इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Dec 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

पंजीकृत निवेशकों के मामले में यूपी, गुजरात से आगे

चर्चा में क्यों?

पंजीकृत निवेशकों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश गुजरात से आगे निकल गया है, जो भारत के इक्विटी परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।

  • सबसे अधिक पंजीकृत निवेशकों वाले राज्य महाराष्ट्र, यूपी और फिर गुजरात हैं

मुख्य बिंदु:

  • बाज़ार पूंजीकरण के मामले में लगभग 4.5 ट्रिलियन डॉलर की पूंजी के साथ भारत विश्व में अमेरिका, चीन और जापान के बाद चौथा सबसे बड़ा बाज़ार है।
  • चालू कैलेंडर वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के संबंध में भारत के बाज़ार पूंजीकरण में 10% की वृद्धि देखी गई है।
  • इक्विटी डेरिवेटिव में 74% हिस्सेदारी और विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में 61% हिस्सेदारी के साथ भारत का वैश्विक डेरिवेटिव बाज़ार में स्थान है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर 2023 को पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती पर प्रधानमंत्री विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं’ के 11 खंडों की प्रथम शृंखला का विमोचन करेंगे।

मुख्य बिंदु:

  • द्विभाषी (अंग्रेज़ी और हिंदी) कार्य में मदन मोहन मालवीय के लेख, भाषण, अप्रकाशित पत्र और अन्य कार्य शामिल हैं।
  • मदन मोहन मालवीय (25 दिसंबर 1861 - 2 नवंबर 1946) एक भारतीय विद्वान, राजनीतिज्ञ और शिक्षा सुधारक थे।
  • वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल एक प्रमुख नेता थे, जिन्होंने चार बार भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह अखिल भारत हिंदू महासभा और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक भी थे।


झारखंड Switch to English

झारखंड में बालाजी मंदिर

चर्चा में क्यों?

हाल ही में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् (TTD) ने झारखंड में तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिकृति बनाने की घोषणा की।

मुख्य बिंदु:

  • झारखंड सरकार ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी से राज्य में भगवान बालाजी मंदिर स्थापित करने की गुहार लगाई।
  • सूत्रों के अनुसार, देवगढ़ में मंदिर के निर्माण के लिये 100 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंगों में एक ‘श्री वैद्यनाथ का मंदिर’ और एक शक्ति पीठ भी शामिल है।
  • TTD की योजना देश भर के प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में भगवान बालाजी की कम-से-कम एक प्रतिकृति मंदिर स्थापित करने की है।
    • ट्रस्ट पहले ही जम्मू, ऋषिकेश, दिल्ली, मुंबई, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा आदि में मंदिर स्थापित कर चुका है।


उत्तराखंड Switch to English

चंपावत में विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत ज़िले के टनकपुर के रामलीला मैदान में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर में भाग लिया।

मुख्य बिंदु:

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत 9 महिला समूहों को एक-एक लाख के चेक वितरित किये साथ ही सहकारिता विभाग की 10 साधन सहकारी समितियों एवं 10 महिला लाभार्थियों को NRLM के तहत 13 लाख के चेक वितरित किये गये।
  • योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये प्रश्नोत्तरी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ड्रोन प्रदर्शन आयोजित किये गए। लाभार्थियों की व्यक्तिगत सफलता की कहानियों और उपलब्धियों को साझा करने के लिये 'मेरी कहानी-मेरी ज़ुबानी' जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किये गए।
    • मुख्यमंत्री ने नगर पालिका के लिये 11 नए वाहनों को भी हरी झंडी दिखाई.
  • जन कल्याण योजनाओं पर केंद्रित भारत संकल्प योजना केंद्र सरकार द्वारा विकसित की गई है।
    • इस यात्रा का संकल्प 2047 तक भारत को हर तरह से विकसित करना है.
  • यात्रा के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में 19 और शहरी क्षेत्रों में 15 योजनाओं की पहचान की गई है।
    • पहचानी गई योजनाएँ स्वस्थ भारत मिशन, खाद्य सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, उचित पोषण, गरीबों के लिये आवास, वित्तपोषण संबंधी सेवाएँ और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित हैं।
  • प्रदेश में अब तक 63 हज़ार से अधिक प्रतिभागियों को योजनाओं का लाभ मिल चुका है।


राजस्थान Switch to English

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये कॉन्टिनजेंसीय प्लान (आकस्मिक योजना) की विफलता

चर्चा में क्यों?

राजस्थान उच्च न्यायालय ने 2017 में मसौदा समिति द्वारा तैयार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण नियम-1995 के तहत कॉन्टिनजेंसीय प्लान (आकस्मिक योजना) को लागू करने में राज्य सरकार की विफलता को गंभीरता से लिया है।

  • बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा सहित 15 राज्यों ने व्यापक आकस्मिक योजनाएँ तैयार कर उन्हें लागू किया है।

मुख्य बिंदु:

  • एक गैर-सरकारी संगठन दलित मानवाधिकार केंद्र समिति (DMKS) ने भी 2017 में जाति-आधारित हिंसा के पीड़ितों को राहत और पुनर्वास, अतिरिक्त वित्तीय सहायता, गवाहों की सुरक्षा के प्रावधानों के साथ कॉन्टिनजेंसीय प्लान का एक ड्रॉफ्ट सौंपा था। वहीं पीड़ित की मदद के लिये निगरानी तंत्र विकसित करने की मांग की थी।
  • DMKS द्वारा दायर एक जनहित रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय ने पाया कि इन समुदायों की जरूरतों को पूरा करने के लिये एक कॉन्टिनजेंसीय प्लान बनाने का उद्देश्य अंतिम रूप देने और कार्यान्वयन प्रक्रिया में देरी के कारण बाधित हो रहा है।
  • वर्तमान में राज्य सरकार वर्ष 1995 के नियमों के नियम 12 (4) के तहत अत्याचार के पीड़ितों को राहत प्रदान करती है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों और आश्रितों को प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज होने के सात दिनों के भीतर आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • वर्ष 1995 की नियमावली के नियम 15 के तहत लागू की जाने वाली आकस्मिक योजना में विभिन्न विभागों की भूमिका और जिम्मेदारी निर्दिष्ट होनी चाहिये।
  • पैकेज में पीड़ितों को अनिवार्य रूप से मुआवजा, पुनर्वास, सरकारी रोज़गार और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को मज़बूत करना शामिल होना चाहिये।


छत्तीसगढ़ Switch to English

सीबीआई के लिये सामान्य सहमति सिद्धांत

चर्चा में क्यों?

सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में मामलों की जाँच के लिये केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के लिये सामान्य सहमति पुनर्स्थापित करेगी।

मुख्य बिंदु:

  • मार्च 2023 तक मिज़ोरम, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, पंजाब और मेघालय ने सीबीआई को दी गई अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली थी।
  • CBI के लिये सामान्य सहमति सिद्धांत:
    • CBI के लिये राज्य सरकार की सहमति विशिष्ट या "सामान्य" मामले में हो सकती है।
    • आमतौर पर राज्यों द्वारा अपने राज्यों में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की निर्बाध जाँच में CBI की सहायता प्राप्त करने के लिये सामान्य सहमति दी जाती है।
    • यह अनिवार्य रूप से डिफॉल्ट के रूप में सहमति है, जिसका अर्थ है कि CBI पहले से दी गई सहमति के आधार पर जाँच प्रारंभ कर सकती है।
    • सामान्य सहमति के अभाव में CBI को प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में छोटी-छोटी कार्रवाई करने से पहले राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता होगी।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2