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राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह में तीन विभूतियों को वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिये राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अलंकरण समारोह में राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान वर्ष 2019 का पार्श्व गायन के लिये शैलेंद्र सिंह, वर्ष 2020 का संगीत निर्देशन के लिये आनंद-मिलिंद और वर्ष 2021 का पार्श्व गायन के लिये कुमार शानू को प्रदान किया गया।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अलंकरण समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर में ‘भारत रत्न’लता मंगेशकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि लता जी के गीत और स्मृतियों का संग्रह करने के लिये एक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा और उनके नाम से संगीत अकादमी एवं संगीत महाविद्यालय भी प्रारंभ किया जाएगा।
- पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप इंदौर के संगीत महाविद्यालय को स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी के नाम पर किया जा रहा है। अब यह विद्यालय ‘लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय’के नाम से जाना जाएगा।
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भोपाल का पहला जी.आई.एस. अति उच्चदाब सबस्टेशन ऊर्जीकृत
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने भोपाल की अरेरा कॉलोनी में प्रदेश का दूसरा तथा भोपाल का पहला जी.आई.एस. (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) अति उच्चदाब सबस्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुए भोपाल के पारेषण नेटवर्क को मज़बूती और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिये इस अति उच्चदाब सबस्टेशन का निर्माण किया है।
- करीब 38 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से भोपाल की घनी आबादी स्थित ई-8 अरेरा कालोनी में 50 एम.वी.ए. क्षमता के साथ इस सबस्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया।
- ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि इस सबस्टेशन के प्रारंभ हो जाने से मध्य भोपाल क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था को मज़बूती मिलने के साथ भोपाल को अति उच्चदाब सबस्टेशन का एक और विकल्प उपलब्ध हो गया है। भोपाल शहर में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी का यह 11वाँ अति उच्चदाब सबस्टेशन है, जो क्रियाशील है।
- मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि भोपाल जैसी घनी आबादी में परंपरागत सबस्टेशन और लाइनों के निर्माण के लिये पर्याप्त भूमि की उपलब्धता न रहने के कारण मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने भोपाल में जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) तैयार करने का निर्णय लिया।
- जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) के निर्माण में परंपरागत एयर इंसुलेटेड सबस्टेशनों के मुकाबले कम भूमि की ज़रूरत पड़ती है। इस तकनीक से सबस्टेशन के निर्माण का बजट परंपरागत सबस्टेशन की तुलना में लगभग ढाई गुना अधिक रहता है। गैस इंसुलेटेड चैंबर में रहने के कारण इन सबस्टेशनों के उपकरणों में कम खराबी आती है। इन्हें बोलचाल की भाषा में ‘मेंटीनेंस फ्री’सबस्टेशन भी कहा जाता है।
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