सालगाँव बाँध परियोजना | पीसीएस | 29 Jul 2021
चर्चा में क्यों?
28 जुलाई, 2021 को लंबे समय से प्रस्तावित माउंट आबू की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान हेतु ‘सालगाँव बाँध परियोजना’ (Salgaon Dam Project) के लिये उक्त परियोजना की नीति निर्धारण समिति द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई।
प्रमुख बिंदु
- सालगाँव बाँध परियोजना 44 साल पहले 27 लाख रुपए की अनुमानित लागत से बनना प्रस्तावित थी जबकि वर्तमान में इस परियोजना की अनुमानित लागत 250 करोड़ रुपए है।
- सालगाँव बाँध परियोजना, माउंट आबू की पेयजल समस्या के निराकरण हेतु जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा प्रस्तावित की गई है।
- चूँकि माउंट आबू अपनी जल आपूर्ति के लिये पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है, इसलिये राजस्थान सरकार ने वर्षा जल भंडारण की सुविधा के लिये सालगाँव बाँध योजना को बहुत पहले मंज़ूरी दे दी थी।
- इस परियोजना में सालगाँव बाँध का कुल जलग्रहण क्षेत्र 777.90 हेक्टेयर है और कुल भराव क्षमता अनुमानतः 155.56 मिलियन घनपुट है।
- बाँध का कुल डूब क्षेत्र 52.55 हेक्टेयर है, जिसमें से 5.96 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि है तथा 46.59 हेक्टेयर निजी एवं सरकारी भूमि है।
- उल्लेखनीय है कि माउंट आबू की वर्तमान जल परियोजनाओं में पेयजल का मुख्य स्रोत अपर कोदरा एवं लोवर कोदरा है, जिससे प्रतिवर्ष करीब 42.62 मिलियन क्यूबिक फीट (MCFT) जल उपलब्ध होता है, जबकि माउंट आबू की वर्तमान जल मांग 85.21 MCFT (स्कूल, आर्मी, टूरिस्ट की आबादी को सम्मिलित करते हुए) आँकी गई है।
निर्यातक बनो मिशन | भारतीय अर्थव्यवस्था | 29 Jul 2021
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2021 को राजस्थान में उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा द्वारा ‘निर्यातक बनो’ (Be an Exporter) मिशन की शुरुआत की गई।
- गौरतलब है कि एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स (EPI) 2020 में राजस्थान स्थलबद्ध राज्यों की श्रेणी में पहले और संपूर्ण देश में चौथे स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
मिशन के बारे में
- इस मिशन के तहत ऐसे व्यापारी एवं उत्पाद निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो निर्यात के इच्छुक हैं और अपने उत्पादों को विदेशी बाज़ार तक पहुँचाना चाहते हैं।
- उद्योग विभाग द्वारा संचालित इस मिशन में निर्यात के इच्छुक उम्मीदवार को न केवल प्रशिक्षित किया जाएगा, बल्कि निर्यात लाइसेंस प्राप्त करने में आने वाली सभी तकनीकी परेशानियों का समाधान कर उचित मार्गदर्शन भी दिया जाएगा।
- इस योजना से जुड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को निर्यात लाइसेंस दिलवाने की प्रक्रिया से लेकर पहला कंसाइनमेंट भेजने तक विभाग द्वारा सहयोग किया जाएगा।
- इस अभियान के माध्यम से राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद (REPC) के तहत पंजीकरण और सदस्यता शुल्क में छूट भी दी जाएगी।
आवश्यकता
- राज्य में निर्यात की अपार संभावनाओं को देखते हुए एवं राज्य में इच्छुक निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस अभियान को शुरू किया गया है।
योग्यता
- इस मिशन के तहत स्वामित्व, साझेदारी और कंपनी अधिनियम के अंतर्गत आने वाली फर्म एवं MSME तथा किसी भी प्रकार के उत्पाद के निर्माता एवं खुदरा व्यापारी, राज्य में कार्यरत स्वयं सहायता समूह और स्टार्टअप्स से जुड़े व्यक्ति निर्यातक बन सकते हैं।