छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रदेश में सबसे अधिक रायगढ़ जिले के 279 गोठान हुए स्वावलंबी
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में जारी आँकड़ो के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्त्वपूर्ण ‘सुराजी गाँव योजना’ के ‘गरूवा’ घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 7933 गोठानों में से 2201 गोठान स्वावलंबी हो गए हैं। रायगढ़ ज़िले में सर्वाधिक 279 गोठान स्वावलंबी हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- दूसरे नंबर पर महासमुंद एवं कोरबा ज़िले में 170-170 गोठान स्वावलंबी हुए हैं। स्वावलंबी गोठान गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के लिये स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं।
- गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा अब तक 10591 गाँवों में गोठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 7933 गोठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहाँ पर गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं।
- वर्तमान में 2300 गोठानों का तेज़ी से निर्माण कराया जा रहा है, शेष 358 गोठानों के निर्माण का कार्य अभी शुरू कराया जाना है। गोठानों में पशुधन की देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
- रायगढ़ ज़िले में गोठान संचालन के लिये आवश्यक सभी संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। गोठान में संलग्न कर्मचारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी व वर्मी कंपोस्ट निर्माण एवं उसके विक्रय की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई। इन सामूहिक गतिविधियों का परिणाम रहा कि रायगढ़ ज़िले में प्रदेश में सबसे अधिक 279 गोठान स्वावलंबी बने।
- इसके साथ ही गोठानों में अन्य आयमूलक गतिविधियों को मल्टीएक्टीविटी सेंटर के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके चलते गोठान में कार्यरत् महिला समूह अतिरिक्त आय सृजित कर रहे हैं।
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