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झारखंड की पंचायतें टीबी मुक्त घोषित
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (National Tuberculosis Elimination Programme- NTEP) के तहत झारखंड की कुल 38 पंचायतों को क्षय रोग (टीबी) मुक्त घोषित किया गया है।
मुख्य बिंदु:
यह जानकारी झारखंड राज्य क्षय रोग प्रकोष्ठ और सामुदायिक स्वास्थ्य के लिये शिक्षा एवं वकालत संसाधन समूह (Resource Group for Education and Advocacy for Community Health) द्वारा घोषित की गई।
झारखंड में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) का लक्ष्य प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान और वयस्क बीसीजी टीकाकरण कार्यक्रम सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से वर्ष 2025 तक क्षय रोग (टीबी) का उन्मूलन करना है।
क्षय रोग
- परिचय
- क्षय रोग (टीबी) एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है।
- यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है।
- यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव है।
- संचरण
- टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायु के माध्यम से संचरित होती है। जब फेफड़ों की टीबी से पीड़ित व्यक्ति खाँसता, छींकता अथवा थूकता है, तो वे टीबी के कीटाणुओं को वायु में संचरित कर देते हैं।
- लक्षण
- सक्रिय फेफड़े के टीबी के सामान्य लक्षण हैं- खाँसी के साथ बलगम और कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द, कमज़ोरी, वज़न कम होना, बुखार तथा रात में पसीना आना।
- टीका
- बैसिल कैलमेट-गुएरिन (Bacille Calmette-Guérin- BCG) टीबी रोग के लिये एक टीका है।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान
- परिचय:
- यह वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन की दिशा में देश की प्रगति में तेज़ी लाने के लिये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare- MoHFW) की एक पहल है।
- उद्देश्य:
- टीबी रोगियों के उपचार परिणामों को बेहतर बनाने के लिये अतिरिक्त रोगी सहायता प्रदान करना।
- वर्ष 2025 तक टीबी को समाप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाना।
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR) गतिविधियों का लाभ उठाना।
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