उत्तर प्रदेश Switch to English
टाइगर के बाद अब लेपर्ड कैट का सबसे बड़ा केंद्र बनेगा दुधवा
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के दुधवा पार्क के निदेशक संजय पाठक ने बताया कि प्रदेश के दुधवा और दक्षिणी खीरी के जंगलों में पाए जाने वाले लेपर्ड कैट की पहली बार वैज्ञानिक तरीके से गणना होगी और उनको विशेष संरक्षण दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले दुधवा में हुई वर्कशॉप के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर लेपर्ड कैट के संरक्षण की दिशा में काम हो रहा है।
- विदित है कि दुधवा टाइगर रिज़र्व में बाघों को लेकर खास काम होता है। उनकी गणना, और संरक्षण पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। लेकिन दुधवा में पाए जाने वाले लेपर्ड कैट और उनकी प्रजाति की संख्या पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है।
- जानकारों के मुताबिक दुधवा में बिग कैट, फिशिंग कैट और लेपर्ड केट समेत कई बिल्ली की प्रजाति पाई जाती है। लेपर्ड कैट और फिशिंग कैट सामान्य बिल्लियों से आकार में बड़ी होती हैं। उन पर तेंदुए जैसी धारियाँ या धब्बे भी नज़र आते हैं।
- दुधवा टाइगर रिज़र्व के निदेशक संजय पाठक ने बताया कि दुधवा में लेपर्ड कैट, फिशिंग कैट आदि की काफी संख्या है। इनको अब तक देखकर ही दर्ज कर लिया जाता था, इनकी गणना का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था।
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