मध्य प्रदेश Switch to English
शिल्प गुरू और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए मध्य प्रदेश के शिल्पकार
चर्चा में क्यों?
28 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य ‘शिल्प गुरू राष्ट्रीय पुरस्कार’ सम्मान समारोह में मध्य प्रदेश के एक सिद्धहस्त हस्तशिल्प कलाकार को ‘शिल्प गुरू पुरस्कार’ एवं पाँच श्रेष्ठ हस्तशिल्पियों को हस्तशिल्प के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सम्मान समारोह में शिल्प गुरू पुरस्कार विजेताओं को सम्मान स्वरूप सोने का सिक्का, 2 लाख रुपए की राशि, ताम्रपत्र, शॉल और प्रमाण-पत्र तथा हस्तशिल्प राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को एक लाख रुपए की राशि, ताम्रपत्र एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया।
- मध्य प्रदेश के धार ज़िले के मोहम्मद यूसुफ खत्री को बाघ प्रिंट हस्त-शिल्प विरासत के संरक्षण के लिये वर्ष 2017 का शिल्प गुरू पुरस्कार प्रदान किया गया है।
- धार ज़िले के मोहम्मद नसीर को साड़ी हस्त-ब्लॉक प्रिंटिंग शिल्प और मुबारिक खत्री को बाँस दरी पर्दों पर हस्त ब्लॉक प्रिंट तथा नीमच ज़िले के स्व. प्रदीप झरिया और पवन कुमार झरिया को विलुप्त तारापुर हस्त-छप्पा छपाई कला के लिये वर्ष 2017 के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। स्व. प्रदीप झरिया का पुरस्कार उनकी धर्मपत्नी अनुसुइया झरिया ने ग्रहण किया।
- धार ज़िले के मोहम्मद बिलाल खत्री को बाँस चटाई हस्त-ब्लॉक प्रिंट के लिये वर्ष 2018 के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- उल्लेखनीय है कि उक्त सम्मान समारोह में वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के लिये देशभर से नामित किये गए हस्तशिल्प से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के 30 हस्तशिल्पियों को ‘शिल्प गुरू पुरस्कार’एवं 78 हस्तशिल्पियों को ‘राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार’से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 2002 में शुरू किये गए शिल्प गुरू पुरस्कार ऐसे सर्वश्रेष्ठ सिद्धहस्त हस्तशिल्पियों को दिया जाता है जिन्होंने हस्तशिल्प के क्षेत्र में गुरू की भूमिका निभाते हुए संबंधित कला को आगे बढ़ाने के लिये बेहतरीन कार्य किया हो।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश के इतिहास में बिजली की सर्वाधिक मांग 15748 मेगावाट का नया रिकार्ड दर्ज
चर्चा में क्यों?
28 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि प्रदेश के इतिहास में 27 नवंबर को सर्वाधिक बिजली मांग का नया रिकार्ड कायम हुआ। इस दिन प्रदेश में बिजली की मांग 15748 मेगावाट दर्ज हुई। इससे पूर्व प्रदेश में सर्वाधिक बिजली की मांग 24 दिसंबर, 2021 को 15692 मेगावाट दर्ज हुई थी।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में जब बिजली की मांग 15748 मेगावाट पर दर्ज हुई उस दौरान मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 4319 मेगावाट, मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 4808 मेगावाट और मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 6313 मेगावाट दर्ज हुई। रेलवे को 308 मेगावाट बिजली दी गई।
- 27 नवंबर को जब बिजली की मांग 15748 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप एवं जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 3823 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 820 मेगावाट, सेंट्रल सेक्टर का अंश 4272 मेगावाट और आईपीपी का अंश 2521 मेगावाट रहा। अन्य स्त्रोत जिनमें नवकरणीय स्त्रोत व बैंकिंग भी शामिल हैं, से प्रदेश को 4311 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।
Switch to English