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ड्रोन: भूमि का मानचित्रण, अपराधों से लड़ना और कृषि को बढ़ावा देना
चर्चा में क्यों?
अधिकारियों के अनुसार, यातायात और अपराध पर निगरानी बढ़ाने से लेकर कृषि पद्धतियों में क्रांति लाने तक ड्रोन हरियाणा की प्रशासनिक कार्यशैली का एक अभिन्न अंग बन रहा है।
मुख्य बिंदु:
- ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम्स ऑफ हरियाणा (DRIISHYA) लिमिटेड द्वारा आयोजित एक बैठक में, मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी की क्षमता का दोहन करने के तरीकों का पता लगाया।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर ड्रोन-आधारित भूमि सर्वेक्षण शुरू करने के लिये एजेंसी डीसीपी ट्रैफिक, गुड़गांव के साथ सहयोग कर रही है।
- बढ़ती मांग को पूरा करने और नैनो-उर्वरक छिड़काव प्रदर्शनों के लिये डिज़ाइन किये गए छह विशेष कृषि ड्रोन के अलावा एजेंसी 20 नए बड़े पैमाने के ड्रोन के साथ अपने बेड़े को बढ़ाने के लिये भी तैयार है।
- हाल ही में दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल (सोनीपत) के साथ साझेदारी में आयोजित परीक्षाओं भर्ती अभियान में 20 ड्रोन और 16 सह-पायलटों को शामिल किया गया हैं।
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अवैध आप्रवासन और मानव तस्करी के मामले
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, हरियाणा के उत्तरी ज़िलों में अवैध प्रवासन और मानव तस्करी के मामलों में वृद्धि हुई है।
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा के निवासियों ने बेहतर आजीविका की तलाश में अवैध तरीकों से विदेश पहुँचने के लिये बड़ी मात्रा में धन का भुगतान किया है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK) और कनाडा इन निवासियों के सबसे पसंदीदा स्थान हैं।
- हरियाणा पुलिस के अनुसार अवैध अप्रवास और मानव तस्करी से संबंधित 645 मामले दर्ज हैं।
- इसके चलते एक राज्य स्तरीय विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व अंबाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) कर रहे हैं।
- अवैध अप्रवास और मानव तस्करी के लिये सक्रिय ज़िले अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत और यमुनानगर के कुछ हिस्से, जिंद और फतेहाबाद हैं।
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