उत्तराखंड में खुलेंगी तीन नई खाद्य जाँच प्रयोगशालाएँ | उत्तराखंड | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस.एस. संधू ने उत्तराखंड में तीन नई खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएँ खोलने के आदेश दिये। उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्र में एक-एक मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- ये प्रयोगशालाएं देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में स्थापित की जाएंगी।
- वर्तमान में प्रदेश में एक ही खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला है, जो रुद्रपुर में स्थित है।
- मुख्य सचिव ने राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिये पोर्टल आधारित निगरानी शुरू करने, नियमित रूप से अभियान चलाने और अवैध कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
- उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता फैलाने के लिये छोटी-छोटी वीडियो क्लिप बनाई जानी चाहिये। साथ ही उन्होंने होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को स्वच्छता रेटिंग अपनाने के लिये प्रोत्साहित करने का भी निर्देश दिया।
देश का पहला प्राकृतिक रूप से विकसित फर्नाटम (संरक्षण क्षेत्र) | उत्तराखंड | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में देश का पहला प्राकृतिक रूप से विकसित फर्नाटम (संरक्षण क्षेत्र) अल्मोड़ा ज़िले के रानीखेत में कालिका वन रेंज में तैयार हो चुका है। विभाग द्वारा इसे एशियाई स्तर का अध्ययन स्थल बनाने का प्रयास किया जाएगा ताकि शोधकर्त्ताओं को जुरासिक युग की इन फर्न प्रजातियों के बारे में पता चल सके।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) संजीव चतुर्वेदी द्वारा हाल ही में कालिका वन अनुसंधान केंद्र के दलमोती रोड पर नया फर्नाटम खोला गया था।
- उन्होंने बताया कि फर्न प्रजातियाँ औषधीय रूप से बहुत फायदेमंद हैं और उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है। इनके संरक्षण के लिये कालिका में एक हेक्टेयर क्षेत्र में फर्नाटम तैयार किया गया है।
- संजीव चतुर्वेदी के अनुसार, फर्नाटम में उत्तराखंड के उच्च, मध्य और निचले हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली प्रजातियों का भंडार है और जल्द ही इस फर्नाटम को एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्राकृतिक रूप से विकसित क्षेत्र बनाया जाएगा।
- वर्तमान में 103 विभिन्न प्रकार के फर्न हैं। इनमें से 95 फीसदी प्रजातियाँ उत्तराखंड से हैं।
- फर्नाटम में पाई जाने वाली कई फर्न प्रजातियों में से, हंसराज उत्तराखंड की एक विशिष्ट फर्न प्रजाति है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है और इसकी जड़ों का उपयोग सर्पदंश के प्रभावों का मुकाबला करने के लिये किया जाता है। कालिका में इसकी 10 प्रजातियाँ हैं।
- चतुर्वेदी ने बताया कि केरल में हरे और शेड घरों में फर्न प्रजातियों के लिये एक संरक्षण केंद्र स्थापित किया गया है, लेकिन कालिका में स्थानीय जलवायु के अनुसार प्राकृतिक रूप से देश का पहला फर्नाटम तैयार किया गया है। इसे फर्न प्रजातियों के अध्ययन का नोडल केंद्र बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने 1.23 लाख आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को स्मार्ट फोन बाँटे | उत्तर प्रदेश | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित एक समारोह में प्रदेश के 1.23 लाख आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को स्मार्ट फोन और नवजात शिशुओं के विकास स्तर को मापने के लिये आँगनबाड़ी केंद्रों में 1.87 लाख नवजात विकास निगरानी उपकरण (इंफैंटोमीटर) वितरित किये।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट आँगनबाड़ी बच्चों के सर्वांगीण विकास की नींव होगी। स्मार्ट फोन हर बच्चे की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करेगा, जिससे दैनिक कार्य आसान और पारदर्शी हो जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में घातक वायरल संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये गठित निगरानी समितियों के हिस्से के रूप में, आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता चिकित्सा किट प्रदान करने के लिये घर-घर गईं और लोगों को कोविड वैक्सीन के प्रति जागरूक भी किया।
- उन्होंने कहा कि आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने ही ‘दस्तक अभियान’ को सफल बनाया। आज उत्तर प्रदेश ने एंसेपेलाइटिस को 95-97 प्रतिशत तक सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है, जिसका श्रेय आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को दिया जाना चाहिये।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय | मध्य प्रदेश | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के 7 पोषण आहार संयंत्रों का प्रबंधकीय कार्य मध्य प्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से वापस लेकर मध्य प्रदेश राज्य आजीविका फोरम के अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपे जाने के संबंध में निर्णय के साथ ही अन्य निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मार्च 2018 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की आँगनबाड़ियों में गर्भवती/धात्री माताओं, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों तथा किशोरी बालिकाओं के लिये टीएचआर प्रदायगी का कार्य स्व-सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा किये जाने के लिये 7 टीएचआर संयंत्रों की स्थापना का निर्णय लिया गया था।
- उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला, सागर, शिवपुरी एवं रीवा में संयंत्र स्थापित किये गए। इन सभी संयंत्रो से (भोपाल संभाग के ज़िले छोड़कर) प्रदेश के अन्य सभी ज़िलों में रेडी टू ईट टेकहोम राशन (टीएचआर) दिया जा रहा है। टीएचआर उत्पादन एवं प्रदायगी कार्य राज्य आजीविका फोरम द्वारा गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपा गया था।
- मंत्रिपरिषद ने धान के विक्रय के लिये रिज़र्व प्राईज/ऑफसेट मूल्य के निर्धारण, निविदा प्रक्रिया के निर्धारण एवं नीलामी में प्राप्त दरों के अनुमोदन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया।
- मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के विशेष संदर्भ में उनकी सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने, आवश्यक सुझाव एवं अनुशंसाएँ राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जाने के लिये गठित ‘मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग’ के गठन के अनुसमर्थन का निर्णय लिया।
- मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम 2019 में संशोधन का अनुमोदन किया। निर्णय अनुसार-
- बड़े ज़िले (रेत की अधिक मात्रा) में एक-से-अधिक समूह बनाकर निविदा जारी की जाएगी।
- रुपए 250 एवं निविदाकृत रेत मात्रा का गुणनफल प्रांरभिक आधार मूल्य (ऑफसेट प्राइज) निर्धारित किये जाएंगे।
- रेत समूह की निविदा का प्रकाशन राज्यस्तर से करने के बाद निविदा (ई-टेंडर) की सभी प्रक्रियाएँ विकेंद्रीकरण कर ज़िले स्तर से करने एवं रेत ठेकेदार से अनुबंध ज़िला स्तर पर किये जाएंगे।
- रेत समूह के ठेके की अवधि जून 2023 नियत की जाएगी।
- मंत्रिपरिषद ने ग्राम सतगढ़ी, भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सर्वसुविधा युक्त ‘खेल ग्राम’ का जन-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्माण का निर्णय लिया।
भोपाल के सरकारी कॉलेज का नाम परिवर्तन | मध्य प्रदेश | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को उच्च शिक्षा विभाग ने भोपाल के शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज भेल के नाम को परिवर्तित कर ‘बाबूलाल गौड़ शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज’ कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- शासकीय पीजी कॉलेज, भेल (भोपाल) को 28 अगस्त, 1984 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह द्वारा स्थापित किया गया था और जनभागीदारी समिति (जेबीएस) एवं नवरत्न कंपनी ‘भेल’ द्वारा इसे प्रबंधित किया गया था।
- यह कॉलेज बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से संबद्ध है और इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अधिनियम, 1956 के तहत धारा 2 (एफ) और 12 (बी) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है।
- यह राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा ‘बी++’ ग्रेड के साथ मान्यताप्राप्त है।
- बाबूलाल गौड़ का जन्म 2 जून, 1930 को ग्राम-नौगीर, ज़िला-प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जनता समर्थित उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय विधायक चुने गए थे।
- वे 7 मार्च, 1990 से 15 दिसंबर, 1992 तक मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसंपर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं ‘भोपाल गैस त्रासदी’ राहत मंत्री रहे।
- वे 4 सितंबर, 2002 से 7 दिसंबर, 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
- बाबूलाल गौड़ 23 अगस्त, 2004 से 29 नवंबर, 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। वे प्रदेश के पहले नेता थे, जो 10 बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुँचे थे और सरकार में मंत्री भी रहे। 21 अगस्त, 2019 को उनका निधन हो गया था।
बाजरे की उपज ‘भावांतर भरपाई योजना’ में शामिल | हरियाणा | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को हरियाणा सरकार ने इस खरीफ सीजन से बाजरे की उपज को भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ में शामिल करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, हरियाणा में बागवानी फसलों के लिये भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ लागू की जा चुकी है।
प्रमुख बिंदु
- यह योजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इस योजना में 21 बागवानी फसलों को शामिल किया गया है।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि बाजरे की खरीद के बारे में निम्नलिखित निर्णय लिये गए हैं-
- बाजरे के औसत बाजार भाव व एम.एस.पी. के अंतर को भावांतर मानते हुए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल के सत्यापन उपरांत सही पाए गए किसानों को औसतन उपज पर 600 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर दिया जाएगा।
- बाजरे के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जबकि पड़ोसी राज्यों- राजस्थान और पंजाब में इस बार भी बाजरे का कोई एम.एस.पी. घोषित नहीं किया गया है और लगता है कि वे पहले की तरह इस बार भी बाजरे की खरीद नहीं करेंगे।
- ये हरियाणा प्रदेश के उन किसानों का ही बाजरा खरीदने के लिये भावांतर पर भरपाई करने का निर्णय लिया गया है, जिन्होंने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। उपज भाव को मेनटेन करने के लिये बाज़ार भाव पर 25 प्रतिशत उपज सरकारी एजेंसी खरीदेगी।
- खरीफ सीजन 2021 में बाजरे के लिये 2 लाख 71 हज़ार किसानों ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। इसमें से लगभग 8 लाख 65 हज़ार एकड़ भूमि का सत्यापन हुआ है। खरीद शुरू होते ही किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 600 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर औसत उपज के अनुसार भुगतान कर दिया जाएगा।
- इस सीजन में सरकार पाँच फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी। खरीफ फसलों में बाजरे के अतिरिक्त मूँग, मक्का और धान की खरीद 1 अक्टूबर से तथा मूंगफली की खरीद 1 नवंबर से शुरू होगी।
- इसके अलावा, राज्य सरकार पहली बार अरहर, उड़द और तिल की खरीद भी करने जा रही है, जो 1 दिसंबर से शुरू होगी।
- किसानों को बाजरे के स्थान पर तिलहन और दलहन, जैसे- मूंग, अरहर, अरंडी, मूंगफली जैसी फसलें उगाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। बाजरे के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने और कुल बाजरे का उत्पादन कम करने वाले किसानों को ही 4,000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा।
- प्रदेश में बाजरे की खरीद के लिये 86, मूंग की खरीद के लिये 38, मक्का के लिये 19 तथा मूंगफली की खरीद के लिये 7 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। धान की खरीद के लिये भी 199 खरीद केंद्र बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने ‘वैक्सीन एक्सप्रेस’ वाहनों को दिखाई हरी झंडी | झारखंड | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में कोविड-19 टीकाकरण अभियान को गति देने के उद्देश्य से केयर इंडिया के समर्थन में कोविड-19 वैक्सीन ड्राइव (वैक्सीन एक्सप्रेस) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अधिक-से-अधिक लोगों का टीकाकरण करने के लिये केयर इंडिया के सहयोग से राज्य में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। इसी के तहत राज्य के विभिन्न ज़िलों में 60 मोबाइल टीकाकरण वैन भेजी जा रही हैं।
- ये सभी वैन टीकाकरण अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के लिये ‘टीका एक्सप्रेस’ के रूप में काम करेंगी।
- इन ‘वैक्सीन एक्सप्रेस’ की मदद से लोगों के लिये वैक्सीन प्राप्त करना आसान हो जाएगा। यह सुविधा लोगों को उनके घरों पर ही मिलेगी।
- सोरेन ने कहा कि अब तक राज्य भर में 1 करोड़ 70 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 के वैक्सीन की पहली खुराक और करीब 40 लाख लोगों को दूसरी खुराक मिल चुकी है।
कैबिनेट ने कांताटोली फ्लाईओवर को मंज़ूरी दी | झारखंड | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को राज्य मंत्रिमंडल ने 224.94 करोड़ रुपए की लागत से कोकर में योगदा सत्संग से शांतिनगर को जोड़ने वाले 2240 मीटर लंबे कांताटोली फ्लाईओवर के निर्माण के लिये मंज़ूरी दे दी।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट सचिव वंदना डडेल ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य राँची के कांताटोली क्षेत्र में सड़क के बुनियादी ढाँचे में सुधार करना है।
- राँची शहर के भीतर विभिन्न इलाकों को जोड़ने में कांताटोली एक रणनीतिक बिंदु है। यह जमशेदपुर, हज़ारीबाग, पटना और क्षेत्र के अन्य महत्त्वपूर्ण शहरों की सड़क माध्यम से यात्रा करने वाले लोगों के लिये एक महत्त्वपूर्ण पारगमन बिंदु है।
- इसके साथ ही कैबिनेट ने चावल फोर्टिफिकेशन योजना के तहत फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने के लिये एक पायलट परियोजना शुरू करने को भी मंज़ूरी दी।
- इसके अलावा कैबिनेट ने शहर के भीतर जलापूर्ति की प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से शहरी जलापूर्ति सुधार परियोजना के तहत कोडरमा ज़िले में झुमरी तिलैया के लिये एक जलापूर्ति परियोजना को भी मंज़ूरी दी।
- इसी तरह राज्य मंत्रिमंडल ने कांके में 113 करोड़ रुपए से अधिक के एक ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना को अपनी मंज़ूरी दी, जिसका उद्देश्य अन्य ज़िलों और राज्यों से प्रवेश करने वाले भारी ट्रकों को नो-एंट्री अवधि के दौरान पार्क करने और माल उतारने के लिये जगह प्रदान करना है। यह झारखंड का पहला परिवहन नगर होगा।
झारखंड को गोवा से मिला ट्रेन कनेक्शन | झारखंड | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जासीडीह (झारखंड)- वास्को डी गामा (गोवा) ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसी के साथ झारखंड का गोवा के साथ सीधा ट्रेन कनेक्शन हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- यह ट्रेन धनबाद, बोकारो और राँची से होकर गुज़रेगी। यहाँ से गोवा पहुँचने में करीब 48 घंटे लगेंगे।
- गोवा के अलावा यह लोगों को ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना तक भी पहुँचने में मदद करेगी।
स्कूल पाठ्यक्रम में महात्मा गांधी की शिक्षाएँ | छत्तीसगढ़ | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
28 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने कहा कि महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षाओं को छत्तीसगढ़ के स्कूलों में कक्षा 5 से 12 तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि बच्चों को उनके अहिंसा संबंधी आदर्शों और सिद्धांतों से अवगत कराया जा सके।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिये मुख्य सचिव को निर्देश दिये हैं कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ आत्मनिर्भर बनाने वाली शिक्षा का प्रबंध राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित किया जाए।
- इसमें शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को गांधीजी की मंशा के अनुरूप शिक्षा दी जाएगी।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर गांधीजी के आत्मनिर्भर ग्राम की संकल्पना को पूरा करने के लिये स्कूली बच्चों को गाँव का भ्रमण कराकर सरकार की महत्त्वाकांक्षी सूराजी गाँव योजना के तहत नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
- इससे बच्चों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ जल और मृदा संरक्षण जैसे विषयों पर जानकारी मिल सकेगी और एक आत्मनिर्भर ग्राम की कल्पना को साकार किया जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ को मिला एक और मेडिकल कॉलेज | छत्तीसगढ़ | 29 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने छत्तीसगढ़ के हृदय स्थल रायपुर में संचालित श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस को 150 सीटों के लिये लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) प्रदान कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- मेडिकल कॉलेज के रूप में मान्यता मिलने के बाद इसमें इसी वर्ष एमबीबीएस के लिये छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
- श्री बालाजी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. देवेंद्र नायक ने बताया कि अस्पताल में 1,000 बिस्तरों कि सुविधाएँ मिलेंगी।
- यह मेडिकल कॉलेज खुलने से क्षेत्र के छात्रों को अध्ययन के लिये एक नया प्लेटफॉर्म मिलेगा तथा ज़्यादा संख्या में डॉक्टर उपलब्ध होंगे, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी।
- गौरतलब है कि श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज भिलाई, मेडिकल साइंसेज रायपुर के बाद यह राज्य का तीसरा प्राइवेट मेडिकल कॉलेज है।
- श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (SBIMS) श्री बालाजी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स का एक हिस्सा है, जो 1050 बिस्तरों वाला (मध्य भारत का सबसे बड़ा निजी अस्पताल समूह) आधुनिक और अत्याधुनिक तृतीयक देखभाल केंद्र है। इसका उद्घाटन 15 फरवरी, 2009 को हुआ था।