपुर संभाग के ज़िला धमतरी, दूसरा स्थान बिलासपुर संभाग के ज़िला जांजगीर-चांपा एवं तीसरा स्थान दुर्ग संभाग के ज़िला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के लोकनृत्य दल ने हासिल किया।
  • वहीं 40 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में पहला स्थान बिलासपुर संभाग के ज़िला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, दूसरा स्थान दुर्ग संभाग के ज़िला राजनांदगांव एवं तीसरा स्थान रायपुर संभाग के ज़िला महासमुंद के लोकनृत्य दल ने प्राप्त किया।
  • राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग में करमा नृत्य में रायगढ़ प्रथम, कांकेर द्वितीय एवं सूरजपुर तृतीय स्थान पर रहा। 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में खैरागढ़ प्रथम, महासमुंद द्वितीय एवं जसपुर तृतीय स्थान पर रहा।
  • युवा महोत्सव के दूसरे दिन आयोजित सुआ नृत्य प्रतियोगिता में 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग में पहला स्थान खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, द्वितीय स्थान बलौदाबाज़ार एवं तीसरा स्थान सूरजपुर ज़िले के प्रतिभागियों को मिला।
  • युवा महोत्सव के दूसरे दिन आयोजित क्विज़ प्रतियोगिता में में 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग में सरगुजा संभाग से विनय कुमार गुप्ता ने प्रथम, बिलासपुर के सूरज कुमार सोनी ने द्वितीय और रायपुर से मोनेश कुमार साहू ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में बस्तर संभाग के विनोद कुमार नेताम और पुरुषोत्तम जैन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। बिलासपुर के रूपेश चौहान ने द्वितीय और रायपुर के भुवनेश्वर वर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड सरकार अगले दो साल में बनवाएगी 50 हज़ार पॉली हाउस

चर्चा में क्यों?

29 जनवरी, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार की अगले दो साल में उत्तराखंड में 50 हज़ार पॉली हाउस बनाने की योजना है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने सरकारी आवास में पॉली हाउस में उगाई जाने वाली सब्जियों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी उन्होंने किसानों के लिये सरकार की पॉली हाउस बनाने की योजना के बारे में जानकारी दी।
  • मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की मदद से इन पॉली हाउसों का निर्माण करेगी।
  • मुख्यमंत्री ने योजना पर विश्वास जताते हुए कहा कि पॉली हाउस बनने से उत्तराखंड के किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा।
  • गौरतलब है कि पॉली हाउस एक प्रकार का ग्रीनहाउस है, जहाँ विशेष प्रकार की पॉलीथिन शीट का उपयोग कवरिंग सामग्री के रूप में किया जाता है, जिसके तहत फसलों को आंशिक रूप या पूरी तरह से नियंत्रित जलवायु परिस्थितियों में उगाया जा सकता है।
  • दूसरे शब्दों में, वर्तमान समय में आधुनिक ढंग से कृषि करने, अर्थात् फसलों को उगाने के लिये एक विशेष प्रकार की पालीथिन या चादर से ढका हुआ घर होता है। इस घर के वातावरण को फसलों के अनुकूल कर हर मौसम में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। पॉली हाउस में बाहरी वातावरण का प्रभाव नही पड़ता है। पॉली हाउस को शेडनेट हाउस, ग्रीन हाउस और नेट हाउस आदि नामों से जाना जाता है।
  • दरअसल पॉली हाउस खेती खेती का एक आधुनिक तरीका है, जिसमें हम हानिकारक कीटनाशकों और अन्य रसायनों के अधिक उपयोग के बिना उच्च पोषक मूल्यों के साथ अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

‘यूथ एक्सचेंज फॉर चेंज’ प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश की दो युवतियाँ चयनित

चर्चा में क्यों?

28 जनवरी, 2023 को गैर-सरकारी संगठन ‘यूथ एक्सचेंज फॉर चेंज’ प्रोजेक्ट की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आभा शर्मा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ‘यूथ एक्सचेंज फॉर चेंज’ प्रोजेक्ट इंटरनेशनल प्रोजेक्ट में भारत की चार युवतियों का चयन हुआ है, जिनमें से दो युवतियाँ मध्य प्रदेश की हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आभा शर्मा ने बताया कि ‘यूथ एक्सचेंज फॉर चेंज’ प्रोजेक्ट इंटरनेशनल प्रोजेक्ट है। इसमें भारत की चार युवतियों का चयन हुआ है, जिनमें से दो युवतियाँ मध्य प्रदेश के पन्ना ज़िले के महोंद्रा ग्राम की सोनाली विश्वकर्मा और गुना की वर्षा जाटव हैं।
  • आभा शर्मा ने बताया कि ‘यूथ एक्सचेंज फॉर चेंज’ प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश के पन्ना ज़िले के महोंद्रा ग्राम की सोनाली विश्वकर्मा और गुना की वर्षा जाटव का चयन हुआ है। अन्य दो युवतियाँ खुशबू और काजल कनौजिया उत्तर प्रदेश के बनारस ज़िले की हैं। ये चारों युवतियाँ इस प्रोजेक्ट के तहत भारत को रिप्रेजेंट कर रही हैं।
  • इस प्रोजेक्ट का कोलॉबोरेशन भारत में कार्यरत् संस्था ‘मिलान फाउंडेशन’ और नेपाल में कार्यरत् संस्था ‘पीआरसी’ के साथ है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से ये युवतियाँ यूथ की आवाज़ को विश्व स्तर पर पहुँचाएंगी।

हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुप्तिसागर नेचर केयर इंस्टीट्यूट का किया शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

29 जनवरी, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गन्नौर स्थित श्री 108 गुप्तिसागर धाम जैन ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र गुप्तिसागर नेचर क्योर इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने श्री 108 गुप्तिसागर जी महाराज द्वारा अंत्योदय प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी खान-पान की आदतें ठीक हों, शरीर स्वस्थ रहे, इसके लिये आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा अहम है। प्राकृतिक चिकित्सा कोई चिकित्सा नहीं, बल्कि पद्धतियों का सार है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के नाते आयुष्मान भारत योजना क्रियान्वित की गई है, उसी तर्ज़ पर प्रदेश सरकार ने हरियाणा में ‘चिरायु हरियाणा योजना’ शुरू की है और इसके तहत हरियाणा में 29 लाख परिवार 5 लाख रुपए तक की चिकित्सा सुविधा का लाभ सूचीबद्ध अस्पतालों व नागरिक अस्पतालों में उठा सकते हैं।

झारखंड Switch to English

डीएवी बोकारो की आना सिन्हा व ईशान कुमार झा इंस्पायर अवार्ड के लिये चयनित

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इंस्पायर अवार्ड के लिये डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-06 की कक्षा 9 की आना सिन्हा व कक्षा 6 के ईशान कुमार झा का चयन हुआ है। दोनों प्रतिभागी विज्ञान व तकनीक की सहायता से समाज, राज्य व राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।

प्रमुख बिंदु

  • आना सिन्हा ने पोर्टेबल एंड फोल्डिंग टेबल विषय पर अपनी खोज पूर्ण की है। इनके द्वारा बनाया गया पोर्टेबल एंड फोल्डिंग टेबल विद्यार्थियों के पठन-पाठन में उपयोगी है। इस टेबल के उपयोग से विद्यार्थी सही पोस्चर में बैठकर काम करते हैं। इसको आसानी से खोल सकते या मोड़ सकते हैं। इसमें ज़रूरी कागज़ात व सामान भी रख सकते हैं। यह लकड़ी का बना हुआ टेबल है।
  • वहीं ईशान कुमार झा ने हैंड्स बैग विथ सेंसर बनाया है। इसके माध्यम से बैग की चोरी होने पर सेंसर के माध्यम से तुरंत पता चल जाता है। यदि अन्य जगह पर भी इसका प्रयोग होता है तो सेंसर के माध्यम से खोलते वक्त या रखते वक्त इसकी जानकारी तुरंत मिल जाती है। आएदिन हो रही बैग की चोरी की घटना को देखते हुए ईशान ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिये काम किया है।
  • उल्लेखनीय है कि साइंस और प्रौद्योगिकी के प्रति स्टूडेंट्स में इंट्रेस्ट बढ़ाने के लिये केंद्र सरकार ने इंस्पायर अवार्ड्स मानक योजना शुरू की है। यह योजना देशभर के सभी मान्यताप्राप्त सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 6वीं से 10वीं के स्टूडेंट्स के लिये है।
  • केंद्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड्स मानक योजना के लिये चयनित स्टूडेंट्स को 10-10 हज़ार रुपए प्रदान किये जाते हैं। यह राशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है।
  • इंस्पायर अवार्ड्स मानक योजना के तहत ज़िला लेवल पर 10 हज़ार और राज्य लेवल पर 1 हज़ार स्टूडेंट्स को सेलेक्ट किया जाता है, जबकि पूरे देश से 1 लाख स्टूडेंट्स का चयन किया जाता है।
  • इस योजना के तहत स्टूडेंट्स को मॉडल तैयार करना होता है। नेशनल लेवल पर चुने गए मॉडल को राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले प्रवर्तन उत्सव में प्रदर्शित किया जाता है। चयनित स्टूडेंट्स को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  • इस योजना के तहत साइंस नेशनल लेवल पर जिस स्टूडेंट का चयन किया जाता है, उसे नगद पुरस्कार की राशि दी जाती है। वहीं, चुनिंदा स्टूडेंट्स को विदेश यात्रा करने का अवसर मिलता है।
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य इस प्रतिस्पर्धा के ज़रिये छात्रों में साइंस के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

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