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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Nov 2022
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सेफ्टी अगेंस्ट वॉइलेशन एंड एक्सप्लोइटेशन ऑफ चिल्ड्रन (सेव) का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

28 नवंबर, 2022 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने अपने विभाग व यूनिसेफ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में राज्य के अलवर ज़िले से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नवाचार ‘सेफ्टी अगेंस्ट वॉइलेशन एंड एक्सप्लोइटेशन ऑफ चिल्ड्रन (सेव)’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि ‘सेव’ नवाचार का उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना है जिसमें मुख्य रूप से शिक्षा, सुरक्षा व स्वास्थ्य सेवाएँ शामिल हैं।
  • उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि यह अभियान अलवर में सफल होगा। उसके उपरांत इसे राज्य में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में अलवर ज़िला दिव्यांगजनों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के द्वारा सरकारी योजनाओं के लाभ दिलाकर उन्हें संबल प्रदान करने में अव्वल रहा है। अलवर ज़िला प्रशासन व ज़िले के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कार्यालय द्वारा ‘नवाचार सक्षम अलवर’अभियान के माध्यम से दिव्यांगजनों को सुगमता से योजनाओं का लाभ दिया गया।
  • संवाद में अध्ययन प्रमाण-पत्र प्रतिवर्ष जमा कराने में आने वाली परेशानियों के बारे में पालनहारों के द्वारा अवगत कराने पर मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक पोर्टल विकसित कराया जाएगा जिसमें एक बार पंजीयन करने के पश्चात् बार-बार अध्ययन प्रमाण-पत्र जमा करने से निजात मिल सकेगी। इस पोर्टल पर संबंधित शैक्षणिक संस्था ऑनलाइन ऑटो अपडेट कर सकेंगे। यह व्यवस्था यथाशीघ्र राज्य में लागू कराई जाएगी।
  • यूनिसेफ राजस्थान की स्टेट हेड इजाबेल ने अपने संबोधन में कहा कि पालनहार योजना राज्य में बच्चों के सपने साकार करने में मददगार साबित हो रही है। इस योजना से जरूरतमंद बच्चों को संरक्षण एवं मदद मिलने के साथ शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे हैं।
  • उन्होंने कहा कि यूनिसेफ के द्वारा राजस्थान में राज्य सरकार के साथ मिलकर बाल कल्याण हेतु कार्य किया जा रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में अलवर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किये गए अभियान ‘सेव’ का क्रियान्वयन ज़िला प्रशासन एवं यहाँ के नागरिकों के सहयोग से किया जाएगा।
  • अलवर ज़िला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर ने कहा कि ज़िले में ज़िला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा सुव्यवस्थित रूप से सक्षम अलवर अभियान संचालित कर दिव्यांग कल्याण के क्षेत्र में पूरे देश के लिये एक नजीर पेश की गई है।
  • अलवर ज़िला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि ज़िले में 21 हज़ार पालनहार पेंशन व 29 हज़ार दिव्यांगजन पेंशन से जुड़े हैं।
  • कार्यक्रम स्थल पर 27 दिव्यांगजनों ने बैनर के माध्यम से राज्य सरकार की 27 फ्लैगशिप योजनाओं के बारे में आमजन को जागरूक किया। दिव्यांगजनों की इस पहल की मंत्री जूली ने तारीफ कर कहा कि दिव्यांगजनों की इस टीम के इस कदम से आमजन को भी राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी जिससे जरूरतमंद व्यक्ति लाभ उठा सकेंगे। 

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सहकारिता मंत्री ने किया मंडार ग्राम सेवा सहकारी समिति में 500 मीट्रिक टन वेयर हाउस का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

28 नवंबर, 2022 को राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने सिरोही ज़िले की ग्राम सेवा सहकारी समिति मंडार में 500 मीट्रिक टन वेयर हाउस का विधिवत रूप से लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस मौके पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश आज मॉडल स्टेट बनकर उभर रहा है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर नए आयाम स्थापित किये है।
  • उन्होंने सहकारिता समितियों एवं किसानहितों के बारें में समितियों द्वारा उठाए जाने वाले फायदों व विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस वेयर हाउस से इसके आसपास के क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
  • उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आमजन के लिये कई योजनाएँ चलाई गई हैं, जिसमें मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा रसोई, किसान भाईयों के लिये फसली ऋण, इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गांरटी योजना द्वारा शहरी क्षेत्र में आमजन को 100 दिन का रोज़गार सुनिश्चित किया गया है। 

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शिल्प गुरू और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए राजस्थान के शिल्पकार

चर्चा में क्यों?

28 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य ‘शिल्प गुरू राष्ट्रीय पुरस्कार’सम्मान समारोह में राजस्थान के पाँच सिद्धहस्त हस्तशिल्प कलाकारों को ‘शिल्प गुरू पुरस्कार’ एवं चौदह श्रेष्ठ हस्तशिल्पियों को हस्तशिल्प के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सम्मान समारोह में शिल्प गुरू पुरस्कार विजेताओं को सम्मान स्वरूप सोने का सिक्का, 2 लाख रुपए की राशि, ताम्रपत्र, शॉल और प्रमाण-पत्र तथा हस्तशिल्प राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को एक लाख रुपए की राशि, ताम्रपत्र एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया।
  • वर्ष 2002 में शुरू किये गए शिल्प गुरू पुरस्कार ऐसे सर्वश्रेष्ठ सिद्धहस्त हस्तशिल्पियों को दिया जाता है जिन्होंने हस्तशिल्प के क्षेत्र में गुरू की भूमिका निभाते हुए संबंधित कला को आगे बढ़ाने के लिये बेहतरीन कार्य किया हो।
  • वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के लिये नामित हस्तशिल्प पुस्कार विजेताओं में शामिल विनोद कुमार जांगिड़ को वर्ष 2017 के लिये चंदन की लकड़ी पर बेहतरीन कारीगरी के लिये, मोहन लाल सोनी को वर्ष 2017 के लिये मिनिएचर पेंटिंग के लिये, मोहन लाल शर्मा को वर्ष 2019 के लिये ब्रास वायर से शीशम की लकड़ी पर तारकशी के लिये, आशाराम मेघवाल को 2019 और गोपाल प्रसाद शर्मा को वर्ष 2018 के लिये मिनिएचर पेंटिंग में सर्वश्रेष्ठ कार्यों के लिये शिल्प गुरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • हस्तशिल्प के क्षेत्र में बेहतरीन कार्यों हेतु राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्राप्त करने वाले राजस्थान के चौदह सिद्धहस्त शिल्पकार हैं-
    • वर्ष 2017 के लिये - सुनील सोनी (थेवा कला), शोकत अली (उत्सा कला) और कमलेश शर्मा (लकड़ी पर तारकशी)।
    • वर्ष 2018 के लिये - ओमप्रकाश जांगिड़ (चंदन की लकड़ी पर कारीगरी), सुनीता शर्मा (पैपर कटिंग कला) और प्रेमदेवी सोनावा (हेंड ब्लॉक पेंटिंग)।
    • वर्ष 2019 के लिये - गुलाब सिंह (सिल्वर मीनाकारी), मोहम्मद शरीफ (टाई एवं डाई कला), कमल किशोर सोनी (बोन कर्विग), श्यामलता गहलोत (कोफ्तगिरी कला), द्वारका प्रसाद सुधार (लकड़ी की कारीगरी), दिनेश कुमार सोनी (वर्क पेंटिंग) तथा नेहा भाटिया और धर्मेंद्र सिंह भल्ला (कुंदल जड़ाई मीनाकारी)।
  • उल्लेखनीय है कि उक्त सम्मान समारोह में वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के लिये देशभर से नामित किये गए हस्तशिल्प से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के 30 हस्तशिल्पियों को ‘शिल्प गुरू पुरस्कार’एवं 78 हस्तशिल्पियों को ‘राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार’से सम्मानित किया गया।

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