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उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस 2024
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश ने अपना 75वाँ स्थापना दिवस मनाया। इस दिन को हिंदी में उत्तर प्रदेश दिवस या यूपी दिवस के नाम से जाना जाता है।
मुख्य बिंदु:
- वैदिक काल में राज्य को ब्रह्मऋषि देश या मध्य देश कहा जाता था।
- मुगल काल के दौरान, इसका क्षेत्र राज्यपालों के अधीन विभाजित था।
- 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया।
- वर्ष 1947 से 1950 तक भारत ब्रिटिश सिद्धांतों का पालन करता रहा, जिसके कारण इस दौरान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी गवर्नर जनरल के रूप में कार्यरत रहे। परिणामस्वरूप उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक राज्य के रूप में स्थापित हुआ।
- 'उत्तर प्रदेश दिवस' मनाने की पहल तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने की थी और यह कार्यक्रम वर्ष 2018 से प्रत्येक वर्ष तीन दिनों तक मनाया जाता है।
- 24 जनवरी से 4 फरवरी 2024 तक लखनऊ, दिल्ली और नोएडा में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
- एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP) के तहत सभी ज़िलों में शिल्पोत्सव के साथ-साथ कई उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा, जैसे लखनऊ में अवध शिल्पग्राम, नोएडा हाट सेक्टर-32 और दिल्ली के कनॉट प्लेस में खड़क सिंह मार्ग।
- शिल्पोत्सव समाज के कमज़ोर वर्गों से संबंधित देश भर के कारीगरों का वार्षिक मेला है।
- एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों के उत्पाद एवं राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये।
- एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP) के तहत सभी ज़िलों में शिल्पोत्सव के साथ-साथ कई उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा, जैसे लखनऊ में अवध शिल्पग्राम, नोएडा हाट सेक्टर-32 और दिल्ली के कनॉट प्लेस में खड़क सिंह मार्ग।
एक भारत श्रेष्ठ भारत
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था ताकि विभिन्न संस्कृतियों के लोगों में आपसी समझ और बंधन को बढ़ाया जा सके, जिससे भारत की एकता और अखंडता मज़बूत होगी।
- राज्य भाषा सीखने, संस्कृति, परंपराओं एवं संगीत, पर्यटन एवं व्यंजनों, खेल एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने आदि के क्षेत्रों में एक निरंतर और संरचित सांस्कृतिक संबंध को बढ़ावा देने के लिये गतिविधियों का संचालन करते हैं।
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खेलो उत्तर प्रदेश सेंटर
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा हर ज़िले में स्थापित किये जा रहे 'खेलो इंडिया सेंटर' की तर्ज पर राज्य के हर ब्लॉक में 'खेलो उत्तर प्रदेश सेंटर' की स्थापना की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- केंद्रीय खेल मंत्री ने लखनऊ के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 19वें एशियाई खेल-2022, चौथे पैरा एशियाई खेल-2022 और 37वें राष्ट्रीय खेल-2023 में पदक विजेताओं और प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
- प्रदेश के 189 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 62 करोड़ रूपए की पुरस्कार राशि वितरित की गयी।
- इसके साथ ही सात पदक विजेता खिलाड़ियों को पुलिस उपाधीक्षक, ज़िला युवा कल्याण अधिकारी एवं यात्री/माल कर अधिकारी के पद पर नियुक्ति पत्र भी दिये गये।
- जो खिलाड़ी खेल के बाद अपना समय दे सकेंगे, उन्हें निश्चित मानदेय पर 'खेलो यूपी सेंटर' में कोच नियुक्त किया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश देश की 16% आबादी का निवास स्थान है और यूपी के खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में 25% पदक जीते हैं।
खेलो इंडिया कार्यक्रम
- खेलो इंडिया योजना का उद्देश्य पूरे देश में खेलों को प्रोत्साहित करना तथा इस प्रकार अपने क्रॉस-कटिंग प्रभाव नामतः- बच्चों और युवाओं का समग्र विकास, सामुदायिक विकास, सामाजिक एकीकरण, लैंगिक समानता, स्वस्थ जीवन शैली, राष्ट्रीय गौरव और खेलों के विकास से जुड़े आर्थिक अवसरों के माध्यम खेल क्षमताओं का दोहन करने की अनुमति देती है।
- इस योजना के तहत, विभिन्न स्तरों पर प्राथमिकता वाले खेल विषयों में पहचान प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को 8 वर्षों तक के लिये प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
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