उत्तर प्रदेश विधानपरिषद चुनाव | उत्तर प्रदेश | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी को भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के स्थानीय निकाय क्षेत्र की 35 सीटों पर चुनाव कार्यक्रम घोषित किया।
प्रमुख बिंदु
- निर्वाचन आयोग के अनुसार, उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के स्थानीय निकाय क्षेत्र की 35 सीटों पर चुनाव दो चरणों में होगा। पहले चरण में 3 मार्च को 29 सीटों और दूसरे चरण में 7 मार्च को 6 सीटों के चुनाव के लिये मतदान होगा।
- गौरतलब है कि जिस प्रकार संसद के दो सदन होते हैं, उसी प्रकार संविधान के अनुच्छेद-169 के अनुसार राज्यों में विधानसभा के अतिरिक्त एक विधानपरिषद भी हो सकती है।
- वर्तमान में छह राज्यों- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में विधानपरिषद विद्यमान हैं।
- उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में कुल 100 सदस्य हैं, जिनका निर्वाचन निम्न प्रकार किया जाता है-
- एक-तिहाई MLC राज्य के विधायकों द्वारा चुने जाते हैं।
- इसके अलावा 1/3 सदस्य स्थानीय निकायों, जैसे- नगरपालिका और ज़िला बोर्डों आदि द्वारा चुने जाते हैं।
- 1/12 सदस्यों का निर्वाचन 3 वर्ष से अध्यापन कर रहे लोग करते हैं तथा 1/12 सदस्यों को राज्य में रह रहे 3 वर्ष से स्नातक निर्वाचित करते हैं।
- शेष सदस्यों का नामांकन राज्यपाल द्वारा उन लोगों के बीच से किया जाता है, जिन्हें साहित्य, ज्ञान, कला, सहकारिता आंदोलन और समाज सेवा का विशेष ज्ञान तथा व्यावहारिक अनुभव हो।
काशी बनेगी शंघाई सहयोग संगठन की सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी | उत्तर प्रदेश | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी को शंघाई सहयोग संगठन की सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित कराने के लिये स्मार्ट सिटी डोजियर तैयार किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- डोजियर में साल भर तक होने वाले आयोजन, प्रमुख स्थल, खानपान सहित अन्य चीज़ों को प्रमुखता से उल्लेखित किया जाएगा।
- डोजियर निर्माण का उद्देश्य शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों के आगामी शिखर सम्मेलन में काशी को एससीओ की सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के लिये नामांकन के तौर पर प्रस्तुत करना है।
- गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन की ओर से प्रत्येक वर्ष सदस्य देश के एक शहर को सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी बनाए जाने का प्रावधान है, जिसके तहत सितंबर 2022 से सितंबर 2023 तक के लिये भारत को चुना गया है।
- उल्लेखनीय है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 8 सदस्यों का आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा गठबंधन है, जिसकी स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी। इसमें चीन, भारत, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान एवं उज्बेकिस्तान शामिल हैं। 9 जून, 2017 को भारत और पाकिस्तान ने इसकी सदस्यता ली थी।
सीएम राहत कोष से कोरोना मृतकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपए | बिहार | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सीएम राहत कोष न्यासी परिषद की 21वीं बैठक में बताया गया कि कोरोना से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपए की राशि की मदद दी जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत अब तक 3704 मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपए की दर से कुल 148 करोड़ 16 लाख रुपए कोष से जारी किये जा चुके हैं।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) की स्थापना वर्ष 1971 में संकटग्रस्त लोगों की मदद के लिये की गई थी। इस फंड को एक ट्रस्ट के रूप में मान्यता दी गई है और इसकी आय का आयकर अधिनियम, 1961 के तहत धारा 12ए तथा 139 के तहत रिटर्न उद्देश्यों के लिये छूट प्राप्त है।
- मुख्यमंत्री सीएमआरएफ के अध्यक्ष हैं और उन्हें मानद आधार पर अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
- बैठक में बताया गया कि 10 बाढ़ प्रभावित ज़िलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण के लिये अब तक 59 करोड़ रुपए दिये गए, जिनमें से 40 बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माणकार्य पूर्ण हो चुका है और शेष का निर्माण प्रगति पर है।
- वर्तमान में कालाजार रोग से पूर्ण मुक्ति के लिये ‘मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना’ के तहत प्रत्येक कालाजार रोगी को 6600 रुपए की मदद दी जा रही है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी।
- इसी तरह बाल श्रम उन्मूलन के लिये मुक्त कराए गए प्रत्येक बाल श्रमिक को आवासन हेतु 25 हज़ार रुपए की मदद दी जा रही है।
वाहन स्क्रैपिंग के लिये कर छूट का निर्णय | बिहार | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित कर उनकी जगह नए वाहन की खरीद पर राज्य सरकार द्वारा मोटरवाहन टैक्स में छूट प्रदान की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- इस निर्णय के तहत निजी वाहनों की खरीद पर 25 प्रतिशत और व्यावसायिक वाहनों की खरीद पर 15 प्रतिशत टैक्स में छूट मिलेगी।
- गौरतलब है कि एक लाख रुपए तक के वाहन पर आठ, एक से आठ लाख रुपए तक के वाहनों पर नौ, आठ से 15 लाख रुपए तक के वाहनों पर 10 तथा 15 लाख रुपए से ऊपर के वाहनों पर 12 प्रतिशत का टैक्स लगता है। ऐसे में इस निर्णय से एक ओर राज्य में प्रदूषण कम होगा व नई गाड़ियों की खरीद से राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, तो वहीं दूसरी ओर राज्य में स्क्रैप (कबाड़) के लिये उद्योग विकसित होंगे।
- उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2021 में वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई थी, जिसके तहत-
- पुराने वाहनों को पुन: पंजीकरण से पहले एक फिटनेस टेस्ट पास करना होगा और नीति के अनुसार सरकारी वाणिज्यिक वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने तथा निजी वाहन, जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाएगा।
- राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे पुराने वाहनों के मालिकों को पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को स्क्रैप करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये निजी वाहनों हेतु 25% तक तथा वाणिज्यिक वाहनों के लिये 15% तक की रोड-टैक्स छूट प्रदान करें।
- वाहन निर्माता उन लोगों को भी 5% की छूट देंगे, जो स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट का उपयोग करेंगे। साथ ही, नए वाहन की खरीद पर पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया जाएगा।
उदयपुर के नाथद्वारा में कस्टम हायरिंग सेंटर का शुभारंभ | राजस्थान | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी एवं सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने उदयपुर के नाथद्वारा में उदयपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि. उदयपुर कार्यक्षेत्र के अंतर्गत राजसमंद ज़िले की 18 चयनित समितियों को कृषि उपकरण हस्तांतरित कर कस्टम हायरिंग केंद्रों का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में सहकारी समिति खोलने के संबंध में कार्यवाही का आश्वासन दिया तथा वर्तमान में नई समितियों के गठन हेतु हिस्सा पूंजी को 5 लाख रुपए से घटाकर 3 लाख रुपए करने का भरोसा दिया।
- मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2021-22 के तहत राज्य की ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना कर 10 लाख रुपए तक के कृषि उपकरण खरीद कर समिति कार्यक्षेत्र के किसानों को उन्नत कृषि यंत्र किराए पर देने के प्रावधान किये गए हैं।
- इस योजनांतर्गत प्रति समिति 10 लाख रुपए तक के कृषि उपकरण खरीदे जाएंगे, जिनमें से 80 प्रतिशत, यानी 8 लाख रुपए का अनुदान देय होगा एवं 20 प्रतिशत राशि संबंधित समिति द्वारा वहन की जाएगी।
- यह योजना राज्य के कृषक, विशेषकर लघु एवं सीमांत कृषक, जो सीमित आय के कारण महँगे कृषि उपकरणों को क्रय करने में सक्षम नहीं हैं, के लिये प्रवर्तित की गई है।
- योजनांतर्गत बैंक कार्यक्षेत्र की चयनित समितियों में ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, थेसर आदि उपकरण क्रय कर निर्धारित तिथि से समिति के संबंधित कार्यक्षेत्र के सदस्य कृषक अपनी आवश्यकतानुसार कृषि उपकरण उचित दर पर किराए पर ले सकेंगे।
- कार्यक्रम में पूर्व में संचालित कस्टम हायरिंग सेंटर वाली सहकारी समितियों, यथा मदारा, लसानी एवं सिंधु को बेहतर प्रदर्शन हेतु प्रशस्ति-पत्र एवं मोमेन्टो वितरित किये गए, साथ ही ज़िला राजसमंद की नवगठित सहकारी समितियों यथा पाखंड, बिजनोल एवं जवासिया को पंजीयन प्रमाण-पत्र तथा पाखंड, देवपुरा, जवासिया एवं बिजनोल को पैक्स डेवलपमेंट फंड से लैपटॉप का वितरण किया गया।
प्रदेश में ई-दाखिल की शुरुआत | राजस्थान | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जयपुर के अध्यक्ष न्यायाधिपति बनवारी लाल शर्मा ने ‘ई-दाखिल पोर्टल’ का उद्घाटन किया। अब प्रदेश में उपभोक्ता अपनी शिकायतों को उपभोक्ता आयोगों में ई-दाखिल के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- ई-दाखिल पोर्टल पर कई सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। डिजिटल माध्यम से उपलब्ध इस मंच पर ई-नोटिस, मामले से जुड़े दस्तावेज़ों को डाउनलोड करने के लिये लिंक, वीडियो कॉन्प्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिये वीसी लिंक, विपरीत पक्ष द्वारा लिखित जवाब दाखिल करने की सुविधा और एसएमएस व ई-मेल पर अलर्ट की सुविधा उपलब्ध होगी।
- ई-दाखिल पोर्टल के माध्यम से घरबैठे ही शिकायत दर्ज करवाने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी और उनके समय व धन की बचत होगी। उपभोक्ता आयोग भी आसानी से ऑनलाइन ही शिकायतों को स्वीकार करने या अस्वीकार करने संबंधी निर्णय कर सकते हैं। यदि उक्त परिवाद अन्य आयोग से संबंधित हो तो उसे संबंधित आयोग के पास आगे अग्रेषित कर सकते हैं।
- ग्रामीण उपभोक्ता, जिनके पास इलेक्ट्रॉनिक संसाधन न हो या उन्हें पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने में असुविधा हो, वे अपनी शिकायत उपभोक्ता आयोग तक पहुँचाने के लिये सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) या ई-मित्र की सेवाएँ ले सकते हैं।
- ई-दाखिल पोर्टल को राष्ट्रीय सूचना केंद्र द्वारा विकसित किया गया है और प्रदेश में ई-दाखिल व्यवस्था को लागू करने के लिये राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से अनुमति प्राप्त की गई है।
‘मास्क ही है ज़िंदगी’ अभियान में 2 लाख 91 हज़ार 631 मास्क वितरित | मध्य प्रदेश | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य शासन द्वारा चलाए जा रहे ‘मास्क ही है ज़िंदगी’ अभियान में 28 जनवरी तक 2 लाख 91 हज़ार 631 मास्क ज़रूरतमंदों को वितरित किये जा चुके हैं। यह अभियान 20 जनवरी को सभी नगरीय निकायों में एक साथ शुरू किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- नगरीय निकायों में अभी तक जन-सहयोग से 1724 मास्क बैंक स्थापित किये जा चुके हैं। इनमें नागरिकों एवं विभिन्न संगठनों द्वारा एक लाख 37 हज़ार 761 मास्क दान स्वरूप दिये जा चुके हैं।
- नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने बताया कि 28 जनवरी को नगरीय निकायों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से 44 हज़ार 996 मास्क वितरित किये गए हैं।
- भोपाल संभाग के नगरीय निकायों में 4 हज़ार 853, चंबल में 345, ग्वालियर में 20 हज़ार 41, इंदौर में 3 हज़ार 483, जबलपुर में 2 हज़ार 258, नर्मदापुरम् में 2 हज़ार 276, सागर में 5 हज़ार 521, शहडोल में 142 और उज्जैन संभाग के नगरीय निकायों में 4 हज़ार 80 मास्क वितरित किये गए हैं।
- उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों द्वारा नागरिकों को कोरोना से बचाव के संबंध में जागरूक करने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। ‘रोको-टोको’ अभियान में अभी तक 2 लाख 87 हज़ार 790 घरों में संपर्क किया जा चुका है। लगभग 4871 ऑनलाइन चर्चाएँ आयोजित की गई हैं।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू में धारा 44 लागू | मध्य प्रदेश | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा डॉ. बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू में अनियमितताओं के कारण कुलपति डॉ. आशा शुक्ला को हटाते हुए धारा 44 लागू कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. आशा शुक्ला के विरुद्ध प्राप्त प्रशासनिक और आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतें इंदौर संभागायुक्त द्वारा की गई जाँच में सही पाई गई। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की गई।
- उन पर पंचायत राज प्रशिक्षण के दौरान बिना विधिवत प्रक्रिया का पालन कर राशि खर्च करने, परामर्श एवं अतिथि विद्वानों की नियुक्ति में अनियमितता, बिना सक्षम स्वीकृति के विश्वविद्यालय में अध्ययनशालाओं का गठन करने के संबंध में आरोप लगे थे।
- साथ ही कुलपति पर जाँच के दौरान शिकायतों के संबंध में मूल दस्तावेज़ भी जाँच समिति को उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है।
- वहीं राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने शासकीय होल्कर साइंस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. डी. के. शर्मा को डॉ. बी.आर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, इंदौर का नया कुलपति नियुक्त किया है।
- गौरतलब है कि इससे पहले कुलपति डॉ. आशा शुक्ला भोपाल की बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष थीं। उस समय भी उन पर इसी तरह के आरोप लगे थे।
गुरुग्राम में भारत का सबसे बड़ा ईवी चार्जिंग स्टेशन | हरियाणा | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को इलेक्ट्रिक वाहन के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग (NHEV) ने हरियाणा के गुरुग्राम में भारत के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस स्मार्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन में 100 चार्जिंग पॉइंट हैं।
- इससे पहले, देश का सबसे बड़ा EV चार्जिंग स्टेशन नवी मुंबई में स्थित था।
- यह चार्जिंग स्टेशन Alektrify द्वारा स्थापित और संचालित किया गया है, जो ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस पायलट प्रोग्राम के तहत जयपुर-दिल्ली-आगरा ई-हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये एनएचईवी की आधिकारिक कमीशनिंग और इंस्टॉलेशन पार्टनर कंपनी है।
प्रदेश में सबसे अधिक रायगढ़ जिले के 279 गोठान हुए स्वावलंबी | छत्तीसगढ़ | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में जारी आँकड़ो के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्त्वपूर्ण ‘सुराजी गाँव योजना’ के ‘गरूवा’ घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 7933 गोठानों में से 2201 गोठान स्वावलंबी हो गए हैं। रायगढ़ ज़िले में सर्वाधिक 279 गोठान स्वावलंबी हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- दूसरे नंबर पर महासमुंद एवं कोरबा ज़िले में 170-170 गोठान स्वावलंबी हुए हैं। स्वावलंबी गोठान गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के लिये स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं।
- गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा अब तक 10591 गाँवों में गोठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 7933 गोठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहाँ पर गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं।
- वर्तमान में 2300 गोठानों का तेज़ी से निर्माण कराया जा रहा है, शेष 358 गोठानों के निर्माण का कार्य अभी शुरू कराया जाना है। गोठानों में पशुधन की देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
- रायगढ़ ज़िले में गोठान संचालन के लिये आवश्यक सभी संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। गोठान में संलग्न कर्मचारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी व वर्मी कंपोस्ट निर्माण एवं उसके विक्रय की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई। इन सामूहिक गतिविधियों का परिणाम रहा कि रायगढ़ ज़िले में प्रदेश में सबसे अधिक 279 गोठान स्वावलंबी बने।
- इसके साथ ही गोठानों में अन्य आयमूलक गतिविधियों को मल्टीएक्टीविटी सेंटर के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके चलते गोठान में कार्यरत् महिला समूह अतिरिक्त आय सृजित कर रहे हैं।
उत्तराखंड के छह पुलिसकर्मियों को मिले पुलिस पदक | उत्तराखंड | 29 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
- 26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के छह पुलिसकर्मियों को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) अभिनव कुमार को विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएम)प्रदान किया गया है।
- वहीं पाँच पुलिसकर्मियों को उनकी सराहनीय सेवा के लिये पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। इन पाँच पदक विजेताओं में चमोली ज़िले के पुलिस उपाधीक्षक धन सिंह तोमर, पुलिस मुख्यालय से डीएसपी नंदन सिंह बिष्ट, पौड़ी के डीएसपी गणेश लाल, इंस्पेक्टर महेश चंद्र चंदोला (खुफिया मुख्यालय) और चंपावत से सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र भटे शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि देश की सुरक्षा में अदम्य साहस का प्रदर्शन कर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीरता पुरस्कार (Gallantry Award) से सम्मानित किया जाता है।
- गृह मंत्रालय का पुलिस प्रभाग सराहनीय/विशिष्ट सेवा तथा शौर्य के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक पुरस्कारों आदि से जुड़े मामलों से संबंधित कार्य करता है।