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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Sep 2021
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

28 सितंबर, 2021 को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के 7 पोषण आहार संयंत्रों का प्रबंधकीय कार्य मध्य प्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से वापस लेकर मध्य प्रदेश राज्य आजीविका फोरम के अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपे जाने के संबंध में निर्णय के साथ ही अन्य निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि मार्च 2018 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की आँगनबाड़ियों में गर्भवती/धात्री माताओं, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों तथा किशोरी बालिकाओं के लिये टीएचआर प्रदायगी का कार्य स्व-सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा किये जाने के लिये 7 टीएचआर संयंत्रों की स्थापना का निर्णय लिया गया था। 
  • उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला, सागर, शिवपुरी एवं रीवा में संयंत्र स्थापित किये गए। इन सभी संयंत्रो से (भोपाल संभाग के ज़िले छोड़कर) प्रदेश के अन्य सभी ज़िलों में रेडी टू ईट टेकहोम राशन (टीएचआर) दिया जा रहा है। टीएचआर उत्पादन एवं प्रदायगी कार्य राज्य आजीविका फोरम द्वारा गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपा गया था।
  • मंत्रिपरिषद ने धान के विक्रय के लिये रिज़र्व प्राईज/ऑफसेट मूल्य के निर्धारण, निविदा प्रक्रिया के निर्धारण एवं नीलामी में प्राप्त दरों के अनुमोदन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया।
  • मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के विशेष संदर्भ में उनकी सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने, आवश्यक सुझाव एवं अनुशंसाएँ राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जाने के लिये गठित ‘मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग’ के गठन के  अनुसमर्थन का निर्णय लिया।
  • मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम 2019 में संशोधन का अनुमोदन किया। निर्णय अनुसार-
    • बड़े ज़िले (रेत की अधिक मात्रा) में एक-से-अधिक समूह बनाकर निविदा जारी की जाएगी। 
    • रुपए 250 एवं निविदाकृत रेत मात्रा का गुणनफल प्रांरभिक आधार मूल्य (ऑफसेट प्राइज) निर्धारित किये जाएंगे। 
    • रेत समूह की निविदा का प्रकाशन राज्यस्तर से करने के बाद निविदा (ई-टेंडर) की सभी प्रक्रियाएँ विकेंद्रीकरण कर ज़िले स्तर से करने एवं रेत ठेकेदार से अनुबंध ज़िला स्तर पर किये जाएंगे। 
    • रेत समूह के ठेके की अवधि जून 2023 नियत की जाएगी।
  • मंत्रिपरिषद ने ग्राम सतगढ़ी, भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सर्वसुविधा युक्त ‘खेल ग्राम’ का जन-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्माण का निर्णय लिया।

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भोपाल के सरकारी कॉलेज का नाम परिवर्तन

चर्चा में क्यों?

28 सितंबर, 2021 को उच्च शिक्षा विभाग ने भोपाल के शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज भेल के नाम को परिवर्तित कर ‘बाबूलाल गौड़ शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज’ कर दिया।

प्रमुख बिंदु

  • शासकीय पीजी कॉलेज, भेल (भोपाल) को 28 अगस्त, 1984 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह द्वारा स्थापित किया गया था और जनभागीदारी समिति (जेबीएस) एवं नवरत्न कंपनी ‘भेल’ द्वारा इसे प्रबंधित किया गया था। 
  • यह कॉलेज बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से संबद्ध है और इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अधिनियम, 1956 के तहत धारा 2 (एफ) और 12 (बी) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है।
  • यह राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा ‘बी++’ ग्रेड के साथ मान्यताप्राप्त है।
  • बाबूलाल गौड़ का जन्म 2 जून, 1930 को ग्राम-नौगीर, ज़िला-प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जनता समर्थित उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय विधायक चुने गए थे।
  • वे 7 मार्च, 1990 से 15 दिसंबर, 1992 तक मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसंपर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं ‘भोपाल गैस त्रासदी’ राहत मंत्री रहे। 
  • वे 4 सितंबर, 2002 से 7 दिसंबर, 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। 
  • बाबूलाल गौड़ 23 अगस्त, 2004 से 29 नवंबर, 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। वे प्रदेश के पहले नेता थे, जो 10 बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुँचे थे और सरकार में मंत्री भी रहे। 21 अगस्त, 2019 को उनका निधन हो गया था।

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