उत्तर प्रदेश Switch to English
लखनऊ में होगा इंडिया फूड एक्सपो का आयोजन
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को वाराणसी में मलदहिया स्थित विनायक प्लाजा में हुई इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बैठक में आईआईए की फूड प्रोसेसिंग कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन दीपक बजाज ने बताया कि इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से 2 से 4 नवंबर तक लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इंडिया फूड एक्सपो का आयोजन होगा।
प्रमुख बिंदु
- दीपक बजाज ने बताया कि इंडिया फूड एक्सपो का आयोजन तीनदिवसीय होगा, जिसमें फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यमियों को इससे संबंधित जानकारी दी जाएगी तथा इसमें पूर्वांचल समेत उत्तर प्रदेश के 45 शहरों से 100 से अधिक उद्यमी हिस्सा लेंगे।
- फूड प्रोसेसिंग मशीनों तथा फूड प्रोसेसिंग तकनीकी का यह देश का सबसे बड़ा एक्सपो है और इसमें बनारस समेत आसपास के ज़िलों से होटल उद्यमी, रेस्टोरेंट संचालक, बेकरी उत्पादों के निर्माता भाग लेंगे।
- इंडिया फूड एक्सपो में एमएसएमई के तहत ओडीओपी के विभिन्न स्टॉल लगाए जाएंगे तथा देश एवं विदेश के फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, मशीनों पर हुए नए इनोवेशन को भी इसमें शामिल किया गया है।
- इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने इंडिया फूड एक्सपो के संबंध में सरकार को उद्योगों में उपयोग होने वाले विभिन्न लाइसेंस जैसे फायर, प्रदूषण आदि की प्रक्रिया को आसान करने तथा टेक्सटाइल पॉलिसी 2017 की अनुदान राशि अवमुक्त करने को कहा, जिससे उद्योगों का सुगम संचालन हो सके।
उत्तर प्रदेश Switch to English
लखनऊ में एशिया की पहली पैथोजेन रिडक्शन मशीन का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में थोरेसिक सर्जरी और वेस्कुलर सर्जरी विभाग के साथ ट्रांसफ्यूज़न मेडिसिन विभाग में एशिया की पहली पैथोजेन रिडक्शन मशीन का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि रक्त की अनेक अशुद्धियाँ ऐसी होती हैं, जो अधिसंख्य जाँचों में पकड़ में नहीं आती हैं और इस अशुद्ध रक्त के किसी मरीज़ को चढ़ाए जाने पर उसे सेप्सिस जैसे संक्रमण हो सकते हैं।
- इस संक्रमण से बचाव हेतु एशिया की पहली पैथोजेन मशीन शुरू की गई है, जो केवल 15 मिनट में 4 यूनिट रक्त की अशुद्धियों को दूर कर सकती है।
- इस मशीन से प्लेटलेट्स और प्लाज्मा में शुरुआती दौर में हुए किसी भी प्रकार के संक्रमण को समाप्त किया जा सकता है, जो अंग प्रत्यारोपण अथवा कमज़ोर इम्यूनिटी वाले मरीज़ों के लिये बेहद लाभदायक साबित होगी।
- डेंगू, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया, साइटोमैगिलो वायरस समेत लगभग 200 ऐसे बैक्टीरिया, फंगस, प्रोटोजोआ आदि रक्तदाता के रक्त में रह सकते हैं और रक्तग्राही के रक्त में जाकर संक्रमण पैला सकते हैं। यह मशीन इन्हीं संक्रमण को समाप्त कर सकती है।
- केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा के अनुसार पेथोजेन की किट में चार अलग-अलग ब्लड यूनिट को रखा जाता है, जो रक्त यूनिट में अल्द्रवायलेट इम्यूमिनेटर के द्वार 10-15 मिनट में ही रक्त के सभी प्रकार के जीवाणु को हटाकर रक्त यूनिट को पूरी तरह शुद्ध करती है।
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समावेशी विकास कोष के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के प्रारूप को दी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अल्पसंख्यक समावेशी विकास कोष के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के प्रारूप को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- इन विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अशोक गहलोत द्वारा वक्फ संपत्ति संरक्षण योजना के लिये 5 करोड़ रुपए, आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिये 34 करोड़ रुपए तथा जनसहभागिता के आधार पर आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिये 10 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है।
- वक्फ संपत्ति संरक्षण योजना के अंतर्गत वक्फ भूमि अथवा सार्वजनिक भूमि में बने कब्रिस्तान, मदरसों, विद्यालयों में चारदीवारी निर्माण जैसे विकास कार्य किये जाएंगे। इन विकास कार्यों के किये जाने से वक्फ भूमि अथवा सार्वजनिक भूमि को विवाद एवं अतिक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकेगा।
- आधारभूत संरचना विकास कार्यों में राज्य में स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में विकास कार्य करवाए जाएंगे तथा इन क्षेत्रों में पेयजल टंकी निर्माण, सड़क निर्माण, नाली निर्माण आदि विकास कार्य होने से अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय का समग्र विकास हो सकेगा तथा बस्तियों में जीवनयापन की स्थितियों को बेहतर बनाया जा सकेगा।
- जनसहभागिता आधारित संरचना विकास कार्यों में ऐसी वक्फ संपत्तियों का संरक्षण एवं विकास कार्य होगा, जहाँ 10 प्रतिशत जनसहभागिता हिस्साराशि प्राप्त हो जाती है। इस योजना के अंतर्गत वे सभी वक्फ संपत्तियाँ पात्र होंगी, जो राजस्व रिकॉर्ड/राजस्थान वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज हैं तथा योजना के तहत नवीन धार्मिक संपत्तियों का निर्माण कार्य शामिल नहीं होगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के समावेशी विकास एवं कल्याण हेतु अल्पसंख्यक समावेशी विकास कोष का गठन किये जाने की घोषणा की गई थी।
राजस्थान Switch to English
राज्य में स्थापित होगा ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिये 28 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान सरकार द्वारा राज्यवासियों को एक सुरक्षित एवं पारदर्शी ई-गवर्नेंस देने की प्रतिबद्धता के साथ राज्य में ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिये आगामी पाँच वर्षों हेतु 28 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है।
- विदित है कि अशोक गहलोत ने चालू वित्तीय वर्ष में 24 करोड़ रुपए के व्यय की स्वीकृति दी है।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना तथा तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएँ प्राप्त करने के लिये आईआईआईटी कोटा से एमओयू किया जाएगा। इसके अंतर्गत इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड्स, जन आधार रेजिडेंट डाटा रिपॉजिटरी आदि में पारदर्शिता एवं सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग का विस्तार करते हुए ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के संबंध में घोषणा की गई थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर का कुलपति नियुक्त किया।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला परियोजना समन्वयक, ए.आई.सी.आर.पी.-माइक्रोन्यूट्रिएन्ट्स, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल के पद पर कार्यरत् हैं।
- इस विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में उनका कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से 5 वर्ष की अवधि के लिये होगा।
- राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय,ग्वालियर की स्थापना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2008 के अध्यादेश संख्या 4 द्वारा असाधारण गजट संख्या 507 दिनांक 19 अगस्त, 2008 को जेएनकेवीवी, जबलपुर को विभाजित करके दूसरे कृषि विश्वविद्यालय के रूप में अधिसूचित कर की गई थी।
- आरवीएसकेवीवी अधिनियम (नंबर 4, वर्ष 2009) के अनुसार, बागवानी और पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन अनुसंधान गतिविधियाँ पाँच क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान स्टेशनों (मुरैना, खरगौन, झाबुआ, इंदौर और सीहोर) के माध्यम से संचालित की जाती हैं; चार क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र (ग्वालियर, मंदसौर, उज्जैन और खंडवा) और 4 विशेष अनुसंधान केंद्र (एंटखेड़ी, बगवई, जावरा और बड़वा) में 22 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाएँ एवं कृषि प्रणाली की उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के लिये कई तदर्थ परियोजनाएँ हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
गाँव में भी मिलेंगे साँची के उत्पाद
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा साँची उत्पादों को प्रदेश के गाँव-गाँव तक पहुँचाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा ज़िले के पालखंदा और नरवर ग्राम में साँची उत्पाद के विक्रय केंद्र शुरू किये गये।
प्रमुख बिंदु
- इससे ग्रामीणों को साँची उत्पादों की सुविधा के साथ ही स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे।
- मुख्य कार्यपालन अधिकारी उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ डॉ. सी.बी. सिंह ने बताया कि साँची ग्रामीण विक्रय केंद्रों की स्थापना सतत् रूप से जारी रहेगी। कोशिश की जाएगी कि दुग्ध संघ से संबंधित सभी दुग्ध सहकारी समितियों को ग्रामीण साँची विक्रय केंद्र पार्लर के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिये सभी आवश्यक सुविधाएँ भी उन्हें उपलब्ध कराई जाएंगी।
- वर्ष 1980 में ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम के माध्यम से मध्य प्रदेश में सहकारी क्षेत्र में समन्वित डेयरी विकास की गतिविधियाँ संचालित करने के लिये मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटीज अधिनियम 1960 के अंतर्गत मध्य प्रदेश दुग्ध महासंघ सहकारी मर्यादित (वर्तमान में एम.पी.स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिख) की स्थापना की गई।
- इसी के साथ आणंद प्रणाली पर त्रि-स्तरीय सहकारी संस्थाओं का गठन प्रारंभ हुआ। इसके अंतर्गत प्रथम स्तर पर लगभग 7000 ग्रामीण दुग्ध सहकारी समितियाँ, द्वितीय स्तर पर 6 सहकारी दुग्ध संघ, जिनके मुख्यालय भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर एवं सागर में हैं तथा राज्य स्तर पर एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) कार्यरत् हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
स्वर्गीय श्री लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार नियमों में संशोधन
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत् शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन और योगदान को प्रोत्साहित करने के लिये लागू स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार के नियमों में संशोधन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- शिक्षा के उत्थान में निरंतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहन देने हेतु स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार के लिये प्राचार्यों, शिक्षकों और अध्ययनरत् विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के साथ अब शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत् ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारी, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सम्मिलित करने का निर्णय लिया है।
- यह पुरस्कार प्रति वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर प्रदान किये जायेंगे।
- स्व. लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार में राज्य स्तर पर 10 प्राचार्य, 50 शिक्षक, 20 ग्रंथपाल, 20 क्रीड़ा अधिकारी, 40 तृतीय श्रेणी कर्मचारी, 40 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा 250 विद्यार्थी (स्नातक-200 एवं स्नातकोत्तर 50) का चयन किया जाएगा।
- इस पुरस्कार में कुल 10 प्राचार्य को क्रमश: एक-एक लाख रुपए और प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा। इसी प्रकार 50 शिक्षकों को क्रमश: 75-75 हज़ार रुपए 20 ग्रंथपाल को क्रमश:75-75 हज़ार, 20 क्रीड़ा अधिकारी को क्रमश: 40-40 हज़ार, 40 तृतीय श्रेणी कर्मचारी को क्रमश: 40-40 हज़ार तथा 40 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को क्रमश: 30-30 हज़ार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा।
- स्व. लक्ष्मण सिंह गौड पुरस्कार में चयनित कुल 250 स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को 50-50 हज़ार रुपए एवं प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
- स्व. लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार के लिये प्राचार्य अपना आवेदन क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को भेजेंगे। प्राचार्यों के लिये विषय एवं संकाय का बंधन नहीं होगा। अतिरिक्त संचालक सभी संभागों के लिये पृथक्-पृथक् संभागों में सर्वोच्च गुणांक प्राप्त करने वाले 2-2 प्राचार्यों का पैनल तैयार करेंगे। इस प्रकार 10 संभागों में से कुल 20 प्राचार्यों के नाम तय किये जाएंगे।
- प्रत्येक महाविद्यालय के लिये प्राचार्य द्वारा सक्षम अधिकारी गुणानुक्रम के आधार पर अपने महाविद्यालय/संस्थान से सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक संकाय में से एक शिक्षक, एक ग्रंथपाल, एक क्रीड़ा अधिकारी, एक तृतीय और एक चतुर्थ श्रेणी अधिकारी का चयन किया जाएगा।
- महाविद्यालय द्वारा चुने गए शिक्षकों, ग्रंथपालों, क्रीड़ा अधिकारियों तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सूची में से क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक अपने क्षेत्राधिकार से अधिकतम 10 शिक्षकों, 4 ग्रंथपालों, 4 क्रीड़ा अधिकारियों, 8 तृतीय श्रेणी और 8 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पैनल तैयार कर आयुक्त उच्च शिक्षा को प्रेषित करेंगे।
- इस प्रकार सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों से 100 शिक्षकों, 40 ग्रंथपाल, 40 क्रीड़ा अधिकारी, 80 तृतीय श्रेणी और 80 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नाम प्राप्त होंगे।
- प्रत्येक संभाग से अलग-अलग महाविद्यालयों से कला, वाणिज्य, विज्ञान, गृह विज्ञान एवं विधि संकाय (जैसा महाविद्यालय में लागू हो) गुणानुक्रम के आधार पर स्नातक स्तर पर प्रत्येक संकाय से 4 विद्यार्थी, अर्थात् प्रत्येक संभाग से 20-20 विद्यार्थियों को चयन किया जाएगा।
- स्नातकोत्तर स्तर पर प्रत्येक संकाय से सभी वर्गों में से सर्वोच्च गुणांक प्राप्त करने वाले एक-एक विद्यार्थी का चयन किया जायेगा।
- क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक अपने क्षेत्र के महाविद्यालयों से प्राप्त नामों की संभागवार सूची तैयार करेंगे और गुणानुक्रम के आधार पर विद्याथियों का अंतिम चयन कर आयुक्त उच्च शिक्षा को भेजेंगे। इस प्रकार 10 संभागों से स्नातकोत्तर स्तर पर समस्त संकायों से अधिकतम 50 विद्यार्थियों के नाम तथा स्नातक स्तर पर अधिकतम 200 विद्यार्थियों के मान से 10 संभागों से कुल 250 विद्यार्थियों के नाम आयुक्त उच्च शिक्षा को प्राप्त होंगे।
हरियाणा Switch to English
फरीदाबाद में बने आधुनिक बस अड्डे का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटेर ने फरीदाबाद स्थित एनआइटी में पीपीपी मॉडल के तहत 130 करोड़ रुपए की लागत से चार एकड़ में बने बस अड्डे का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- फरीदाबाद एनआइटी आधुनिक बस अड्डे का नाम हरियाणा के उपमुख्यमंत्री स्व. मंगल सेन के नाम पर होगा।
- इस बस अड्डे के अंदर सुविधाओं में यात्रियों के बैठने के लिये वातानुकूलित गैलरी बनाई गई है तथा इसमें यात्रियों की सुविधा के लिये शौचालय, पीने के लिये आरओ का ठंडा पानी, सामान रखने के लिये क्लाक रूम और जलपान की व्यवस्था होगी।
- परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि इस बस अड्डे से हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों के लिये करीब 50 बसों का संचालन होगा तथा यहाँ 17 बस काउंटर होंगे, जहाँ से दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, हरिद्वार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब प्रदेशों को जाने वाले यात्रियों को बसों की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त 60 से अधिक सिटी बसों का संचालन भी यहीं से होगा। इस बस अड्डे पर पाँच मंजिला इमारत बनाई गई है।
- इस बस अड्डे के भूतल और प्रथम तल के आधे-आधे हिस्से में डिपो की व्यवस्था होगी। इसमें दो बेसमेंट बनाए गए हैं तथा दोनों बेसमेंट का उपयोग पार्किंग के लिये होगा, जहाँ 1000 गाड़ियों को खड़ी करने की व्यवस्था की गई है।
- एनआइटी बस अड्डा बसों के अलावा व्यावसायिक हब भी होगा। यहाँ अधिकारी, ड्राइवर व कंडक्टरों के लिये विश्राम कक्ष, प्रतीक्षालय कक्ष, कैंटीन, शौचालय आदि की भी व्यवस्था की गई है। इसके हर तल पर जाने के लिये सीढ़ियों के साथ-साथ लिफ्ट लग चुकी है।
- फरीदाबाद ज़िला उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि पूरा बस अडन्न सीसीटीवी की निगरानी में होगा और यह बस अडन्न शहर के लोगों के लिये बड़ी सौगात साबित होगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा कि कि राज्य के सभी बस अड्डे अब बस पोर्ट के रूप में जाने जाएंगे तथा इन बस पोर्ट पर एयरपोर्ट की तर्ज पर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना को मिला राष्ट्रीय स्तर का स्कॉच सिल्वर अवार्ड
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के अंतर्गत संचालित ‘मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना’को गुणवत्तायुक्त एवं रोज़गार आधारित नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय स्तर के स्कॉच सिल्वर अवार्ड-2022 से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- देश में सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्य का गौरव हासिल करने वाले छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर इस गौरवपूर्ण सम्मान से नवाजा गया है।
- छत्तीसगढ़ के युवाओं को बेहतर कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा युवाओं को उनकी रुचि अनुसार गुणवतायुक्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पाकर युवा लगातार सरकारी और गैर-सरकारी विभागों में नौकरी पाने के साथ ही स्वरोज़गार को अपना रहे हैं।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत अब तक 4 लाख 68 हज़ार 184 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 2 लाख 55 हज़ार 678 युवाओं को नियोजित किया गया है। वर्तमान में 2726 युवा प्रशिक्षणरत् हैं।
उत्तराखंड Switch to English
रक्षामंत्री ने चमोली-उत्तरकाशी में किया चार मोटर पुलों का वर्चुअल उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र चमोली और उत्तरकाशी के नेलांग घाटी में चार मोटर पुलों का वर्चुअल उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- रक्षामंत्री ने राज्य के कुलसारी में कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे पर तीन और नेलांग में एक पुल का उद्घाटन किया है और इन पुलों के बनने से भारत-चीन सीमा तक सेना की आवाजाही सुगम हो सकेगी तथा इसके अलावा सेना के बड़े वाहन आसानी से सीमा तक जा सकेंगे।
- विदित है कि राज्य में कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे पर तीनों पुलों का निर्माण बीआरओ के 66 आरसीसी कमान गौचर की ओर से किया गया है। कुलसारी में हाईवे पर बने पुल की लंबाई 50 मीटर, थराली में कुसेरी पुल की 40 मीटर और लोल्टी में बने पुल की लंबाई 35 मीटर है।
- उत्तराखंड में शिवालिक प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर बिग्रेडियर राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि सीमा सड़क संगठन ने इन तीन पुलों का निर्माण मात्र डेढ़ साल में किया है।
- राज्य के उत्तरकाशी ज़िले के सीमांत क्षेत्र नेलांग घाटी में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण पागल नाला पर पुल निर्माण कार्य पूरा हो गया है तथा अब भारी बरसात और भूस्खलन से नेलांग घाटी सड़क बंद नहीं होगी।
- बीआरओ के मेजर नमन नरूला ने बताया कि यह पुल सेना के सर्वाधिक भार वाले टैंकों व उपकरणों को ले जाने में समर्थ है। सेना की तकनीकी भाषा में इसकी भार वहन क्षमता 70 आर है।
- नेलांग घाटी में भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्रों में चार और पुल बनाए जा रहे हैं, जिससे बरसात के दौरान भूस्खलन के चलते सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सड़क बंद न हो। ये सभी पुल 50 से 65 मीटर स्पान के हैं। प्रत्येक पुल की लागत 6 से 7 करोड़ रुपए है तथा इनमें से एक पुल का निर्माण कार्य अगले वर्ष तक पूरा होने की संभावना है। ये सभी पुल भैरवघाटी से नेलांग घाटी के बीच 25 किमी के दायरे में बन रहे हैं।
- राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में इन पुलों के साथ ही देश की 72 अन्य परियोजनाओं का भी लेह घाटी से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के ज़रिये लोकार्पण किया।
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