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स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Dec 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री ने कानपुर मेट्रो रेल को दिखाई हरी झंडी

चर्चा में क्यों? 

28 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महानगर कानपुर में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के बन चुके सेक्शन का उद्घाटन किया तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ मेट्रो की सवारी की। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रधानमंत्री ने नई कानपुर मेट्रो ट्रेन से आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक 9 किमी. लंबे खंड का निरीक्षण करने के लिये यात्रा की। 
  • कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना की कुल लंबाई 32 किमी. है और इसे 11,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाया जा रहा है।
  • कानपुर मेट्रो देश में सबसे तेज़ी से बनने वाला मेट्रो प्रोजेक्ट होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 15 नवंबर, 2019 को कानपुर मेट्रो परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया था और दो साल से भी कम समय में 10 नवंबर, 2021 को 9 किमी. की लंबाई वाले कानपुर IIT से मोतीझील तक के कॉरिडोर का ट्रायल रन किया गया।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले IIT कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में भी भाग लिया। इस बार दीक्षांत समारोह में सभी छात्रों को नेशनल ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट के तहत संस्थान के ही बनाए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से डिजिटल डिग्री दी गई। इन डिजिटल डिग्रियों को पूरे विश्व में कहीं भी सत्यापित किया जा सकता है। इन डिग्रियों के साथ फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकता।
  • कानपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने 1,500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बिछाई गई बीना-पनकी बहु-उत्पाद पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया। 356 किमी. लंबी इस परियोजना की क्षमता लगभग 3.45 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। मध्य प्रदेश में बीना रिफाइनरी से कानपुर नगर में पनकी तक फैली इस परियोजना से क्षेत्र में बीना रिफाइनरी से पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में मदद मिलेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

उज्जैन में खुलेगा आईआईटी इंदौर का सेटेलाइट कैंपस

चर्चा में क्यों?

28 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्राचीन वैभवशाली ज्ञान परंपरा के अनुरूप उज्जैन को प्रौद्योगिकी और ज्ञान-विज्ञान के एक प्रमुख शिक्षण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में उज्जैन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर का सेटेलाइट कैंपस खोला जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • 100 एकड़ भूमि पर स्थापित यह कैंपस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध केंद्र और मानकों के अनुरूप उच्च शिक्षा प्रदान करेगा। अपनी तरह का यह देश का पहला शिक्षण संस्थान होगा। रोजगार और स्व-रोजगार के प्रोत्साहन में भी यह कैंपस महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
  • उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह कैंपस हर दृष्टि प्रशासनिक, अकादमिक निर्णय के लिये स्वतंत्र होगा। कैंपस में छात्रावास और शिक्षकों के लिये आवास भी होंगे। यहाँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शोध सुविधाएँ एवं पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे। प्रारंभिक चरण में चार राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण केंद्र और इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क खोले जाने का प्रस्ताव भी है। 
  • डॉ. यादव ने बताया कि यह रिसर्च पार्क इंदौर-उज्जैन और आस-पास के सभी क्षेत्रों की औद्योगिक इकाई को शोध कार्य में मदद करेगा। साथ ही स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करेगा। इसे टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसमें 100-150 अधिक कंपनियों को जोड़ा जाएगा। अभी आईआईटी चेन्नई और मुंबई में ऐसे ही रिसर्च पार्क कार्य कर रहे हैं। 
  • मालवा क्षेत्र में रोज़गार और स्व-रोज़गार निर्माण की दिशा में इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क की अहम भूमिका होगी। स्पोर्ट्स साइंस में स्पोर्ट्स में उपयोग की जाने वाली डिवाइसेज़ और इक्विपमेंट पर भी यहाँ रिसर्च करना प्रस्तावित है। 
  • उन्होंने बताया कि जल संसाधन प्रबंधन के लिये यह एक महत्त्वपूर्ण केंद्र होगा। जहाँ जल के संबंध में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ जल संसाधन पर शोध कार्य किया जाएगा। वॉटर मैनेजमेंट पर आधारित पाठ्यक्रम भी संचालित किये जाएंगे। मध्य प्रदेश में वॉटर कंजर्वेशन तकनीक को बढ़ाने और जल से संबंधित शैक्षणिक कार्यक्रमों को तैयार करने में केंद्र यह मदद करेगा। 
  • मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्व की श्रेष्ठतम भारतीय काल गणना और कैलेंडर सिस्टम का केंद्र स्थान उज्जैन रहा है। काल गणना और खगोलीय विज्ञान में उज्जैन के महत्त्व को दृष्टिगत रखते हुए यह सेंटर स्थापित किया जा रहा है। यहाँ स्पेस टेक्नोलॉजी, स्पेस इंजीनियरिंग और एस्ट्रो फिजिक्स के पाठ्यक्रम के साथ रिसर्च और प्रयोगशाला भी स्थापित होगी।
  • भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति में देश का मॉडल बनेगा, जिसमें कृषि, ज्ञान परंपरा, हॉलिस्टिक मेडिसिन, प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने जैसे विषयों पर शोध होंगे।
  • सेंटर में डिजिटल ह्युमेनीटीज, एनवायर्नमेंटल ह्युमेनीटीज, डेवलपमेंट स्टडीज पर नेशनल रिसर्च सेंटर और सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिये ह्युमेनीटीज और सोशल साइंस एजुकेशन पर राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।

झारखंड Switch to English

‘बिरसा हरित ग्राम योजना’पर आधारित प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन

चर्चा में क्यों? 

28 दिसंबर, 2021 को झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने मनरेगा के अंतर्गत महत्त्वाकांक्षी योजना ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’पर आधारित प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि यह पुस्तिका ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’के लाभुकों एवं बागवानी सखी/मित्र, महिला मेट एवं मनरेगा कर्मियों हेतु मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत बागवानी योजना के निरंतर विस्तार से न केवल आजीविका को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी बल्कि झारखंड राज्य को और भी हरा-भरा बनाने एवं फल की सर्वाधिक उत्पादकता वाले राज्यों की श्रेणी में लाने में मदद मिलेगी।
  • इस अवसर पर मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी. ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बिरसा हरित ग्राम योजना के उद्देश्य की पूर्ति हेतु बिरसा हरित ग्राम योजना के ऊपर यह प्रशिक्षण पुस्तिका तैयार की गई है।
  • इस पुस्तिका में बागवानी योजना के चयन से लेकर इसके देखभाल एवं फसलों की बीमारी की पहचान एवं इसके उपचार हेतु महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश का उल्लेख किया गया है।
  • उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण पुस्तिका बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभुकों, बागवानी सखी/मित्र, महिला मेट एवं मनरेगा कर्मियों के प्रशिक्षण हेतु अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
  • मनरेगा आयुक्त ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार सृजन करने एवं खेती आधारित आजीविका को संबल प्रदान करने हेतु मनरेगा अंतर्गत ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’का क्रियान्वयन विगत कुछ वर्षों से किया जा रहा है।
  • बागवानी योजना से न केवल गरीब परिवारों की आय के अतिरित्त स्रोत का सृजन हुआ है बल्कि उनकी बंजर खाली पड़ी ज़मीनों को उपजाऊ बनाने एवं इसकी उपयोगिता बढ़ाने में भी मनरेगा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। साथ ही बागवानी के अंदर अन्य कई प्रकार की फसलों एवं सब्ज़ियों की अंत: खेती (Intercropping) से लाभुक अपनी आजीविका को और भी सुदृढ़ बनाने की ओर अग्रसर है। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने किसान सम्मेलन में किसानों को किया सम्मानित

चर्चा में क्यों?

28 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालोद ज़िले के डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम गोडमर्रा में आयोजित किसान सम्मेलन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम स्थल पर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया।
  • उन्होंने डौंडीलोहारा विकासखंड के धंसू राम और चंद्र कुमार को गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर बिक्री के लिये सम्मानित किया। 
  • सम्मेलन में पीपरखारना गौठान के गोधन महिला स्वसहायता समूह तथा टटेंगा गौठान के गायत्री महिला स्व सहायता समूह को जैविक खाद निर्माण के लिये सम्मानित किया गया। 
  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत धान के बदले अन्य फसल लेने वाले भेड़ी ग्राम के किसान डामन लाल और हीरा लाल तथा पिनकापार के किसान श्यामलाल और संजीव चौधरी को सम्मानित किया गया। डामन लाल और हीरा लाल धान के बदले 0.50 हेक्टेयर में केला तथा श्यामलाल और संजीव चौधरी 0.40 हेक्टेयर में सुगंधित धान की फसल ले रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गोडमर्रा-सुरेगाँव तक 3.50 किलोमीटर सड़क निर्माण, गोडमर्रा पाट का सौंदर्यीकरण, खरखरा जलाशय का नामकरण भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. राजीव गांधी के नाम पर तथा खरखरा-मोहदी पाट परियोजना का नामकरण दाऊ प्यारेलाल बेलचंदन के नाम पर करने की घोषणा की। 
  • गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग 8 हज़ार गौठानों में गोबर खरीदी की जा रही है। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, गौ काष्ठ, दीये, गमला जैसे कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं। गोबर से पेंट बनाने के लिये एमओयू किया गया है। गौठानों में इससे बिजली बनाने का भी काम चल रहा है। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय परेड के लिये छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की झाँकी चयनित

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति ने राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड समारोह के लिये छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को अपनी हरी झंडी दे दी है। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस समिति में देश के प्रमुख शिल्पज्ञ, पेंटर, फोटोग्राफर, संगीतज्ञ, गायक और अन्य विधाओं के विशेषज्ञ सदस्य शामिल थे। 
  • जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि समिति ने आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर बनाई गई थीम इंडिया/75 न्यू आईडिया के तहत इसका चयन किया है। देश के सभी राज्यों में से केवल 12 राज्यों को ही इस बार राजपथ पर अपने राज्य की झाँकी के प्रदर्शन का अवसर मिला है। 
  • गोधन न्याय योजना पर केंद्रित छत्तीसगढ़ की झाँकी ग्रामीण संसाधनों के उपयोग के पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय से एक साथ अनेक वैश्विक चिंताओं के समाधानों के लिये विकल्प प्रस्तुत करेगी। 
  • झाँकी में प्रदेश में विकसित हो रही जल प्रबंधन प्रणालियों, बढ़ती उत्पादकता और खुशहाल किसान को भित्ती-चित्र शैली में दिखाया जाएगा। इसी क्रम में गोबर से बनी वस्तुओं और गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करती स्व सहायता समूहों की महिलाओं को भी झाँकी में प्रदर्शित किया जाएगा।
  • झाँकी के अग्रभाग में गाय के गोबर को इकटॅा करके उन्हें विक्रय के लिये गौठानों के संग्रहण केंद्रों की ओर ले जाती ग्रामीण महिलाओं को दर्शाया जाएगा। ये महिलाएँ पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में होंगी, जो हाथों से बने कपड़े और गहने पहने हुए होंगी। 
  • इन्हीं में से एक महिला को गोबर से उत्पाद तैयार कर विक्रय के लिये बाज़ार ले जाते दिखाया जाएगा। महिलाओं के चारों ओर फूलों के गमलों की सजावट की जाएगी, जो गोठानों में साग-सब्ज़ियों और फूलों की खेती के प्रतीक होंगे। नीचे की ओर गोबर से बने दीयों की सजावट की जाएगी। ये दीये ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आए स्वावलंबन और आत्मविश्वास को प्रदर्शित करेंगे।
  • झाँकी के पृष्ठ भाग में गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित होते दिखाया जाएगा। इसमें दिखाया जाएगा कि नई तकनीकों और मशीनों का उपयोग करके महिलाएँ किस तरह स्वयं की उद्यमिता का विकास कर रही हैं, गाँवों में छोटे-छोटे उद्योग संचालित कर रही हैं। 
  • मध्य भाग में दिखाया जाएगा कि गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखकर किस तरह पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, पोषण, रोज़गार और आय में बढ़ोतरी के लक्ष्यों को हासिल किया जा रहा है। 
  • सबसे आखिर में चित्रकारी करती हुई ग्रामीण महिला को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक शिल्प और कलाओं के विकास की प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। 

उत्तराखंड Switch to English

वृहद् कौशल एवं सेवायोजन रोज़गार मेले का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

28 दिसंबर, 2021 को हल्द्वानी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत एवं संसदीय कार्य, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने संयुक्त रूप से वृहद् कौशल एवं सेवायोजन रोज़गार मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने 42 युवाओं एव युवतियों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किये। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस मेले का आयोजन कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा किया गया है।
  • मेले मे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार द्वारा पूरे प्रदेश के जनपदों में रोज़गार मेले का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इन मेलों से युवाओं को रोज़गार के अवसर मिल रहे हैं। रोज़गार मेले के लिये प्रदेश के बेरोज़गार युवा घर बैठे पंजीकरण करा सकते हैं। 
  • मुख्यमंत्री धामी ने कहा सरकार का मुख्य उद्देश्य रोज़गार के साथ-साथ स्वरोज़गार को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे 3700 होम स्टे पंजीकृत हैं जिसके अंतर्गत 8000 युवा एवं युवतियों को स्वरोज़गार मिल रहा है। 
  • उन्होंने कहा जिन विभागों में पद रिक्त हैं जल्दी से जल्दी भरने का कार्य किया जा रहा है। सरकार रोज़गार के साथ-साथ स्वरोज़गार के लिये वीर चंद्र गढ़वाली योजना में धनराशि को 25 लाख रुपए तक बढ़ाने का प्रावधान किया है साथ ही होमस्टे में और सब्सिडी बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। 
  • उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी नौकरियों के लिये एक वर्ष की आयु सीमा बढ़ा दी है तथा प्रदेश मे परीक्षा के फार्म के आवेदन शुल्क भरने के लिये आवेदक को कोई शुल्क नहीं देना होगा इसके साथ ही आईएएस, पीसीएस, एमबीबीएस, लोक सेवा आयोग की तैयारियों हेतु जो बच्चे प्रीक्वालीफाई कर देते हैं उन्हें आगे की तैयारियों हेतु 50 हज़ार रुपए सरकार द्वारा दिये जा रहे हैं। 
  • उन्होंने कहा सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी युवाओं को रोज़गार व स्वरोज़गार से जोड़ा जाएगा। एचएन इंटर कालेज मे वृहद् कौशल एवं सेवायोजन मेले में प्रदेश की 35 कंपनियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। 
  • रोज़गार मेले में विभिन्न जनपदों से आए 1150 युवा एवं युवतियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। इस अवसर पर तीन कंपनियों द्वारा 162 युवाओं का वर्चुअल ऑनलाइन इंटरव्यू कर 7 लोगों को नियुक्ति दी गई।

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