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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Jun 2022
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पश्चिमी सिंहभूम में पहली बार बहु-कौशल केंद्र के लिये समझौता ज्ञापन

चर्चा में क्यों?

27 जून, 2022 को पश्चिमी सिंहभूम ज़िला प्रशासन और टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) के बीच बहु-कौशल केंद्र की स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु

  • इस समझौते पर अनन्या मित्तल (आईएएस), (उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम) और सौरव रॉय (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टाटा स्टील फाउंडेशन) ने हस्ताक्षर किये।
  • यह केंद्र क्षमता निर्माण और इस क्षेत्र में मुख्यरूप से आदिवासी समुदायों के युवाओं के बीच रोज़गार सृजन तथा उद्यमिता के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का एक बहु सेट प्रदान करेगा।
  • टाटा स्टील फाउंडेशन केंद्र के नियमित रखरखाव के साथ ही प्रारंभिक बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने का कार्यभार संभालेगा। इसके अलावा प्रशिक्षण भागीदारों, प्रशिक्षकों और उपकरणों की व्यवस्था को भी टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया जाएगा।
  • केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को ध्यान में रखते हुए यह केंद्र आपूर्ति श्रृंखला में गोदाम पैकेजिंग, ऑटो सेवा तकनीशियन, सहायक तकनीशियन और मोबाइल असेंबली सहित चार पाठ्यक्रमों के साथ शुरू होगा। ये सभी तीन-छह महीने के पाठ्यक्रम हैं।
  • इस तरह के कार्यक्रमों को कौशल विकास पर सार्थक विकल्पों के साथ सबसे कमज़ोर पृष्ठभूमि के युवाओं तक पहुँचने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जो आय सृजन के माध्यम से एक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करेगा।
  • एक बार तैयार हो जाने पर यह केंद्र बहुत सारे युवाओं के लिये रोज़गार सुनिश्चित करेगा, जो प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और अंतत: देश भर के औद्योगिक क्षेत्रों में कुशल कर्मचारियों की मांग को पूरा करने में योगदान देंगे।

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KMEH बना रेटिना सर्जरी के लिये राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण संस्थान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राँची स्थित कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल को देश के राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा विट्रो रेटिनल सर्जरी में फेलोशिप अध्ययन के लिये मान्यता दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही यह पूर्वी भारत में रेटिना सर्जरी के लिये एकमात्र राष्ट्रीय स्तर पर मान्यताप्राप्त प्रशिक्षण संस्थान बन गया है।
  • राज्य में रेटिना सर्जरी की पहल का श्रेय भी कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल को ही जाता है। अस्पताल का रेटिना विभाग डॉ. विभूति कश्यप की देखरेख में चलाया जाता है, जो एम्स में प्रशिक्षित डबल एफ.आर.सी.एस. रेटिनल सर्जन हैं।
  • इस अस्पताल में राज्य के सबसे ज़्यादा नेत्रहीन मरीज़ ठीक हुए हैं। आँखों की रेटिना की सर्जरी को आँखों की सबसे जटिल सर्जरी माना जाता है। यह आँखों का सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन है।
  • तीन साल पहले बिहार के झारखंड के कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल में ही पहली बार रेटिना और आँखों की नसों की इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी जाँच की सुविधा भी शुरू की गई थी। यह परीक्षण वर्तमान में केवल कश्यप मेमोरियल नेत्र अस्पताल में उपलब्ध है।
  • यह दिल के ईसीजी की तरह है और इस टेस्ट में किसी डाई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह परीक्षण हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, मधुमेह और रक्तचाप के रोगियों के लिये बहुत सुरक्षित है।

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