उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कुल 23 प्रस्तावों पर लगी मुहर | उत्तर प्रदेश | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राजधानी लखनऊ स्थित लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य की नई टाउनशिप स्थापना नीति के संबंध में प्रस्ताव को पास करने के साथ- साथ कुल 23 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में उत्तर प्रदेश निजी विश्विद्यालय अधिनियम-2019 के तहत अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये मुहर लग गई है।
- बैठक में अन्य महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव, जिन पर मुहर लगी है-
- छोटे शहरों में निजी क्षेत्र के सहयोग से छोटी-छोटी कालोनियाँ लाई जाएंगी।
- 29 जून को व्यापारी कल्याण दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव।
- महात्मा बुद्ध कृषि एवं कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुशीनगर का प्रस्ताव।
- जगत गुरु राम भद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट को उत्तर प्रदेश जगत गुरु राम भद्राचार्य विकलांग राज्य विश्वविद्यालय करने का प्रस्ताव। कुलपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य आजीवन कुलाधिपति रहेंगे तथा उनके बाद राज्यपाल कुलाधिपति होंगे।
- 6 जनपदों में वायबिलिटी कैप फंड के आधार पर स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में प्रस्ताव।
- जनपद कौशांबी में इंट्रो इस्राइल एक्सीलेंस ऑफ फूड के स्थापना के लिये भूमि स्थानांतरण का प्रस्ताव।
- मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा का प्रस्ताव। इसके तहत 5 लाख तक की वित्तीय सेवा प्राप्त हो सकेगी। इसके लिये 18 से 60 साल के उद्यमी आवेदन कर सकते हैं।
- आगरा और मथुरा में हेलीकॉप्टर सेवा का प्रस्ताव।
- मथुरा चीनी मील का पुन: चलाए जाने का प्रस्ताव।
- वृक्षारोपण अभियान 2023 में प्रदेश में 35 करोड़ वृक्षारोपण किये जाने का प्रस्ताव।
आईएमएस बीएचयू ने तैयार किया हर्बल एंटीबायोटिक | उत्तर प्रदेश | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित बीएचयू के आईएमएस के आयुर्वेद संकाय ने गंभीर संक्रमण में रक्षा के लिये बेअसर रही एंटीबायोटिक के स्थान पर हर्बल एंटीबायोटिक तैयार की है।
प्रमुख बिंदु
- बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र और भैषज्यकल्पना विभाग में प्रो. आनंद चौधरी के साथ डॉ. प्रिया मोहन के नेतृत्व में पूरी टीम ने हर्बल एंटीबायोटिक तैयार की है।
- माइक्रो बायोलॉजी विभाग के लैब में जीवाणु पर इसका ट्रायल किया जा चुका है। ‘ग्राम निगेटिव’जीवाणु पर यह ज्यादा असरदार रहा है। इसके बाद दो चरण का अभी ट्रायल बाकी है। अगर इसमें कामयाबी मिलती है तो पूरी दुनिया के लिये हर्बल एंटीबायोटिक संजीवनी साबित होगी।
- बीएचयू के माइक्रोबायोलाजी लैब में दो तरह के जीवाणु को इसमें लिया गया है। ग्राम पॉजिटिव (मोटी कोशिका) और ग्राम निगेटिव (पतली कोशिका) पर इसका अलग-अलग असर देखा गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि ग्राम निगेटिव पर ज्यादा असर हुआ।
- दरसअल ग्राम-निगेटिव बैक्टीरिया एंटीबॉडी के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं। हर्बल औषधियों के इस पर असर होने से बड़ी उम्मीद जगी है।
- विदित है कि चांदी के सिलोरेक को एंटीबायोटिक माना जाता है। हर्बल एंटीबायोटिक में चांदी के भस्म के अलावा नीम, वट, गिलोय, कृष्ण तुलसी हैं।
- प्रो. आनंद चौधरी ने बताया कि अभी इसमें दो चरण में काम किया जाएगा। उम्मीद है कि एक साल में इसको फाइनल टचअप दिया जा सकेगा। इसके बाद पेटेंट के लिये पेटेंट फैसिलिटिंग सेंटर (पीएफसी) को भेजा जाएगा।
- वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि साँस नली से जुड़े इन्फेक्शन, सर्दी-जुकाम, गले में खराश, साइनस, निमोनिया के साथ ही कान, छाती दर्द की समस्या होने पर लोग खुद से इलाज शुरू कर देते हैं। लोग मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक गोलियाँ लेकर निगल लेते हैं। वे यह नहीं जानते कि उनकी तबीयत वायरस की वजह से खराब हुई है, जो अपना समय लेकर ही ठीक होगी।
- वायरल इँफेक्शन में एंटीबायोटिक्स खाने पर यह दवा ‘जहर’का काम करती है। शरीर में इँफेक्शन से लड़ने वाले गुड बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देती है। इससे खतरनाक बैक्टीरिया को शरीर पर हावी होने का मौका मिल जाता है। साथ ही, बैड बैक्टीरिया एंटीबायोटिक्स से बचने के लिये तैयार हो जाता है। फिर उस पर दवाओं का असर नहीं होता।
- आईएमएस बीएचयू के मेडिसिन विभाग के प्रो. धीरज किशोर के अनुसार बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। एंटीबायोटिक दो शब्दों ‘एंटी’और ‘बायोस’से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है ‘एंटी लाइफ।
- यानी ये दवाएँ बैक्टीरिया को नष्ट कर, उन्हें बढ़ने से रोकती हैं, लेकिन हर बीमारी की वजह बैक्टीरिया नहीं होते। ऐसे में लोग बीमार होने पर खुद से दवा लेते हैं। और ग्रामीण इलाके में झोलाछाप भी वायरल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक दे देते हैं, जो कि पूरी तरह गलत है।
- कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी-
- मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’के अनुसार, 2019 में एंटीबायोटिक का असर कम होने से दुनिया में 12.70 लाख मौतें हुईं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस वैश्विक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और विकास के लिये सबसे बड़े खतरों में से एक है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निमोनिया, टीबी और साल्मोनेलोसिस जैसे संक्रमणों की बढ़ती संख्या का इलाज करना कठिन होता जा रहा है क्योंकि उनके इलाज के लिये इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक कम प्रभावी हो जाती है।
- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने दावा किया है कि भारत में इसमें सुधार के लिये जल्द ही कदम नहीं उठाए गए तो एंटी माइक्रोबियल रजिस्टेंस निकट भविष्य में एक महामारी का रूप ले सकता है। हर साल पाँच से 10 प्रतिशत की दर से यह रेजिस्टेंस बढ़ रहा है।
बरेली में बनेगा कुत्तों पर शोध करने वाला देश का पहला कैनाइन सेंटर | उत्तर प्रदेश | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
26 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बरेली के आईवीआरआई में कुत्तों के व्यवहार और उनसे संबंधित विभिन्न बीमारियों पर अध्ययन करने के लिये जल्द ही देश का पहला कैनाइन सेंटर बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), दिल्ली ने इस एडवांस रिसर्च सेंटर फॉर कैनाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
- विदित है कि बरेली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अक्सर कुत्तों के काटने की खबर आती है। जाने-अनजाने में कई बार पालतू कुत्ते अपने मालिक पर ही आक्रामक हो जाते हैं। ऐसे में कुत्तों पर एक शोध केंद्र की आवश्यकता महसूस की गई, जिसमें उनके व्यवहार एवं बीमारियों पर शोध किया जा सके।
- आईवीआरआई बरेली ने एक डीपीआर बनाकर आईसीएआर दिल्ली को भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई है। अगले दो महीने में आईवीआरआई बरेली में इस प्रोजेक्ट के लिये भवन निर्माण और अन्य कार्य शुरू हो जाएंगे।
- आईवीआरआई बरेली के रेफरल पॉली क्लीनिक के प्रभारी डॉ. अमर पाल ने बताया कि कैनाइन सेंटर में कुत्तों की आंतरिक और बाह्य संरचना पर विस्तृत शोध किया जाएगा। साथ ही, कुत्तों में कैंसर जैसी बीमारियों पर भी शोध होगा।
- कैनाइन सेंटर में सीटी स्कैन, एमआरआई, ट्यूमर, रेडियोथेरेपी, हाईटेक पैथोलॉजी आदि की सुविधाएँ होंगी। सेंटर का मुख्य केंद्र आईवीआरआई होगा और इसके तीन सब-सेंटर भी बनाए जाएंगे।
- आईवीआरआई बरेली के डायरेक्टर डॉ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि यह सेंटर सभी सुविधाओं से परिपूर्ण होगा। यहाँ कुत्तों के ब्रीड से लेकर उनकी बीमारियों और वैक्सीन आदि पर काम होगा।
‘डायल फ्यूचर’ | राजस्थान | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही भावी पीढ़ी के सुनहरे भविष्य की राह तैयार करने के लिये एक अनूठी पहल करते हुए ‘डायल फ्यूचर’(भविष्य की राह) कार्यक्रम की शुरुआत की है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि डायल फ्यूचर और फ्यूचर स्टेप्स (भविष्य की राह) इनीशिएटिव के तहत राज्य के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों से एक-एक शिक्षक का पथ प्रदर्शक के रूप में चयन किया गया है जो स्कूल में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले बच्चों का संकाय चयन में मार्गदर्शन एवं करियर काउंसलिंग करेंगे।
- साथ ही, पूरे प्रदेश को 4 ज़ोन जयपुर ज़ोन (जयपुर एवं भरतपुर संभाग), कोटा ज़ोन (कोटा एवं उदयपुर संभाग), जोधपुर ज़ोन (जोधपुर एवं पाली संभाग), तथा बीकानेर ज़ोन (बीकानेर, चूरू एवं अजमेर संभाग) में बाँटकर 20 हेल्प डेस्क नंबर जारी किये गए हैं।
- इसके अलावा यूट्यूब पर करियर काउंसलिंग से संबंधित एक विस्तृत वीडियो तैयार कर जारी किया गया है।
- शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बीकानेर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम के लोगो, ब्रोशर, बुकलेट और वीडियो का विमोचन किया।
- प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 15 हज़ार से अधिक पथ प्रदर्शक शिक्षक एवं विभाग के 500 से अधिक अधिकारी वीडियो कांफ्रेंस के जरिये कार्यक्रम से जुड़े।
- इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 26 जून से प्रारंभ हुए नए शैक्षणिक सत्र के साथ ही ड्रॉप आउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिये स्कूल चलो अभियान (प्रवेशोत्सव) चलाया जा रहा है और अब 28 जून से 5 अप्रैल तक दसवीं पास करने वाले बच्चों का विषय चयन में मार्गदर्शन किया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि पथ प्रदर्शक शिक्षक बच्चों को सही संकाय चयन के साथ दसवीं के बाद व्यवसायिक शिक्षा की भी जानकारी देंगें, जिससे वे कार्यशील जनसंख्या का हिस्सा बन सकेंगे।
- इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों के कैरियर चयन की राह आसान होगी। विद्यार्थियों को कला, वाणिज्य एवं विज्ञान के अलावा ललित कला, संगीत, साहित्य, व्यवसायिक प्रशिक्षण, तकनीकी प्रशिक्षण की जानकारी भी दी जाएगी।
- ‘डायल फ्यूचर’कार्यक्रम में संकाय चयन में मार्गदर्शन देने के साथ ही निकटतम विद्यालय की भी जानकारी दी जाएगी।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से इसी सत्र में लगभग 9 लाख विद्यार्थियों के कॅरियर की राह को उज्ज्वल बनाने के लिये माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर, राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी), उदयपुर के साथ शिक्षा विभाग ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कोयम्बटूर में राजस्थानी संघ भवन का उद्घाटन किया | राजस्थान | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने राजस्थानी संघ के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में तमिलनाडु राज्य के कोयम्बटूर ज़िले में नवनिर्मित राजस्थानी संघ भवन का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने बताया कि यह भवन कोयम्बटूर ज़िले में रह रहे आमजन के लिये उपयोगी सिद्ध होगा। भवन निर्माण से शहर में रह रहे राजस्थानी प्रवासियों और यात्रा कर रहे राजस्थानियों को घर से दूर घर जैसा वातावरण मिल सकेगा।
- विदित है कि राजस्थान फाउंडेशन आयुक्त धीरज श्रीवास्तव निरंतर देश-विदेश में प्रवासी राजस्थानियों के लिये बेहतर कार्य कर रहे हैं।
- इस भवन के निर्माण से कोयम्बटूर शहर में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। साथ ही, राजस्थानी कला और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम, प्रदर्शनी भी आयोजित हो सकेंगी, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल सकेगा।
राजस्थान का एक स्टार्ट-अप यूथ को:लैब नेशनल इनोवेशन डायलॉग 2022 में विजेता बना | राजस्थान | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को राजस्थान के जयपुर के आकाशदीय बंसल के स्टार्ट-अप को यूथ को:लैब नेशनल इनोवेशन डायलॉग इंडिया के 5वें संस्करण में विजेता घोषित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि कृषि, एड-टेक, महिलाओं की आजीविका, चक्रीय अर्थव्यवस्था और जैव विविधता में काम करने वाले 9 भारतीय राज्यों के बारह शीर्ष स्टार्ट-अप को यूथ को:लैब नेशनल इनोवेशन डायलॉग इंडिया के 5वें संस्करण में विजेता घोषित किया गया।
- विषयवस्तु ‘युवाओं के लिये डिजिटल और वित्तीय साक्षरता’के अंतर्गत राजस्थान के आकाशदीप बंसल के स्टार्ट-अप ‘एडुबिल्ड - युवाओं के लिये प्रयोग’को विजेता घोषित किया गया।
- प्रत्येक विषयगत क्षेत्र के विजेताओं को 5,000 डॉलर का सीड ग्रांट प्राप्त हुए; जबकि उपविजेता को 3,000 डॉलर प्राप्त हुए हैं। यह वित्त पोषण विजेताओं को अपने विचारों को मूर्त उत्पादों या सेवाओं में ढालने में मदद करेगा।
- विदित है कि यूथ को:लैब इंडिया 2022-23 ने 6 विषयगत क्षेत्रों- युवाओं के लिये डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, जेंडर समानता और महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण, जैव विविधता संरक्षण पर केंद्रित फिनटेक समाधान विकसित करना, वित्त में प्रौद्योगिकियों के समाधानों के माध्यम से जैव विविधता के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना, अपसाइक्लिंग नवोन्मेषणों के माध्यम से चक्रीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाना और लाइफ (पर्यावरण के लिये जीवन शैली) के लिये व्यवहारिक सुझाव पर ध्यान केंद्रित किया।
- यूथ को:लैब को 2019 में नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के साथ साझेदारी में भारत में लॉन्च किया गया था। वर्ष 2022-23 के संस्करण में देश भर के 28 राज्यों से 378 आवेदन प्राप्त हुए।
- आवेदनों में से 47 चयनित स्टार्ट-अप को एसडीजी इनोवेटर्स के लिये एक स्टार्ट-अप सपोर्ट प्लेटफॉर्म यूथ को:लैब स्प्रिंगबोर्ड प्रोग्राम के माध्यम से दो महीने के लिये विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष परामर्श और क्षमता-निर्माण सत्र आयोजित किये गए। इन स्टार्ट-अप्स ने इसके बाद मई 2023 में एक प्रतिष्ठित जूरी के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसमें से 12 विजेताओं का चयन किया गया।
- अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के बारे में:
- स्व-रोज़गार और प्रतिभा उपयोग (सेतु) सहित एआईएम नवोन्मेषण और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने का भारत सरकार का प्रयास है।
- इसका उद्देश्य विशेष रूप से प्रौद्योगिकी-संचालित क्षेत्रों में विश्व स्तरीय नवोन्मेषण केंद्रों, बड़ी चुनौतियों, स्टार्ट-अप व्यवसायों और अन्य स्व-रोज़गार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये एक मंच के रूप में कार्य करना है।
- यूएनडीपी इंडिया के बारे में:
- यूएनडीपी ने 1951 से भारत में मानव विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में काम किया है, जिसमें प्रणाली और संस्थागत मजबूती से लेकर समावेशी विकास और स्थायी आजीविका के साथ-साथ टिकाऊ ऊर्जा, पर्यावरण और लचीलापन शामिल है।
- यूएनडीपी के कार्यक्रम भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ उत्प्रेरक परिवर्तन के वैश्विक विजन को पूरी तरह से समेकित करते हैं। लगभग हर राज्य में 30 से अधिक परियोजनाओं के साथ, यूएनडीपी इंडिया अलग तरीके से विकास करने के लिये पारंपरिक मॉडलों को रूपांतरित कर सतत् विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के लिये काम करता है।
- सिटी फाउंडेशन के बारे में:
- सिटी फाउंडेशन विश्व में कम आय वाले समुदायों में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये काम करता है। यह ऐसे प्रयासों में निवेश करते हैं जो वित्तीय समावेशन को बढ़ाते हैं, युवाओं के लिये रोज़गार के अवसरों को उत्प्रेरित करते हैं और आर्थिक रूप से जीवंत समुदायों के निर्माण के लिये नए दृष्टिकोण की कल्पना करते हैं।
- सिटी फाउंडेशन का ‘परोपकार से भी अधिक’दृष्टिकोण मिशन को पूरा करने और विचार नेतृत्व और नवोन्मेषण को आगे बढ़ाने के लिये सिटी और उसके लोगों की प्रचुर विशेषज्ञता का लाभ उठाता है।
- यूथ को:लैब के बारे में:
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और सिटी फाउंडेशन द्वारा 2017 में सह-निर्मित, यूथ को:लैब का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिये युवाओं को सशक्त बनाने और उनमें निवेश करने के लिये एक साझा एजेंडा स्थापित करना है ताकि वे नेतृत्व, सामाजिक नवोन्मेषण और उद्यमिता के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) के कार्यान्वयन में तेजी ला सकें।
- 2017 से यूथ को:लैब ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 28 देशों और क्षेत्रों में युवा आकांक्षी और प्रेरक सामाजिक उद्यमियों की सहायता की है।
मुरैना के कुलदीप दंडोतिया ने एशियन पेसिफिक पावर लिफ्टिंग एंड बेंच प्रेस चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक | मध्य प्रदेश | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को हांगकांग में चल रही एशियन पेसिफिक पावर लिफ्टिंग एंड बेंच प्रेस चैंपियनशिप में मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले के पावर लिफ्टर कुलदीप दंडोतिया ने स्वर्ण पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- हांगकांग में चल रही इस प्रतियोगिता में कुलदीप दंडोतिया ने जूनियर वेट कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक जीता है।
- हांगकांग के क्वीन एलिजाबेथ स्टेडियम में कुलदीप दंडौतिया ने 120 किग्रा. प्लस जूनियर कैटेगिरी के तीन राउंड में क्रमश: 95 किग्रा., 105 किग्रा. और 115 किग्रा. वेट उठाकर गोल्ड मेडल जीता, जबकि साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी 107.5 किग्रा. व न्यूजीलैंड के खिलाड़ी 102.5 किग्रा. वेट उठाकर क्रमश: दूसरे व तीसरे नंबर पर रहे।
- मुरैना ज़िले के देवरी गाँव के रहने वाले पावर लिफ्टिंग खिलाड़ी कुलदीप दंडोतिया ने अभी हाल ही में 17 से 27 मई तक साउथ अफ्रीका के सन सिटी शहर में विश्व बेंच प्रेस चैंपियनशिप प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था।
झज्जर में शुरू होगी लवणता निवारण की परियोजना | हरियाणा | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को हरियाणा के सिंचाई और जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने बताया कि राज्य सरकार झज्जर ज़िले के बेरी ब्लॉक में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग से लवणता निवारण की एक परियोजना शुरू करने जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- इंजीनियर-इन-चीफ ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने जलभृत लवणता के इन-सीटू उपचार के लिये ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग किया है।
- हरियाणा सरकार ने बेरी ब्लॉक में लवणता निवारण की परियोजना तैयार करने के लिये भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग (आईएसी) के तहत एक कार्य समूह का गठन किया है, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
- सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बिजेंद्र सिंह नारा को कार्य समूह का अध्यक्ष नामित किया गया है।
- कार्य समूह और भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग की यात्रा निकट भविष्य में निर्धारित होने की योजना है।
राँची में पहली बार सी-20 चौपाल का आयोजन | झारखंड | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार सिटीजंस फाउंडेशन और सेवा इंटरनेशनल की ओर से झारखंड की राजधानी राँची में पहली बार सी-20 चौपाल कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें सेवा, सेवा की भावना, परोपकार और स्वयं सेवकवाद विषय के कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम में झारखंड में कार्यरत विभिन्न समाजिक संगठनों के संचालक तथा समाजसेवी, सिविल सोसाइटी संगठन के प्रतिनिधि, कॉरपोरेट कंपनियों के सीएसआर प्रमुख तथा शैक्षणिक संस्थानों के महत्त्वपूर्ण स्कॉलरों ने भाग लिया।
- तीन सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन मुक्ति मिशन की फाउंडर रश्मि साहा ने किया, जिसमें बतौर पैनलिस्ट सिनी झारखंड की स्टेट प्रोग्राम मैनेजर तनवी झा, पालोना संस्था की फाउंडर मोनिका आर्या, एएफसी इंडिया लिमिटेड की राज्य परियोजना निदेशक रिचा चौधरी ने ‘सेवा की भावना’विषय पर विस्तार से चर्चा की और सामान्य जीवन पर इसके प्रभाव तथा सामाजिक महत्त्व के बारे में बताया।
- इसी तरह दूसरे सत्र में लाइव सेवर्स, राँची के फाउंडर और समाजसेवी अतुल गेरा, राइज अप के फाउंडर ऋषभ आनंद तथा केजीवीके संस्था के संचिव डॉ. अरविंद सहाय ने बतौर पैनलिस्ट संयुक्त रूप से भाग लिया और ‘सामाजिक विकास के क्षेत्र में स्वयंसेवा की भावना’ विषय पर विचार रखे।
- सामजिक स्तर पर स्वयंसेवा क्यों महत्त्पूर्ण है और इसके क्या-क्या सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, इस पर भी चर्चा हुई। इस सत्र का संचालन राजीव गुप्ता ने किया।
- सी-20 चौपाल कार्यक्रम के अंतिम और विशेष सत्र संचालक संगीत नाटक अकादमी (भारत) के सदस्य एवं लोक और जनजातीय कला के सलाहकार नंदलाल नायक ने किया, जिसमें पैनलिस्ट के रूप में उषा मार्टिन के सीएसआर हेड डॉ. मयंक मुरारी, पारस अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय कुमार तथा आइलिड एचआर की फाउंडर तथा एचआर कंसल्टेंट कनिका मल्होत्रा ने ‘सामुदायिक परोपकार’विषय पर विस्तार से चर्चा की।
- कार्यक्रम के समापन सत्र के दौरान सिटीजन फाउंडेशन के सीइओ गणेश रेड्डी ने कहा कि ऐसे सामाजिक हितों के कार्यक्रमों से राज्यहित से जुड़ी कई योजनाओं के सफल संचालन में मदद मिलती है।
देश के आकांक्षी ज़िलों में नारायणपुर को मिला दूसरा स्थान | छत्तीसगढ़ | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जल जीवन सर्वेक्षण 2023 में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले ने देश के 43 आकांक्षी ज़िलों में दूसरा स्थान हासिल किया है।
प्रमुख बिंदु
- नारायणपुर ज़िले को यह गौरवपूर्ण रैंकिंग बीते छह माह के दौरान जल जीवन मिशन के कार्यों का बेहतरीन क्रियान्वयन के लिये मिली है।
- गौरतलब है कि एक अक्टूबर 2022 से 31 मार्च, 2023 तक हुए जल-जीवन सर्वेक्षण 2023 में नारायणपुर को देश के आकांक्षी ज़िलों में दूसरा स्थान मिला है।
- विदित है कि जल जीवन मिशन में छत्तीसगढ़ राज्य की उल्लेखनीय प्रगति की सराहना पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार ने की है।
- बीते एक पखवाड़े में एक लाख 27 हज़ार से अधिक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय किये जाने की उल्लेखनीय उपलब्धि भी छत्तीसगढ़ ने हासिल की है।
- गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में 25 लाख 11 हज़ार 850 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है जो कि घरेलू नल कनेक्शन दिये जाने के लक्ष्य का 50.13 प्रतिशत है।
- अब तक छत्तीसगढ़ राज्य के 556 गाँवों के शत-प्रतिशत परिवारों को भी घरेलू नल कनेक्शन दिया जा चुका है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत कुल 50 लाख 10 हज़ार 499 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्रदाय किये जाने का लक्ष्य है।
टिहरी गढ़वाल में जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की तीसरी बैठक संपन्न | उत्तराखंड | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर में तीन दिवसीय जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप (आईडब्ल्यूजी) की तीसरी बैठक संपन्न हुई।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की अगली और आखिरी बैठक 19-20 सितंबर, 2023 को खजुराहो (मध्य प्रदेश) में आयोजित होगी।
- उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय आईडब्ल्यूजी बैठक 26 जून को टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर स्थित होटल वेस्टिन रिजॉर्ट में शुरू हुई थी, जिसमें जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लगभग 63 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- बैठक में पहले दिन भविष्य के शहरों के मूलभूत ढाँचागत विकास पर चर्चा की गई।
- एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक, एआईआईबी की ओर से आयोजित रहने योग्य शहर बनाने पर उच्च स्तरीय सेमिनार में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भविष्य के शहरों में निजी निवेश को बढ़ाने, नीतियों को सरल बनाने और मजबूत ढाँचागत विकास को बढ़ावा देने के विषयों पर चर्चा की।
- इसके अलावा प्राकृतिक चुनौतियों से लड़ने के लिये आपसी सामंजस्य पर बल दिया।
- बैठक के दूसरे दिन पहले सत्र में समावेशी शहरों को सक्षम बनाने, पहुँच बढ़ाने और शहरी सेवाओं में अवसर विषय पर चर्चा की गई। इसमें प्रतिनिधियों ने बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचा निवेश संकेतक लागू करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
- अंतिम दिन आयोजित इस बैठक में दो सत्रों में प्रतिनिधियों ने शहरी प्रशासन की क्षमताओं को बढ़ाने के ढाँचे के साथ-साथ 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा में उल्लेखित एक और महत्त्वपूर्ण कार्यधारा पर चर्चा की।
- इस सत्र में जी-20 देशों के बुनियादी ढाँचे के बजट आवंटन का विश्लेषण भी किया गया तथा जी-20 की ओर से निर्धारित क्यूआईआई संकेतक पर विस्तृत चर्चा हुई।
- इसके अलावा, केंद्र सरकार के नागरिक विमानन मंत्रालय की ओर से ‘भारत को एमआरओ हब बनाने पर गोलमेज सम्मेलन’आयोजित किया गया।
- तीन दिन विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा को सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने सार्थक बताया, जिसमें प्रेसीडेंसी ने स्पष्ट रूप से परिभाषित परिणामों की रूपरेखा तैयार की।
प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थापित होंगे वेदर स्टेशन | उत्तराखंड | 29 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) चंडीगढ़ वेदर स्टेशन स्थापित करेगा, जिसका खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
प्रमुख बिंदु
- उत्तरकाशी में हिमस्खलन की घटना से सबक लेने के बाद हिमालय के सीमांत क्षेत्रों में भी वेदर स्टेशन स्थापित किये जाने का फैसला लिया गया है।
- इससे हिमस्खलन होने से पहले ही इसके संकेत मिल जाएंगे। इसके लिये उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 74 वेदर स्टेशन स्थापित किये जाएंगे।
- विदित है कि जलवायु परिवर्तन के चलते बीते कुछ सालों में उत्तराखंड में हिमस्खलन की घटनाएँ बढ़ी हैं। यह बेहद खतरनाक पैटर्न है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में बड़ी चिंता की वजह बना हुआ है।
- बीते वर्ष अक्तूबर में उत्तरकाशी ज़िले में उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिये निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही डोकराणी बामक ग्लेशियर में हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। इनमें से 27 की मौत हो गई थी।
- हालाँकि प्रदेश में हिमस्खलन के कारण मौतों की यह पहली घटना नहीं थी, इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं में कई बार जान-माल की हानि हुई है, लेकिन इस घटना से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा प्रबधंन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) को इस दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये थे।
- यूएसडीएमए के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मौसम संबंधी जो डाटा हमें प्राप्त हो रहा है, उसमें हिमस्खलन जैसी घटनाओं की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। इसलिये उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमस्खलन को ध्यान में रखते हुए अलग से वेदर स्टेशन स्थापित करने का फैसला लिया गया है। ताकि सटीक आँकड़ों के साथ अलर्ट जारी किया जा सके। यह स्टेशन कहाँ-कहाँ स्थापित किये जाएंगे, सुरक्षा की दृष्टि से इसका खुलासा नहीं किया गया है।
- उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने की दिशा में यह बहुत बड़ा कदम है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वेदर स्टेशन स्थापित होने के बाद हमें सटीक आँकड़े प्राप्त हो पाएंगे, जिससे सही समय पर अलर्ट जारी कर जान माल के नुकसान को कम किया जा सकेगा।
- वर्ष 2000 के बाद उत्तराखंड में हिमस्खलन की प्रमुख घटनाएँ:
- वर्ष 2022 में उत्तरकाशी में डोकराणी बामक ग्लेशियर में हिमस्खलन की चपेट में आने से 27 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की मौत।
- वर्ष 2021 में त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आए नौसेना के पाँच पर्वतारोहियों सहित छह की मौत।
- वर्ष 2021 में लंखागा दर्रे में हिमस्खलन से नौ पर्यटकों की मौत।
- वर्ष 2019 में नंदादेवी चोटी के आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से चार विदेशी पर्वतारोही सहित आठ की मौत।
- वर्ष 2016 में शिवलिंग चोटी पर दो विदेशी पर्वतारोहियों की मौत।
- वर्ष 2012 में सतोपंथ ग्लेशियर पर क्रेवास में गिरकर आस्ट्रेलिया के एक पर्वतारोही की मौत।
- वर्ष 2012 में वासुकीताल के पास हिमस्खलन से बंगाल के पाँच पर्यटकों की मौत।
- वर्ष 2008 में कालिंदीपास में हिमस्खलन से बंगाल के तीन पर्वतारोही और पांच पोर्टर की मौत।
- वर्ष 2005 में सतोपंथ चोटी पर आरोहण के दौरान हिमस्खलन से सेना के एक पर्वतारोही की मौत।
- वर्ष 2005 में चौखंभा में हिमस्खलन से पाँच पर्वतारोहियों की मौत।
- वर्ष 2004 में कालिंदीपास में हिमस्खलन से चार पर्वतरोहियों की मौत।
- वर्ष 2004 में गंगोत्री-टू चोटी में हिमस्खलन से बंगाल के चार पर्वतारोहियों की मौत।