नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Nov 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
हरियाणा Switch to English

प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिक रिसर्च पेपर तैयार करेगा हरियाणा

चर्चा में क्यों?

24 नवंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में प्राकृतिक खेती पर हुई समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक किसानों को इस ओर प्रोत्साहित करने हेतु हरियाणा अब प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिक रिसर्च पेपर तैयार करेगा, जिससे इस पद्धति की पूरी प्रक्रिया, समयावधि और परिणामों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य सचिव ने बताया कि प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिक रिसर्च पेपर तैयार करने के लिये चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति और रिसर्च निदेशक से बातचीत कर जल्द से जल्द इस कार्य को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती धीरे-धीरे समय की ज़रूरत बनती जा रही है। इस पद्धति से कम लागत के साथ किसान जैविक पैदावार बढ़ा सकता है और अपनी आय में भी वृद्धि कर सकता है।
  • प्राकृतिक खेती का उद्देश्य रसायन मुक्त कृषि, प्रकृति के अनुरूप जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देना और पर्यावरण एवं जलवायु प्रदूषण में कमी लाते हुए इस पद्धति को स्थायी आजीविका के रूप में स्थापित करना है। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा किसानों को जागरूक और प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य में 2 प्रशिक्षण केंद्रों गुरुकुल (कुरुक्षेत्र) और घरौंडा (करनाल) में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, जल्द ही तीन स्थानों चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार), हमेटी (जींद) तथा मंगियाणा (सिरसा) में 3 और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
  • उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है, इसके लिये ‘खाद्यान्न ही औषधि’की धारणा को अपनाना होगा। किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिये हर खंड में एक प्रदर्शनी खेत में प्राकृतिक खेती करवाई जाएगी। अब तक 5 ज़िलों में इस प्रकार के प्रदर्शनी खेत तैयार किये जा चुके हैं।
  • बैठक में बताया गया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये अप्रैल, 2022 में राज्य सरकार ने पोर्टल लॉन्च किया था, जिस पर प्राकृतिक खेती अपनाने के इच्छुक किसान अपना पंजीकरण करवा सकें। अब तक इस पोर्टल पर 2992 किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया है। 1201 किसानों ने रबी सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती करने के लिये अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसके अलावा, 3600 मृदा सैंपल भी एकत्रित किये गए हैं।
  • प्राकृतिक खेती के लिये प्रथम चरण में सरकार की ओर से प्रशिक्षण और जागरूकता पर अधिक जोर दिया जा रहा है, ताकि किसान इस पद्धति को अच्छे से समझ सके। प्राकृतिक खेती के लिये अब तक 405 एटीएम, बीटीएम तथा 119 प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये अब मास्टर ट्रेनर के रूप में अन्य किसानों को प्रशिक्षित करने का काम करेंगे। इसके अलावा 151 युवाओं को भी इस खेती की पद्धति का प्रशिक्षण दिया गया है।
  • विदित है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये देसी गाय की खरीद पर 25 हज़ार रुपए तक की सब्सिडी व प्राकृतिक खेती के लिये जीवामृत का घोल तैयार करने के लिये चार बड़े ड्रमों के लिये हर किसान को 3 हज़ार रुपए दिये जा रहे हैं। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।
  • इसके अलावा प्राकृतिक खेती के उत्पादों की पैकिंग सीधे किसान के खेतों से ही हो, ऐसी योजना भी तैयार की गई है, ताकि बाज़ार में ग्राहकों को इस बात की शंका न रहे कि यह प्राकृतिक खेती का उत्पाद है या नहीं।      

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow