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कल्याण सिंह को मरणोपरांत मिला पद्म विभूषण
चर्चा में क्यों?
28 मार्च, 2022 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कल्याण सिंह (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके पुत्र राजवीर सिंह ने राष्ट्रपति के हाथों ग्रहण किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित वर्ष 2022 के नागरिक अलंकरण समारोह- II में अन्य 64 विभूतियों को पद्म सम्मान (पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री) प्रदान किया।
- अलंकरण समारोह में प्रमुख व्यक्तित्वों में शास्त्रीय गायिका डॉ. प्रभा अत्रे और कल्याण सिंह (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- पद्म भूषण प्राप्तकर्त्ताओ में अभिनेता विक्टर बनर्जी, डॉ. संजय राजाराम (मरणोपरांत), डॉ. प्रतिभा रे तथा आचार्य वशिष्ठ त्रिपाठी के संग डॉ. कृष्णमूर्ति एल्ला और सुचित्रा कृष्णा एल्ला (युग्म में) शामिल हैं।
- इससे पहले 21 मार्च, 2022 को नागरिक अलंकरण समारोह-I में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 54 हस्तियों को पद्म सम्मान प्रदान किया गया था।
- गौरतलब है कि विभिन्न विषयों/क्षेत्रों, जैसे- कला, सामाजिक कार्य, जन कार्य, विज्ञान एवं अभियांत्रिकी, व्यापार एवं उद्योग, औषधि, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, नागरिक सेवा आदि के लिये ये पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री में प्रदान किये जाते हैं।
- ‘पद्म विभूषण’उत्कृष्ट और विशिष्ट सेवा के लिये; ‘पद्म भूषण’उच्चस्तरीय विशिष्ट सेवा के लिये और ‘पद्मश्री’किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिये दिये जाते हैं।
- पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान करते हैं।
- इस वर्ष कुल 128 पद्म पुरस्कार दिये गए हैं, जिनमें दो युग्म पुरस्कार (युग्म पुरस्कारों को एकल पुरस्कार गिना जाता है) शामिल हैं। पुरस्कृतों की सूची में चार पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्मश्री पुरस्कार हैं।
- पुरस्कृतों में 34 महिलाएँ हैं। सूची में विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई वर्ग के 10 लोग शामिल हैं। इनके अलावा 13 लोगों को मरणोपरांत पुरस्कार दिये गए।
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उत्तर प्रदेश की छह जातियों को एसटी में शामिल करने का विधेयक पेश
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश की छह जातियों- गोंड, धुनिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोड़ को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिलाने हेतु विधेयक लोकसभा में पेश किया गया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन से संबंधित तीन विधेयक संसद में विचाराधीन हैं।
- अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक, 2022 में उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर, कुशीनगर, चंदौली, संत रविदास नगर में रहने वाली गोंड जाति को अनुसूचित जाति (एससी) की सूची से बाहर कर अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने का प्रावधान है।
- इसके अलावा संत कबीर नगर, कुशीनगर, चंदौली और संत रविदास नगर में रहने वाली धुनिया, नायक, ओझा पठारी और राजगोड़ को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रावधान इस विधेयक में किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के 13 ज़िलों (महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आज़मगढ़, जौनपुर, बलिया, गाज़ीपुर, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और सोनभद्र) में इन जातियों को पहले से ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला हुआ है।
- गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 15 जातियाँ वर्तमान में अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल हैं।
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