उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने डाटा सेंटर नीति के तहत चार निवेश प्रस्तावों को दी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में डाटा स्टोरेज को स्थानीयकृत करने हेतु ‘उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर पॉलिसी-2021’ के तहत डाटा पार्कों की स्थापना के लिये प्रोत्साहन के संबंध में चार निवेश प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट के इस फैसले से राज्य को डाटा स्टोरेज में ‘आत्मनिर्भर’ बनने की दिशा में बढ़ावा मिलने के साथ ही उत्तर प्रदेश में डाटा सेंटर पार्कों के विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस कदम से राज्य में कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा।
- डाटा सेंटरों के महत्त्व को देखते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में ‘डाटा सेंटर पॉलिसी-2021’ तैयार की थी। नीति के तहत विभिन्न वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन दिये गए हैं।
- हाल ही में राज्य में आयोजित ग्राउंडब्रेकिंग समारोह में 80,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 20,000 करोड़ रुपए डाटा केंद्रों की स्थापना के लिये थे।
- राज्य में 15,950 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से चार डाटा सेंटर पार्कों की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। इनमें से हीरानंदानी ग्रुप की एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 9134.90 करोड़ रुपए, एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स और जापान की क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1,687 करोड़ रुपए तथा अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा 2,414 करोड़ रुपए और 2713 करोड़ रुपए की दो परियोजनाएँ शामिल हैं।
- गौरतलब है कि आईटी सेक्टर में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्रों को ‘इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन’ घोषित किया है। नतीजतन, चीन, ताइवान और कोरिया की कई प्रतिष्ठित कंपनियाँ अपनी इकाइयाँ स्थापित करने के लिये आगे आई हैं।
बिहार Switch to English
बिहार के दो लाख आईटीआई छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को बिहार के श्रम संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र मिश्रा द्वारा निजी आईटीआई के लगभग दो लाख छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ देने के संबंध में आदेश जारी किया गया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र सरकार के आदेश के बाद राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी नहीं होने के कारण आईटीआई छात्र छात्रवृत्ति से वंचित थे। इसी पर बिहार सरकार ने संज्ञान लेते हुए निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (प्राइवेट आईटीआई) में पढ़ रहे बिहार के दो लाख आईटीआई छात्रों को अब छात्रवृत्ति का लाभ मिलने की घोषणा की है।
- राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट आईटीआई में पढ़ रहे दो लाख विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि इंजीनियरिंग ट्रेड में पढ़ने वाले छात्रों को 10,400 रुपए और नॉन-इंजीनियरिंग छात्रों को 8,480 रुपए छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस शुल्क की बाकी रकम छात्रवृत्ति के तौर पर केंद्र सरकार की ओर से वहन की जाएगी।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आईटीआई के इंजीनियरिंग व गैर-इंजीनियरिंग छात्रों के लिये वार्षिक प्रशिक्षण शुल्क तय किया है। इसके तहत इंजीनियरिंग ट्रेड के लिये 26 हज़ार रुपए और गैर-इंजीनियरिंग के लिये 21 हज़ार 200 रुपए तय किया गया है।
- वर्ष 2024 से पाँच फीसदी की दर से प्रतिवर्ष एक समान वृद्धि अनुमन्य होगी। पाँच साल बाद प्रशिक्षण महानिदेशालय की ओर से शुल्क संरचना की समीक्षा की जाएगी।
- सरकार का यह आदेश जारी होते ही राज्य के सभी प्राइवेट आईटीआई में पढ़ने वाले छात्रों को सत्र 2022-23 से उपरोक्त शुल्क देना होगा।
राजस्थान Switch to English
फेस्टिवल ऑफ इनोवेशंस एंड टेक्नोलॉजीज ऑफ राजस्थान
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा की अध्यक्षता में हुई स्टेट इनोवेशन काउंसिल की समिति की बैठक में राज्य में प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को वर्ल्ड क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन डे के अवसर पर ‘फेस्टिवल ऑफ इनोवेशंस एंड टेक्नोलॉजीज ऑफ राजस्थान’ आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में नवाचारों को बढ़ावा देने और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शो-केस करने के उद्देश्य से प्रदेश के ज़िलों में होने वाले सर्वश्रेष्ठ नवाचारों को हर वर्ष 15 अगस्त एवं 26 जनवरी पर सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया।
- मुख्य सचिव ने राज्य में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिये समुचित बजट उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये।
- ज़िलों में नवाचारों को प्रोत्साहित करने तथा श्रेष्ठ नवाचारों को चिह्नित करने के लिये पत्र भी लिखा गया है, ताकि प्रदेश इनोवेशन के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ सके।
- गौरतलब है कि राज्य में कृषि, पशुपालन, शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में नवाचारों की काफी संभावनाएँ मौज़ूद हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में दो नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की सैद्धांतिक स्वीकृति के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं आगामी वित्तीय वर्षों के लिये मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद हेतु निर्धारित वार्षिक सीमा 150 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए करने का अनुमोदन किया गया।
- मंत्रिपरिषद ने विधायक निधि अंतर्गत विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना (पूंजीगत) को 1 करोड़ 85 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ 50 लाख रुपए तथा विधायक स्वेच्छानुदान योजना में 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने का निर्णय लिया।
- मंत्रिपरिषद ने ज़िला सीहोर स्थित बुदनी तहसील में 100 एम.बी.बी.एस. सीट प्रवेश क्षमता का चिकित्सा महाविद्यालय तथा 500 बिस्तर संबद्ध अस्पताल स्थापित करने के साथ नर्स़िग पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का नर्स़िग महाविद्यालय तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का पैरामेडिकल महाविद्यालय स्थापित करने की सैद्धांतिक सहमति दी।
- इसी प्रकार उज्जैन में नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के लिये स्नातक पाठ्यक्रम की 100 सीटों में वृद्धि करने के उद्देश्य से मंत्रिपरिषद ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की।
- मंत्रिपरिषद ने मुरैना में रूरल टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित करने को मंज़ूरी दी।
- मंत्रिपरिषद ने जबलपुर ज़िले की छीताखुदरी मध्यम सिंचाई परियोजना, लागत राशि 434 करोड़ 21 लाख रुपए सैंच्य क्षेत्र 16 हज़ार 875 हेक्टेयर और कुण्डालिया बहुउद्देशीय वृहत् सिंचाई परियोजना ज़िला राजगढ़ लागत राशि 4614 करोड़ 73 लाख रुपए सैंच्य क्षेत्र 1 लाख 39 हज़ार 600 हेक्टेयर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
- मंत्रिपरिषद द्वारा कुण्डू टास्कफोर्स समिति की अनुशंसा पर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की तर्ज़ पर राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन का निर्णय लिया गया। प्रदेश में सांख्यिकी प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिये अनुशंसाएँ प्रस्तुत करने के लिये कुण्डू टास्कफोर्स गठित की गई थी। आयोग के अध्यक्ष प्रख्यात सांख्यिकी विशेषज्ञ होंगे, जिन्हें इस क्षेत्र में 20 वर्ष का अनुभव होगा। आयोग में 1 सदस्य राज्य सरकार नामित करेगी और अधिकतम 6 सदस्य विषय-विशेषज्ञ के रूप में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में पैक्स का होगा डिजिटलीकरण
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा के सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) का डिजिटलीकरण करने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव ने बताया कि डिजिटलीकरण के तहत 31 अगस्त, 2022 तक राज्य के 307 पैक्स पूरी तरह कंप्यूटरीकृत हो जाएंगे। कंप्यूटरीकृत होने के बाद कार्यों के सुचारू संचालन हेतु पैक्स के कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा।
- पैक्स को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने, लेखांकन, लोन एवं एडवांस जैसी गतिविधियों को डिजिटलकृत करने के लिये ही राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है, ताकि पैक्स की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित होने के साथ-साथ कार्य सुगमता से हो सके।
- संजीव कौशल ने बताया कि सीबीएस नेटवर्क के अंतर्गत तैयार विशेष मॉड्यूल के तहत पैक्स में पायलट आधार पर कंप्यूटरीकृत करने का कार्य किया जा रहा है, जो अंतिम चरण में है। आगामी दिनों में पैक्स का विशेष मॉड्यूल के साथ एकीकरण कर दिया जाएगा।
- इसके अलावा, हरको बैंक और पैक्स को एक सिंगल सॉफ्टवेयर तथा नेटवर्क के साथ एकीकृत करने के लिये तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है। आगामी प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करते हुए नवंबर माह तक प्रदेश के सभी पैक्स पूरी तरह कंप्यूटरीकृत हो जाएंगे।
झारखंड Switch to English
पश्चिमी सिंहभूम में पहली बार बहु-कौशल केंद्र के लिये समझौता ज्ञापन
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को पश्चिमी सिंहभूम ज़िला प्रशासन और टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) के बीच बहु-कौशल केंद्र की स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस समझौते पर अनन्या मित्तल (आईएएस), (उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम) और सौरव रॉय (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टाटा स्टील फाउंडेशन) ने हस्ताक्षर किये।
- यह केंद्र क्षमता निर्माण और इस क्षेत्र में मुख्यरूप से आदिवासी समुदायों के युवाओं के बीच रोज़गार सृजन तथा उद्यमिता के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का एक बहु सेट प्रदान करेगा।
- टाटा स्टील फाउंडेशन केंद्र के नियमित रखरखाव के साथ ही प्रारंभिक बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने का कार्यभार संभालेगा। इसके अलावा प्रशिक्षण भागीदारों, प्रशिक्षकों और उपकरणों की व्यवस्था को भी टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया जाएगा।
- केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को ध्यान में रखते हुए यह केंद्र आपूर्ति श्रृंखला में गोदाम पैकेजिंग, ऑटो सेवा तकनीशियन, सहायक तकनीशियन और मोबाइल असेंबली सहित चार पाठ्यक्रमों के साथ शुरू होगा। ये सभी तीन-छह महीने के पाठ्यक्रम हैं।
- इस तरह के कार्यक्रमों को कौशल विकास पर सार्थक विकल्पों के साथ सबसे कमज़ोर पृष्ठभूमि के युवाओं तक पहुँचने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जो आय सृजन के माध्यम से एक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करेगा।
- एक बार तैयार हो जाने पर यह केंद्र बहुत सारे युवाओं के लिये रोज़गार सुनिश्चित करेगा, जो प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और अंतत: देश भर के औद्योगिक क्षेत्रों में कुशल कर्मचारियों की मांग को पूरा करने में योगदान देंगे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्य के सभी नगरीय निकायों में अगस्त में होगा कृष्ण कुंज का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को अपर मुख्य सचिव, वन एवं जलवायु परिवर्तन सुब्रत साहू ने राज्य के समस्त कलेक्टर तथा वनमंडलाधिकारी को पत्र द्वारा नगरीय निकायों में अगस्त में ‘कृष्ण कुंज’ के लोकार्पण के लिये सभी आवश्यक तैयारियों के संबंध में निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के नगरीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर ‘कृष्ण कुंज’ विकसित करने के संबंध में घोषणा की गई है। आगामी अगस्त माह में निर्धारित तिथि (कृष्ण जन्माष्टमी के दिन) को एक साथ ‘कृष्ण कुंज’ का लोकार्पण किया जाएगा।
- छत्तीसगढ़ के समस्त नगरीय निकायों में न्यूनतम एक एकड़ की भूमि में सांस्कृतिक महत्त्व के जीवन उपयोगी वृक्षों का रोपण करते हुए ‘कृष्ण कुंज’ विकसित किया जाएगा।
- इनमें आम, इमली, गंगा इमली, जामुन, बेर, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू, चार, अनार, गूलर कैथा, कदम्ब, पीपल, नीम, बरगद, बबूल, पलाश अमरूद, सीताफल, बेल तथा आंवला प्रजाति के पौधे को रोपण हेतु शामिल किया गया है।
झारखंड Switch to English
KMEH बना रेटिना सर्जरी के लिये राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण संस्थान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राँची स्थित कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल को देश के राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा विट्रो रेटिनल सर्जरी में फेलोशिप अध्ययन के लिये मान्यता दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही यह पूर्वी भारत में रेटिना सर्जरी के लिये एकमात्र राष्ट्रीय स्तर पर मान्यताप्राप्त प्रशिक्षण संस्थान बन गया है।
- राज्य में रेटिना सर्जरी की पहल का श्रेय भी कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल को ही जाता है। अस्पताल का रेटिना विभाग डॉ. विभूति कश्यप की देखरेख में चलाया जाता है, जो एम्स में प्रशिक्षित डबल एफ.आर.सी.एस. रेटिनल सर्जन हैं।
- इस अस्पताल में राज्य के सबसे ज़्यादा नेत्रहीन मरीज़ ठीक हुए हैं। आँखों की रेटिना की सर्जरी को आँखों की सबसे जटिल सर्जरी माना जाता है। यह आँखों का सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन है।
- तीन साल पहले बिहार के झारखंड के कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल में ही पहली बार रेटिना और आँखों की नसों की इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी जाँच की सुविधा भी शुरू की गई थी। यह परीक्षण वर्तमान में केवल कश्यप मेमोरियल नेत्र अस्पताल में उपलब्ध है।
- यह दिल के ईसीजी की तरह है और इस टेस्ट में किसी डाई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह परीक्षण हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, मधुमेह और रक्तचाप के रोगियों के लिये बहुत सुरक्षित है।
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