उत्तर प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, 2021
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, 2021 का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- यह आयोजन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश एवं जर्मन डेवलपमेंट एजेंसी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विरासत वृक्षों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक तथा प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में 100 करोड़ पेड़ लगाने से संबंधित एक पुस्तक ‘वृक्षारोपण जनआंदोलन, 2021’ का विमोचन किया। उन्होंने कार्बन न्यूट्रल पर आधारित ऐप लॉन्च किया तथा प्रदेश में तीन ईको पर्यटन सर्किट का भी शुभारंभ किया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री को वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान द्वारा दुधवा टाइगर रिज़र्व के अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप प्रबंधन हेतु प्राप्त पुरस्कार सौंपा गया।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक वर्ष 1 से 7 जुलाई तक वन महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत प्रदेश सरकार द्वारा वृक्षारोपण हेतु सभी विभागों के समन्वय से कार्यवाही की गई। पहले वर्ष साढ़े पाँच करोड़ वृक्ष, दूसरे वर्ष 11 करोड़ वृक्ष, तीसरे वर्ष 22 करोड़, चौथे वर्ष 25 करोड़ से अधिक और पाँचवे वर्ष 30 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए गए।
- इस सम्मेलन में 3 ईको पर्यटन सर्किट को लॉन्च किया गया है। इनमें आगरा-चंबल सर्किट, वाराणसी-चंद्रकांता सर्किट तथा गोरखपुर-सोहगीबरवा सर्किट पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण हैं। इनके माध्यम से पर्यटकों को प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक वातावरण प्राप्त होगा।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति, 2021
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति, 2021 के प्रख्यान के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति के अनुसार ‘मलिन बस्ती’ का अभिप्राय उत्तर प्रदेश मलिन बस्ती क्षेत्र (सुधार और निपातन) अधिनियम, 1962 की धारा-3 के अनुसार परिभाषित स्लम से है।
- इस नीति के अंतर्गत ऐसी मलिन बस्ती मान्य होंगी, जिनमें न्यूनतम 300 व्यक्ति निवासित हों।
- नीति के क्रियान्वयन हेतु राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा), उत्तर प्रदेश को राज्यस्तरीय नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
- नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय सक्षम प्राधिकारी, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव नगरीय रोज़गार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय मूल्यांकन समिति, नगरीय स्तर पर नगर निगमों हेतु मंडलायुक्त की अध्यक्षता में तथा अन्य नगर निकायों हेतु ज़िला अधिकारी की अध्यक्षता में नगरस्तरीय सक्षम प्राधिकारी का गठन किया जाएगा।
- चिह्नित मलिन बस्तियों के मूल्यांकन एवं नगरस्तरीय समक्ष प्राधिकारी को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने हेतु परियोजना निदेशक, ज़िला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की अध्यक्षता में नगरस्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा।
- इस नीति में शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी), क्रियान्वयन संस्था, निजी विकासकर्त्ता की भूमिका एवं दायित्व के साथ परियोजना के विकास, लाभार्थियों की पात्रता तथा उनको मिलने वाले लाभ, आवंटन प्रक्रिया, अनिवार्य विकास मानदंड एवं प्रधानमंत्री आवास योजना- सबके लिये आवास (शहरी) मिशन से प्राप्त किये जाने वाले अनुदान के संबंध में सुस्पष्ट प्रावधान किये गए हैं।
उत्तर प्रदेश Switch to English
सोरों सुकर क्षेत्र तीर्थस्थल घोषित
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज ज़िले के पवित्र सोरों सुकर क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित किया।
प्रमुख बिंदु
- लंबे समय से साधु-संतों और विभिन्न संगठनों की सोरों सुकर को तीर्थस्थल घोषित किये जाने की मांग को देखते हुए इसे तीर्थस्थल घोषित किया गया है।
- इस प्राचीन और पवित्र तीर्थस्थल को तीर्थ के रूप में संरक्षित करने से इसके अंतर्गत आने वाले कई छोटे मंदिरों का जीर्णोद्धार करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही चक्रतीर्थ, योगतीर्थ, सूर्यतीर्थ, सोमतीर्थ और सकोटकतीर्थ को भी लाभ मिलेगा।
- सोरों सुकर क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित किये जाने से स्थानीय लोगों को विकास के अलावा रोज़गार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे।
- राज्य सरकार के फैसले से तीर्थयात्रा की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा, इसका जीर्णोद्धार किया जाएगा और तीर्थयात्रियों के लिये बुनियादी सुविधाओं का विकास और घाटों का विकास किया जाएगा।
- सोरों सुकर क्षेत्र कासगंज के ब्रज क्षेत्र में स्थित है और विभिन्न पुराणों में इस क्षेत्र के महत्त्व का उल्लेख किया गया है। सोरों सुकर क्षेत्र को मोक्ष का तीर्थ भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोरों सुकर क्षेत्र भगवान विष्णु के तीसरे अवतार ‘वराह’ का निर्वाण स्थान है। सोरों सुकर क्षेत्र में कुंड (हरिपदी गंगा) वही स्थान है, जहाँ से भगवान वराह ने बैकुंठ लोक की ओर प्रस्थान किया था और तब से मृत्यु के बाद राख को इस कुंड में विसर्जित किया जाता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
एम्स भोपाल और आईआईएसईआर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल और भारतीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER), भोपाल ने नमूनों के विश्लेषण के लिये नैदानिक नमूनों और प्रौद्योगिकी को साझा कर जन-स्वास्थ्य, मेटाजेनोमिक्स, कैंसर, महामारी विज्ञान और उपचार के क्षेत्र में सहकारी अनुसंधान करने हेतु पाँच साल के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- यह समझौता ज्ञापन मध्य प्रदेश में अन्य अनुसंधान संस्थानों के साथ एक अनुवाद अनुसंधान क्लस्टर बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- दोनों संस्थानों के बीच अंत:विषय अनुसंधान से महत्त्वपूर्ण खोजें होंगी। दोनों संस्थान संयुक्त रूप से सेमिनार, वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस, फैकल्टी और स्टूडेंट एक्सचेंज का आयोजन करेंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
राष्ट्रीय सीनियर कैनो स्प्रिंट कयाकिंग-कैनोइंग चैंपियनशिप, 2021
चर्चा में क्यों?
24 से 27 अक्तूबर, 2021 तक हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में आयोजित 31वीं राष्ट्रीय सीनियर कैनो स्प्रिंट कयाकिंग-कैनोइंग चैंपियनशिप, 2021 में मध्य प्रदेश राज्य जल क्रीड़ा अकादमी के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 12 स्वर्ण, 12 रजत और 5 कांस्य पदक जीते।
प्रमुख बिंदु
- चैंपियनशिप में मध्य प्रदेश की महिला टीम ने ओवरऑल चैंपियनशिप जीती, जबकि पुरुष टीम ओवरऑल उपविजेता रही।
- मध्य प्रदेश राज्य जल क्रीड़ा अकादमी की कावेरी धीमर ने इस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 7 मेडल अपने नाम किये।
- गौरतलब है कि सीहोर ज़िले के गाँव मंडी की रहने वाली कावेरी धीमर पिछले तीन साल से नेशनल चैंपियन हैं।
हरियाणा Switch to English
‘हरियाणा-अफ्रीका कॉन्क्लेव, सीरीज़-1’
चर्चा में क्यों?
28-29 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा और अफ्रीका के बीच राजनयिक तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने के लिये दो दिवसीय ‘हरियाणा-अफ्रीका कॉन्क्लेव, सीरीज़-1’ का आयोजन किया गया। इसमें अफ्रीका और हरियाणा के बीच द्विपक्षीय व्यापार तथा कनेक्टिविटी बढ़ाने पर बल दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय विदेश मंत्रालय के परामर्श पर हरियाणा सरकार के तत्वावधान में राज्य के विदेश सहयोग विभाग द्वारा ‘गो ग्लोबल अप्रोच के माध्यम से हरियाणा को बदलना’ शीर्षक के तहत आयोजित इस कॉन्क्लेव में 12 अफ्रीकी राष्ट्रों, नामत: मलावी, मोजाम्बिक, तंजानिया, मेडागास्कर, नाइजीरिया, इरिट्रिया, जिम्बाब्वे, युगांडा, सेनेगल, केन्या, इथियोपिया और घाना के राजदूतों एवं वरिष्ठतम दूतावास अधिकारियों और हरियाणा के मंत्रियों एवं उच्चाधिकारियों ने भाग लिया।
- इस पहले हरियाणा-अफ्रीका कॉन्क्लेव का उद्देश्य आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करना है, क्योंकि इससे न केवल सहयोग करने के लिये एक रूपरेखा और अवसर पैदा होंगे, बल्कि दोनों क्षेत्रों के लोगों के बीच आपसी संबंध भी बढ़ेंगे। यह कॉन्क्लेव लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को और सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है, जिससे दोनों क्षेत्रों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
- कॉन्क्लेव के पहले दिन, दोनों क्षेत्रों के बीच प्रचलित सांस्कृतिक संबंधों को समझने के लिये हरियाणा सरकार द्वारा जिमखाना क्लब, चंडीगढ़ में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और उसके बाद रात्रिभोज का आयोजन किया गया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला (एनजेडसीसी) द्वारा हरियाणा, पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के लोक नृत्य प्रस्तुत किये गए।
- इसी प्रकार 29 अक्तूबर, 2021 को कॉन्क्लेव के दूसरे दिन अफ्रीकी देशों और हरियाणा के प्रतिनिधियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के विचार-विमर्श सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि, कौशल विकास, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, खेल, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पारस्परिक हित और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
- उल्लेखनीय है कि हरियाणा राज्य और अफ्रीकी महाद्वीप कई समानताएँ साझा करते हैं, दोनों क्षेत्र कृषिप्रधान हैं और युवा जनसांख्यिकीय एवं बड़े उपभोक्ता बाज़ार का लाभ ले रहे हैं। ये तालमेल हरियाणा और अफ्रीका के बीच स्थायी आर्थिक कारोबार एवं द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण के लिये एक मज़बूत आधार प्रदान करेगा।
झारखंड Switch to English
सीमेंट प्लांट के लिये निवेश
चर्चा में क्यों
- 28 अक्तूबर, 2021 को झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति, 2021 (JIIPP) के अंतर्गत नई दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर मीट में सर्व डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड एवं उद्योग विभाग झारखंड सरकार के मध्य हुए एमओयू के अनुसार सीमेंट प्लांट की स्थापना के लिये सरकार ने बोकारो में ज़मीन उपलब्ध करा दी है।
प्रमुख बिंदु:
- एमओयू के अंतर्गत डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड को भूमि का तय समय-सीमा के अंतर्गत आवंटन, आधिपत्य एवं आवंटित भूखंड की लीज डीड प्राधिकार के स्तर से संपन्न किया गया है।
- इसके तहत करीब 577 करोड़ रुपए का निवेश सुनिश्चित हुआ। इस संयंत्र की स्थापना से प्रति वर्ष 2.0 मिलियन टन का उत्पादन होगा।
- सीमेंट संयंत्र की स्थापना का कार्य नवंबर 2021 में प्रारंभ होगा। संयंत्र का निर्माण एक वर्ष के अंदर पूर्ण होने की संभावना जताई गई है। राज्य सरकार ने संयंत्र स्थापना के लिये कंपनी को बोकारो ज़िला के बालीडीह में 16 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है।
झारखंड Switch to English
‘ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास’
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी के निर्देश पर झारखंड की सभी पंचायतों में ‘ग्रामीणों की आस, मनेरगा से विकास’ अभियान के तहत ग्रामीणों को रोज़गार से जोड़ने के उदेश्य से रोज़गार महादिवस आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- रोज़गार महादिवस पर सभी ज़िलों के प्रखंडों में क्लस्टर स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों का ऑन स्पॉट जॉब कार्ड बनाया गया एवं वैसे श्रमिक, जिन्होंने मनरेगा के तहत 100 दिन रोज़गार प्राप्त किया है, उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
- इस दौरान पंचायत सचिव एवं रोज़गार सेवकों के द्वारा मनरेगा योजनाओं के प्रति श्रमिकों को जागरूक किया गया तथा गाँव में संचालित योजनाओं में काम करने को लेकर प्रेरित किया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव, 2021
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ एवं ‘राज्योत्सव, 2021’ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सेल्फी ज़ोन में पहुँचकर सेल्फी ली। समारोह स्थल पर आदिवासी संस्कृतियों तथा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण परिवेश की झलकियों को समेटे आकर्षक सेल्फी ज़ोन भी बनाए गए हैं।
- कार्यक्रम में राज्यसभा के पूर्व सांसद बी.के. हरिप्रसाद, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, युगांडा एवं फिलिस्तीन के काउंसलर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौज़ूद थे।
- राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न राज्यों एवं देशों से आए नर्तक दलों ने पारंपरिक वेशभूषा व वाद्य यंत्रों के साथ आकर्षक मार्चपास्ट किया।
- इस मौके पर मध्य प्रदेश छिंदवाड़ा से आए लोक नर्तक दल, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैंड के नर्तक दलों ने शानदार प्रस्तुति दी। हिमाचल प्रदेश के लोक नर्तक दल के कलाकारों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को हिमाचली टोपी और शॉल भेंटकर सम्मानित किया।
- रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में 28 अक्तूबर से 1 नवंबर तक आयोजित होने वाले इस ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में देश के 27 राज्यों एवं 6 केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकारों के साथ ही 7 देशों- एस्वातीनी, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, युगांडा, माली और फिलिस्तीन से आए लगभग 1500 कलाकार भाग ले रहे हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 42 जनजातियाँ और 5 विशेष पिछड़ी जनजातियाँ निवास करती हैं। इनकी जनसंख्या राज्य की कुल आबादी का एक-तिहाई है। सभी जनजातियों की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान है। उनकी बोली, उत्सव, नृत्य, देवी-देवता भी अलग-अलग हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव का द्वितीय आयोजन है। इस महोत्सव का आयोजन पहली बार वर्ष 2019 में हुआ था, जिसका शुभारंभ कॉन्ग्रेस के नेता राहुल गांधी ने किया था।
छत्तीसगढ़ Switch to English
11वाँ मेडिकल कॉलेज
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने नए मेडिकल कॉलेजों की मान्यता की सूची जारी कर दी है। जारी सूची के अनुसार एनएमसी ने कांकेर मेडिकल कॉलेज को एमबीबीएस की 100 सीटों के लिये सशर्त मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित तीन नए मेडिकल कॉलेज- कांकेर, कोरबा और महासमुंद में से केवल कांकेर मेडिकल कॉलेज को ही एनएमसी ने मान्यता दी है, जबकि कोरबा और महासमुंद का एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया गया है। कोरबा और महासमुंद मेडिकल कॉलेजों को अगले सत्र में दोबारा आवेदन करना पड़ेगा।
- एनएमसी से मंज़ूरी मिलने के बाद अब कांकेर मेडिकल कॉलेज राज्य का 11वाँ मेडिकल कॉलेज व 8वाँ शासकीय मेडिकल कॉलेज होगा।
- इस मंज़ूरी के साथ ही राज्य में एमबीबीएस की कुल 1470 सीटें हो गई हैं।
उत्तराखंड Switch to English
‘मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना’
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिंग रोड देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ‘मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना’ का पुन: शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने 11 बच्चों को दूध वितरित कर योजना का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का पुन: शुभारंभ होने से बच्चों के विकास एवं उन्हें पर्याप्त पोषण मिलने में बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार माँ का आँचल बच्चे का धूपछाँव से बचाव करता है, उसी प्रकार ‘आँचल अमृत योजना’ बच्चों में कुपोषण को दूर करने में निश्चित रूप से सहायक होगा।
- उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, इससे यह योजना भी कुछ समय तक प्रभावित रही, जिसे अब पुन: शुरू कर दिया गया है।
- मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में 4 दिन नि:शुल्क फोर्टीफाइड मीठा एवं सुगंधित दूध मिलेगा।
- इस योजना से प्रदेश के 1 लाख 70 बच्चों को लाभ मिलेगा, साथ ही बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार होगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पोषण योजना के तहत 1 लाख गर्भवती महिलाओं तथा 85 हज़ार धात्री माताओं को लाभ मिल रहा है।
- उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में 7 मार्च, 2019 को ‘मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना’ का शुभारंभ किया गया था।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड मंत्रिमंडल बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण फैसले
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य कर्मचारियों, छात्रों और महिलाओं के लाभ से जुड़े कई पैसले लिये गए।
- प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल की बैठक में 25 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा हुई, जिनमें से 24 के संदर्भ में पैसले लिये गए, जबकि एक प्रकरण पर निर्णय नहीं लिया गया।
- बैठक में लिये गए कुछ महत्त्वपूर्ण पैसले हैं-
- मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये गोल्डन कार्ड योजना के पैकेज तय करने में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की प्रचलित दरें लागू होंगी।
- मंत्रिमंडल ने एमबीबीएस कोर्स की फीस भी कम कर दी है, जो छात्र राज्य सरकार के साथ ब्रॉण्ड में प्रवेश नहीं करेंगे, उन्हें केवल 1.45 लाख रुपए वार्षिक शुल्क देना होगा। फिलहाल यह शुल्क 4 लाख रुपए है।
- राज्य में कार्यरत् आशा फैसिलिटेटरों का प्रोत्साहन 1,000 रुपए से बढ़ाकर 2,000 रुपए कर दिया गया है।
- मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर बोनस देने का भी फैसला किया।
- मंत्रिमंडल ने 29 और 30 नवंबर को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में दो दिवसीय विधानसभा सत्र आयोजित करने की भी मंज़ूरी दी।
- मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के अंतर्गत राज्य की महिलाओं को अब हफ्ते में दो दिन फल, मेवाएँ और अंडे वितरित किये जाएंगे।
- वीरचंद्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोज़गार योजना नियमावली 2002 में संशोधन करते हुए सब्सिडी प्रावधानों में सरलीकरण किया गया है।
- पेयजल व सीवर के बिलों पर बड़ी राहत देते हुए मार्च 2022 तक लेट फीस न लेने की घोषणा की गई है।
- उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजरों को भी मिलेगा प्रमोशन, सेवा नियमावली को मंज़ूरी।
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