उत्तर प्रदेश Switch to English
यूपी के 12 सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज अब दूसरे कॉलेजों का करेंगे मार्गदर्शन
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्घ्यनाथ सरकार ने मेडिकल एजुकेशन पर फोकस करते हुए राज्य के 12 सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग कॉलेजों द्वारा दूसरे कॉलेजों का मार्गदर्शन करने की जानकारी दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों में गुणवत्ता सुधार के लिये जल्द ‘मिशन निरामया:’ शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और रोज़गार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।
- मेंटरशिप के लिये 12 कॉलेजों का चयन किया गया है। इन कॉलेजों को दूसरे कॉलेजों का मेंटर बनाया गया है। गुणवत्तापरक शिक्षा देने और बेहतर प्लेसमेंट दिलाने के लिये इन कॉलेजों द्वारा किये जा रहे बेहतर कार्यों को दूसरे कॉलेजों में भी लागू कराया जाएगा।
- गोरखपुर का जीएसजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज व आईआईएमटी यूनिवर्सिटी की नर्सिंग फैकल्टी, गौतमबुद्ध नगर के नाइटेंगिल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग व शारदा यूनिवर्सिटी की नर्सिंग फैकल्टी, लखनऊ के बाबा हॉस्पिटल के स्कूल ऑफ नर्सिंग व इटावा की उ.प्र. यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज की नर्सिंग फैकल्टी, जीवीएसएम मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग कॉलेज, हिलेरी क्लिंटन स्कूल ऑफ नर्सिंग सहारनपुर और गोंडा व बरेली के नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं।
- इन नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों द्वारा पढ़ाई व प्लेसमेंट के लिये जो भी अच्छे कदम व नव प्रयोग किये जा रहे हैं, वह दूसरे नर्सिंग कॉलेजों में भी लागू कराए जाएंगे।
- नवंबर 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूएसआई) द्वारा 900 नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों की रेटिंग कराई जाएगी। बिना संसाधन व फैकल्टी के चल रहे नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों पर ताला जड़ा जाएगा।
राजस्थान Switch to English
जयपुर में विकसित हो रहा देश का पहला कोचिंग हब
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये बेहतर सुविधाएँ देने तथा कोचिंग संस्थाओं को सुनियोजित तरीके से स्थान उपलब्ध कराने के लिये आवासन मंडल द्वारा जयपुर के प्रताप नगर में देश का पहला कोचिंग हब विकसित किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि मंडल द्वारा करीब 228 करोड़ रुपए की लागत से जयपुर के प्रताप नगर में 65 हज़ार वर्ग मीटर भूमि पर सुनियोजित तरीके से इस कोचिंग हब को विकसित किया जा रहा है। इस कोचिंग हब में प्रथम चरण में 5 संस्थानिक ब्लॉक तथा 90 व्यावसायिक परिसर तैयार किये जा रहे हैं।
- यह राज्य सरकार की एक अनूठी परियोजना है, जिसके माध्यम से देश-प्रदेश के छात्र-छात्राओं को एक ही परिसर में सभी शिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी। पार्किंग, ट्रैफिक जाम आदि की समस्या से परे यह स्थान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये शांत वातावरण वाला अनुकूल स्थान होगा।
- इस कोचिंग हब में करीब 70 हज़ार विद्यार्थी शैक्षणिक सुविधाओं का लाभ लेकर अपना करियर बना सकेंगे। कोचिंग सेंटर संचालकों को भी यहाँ आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होने से कोचिंग संचालन में काफी सुविधा होगी।
- योजना में केंद्रीकृत पुस्तकालय, साइबर लैब, मनोरंजन केंद्र, जिम, हेल्थ क्लब, फूड कोर्ट एवं रेस्टोरेंट की सुविधाओं के अतिरिक्त जॉगिंग, साइक्लिंग ट्रैक, छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों हेतु पृथक्-पृथक् हॉस्टल एवं सिक्योरिटी सर्विलांस इत्यादि सुविधाएँ भी विकसित की जा रही हैं।
- कोचिंग हब योजना में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गारों के नवीन अवसरों का भी सृजन होगा, जिससे स्थानीय निवासी भी लाभान्वित होंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह में तीन विभूतियों को वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिये राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अलंकरण समारोह में राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान वर्ष 2019 का पार्श्व गायन के लिये शैलेंद्र सिंह, वर्ष 2020 का संगीत निर्देशन के लिये आनंद-मिलिंद और वर्ष 2021 का पार्श्व गायन के लिये कुमार शानू को प्रदान किया गया।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अलंकरण समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर में ‘भारत रत्न’लता मंगेशकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि लता जी के गीत और स्मृतियों का संग्रह करने के लिये एक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा और उनके नाम से संगीत अकादमी एवं संगीत महाविद्यालय भी प्रारंभ किया जाएगा।
- पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप इंदौर के संगीत महाविद्यालय को स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी के नाम पर किया जा रहा है। अब यह विद्यालय ‘लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय’के नाम से जाना जाएगा।
मध्य प्रदेश Switch to English
भोपाल का पहला जी.आई.एस. अति उच्चदाब सबस्टेशन ऊर्जीकृत
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने भोपाल की अरेरा कॉलोनी में प्रदेश का दूसरा तथा भोपाल का पहला जी.आई.एस. (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) अति उच्चदाब सबस्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुए भोपाल के पारेषण नेटवर्क को मज़बूती और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिये इस अति उच्चदाब सबस्टेशन का निर्माण किया है।
- करीब 38 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से भोपाल की घनी आबादी स्थित ई-8 अरेरा कालोनी में 50 एम.वी.ए. क्षमता के साथ इस सबस्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया।
- ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि इस सबस्टेशन के प्रारंभ हो जाने से मध्य भोपाल क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था को मज़बूती मिलने के साथ भोपाल को अति उच्चदाब सबस्टेशन का एक और विकल्प उपलब्ध हो गया है। भोपाल शहर में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी का यह 11वाँ अति उच्चदाब सबस्टेशन है, जो क्रियाशील है।
- मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि भोपाल जैसी घनी आबादी में परंपरागत सबस्टेशन और लाइनों के निर्माण के लिये पर्याप्त भूमि की उपलब्धता न रहने के कारण मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने भोपाल में जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) तैयार करने का निर्णय लिया।
- जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) के निर्माण में परंपरागत एयर इंसुलेटेड सबस्टेशनों के मुकाबले कम भूमि की ज़रूरत पड़ती है। इस तकनीक से सबस्टेशन के निर्माण का बजट परंपरागत सबस्टेशन की तुलना में लगभग ढाई गुना अधिक रहता है। गैस इंसुलेटेड चैंबर में रहने के कारण इन सबस्टेशनों के उपकरणों में कम खराबी आती है। इन्हें बोलचाल की भाषा में ‘मेंटीनेंस फ्री’सबस्टेशन भी कहा जाता है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा-सस्केचेवान गोलमेज सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को हरियाणा और कनाडा के सस्केचेवान प्रांत के बीच पारस्परिक संबंध और हितों के लिये नए अवसरों की पहचान, रणनीतिक साझेदारी, सुविधाओं, समर्थन और मज़बूती हेतु चंडीगढ़ में हरियाणा-सस्केचेवान गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा-सस्केचेवान गोलमेज सम्मेलन का आयोजन विदेश सहयोग विभाग और सस्केचेवान इंडिया कार्यालय, कनाडा उच्चायोग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
- ज्ञातव्य है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हरियाणा में विदेशी निवेश को बढ़ाने हेतु राज्य सरकार ने अलग से विदेश सहयोग विभाग का गठन किया है।
- राज्य का विदेश सहयोग विभाग निरंतर विदेशों से संपर्क बनाए हुए है और अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने हेतु निवेशकों के साथ बैठकें की जाती हैं। इसी कड़ी में हरियाणा-सस्केचेवान गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया।
- इस सम्मेलन में विदेश सहयोग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव योगेंद्र चौधरी ने कहा कि हरियाणा सरकार कौशल विकास, शैक्षणिक अनुसंधान, व्यापार, निर्यात और संसदीय आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सस्केचेवान के साथ संबंधों को मज़बूत करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- उन्होंने कहा कि हरियाणा में निवेश करने की इच्छुक कनाडाई कंपनियों के साथ-साथ कनाडा में निवेश करने के इच्छुक हरियाणा के निवेशकों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।
- विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक एवं सचिव अनंत प्रकाश पांडे ने कहा कि यह सम्मेलन विदेश सहयोग विभाग, हरियाणा सरकार और कनाडा के सस्केचेवान प्रांत के व्यापार एवं निर्यात संवर्धन मंत्रालय के मध्य मार्च 2022 में हस्ताक्षरित हुए एमओआई की दिशा में बढ़ने हेतु एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- इस सम्मेलन ने हितधारकों को उक्त समझौते के तहत रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने के लिये एक साथ लाने हेतु एक उपयुक्त मंच प्रदान किया है।
- भारत में कैनेडियन मिशन की असिस्टेंट डिप्टी मिनिस्टर रिचेल ने कहा कि सस्केचेवान और हरियाणा की विकास यात्रा में बहुत समानताएँ हैं। दोनों प्रांतों में विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास के सामान्य लक्ष्य को पूरा करने के लिये एक-दूसरे के सामर्थ्य का लाभ उठाने की अपार संभावनाएँ हैं।
हरियाणा Switch to English
अंबाला ज़िले के बड़ौला में स्थित सरकारी स्कूल का नाम होगा शहीद करनैल सिंह या उनकी पत्नी के नाम पर
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के अंबाला ज़िले के बड़ौला गाँव में स्थित मिडिल स्कूल का नाम शहीद करनैल सिंह बेनिपाल या उनकी पत्नी चरणजीत कौर के नाम पर रखने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गोवा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से जाने वाली सड़क का नाम गोवा की आज़ादी के लिये अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हरियाणा के शहीद करनैल सिंह बेनिपाल के नाम पर रखा जाएगा।
- मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत शहीद करनैल सिंह बेनिपाल की पत्नी श्रीमती चरणजीत कौर से अंबाला ज़िले के बड़ौला गाँव में मिले तथा उन्हें गोवा सरकार की तरफ से प्रशस्ति-पत्र और 10 लाख रुपए का चेक दिया।
- डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा की आज़ादी के लिये शहादत देने वाले ज्ञात और अज्ञात शहीदों की याद में गोवा के पतरादेवी में शहीदों की याद में मेमोरियल बनाया जा रहा है। पतरादेवी के सरकारी स्कूल में शहीद करनैल सिंह बेनिपाल का स्टैच्यू भी बनाया गया है।
- अंबाला के विधायक असीम गोयल ने कहा की बड़ौला पंचायत दोनों में से जिसके नाम का प्रस्ताव पास करेगी, उसी के नाम पर स्कूल का नाम रखा जाएगा।
हरियाणा Switch to English
चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा का नाम हुआ शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह की 115वीं जयंती के अवसर पर चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चंडीगढ़ हो गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस नाम का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- ज्ञातव्य है कि मोहाली-चंडीगढ़ के नाम पर राजनीति के चलते 14 वर्षों से चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर नहीं हो सका था। हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की सरकारें एयरपोर्ट का नाम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखे जाने पर तो सहमत थीं, लेकिन पंजाब सरकार इसके पीछे मोहाली लगाना चाहती थी और हरियाणा सरकार चंडीगढ़ को नहीं बदलना चाहती थी।
- गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखे जाने की घोषणा की थी।
- विदित है कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया (एएआई), पंजाब और हरियाणा सरकार का संयुक्त उद्यम हैं। इस परियोजना में एएआई की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि पंजाब एवं हरियाणा सरकार की 5 और 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर, 2015 को किया था।
- वर्तमान समय में चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 82 फ्लाइट का संचालन हो रहा है। अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, श्रीनगर, अहमदाबाद, गोवा, बंगलुरु, हैदराबाद, कुल्लू, पुणे, लेह, लखनऊ, कोलकाता, हिसार, देहरादून के लिये इस एयरपोर्ट से सीधी फ्लाइट है। जबकि इस हवाई अड्डे से केवल दो अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें-दुबई और शारजाह के लिये ही उपलब्ध हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
गांधी जयंती से प्रदेश के सभी ज़िला अस्पतालों में सिकल सेल प्रबंधन केंद्र की होगी शुरुआत
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में सिकलसेल की जाँच एवं उपचार की सुविधा सभी ज़िला अस्पतालों में आगामी 2 अक्टूबर से शुरू होगी।
प्रमुख बिंदु
- स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों से सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों के संबंध में की जा रही आवश्यक तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को सभी अस्पतालों में आने वाले अधिक-से-अधिक मरीज़ों को उपचार एवं परामर्श सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
- मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आगामी माह से लोगों को सस्ती दर पर पैथोलॉजी लैब की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सभी हमर लैब के आस-पास के क्षेत्रों से सैंपल एकत्र किये जाएंगे, जिससे लोगों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलॉजी की सुविधा मिल सके।
- स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कोविड वैक्सीनेशन में उल्लेखनीय योगदान के लिये बीजापुर ज़िले के उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तीन स्वास्थ्य अधिकारी- ज्योति सिदार, नागमणी चिलमुल और रमेश गड्डेम को प्रशस्ति-पत्र एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इन तीनों स्वास्थ्य योद्धाओं ने कोविड वैक्सीनेशन के लिये घुटने तक पानी से भरी तीन नदियों को पैदल पार कर ग्राम मारूड़बाका पहुँच लोगों का वैक्सीनेशन किया था।
- स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रदेश में टीबी के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सभी ज़िलों के साथ तीन ज़िले- कोरबा, जशपुर व जगदलपुर में विशेष रूप से टीबी मरीज़ों की जाँच हेतु हर सीएचसी में लैब टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित कर टीबी मरीज़ों की जाँच बढ़ाने के निर्देश दिये।
- इसके साथ ही उन्होंने लेप्रोसी मरीज़ों की पहचान सभी ज़िलों में गृह भ्रमण कर सुनिश्चित करने, परिवार कल्याण के सभी संसाधनों की उपलब्धता प्रदेश के सभी सीएचसी स्तर पर विशेष रूप से सुनिश्चित करने और सभी ज़िला अस्पतालों में विशेषरूप से रात के समय आईपीडी सर्विसेज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान बने देश के दूसरे सीडीएस
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2022 को भारत सरकार ने उत्तराखंड के पौड़ी ज़िले के मूल निवासी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को देश का अगला (दूसरा) चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अनिल चौहान उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि और अगले आदेश तक भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।
- लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान अनेक कमांड, स्टाफ और सहायक पदों पर रहे हैं और जम्मू-कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी उन्हें व्यापक अनुभव रहा है।
- गौरतलब है कि पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन के बाद 9 महीनों से देश का यह सबसे बड़ा सैन्य पद खाली था, जिसकी ज़िम्मेदारी अब रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सौंपी गई है।
- 18 मई, 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं।
- मेजर जनरल की रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्त्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीज़न की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने तथा मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला।
- इन कमांड नियुक्तियों के अलावा वह महानिदेशक, मिलिट्री ऑपरेशंस के प्रभार समेत महत्त्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर भी रहे। इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया। वह 31 मई, 2021 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा।
- सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिये लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
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