टाइगर के बाद अब लेपर्ड कैट का सबसे बड़ा केंद्र बनेगा दुधवा | उत्तर प्रदेश | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के दुधवा पार्क के निदेशक संजय पाठक ने बताया कि प्रदेश के दुधवा और दक्षिणी खीरी के जंगलों में पाए जाने वाले लेपर्ड कैट की पहली बार वैज्ञानिक तरीके से गणना होगी और उनको विशेष संरक्षण दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले दुधवा में हुई वर्कशॉप के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर लेपर्ड कैट के संरक्षण की दिशा में काम हो रहा है।
- विदित है कि दुधवा टाइगर रिज़र्व में बाघों को लेकर खास काम होता है। उनकी गणना, और संरक्षण पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। लेकिन दुधवा में पाए जाने वाले लेपर्ड कैट और उनकी प्रजाति की संख्या पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है।
- जानकारों के मुताबिक दुधवा में बिग कैट, फिशिंग कैट और लेपर्ड केट समेत कई बिल्ली की प्रजाति पाई जाती है। लेपर्ड कैट और फिशिंग कैट सामान्य बिल्लियों से आकार में बड़ी होती हैं। उन पर तेंदुए जैसी धारियाँ या धब्बे भी नज़र आते हैं।
- दुधवा टाइगर रिज़र्व के निदेशक संजय पाठक ने बताया कि दुधवा में लेपर्ड कैट, फिशिंग कैट आदि की काफी संख्या है। इनको अब तक देखकर ही दर्ज कर लिया जाता था, इनकी गणना का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था।
कैमूर में खुलेगा वाटर स्पोर्ट्स सेंटर | बिहार | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के कैमूर ज़िले में पर्यटन विकास को लेकर वाटर स्पोर्ट्स सेंटर खोलने की तैयारी हो चुकी है। इसे लेकर भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय की ओर से कैमूर ज़िला प्रशासन को पानी के खेलों के लिये सेंटर बनाने के लिये उपयुक्त बांँध स्थल या चौड़ी नदी के पाट या बड़े घाटों को चयनित करने का निर्देश दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में वाटर स्पोर्ट्स सेंटर खोलने के संबंध में पानी के खेलों को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय की मांग का हवाला देते हुए राज्य सरकार के स्तर से कैमूर, पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर तथा सासाराम ज़िला प्रशासन को पत्र भेजा गया है।
- गौरतलब है कि कैमूर से सटे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राज्य की झीलों में एक रामगढ़ झील में उत्तर प्रदेश सरकार वाटर स्पोर्टस सेंटर का संचालन करा रही है। वहाँ पानी के राज्यस्तरीय और राष्ट्रीयस्तर की प्रतियोगिता आयोजित कराई जाती हैं।
- कैमूर ज़िले में वाटर स्पोर्टस सेंटर का संचालन शुरू कराया जाता है, तो पानी के खेलों के खिलाड़ियों समेत इन सेंटर पर आने वाले पर्यटकों को भी पानी के खेलों का आनंद उठाने का सुनहरा मौका मिलेगा।
- जानकारी के अनुसार, वाटर स्पोर्ट्स सेंटरों पर बोटिंग, वाटर बाइकिंग, स्कीइंग आदि खेल की सुविधाएँ विकसित कराई जाएंगी। इन सेंटरों पर जल क्रीड़ा क्षेत्र के खेल नौका दौड़, तैराकी आदि विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन कराया जा सकेगा।
- इन सुविधाओं के बहाल होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर वाटर स्पोर्ट्स सेंटर की पहचान कायम हो जाएगी और जल क्षेत्र के स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा तराशने और उच्च स्तर के खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करने का सुनहरा अवसर मिल पाएगा।
- कैमूर ज़िले में करकटगढ़, तेलहाड़ कुंड, जगदहवाँ डैम समेत पहाड़ी वादियों में कई ऐसे मनोरम जल क्षेत्र हैं, जहाँ लोग विशेष अवसरों समेत वर्षभर आते-जाते रहे हैं।
- वाटर स्पोर्ट्स सेंटर के लिये दुर्गावती जलाशय परियोजना सबसे अनुकूल स्थल हो सकता है। इस परियोजना का जल संग्रहण क्षेत्र 627 वर्ग किलोमीटर के रेंज में फैला हुआ है।
- कैमूर और रोहतास ज़िले के तीन पहाड़ियों को बाँधकर यह परियोजना तैयार की गई है। वर्तमान में इसके जल क्षेत्र में सैलानियों को बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
- इसके अलावा, इस परियोजना का जल संग्रहण क्षेत्र अब प्रवासी पक्षियों का भी केंद्र बना है और इसे बर्ड सेंचुरी के रूप में विकसित करने का प्रयास हो रहा है।
जोधपुर का कागल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अब उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत | राजस्थान | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर ज़िले की ग्राम पंचायत कागल पीपाड़ शहर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किये जाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की इस मंज़ूरी से ग्राम पंचायत कागल के साथ आसपास के गाँवों के विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिये गाँव से दूर रतकुडिया अथवा भुंडाना गाँव नहीं जाना पड़ेगा।
- गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार हुआ है। इसके फलस्वरूप वर्ष 2018 की तुलना में राज्य में 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों का सरकारी स्कूलों में नामांकन लगभग 20 प्रतिशत बढ़ा है।
- इस कारण राजकीय स्कूलों को निरंतर अपग्रेड करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए गहलोत सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में राज्य के समस्त 3 हज़ार 820 सेकेंडरी विद्यालयों को सीनियर सेकेंडरी विद्यालयों में क्रमोन्नत किये जाने की घोषणा की थी।
- इसके अलावा प्रदेश के ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी शिक्षा के सुदृढ़ीकरण एवं विकास के लिये ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर स्थित प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों को सीधे सीनियर सेकेंडरी विद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार एवं यथा आवश्यकता क्रमोन्नत किये जाने की भी घोषणा की थी।
प्रदेश में ‘स्टेट-ऑफ-द-आर्ट जिम एंड फिटनेस सेंटर’तथा ‘ओपन जिम’स्थापित करने के लिये 31 करोड़ 50 लाख रुपए के अतिरिक्त बजट का प्रावधान | राजस्थान | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में खिलाड़ियों को अभ्यास तथा प्रशिक्षण के लिये विश्व स्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराने के क्रम में ‘स्टेट-ऑफ-द-आर्ट जिम एंड ‘फिटनेस सेंटर’तथा ‘ओपन जिम’स्थापित करने के लिये 31 करोड़ 50 लाख रुपए की स्वीकृति दी।
प्रमुख बिंदु
- प्रस्ताव के अनुसार, सवाई मानसिंह स्टेडियम जयपुर, बरकतुल्लाह खान क्रिकेट स्टेडियम जोधपुर तथा सभी संभागीय मुख्यालयों पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त जिम एंड फिटनेस सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा, प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों पर ओपन जिम की स्थापना की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में सभी संभागों पर स्टेट-ऑफ-द-आर्ट जिम एंड फिटनेस सेंटर तथा ज़िला मुख्यालयों पर ओपन जिम खोलने की घोषणा की थी।
स्काई डाईविंग फेस्टिव ल | मध्य प्रदेश | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2022 मध्य प्रदेश टूरिज़्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पर्यटन एवं संस्कृति द्वारा प्रदेश में स्काई डाईविंग फेस्टिवल के दूसरे संस्करण की शुरुआत 5 जनवरी, 2023 से उज्जैन के दताना एयरस्ट्रिप पर की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रदेश में एडवेंचर टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिये शुरू किये जा रहे इस स्काई डाईविंग फेस्टिवल का समापन 15 जनवरी को होगा।
- प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट एवं जी-20 सम्मेलन के लिये प्रदेश में मौजूद रहने वाले अतिथि भी इस एडवेंचर गतिविधि का आनंद ले सकेंगे। इसका संचालन DGCA एवं USPA प्रमाणित संस्था ‘स्काई-हाई इंडिया’द्वारा किया जा रहा है।
- शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि स्काई डाइविंग फेस्टिवल का पहला संस्करण सफल रहा था। सभी बुकिंग स्लॉट बुक हो चुके थे। इसी को देखते हुए अब दूसरे संस्करण का आयोजन किया जा रहा है।
- इस दौरान उज्जैन में उच्च मानकों के साथ प्रशिक्षित कर्मियों की मदद से रोमांच-प्रेमी स्काई डाईविंग का आनंद ले सकेंगे। वे 10 हज़ार फीट की ऊँचाई से महाकाल की नगरी को देखने का रोमांच भी प्राप्त कर सकेंगे।
पंचायतों और नगर पालिकाओं को और अधिक स ्वायत्तता देगी हरियाणा सरकार | हरियाणा | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश में पंचायतों, ब्लॉक समिति, ज़िला परिषद, नगर पालिकाओं, नगर परिषद और नगर निगमों को और अधिक स्वायत्तता देने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि ग्राम पंचायतों के अंतर्गत सरपंच 2 लाख रुपए तक के कार्य कोटेशन आधार पर अपने स्तर पर करवा सकेंगे तथा 2 लाख रुपए से अधिक के कार्य हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल पर टेंडर के माध्यम से होंगे।
- नई व्यवस्था के तहत उपमंडल स्तर पर 2 लाख से 25 लाख रुपए तक के कार्य एसडीओ ही अप्रूव करेगा। सरपंच, ब्लॉक समिति व ज़िला परिषद के चेयरमैन इसके लिये प्रशासनिक स्वीकृति देंगे। पहले कार्यों की अप्रूवल की फाइलें निदेशक तक आती थीं, अब स्थानीय स्तर पर ही सभी मंज़ूरी मिलेंगी।
- उन्होंने बताया कि 25 लाख से 1 करोड़ रुपए तक के कार्यों की तकनीकी मंज़ूरी अधिशाषी अभियंता देगा और अनुमोदन सीईओ, ज़िला परिषद करेंगे तथा 1 करोड़ से 5 करोड़ रुपए तक के कार्यों की तकनीकी मंज़ूरी अभियंता अधीक्षक देंगे और अप्रूवल पंचायत निदेशक की ओर से दी जाएगी। 2.5 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य की तकनीकी मंज़ूरी चीफ इंजीनियर या इंजीनियर इन चीफ की ओर से दी जाएगी। इसका अनुमोदन प्रशासनिक सचिव करेंगे।
- पंचायती राज संस्थानों को राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग से प्राप्त बजट कम पड़ता है तो ग्रामीण विकास विभाग, एचआरडीएफ या राज्य सरकार के अन्य रिज़र्व फंड से मांग आधारित बजट उपलब्ध करवाएगा।
- इन निधि से जो कार्य किये जाएंगे, उनमें 25 लाख रुपए तक के कार्य की स्वीकृति पंचायत निदेशक देंगे। 25 लाख रुपए से अधिक के कार्य ग्रामीण विकास विभाग करवाएगा और मंज़ूरी सरकार देगी। 5 से 10 करोड़ रुपए तक के कार्य संबंधित मंत्री और 10 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य मुख्यमंत्री के पास आएंगे।
सोनीपत में बनेगा प्रदेश का पहला खेलकूद विश्वविद्यालय | हरियाणा | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
27 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के खेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महाबीर सिंह ने बताया कि राज्य के सोनीपत ज़िले में स्थित मोतीलाल नेहरू खेलकूद स्कूल में प्रदेश का पहला खेलकूद विश्वविद्यालय बनेगा।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने पानीपत के गाँव अटावला निवासी सेवानिवृत्त आईपीएस एस.एस देशवाल को नए खेल विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है।
- खेलकूद स्कूल को खेलकूद विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड नहीं किया जाएगा। बल्कि खेलकूद स्कूल परिसर में अलग से विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि विगत दिनों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोनीपत के राई स्थित मोतीलाल नेहरू खेलकूद स्कूल में प्रदेश का पहला खेलकूद विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की थी।
- खेलकूद विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिये कागजी कार्रवाई समेत अन्य प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब खेलकूद स्कूल परिसर में विश्वविद्यालय के लिये आधारभूत संरचना को तैयार करना है। इससे पूर्व खेलकूद विश्वविद्यालय की विधिवत रूप से शुरुआत कर दी गई है। सरकार ने खेलकूद स्कूल को इससे संबंधित पत्र भी भेजा है।
- विदित है कि वर्ष 1973 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने राई में मोतीलाल नेहरू खेलकूद स्कूल की शुरुआत की थी। स्कूल के खिलाड़ी अब तक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय फलक पर अपने प्रदर्शन से अनेक पदक जीत चुके हैं। यही नहीं अनेक प्रशासनिक सेवा व सेना में बड़े पदों पर काम कर रहे हैं।
- राज्य सरकार की योजना के अनुसार यहाँ हर खेल के लिये एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक व खिलाड़ी तैयार हो सके।
- हरियाणा एक खेल प्रदेश है, जहाँ एक भी खेल विश्वविद्यालय नहीं था। खिलाड़ियों को एनआईएस प्रमाणपत्र या पाठ्यक्रम के लिये दूसरे प्रदेश में जाना पड़ता था। इसे देखते हुए यहाँ खेलकूद विश्वविद्यालय शुरू किया गया है। यहाँ खेल से संबंधित सभी पाठ्यक्रम कराए जाएंगे।
- मोतीलाल नेहरू खेलकूद स्कूल में हॉकी, फुटबॉल, घुड़सवारी, तैराकी, जिमनास्ट, बास्केटबॉल के अलावा 12 खेलों के मैदान हैं। घुड़सवारी व तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल का लंबे समय से दबदबा रहा है। स्कूल में खेलों को बढ़ावा देने के लिये बहुउद्देशीय हॉल व हॉकी का एस्टोटर्फ मैदान हैं। यहाँ 50 मीटर शूटिंग रेंज बनाई जा रही है। पहले से बने तरणताल व अन्य खेल मैदान राष्ट्रीय स्तर के हैं।
सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करेगा एम्स दिल्ली और आईआईटी रुड़की का ‘स्वस्थ गर्भ’ एप | उत्तराखंड | 29 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
27 दिसंबर, 2022 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के प्रोफेसर के.के पंत ने बताया कि आईआईटी रुड़की के शोधकर्त्ताओं ने ‘स्वस्थ गर्भ’स्मार्टफोन एप बनाया है। इस एप को नई दिल्ली के एम्स की मदद से तैयार किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रोफेसर के.के. पंत ने बताया कि ‘स्वस्थ गर्भ’स्मार्टफोन एप गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व और रियल टाइम (तुरंत) चिकित्सा उपलब्ध कराने में मदद करेगा। यह विशेषकर उन क्षेत्रों की महिलाओं के लिये लाभकारी है, जहाँ चिकित्सा सेवा आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती। गर्भावस्था के लिये यह पहला एप है, जो तुरंत डाक्टर की सलाह सुनिश्चित करता है।
- उन्होंने बताया कि यह क्लिनिकली प्रमाणित होने के साथ विश्वसनीय भी है। एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप का लाभ मरीज और डाक्टर दोनों नि:शुल्क ले सकते हैं।
- गौरतलब है कि आईआईटी रुड़की के बायो साइंसेस और बायो इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी साहिल शर्मा और प्रो. दीपक शर्मा ने दिल्ली एम्स की प्रो. वत्सला डधवाल और प्रो. अपर्णा शर्मा के सहयोग से ‘स्वस्थ गर्भ’एप तैयार किया है।
- एप में गर्भावस्था से जुड़े सभी पहलुओं को शामिल किया गया है, जैसे- हर क्लिनिकल टेस्ट का रिकार्ड रखना और समय पर दवा लेना।
- प्रोफेसर के.के. पंत ने बताया कि ‘स्वस्थ गर्भ’एप के लाभों को सामने रखने वाला एक शोध पत्र प्रतिष्ठित ‘पीयर-रिव्यू आईईईई जर्नल आफ बायोमेडिकल एंड हेल्थ इंफार्मेटिक्स’ में प्रकाशित किया गया है।
- आईआईटी रुड़की के बायो साइंसेस और बायो इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर दीपक शर्मा ने बताया कि नवजात मृत्यु दर का अधिक होना गंभीर चिंता की बात है। इसके मद्देनज़र विकसित स्वस्थ गर्भ मोबाइल एप सभी गर्भवती महिलाओं को रियल टाइम चिकित्सा सहायता देगा और गर्भावस्था में माँ-शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करेगा। इसके साथ ही, यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत मिशन को आगे ले जाने में मदद करेगा।
- दिल्ली के एम्स में डीन (रिसर्च) प्रो. रमा चौधरी ने बताया कि ‘स्वस्थ गर्भ’एप गर्भावस्था की आम समस्याओं के संभावित समाधान में काफी उपयोगी होगा। घर-घर ‘स्वस्थ गर्भ’ एप पहुँचाकर इसकी मदद से गर्भावस्था में माँ-शिशु का जीवन आसानी से बचाया जा सकता है।
- दिल्ली एम्स के प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की प्रो. वत्सला डधवाल ने बताया कि एप के जरिये गर्भवती महिला डॉक्टरों के बीच संवाद होने से गर्भावस्था के बेहतर परिणाम मिलेंगे। पायलट स्टडी से पता चला है कि यह एप गर्भवती महिलाओं के साथ डाक्टर भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
- उन्होंने बताया कि एप की उपयोगिता को लेकर 150 गर्भवती महिलाओं का क्लिनिकल आकलन किया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि एप से प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता बढ़ी है और समस्याएँ कम हुई हैं। एप पर रजिस्टर्ड महिलाओं के प्रसव पूर्व सलाह के लिये अस्पताल आने की माध्यमिक संख्या में वृद्धि देखी गई और उनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों का बेहतर अनुपालन भी दिखा।
- विदित है कि कोविड-19 महामारी आने के बाद स्वास्थ्य सेवा में टेलीमेडिसिन का महत्त्व बढ़ गया है। वर्तमान में पूरी दुनिया में एक अरब से अधिक लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में स्वस्थ गर्भ एप में चिकित्सा जगत को बदलने और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की असीम संभावना है।