प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
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स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Jul 2023
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बिहार Switch to English

बिहार में राज्य राजमार्गों के उन्नयन के लिये एडीबी और भारत सरकार द्वारा 295 मिलियन डॉलर के ऋण के समझौते पर हस्ताक्षर

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को बिहार में लगभग 265 किलोमीटर राज्य राजमार्गों को जलवायु और आपदा प्रतिरोधी डिजाइन और सड़क सुरक्षा कारकों के साथ उन्नत बनाने के लिये एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने 295 मिलियन डॉलर के ऋण के समझौते पर हस्ताक्षर किये। 

प्रमुख बिंदु  

  • बिहार सड़क परियोजना में कनेक्टिविटी और स्थिरता बढ़ाने से संबंधित इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव वुमलुनमंग वुअलनाम ने और एडीबी की ओर से भारत में एडीबी के देश निदेशक ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किये। 
  • यह परियोजना सभी राज्य राजमार्गों का मानक दो-लेन चौड़ाई में उन्नयन करने और सड़क सुरक्षा में सुधार लाने संबंधी बिहार सरकार के कार्यक्रम में सहायता करेगी। उन्नत सड़कें बिहार के कुछ सबसे गरीब ग्रामीण ज़िलों में कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं और बाज़ारों तक पहुँच को बढ़ावा देंगी। 
  • भारत में एडीबी के देश निदेशक ताकेओ कोनिशी ने कहा कि सड़कों का उन्नयन करने के अलावा, एडीबी परियोजना राज्य सड़क एजेंसी के प्रबंधन और कार्यान्वयन क्षमता को बढ़ाने के पहले के प्रयासों पर आधारित होगी और योजना, सड़क सुरक्षा और स्थिरता के लिये प्रणालियों को मज़बूती प्रदान करेगी। 
  • राज्य सड़क एजेंसी, बिहार राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड को मजबूत बनाने संबंधी पहल में सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली विकसित करना शामिल होगा, जिसमें जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम की जानकारी, पुन: प्रयोज्य और टिकाऊ सामग्री सहित सामग्रियों की जाँच को सक्षम बनाने के लिये बिहार सड़क अनुसंधान संस्थान में अनुसंधान प्रयोगशालाएँ स्थापित करना, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिये, भीड़भाड़ प्रबंधन और जलवायु अनुकूलन पर अध्ययन करना और सड़क सुरक्षा उपायों में जेंडर-समावेशी प्रथाओं के लिये दिशानिर्देश बनाना सम्मिलित होगा। 
  • निर्माण कार्यों में महिला श्रमिकों को रोजगार प्रदान करके यह परियोजना महिलाओं की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगी। परियोजना क्षेत्रों में समुदायों की महिलाओं को आजीविका के साथ-साथ सड़क सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के बारे में जागरूक बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि 2008 से एडीबी ने बिहार को लगभग 1,696 किलोमीटर राज्य राजमार्गों के उन्नयन और गंगा नदी पर एक नए पुल के निर्माण के लिये कुल 1.63 बिलियन डॉलर के पाँच ऋण प्रदान किये हैं।

राजस्थान Switch to English

‘मिशन वात्सल्य योजना’का अनुमोदन

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को बाल अधिकारिता विभाग की शासन सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने शासन सचिवालय के समिति कक्ष में आयोजित राजस्थान स्टेट चाइल्ड प्रोटक्शन सोसायटी की साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि ‘मिशन वात्सल्य योजना’का अनुमोदन किया गया है। 

प्रमुख बिंदु  

  • मिशन वात्सल्य के अंतर्गत बाल संरक्षण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण तथा बाल संरक्षण से जुड़े कानूनों एवं कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये राज्य एवं प्रत्येक ज़िला स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति का गठन किया जाएगा। 
  • बैठक में सामूहिक फोस्टर केयर, व्यक्तिगत फोस्टर केयर एवं स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम के नवीन दिशा-निर्देशों पर चर्चा कर अनुमोदन किया गया है।  
  • बाल अधिकारिता विभाग की शासन सचिव ने बताया कि उपेक्षित बालक-बालिकाओं को संस्थागत देखरेख की जगह अब पारिवारिक देखरेख के अंतर्गत पालन-पोषण देखरेख उपलब्ध हो सकेगी। राज्य सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।


राजस्थान Switch to English

देवस्थान विभाग व आईआरसीटीसी के बीच हुआ एमओयू

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को राजस्थान के देवस्थान विभाग की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना-2023 के तहत उद्योग भवन में देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत की मौजूदगी में देवस्थान विभाग एवं आईआरसीटीसी के मध्य एमओयू साइन किया गया।  

प्रमुख बिंदु 

  • देवस्थान मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप एवं उनके विजन को मूर्त रूप देते हुए यह एमओयू साइन किया गया है। इस एमओयू के साइन होने से 28 जुलाई से नेपाल के काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन हेतु जाने वाले वरिष्ठ नागरिक-नागरिकों को सुविधाएँ मुहैया कराई जाएंगी।  
  • उन्होंने बताया कि जयपुर से दिल्ली की यात्रा आईआरसीटीसी के ज़रिये बस से संपन्न होगी। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से वरिष्ठ नागरिक अपनी हवाई यात्रा शुरू करेंगे एवं काठमांडू पहुँचकर पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे।  
  • प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के सपने को राज्य सरकार रेल यात्रा एवं हवाई यात्रा के ज़रिये पूरा कर रही है। इस योजना में निरंतर नवीन तीर्थ स्थलों को भी सम्मिलित किया जा रहा है।
  • 28 जुलाई से प्रारंभ होने जा रही यह यात्रा 2 सितंबर तक चलेगी तथा प्रतिदिन 100 से अधिक वरिष्ठ नागरिक इस यात्रा पर जाएंगे। श्री गंगानगर ज़िले के 100 यात्री पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन यात्रा के लिये काठमांडू जाएंगे।  
  • इस वर्ष योजना के तहत 40000 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ स्थलों के दर्शन हेतु यात्रा करवाई जा रही है, जिसमें 36000 यात्री रेल यात्रा एवं 4000 हवाई यात्रा से दर्शन कर पाएंगे।

 


राजस्थान Switch to English

‘प्रसव वॉच’एप्लीकेशन को मिला ‘नेशनल पब्लिक हेल्थ एक्सीलेंस अवॉर्ड’

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली स्थित स्थानीय होटल में आयोजित ‘नेशनल हेल्थ टेक इनोवेशन कॉन्क्लेव’में राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग की ‘प्रसव वॉच’एप्लीकेशन को चिकित्सा के क्षेत्र में अभिनव इनोवेशन के लिये ‘नेशनल पब्लिक हेल्थ एक्सीलेंस अवॉर्ड’से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राजस्थान की ओर से यह सम्मान राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के प्रतिनिधि के रूप में आवासीय आयुक्त धीरज श्रीवास्तव और परियोजना निदेशक डॉ. तरुण चौधरी ने ग्रहण किया।  
  • उल्लेखनीय है कि राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मातृ स्वास्थ्य अनुभाग द्वारा राज्य की प्रमुख उच्च प्रसवभार वाले 360 मेडिकल इंस्टीट्यूट पर करवाए जा रहे संस्थागत प्रसवों की डिजिटलाइज क्लिनिकल केयर और मॉनिटरिंग के लिये ‘प्रसव वॉच’एप्लीकेशन संचालित की जा रही है।  
  • इसके माध्यम से इन चिकित्सा संस्थानों पर हो रहे प्रसवों के लिये की गई क्लिनिकल केयर एवं प्रॉसिजर्स की ड्यूटी स्टाफ/डॉक्टर द्वारा रियल टाइम डेटा एंट्री प्रसव कक्ष एवं पीएनसी वार्ड में उपलब्ध करवाए गए टेबलेट पर की जाती है।
  • इस एप्लीकेशन पर क्लिनिकल डेटा फीड करते समय सजेस्टीव मैसेज भी अलर्ट के रूप में संबंधित स्टाफ को रियल टाइम प्रदर्शित होते हैं, जिसमें यह शामिल होता है कि किस तरह की जटिलता होने की संभावना है एवं उसका निदान करने के लिये क्या संभावित कदम उठाए जाने हैं।


हरियाणा Switch to English

प्रदेश में संशोधित माल ढुलाई सहायता योजना अधिसूचित

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को हरियाणा सरकार ने ‘हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)- 2020’ के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में  संशोधन कर  राज्य में स्थित सभी एमएसएमई  की निर्यातक  इकाइयों के लिये संशोधित माल ढुलाई सहायता योजना अधिसूचित की है। 

प्रमुख बिंदु 

  • उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा जारी इस आशय की अधिसूचना अनुसार वैश्विक बाज़ार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के निर्यात को प्रतिस्पर्द्धी बनाने के लिये अन्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों सहित इकाई के परिसर से बंदरगाह/एयर कार्गो/ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं तक परिवहन लागत की अदायगी के लिये माल ढुलाई सब्सिडी के रूप में 25 लाख रुपए प्रदान किये जाएंगे। 
  • विनिर्माण स्थल से बंदरगाह/एयर कार्गो/सड़क मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक माल की ढुलाई पर सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत की सीमा तक माल ढुलाई सहायता, जो भी कम हो, जेडईडी प्रमाणन के स्तर के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी। 
  • थ्रस्ट सेक्टर (एचईईपी के तहत अधिसूचित) के लिये, ‘सी’और ‘डी’श्रेणी ब्लॉक में स्थित थ्रस्ट सेक्टर में लगे निर्माता निर्यातक को अधिकतम 25 लाख रुपए और थ्रस्ट सेक्टर ‘ए’और ‘बी’ श्रेणी के ब्लॉक में लगे निर्माता निर्यातक को 15 लाख रुपए तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। 
  • अन्य सभी पात्र निर्माता निर्यातक इकाइयों (नॉन-थ्रस्ट सेक्टर) के लिये, ‘सी’और ‘डी’श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को अधिकतम 20 लाख रुपए तथा ‘ए’और ‘बी’श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। 
  • नई संशोधन नीति में विनिर्माण स्थल से बंदरगाह/एयर कार्गो/सड़क मार्ग से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक ढुलाई हेतु जेडईडी गोल्ड सर्टिफाइड इकाइयों के लिये शत प्रतिशत सब्सिडी, जेडईडी सिल्वर सर्टिफाइड इकाइयों के लिये 75 प्रतिशत और जेडईडी कांस्य सर्टिफाइड इकाइयों के लिये फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत में से सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, 33  प्रतिशत सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। 
  • संशोधन के अनुसार, सभी पात्र इकाइयों के आवेदन वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर विभाग के वेब पोर्टल पर जमा करवाए जाएंगे और 10 लाख रुपए से अधिक की माल ढुलाई सब्सिडी की मंजूरी देने के लिये  महानिदेशक/निदेशक, एमएसएमई सक्षम प्राधिकारी होंगे।  
  • सेवा प्रदान समयावधि इस प्रकार होगी- 45 कार्य दिवसों में पत्र का अनुमोदन किया जाए तथा सात दिनों में ही पत्र स्वीकृत किये जाएंगे और सात दिनों में ही वितरित किये जाएंगे। 
  • योजना की लागू होने की प्रभावी तिथि 1 जुलाई, 2023 है, जिसका अर्थ है कि वास्तविक निर्यात 1 जुलाई, 2023 को या उसके बाद किया जाना चाहिये, यह उठान के बिल के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। 
  • सब्सिडी का लाभ लेने के लिये निर्धारित प्रोफार्मा में दस्तावेज़ विभाग की वेबसाइट पर वित्त वर्ष की समाप्ति से 6 महीने पहले तक अपलोड किये जा सकते हैं।  
  • ये प्रोत्साहन देने के लिये महानिदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, हरियाणा सक्षम प्राधिकारी होंगे। 
  • अधिसूचना अनुसार यदि कोई आवेदक गलत तथ्यों के आधार पर उक्त लाभ लेता पाया जाता है तो उससे 12 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज दर के साथ प्रोत्साहन राशि रिफंड करनी होगी और उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।  
  • इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की दी जाने वाले प्रोत्साहन/सहायता ग्रांट से वंचित किया जा सकता है।


झारखंड Switch to English

देवघर में ‘मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना’

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार देवघर ज़िले के ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़ने के लिये ‘मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना’को धरातल पर लाने के लिये विभागीय तैयारियाँ तेज हो गयी है।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस योजना के तहत हर दिन ज़िले की 149 पंचायतों के अंतर्गत ग्रामीण मार्गों से शहर मुख्यालय तक 22 से 42 सीटर बसें चलेंगी। 
  • ये बसें हर दिन अलग-अलग रूट मिलाकर रोजाना कुल 1533 किलोमीटर का सफर तय करेंगी। सभी प्रखंडों से अपनी-अपनी पंचायतों का रूट तय कर इसकी सूची परिवहन विभाग को सुपुर्द कर दी गई है। अब डीसी की अध्यक्षता में बैठक कर इस पर अंतिम निर्णय लेने के बाद राज्य मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा।  
  • इस योजना के शुरू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिये अब शहर आना आसान हो जाएगा। इससे लोगों को रोज़गार तो मिलेगा ही, योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को परिवहन की सुविधा का लाभ भी मिलेगा। 
  • राज्य के वरिष्ठ नागरिक, राज्य के मान्यता प्राप्त आंदोलनकारी आवेदन के पात्र होंगे। साथ ही अपनी उपज को बाज़ार तक पहुँचाने और शिक्षा व चिकित्सा के लिये शहर आने-जाने वाले भी पात्र होंगे।


छत्तीसगढ़ Switch to English

हायर सेकेंडरी के साथ आईटीआई व्यावसायिक प्रशिक्षण का छत्तीसगढ़ मॉडल पूरे देश में होगा लागू

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के स्कूलों में हायर सेकेंडरी के साथ छात्रों को आईटीआई प्रमाण पत्र प्रदान करने के लागू किये गए संयुक्त पाठ्यक्रम की तर्ज पर अब केंद्र सरकार पूरे देश में स्कूल एजुकेशन के साथ वोकेशनल ट्रेनिंग का इंटिग्रेटेड कार्यक्रम लागू करना चाहती है।  

प्रमुख बिंदु  

  • इसके लिये कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी), भारत सरकार द्वारा एक समिति गठित की गई है, यह समिति स्कूल शिक्षा के साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण के एकीकरण के लिये दिशानिर्देश तैयार करेगी।  
  • प्रशिक्षण महानिदेशालय के निदेशक द्वारा इस समिति में छत्तीसगढ़ से प्रतिनिधि नामांकित करने का अनुरोध किया गया है। 
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के चयनित हायर सेकेंडरी स्कूलों में 11वीं कक्षा में अध्ययनरत छात्र, जो साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उनके लिये स्कूलों एवं आईटीआई के समन्वय के माध्यम से स्कूली शिक्षा एवं विद्यार्थियों की रुचि का व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना प्रारंभ की गई है।   
  • प्रदेश में इस पाठ्यक्रम के तहत आई.टी.आई. की परीक्षा में सफल प्रशिक्षणार्थियों को माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ के बारहवीं बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा आई.टी.आई. का प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जा रहा है।  
  • वर्ष 2021 से 2023 के सत्र में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त करने की योजना 116 विकास खंडों के 119 स्कूलों एवं आईटीआई में प्रारंभ की गई है, जिसमें विद्यार्थियों ने आईटीआई के 10 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इससे युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिये विभिन्न कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी। योजना के तहत उद्यमिता कौशल को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है।  

उत्तराखंड Switch to English

गांवों के बच्चों को भी विज्ञान के प्रयोग करने का मिलेगा मौका, यूकॉस्ट भेजेगा मोबाइल साइंस लैब

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने बताया कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों के बच्चे भी अब विज्ञान के प्रयोग सीख सकेंगे। इसके लिये लैब्स ऑन व्हील कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है।  

प्रमुख बिंदु  

  • प्रदेश में पहली बार हर ज़िले में यूकॉस्ट की मोबाइल वैन जाएगी, जिसमें लैब का पूरा साजो-सामान होगा। 
  • विदित है कि प्रदेश में तमाम विद्यालय ऐसे हैं, जहाँ लैब्स तो हैं, लेकिन उतनी सुदृढ़ नहीं हैं, जितनी होनी चाहिये। कई जगहों पर तो बच्चे विज्ञान के प्रयोग भी नहीं कर पाते। खासतौर से आठवीं या 10वीं तक के बच्चे जो किताबें पढ़ते हैं, उनका वैज्ञानिक प्रयोग करने की व्यवस्थाएँ कमतर हैं। इस कमी को दूर करने के लिये ही यूकॉस्ट लैब्स ऑन व्हील कार्यक्रम शुरू कर रहा है। 
  • जानकारी के मुताबिक, हर ज़िले में एक मोबाइल वैन संचालित की जाएगी। इस वैन में वैज्ञानिक प्रयोगों से जुड़े हुए सभी उपकरण होंगे। एक-एक विशेषज्ञ की टीम भी साथ रहेगी। यह टीम दुर्गम क्षेत्रों तक पहुँचकर बच्चों को विज्ञान के प्रयोग सिखाएगी। विज्ञान के चमत्कार बताएगी।  
  • यूकॉस्ट का मानना है कि इससे बच्चों के भीतर वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। विज्ञान के क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिलेगी। 
  • नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) की ओर से यूकॉस्ट झाझरा के बराबर में ही 25 एकड़ भूमि पर साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है। यह अपनी तरह की सबसे अलग सिटी होगी, जिसमें जीवन के हर पहलू को विज्ञान के माध्यम से समझाया जाएगा। इस तरह की साइंस सिटी पूरे देश में चुनिंदा ही है।  
  • इसके अलावा, अल्मोड़ा में सब रीजनल साइंस सेंटर का निर्माण भी शुरू हो गया है। इसके लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पाँच करोड़ दिये हैं। इसे इसी साल से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

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एसएमएस अलर्ट
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