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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 28 Nov 2022
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छत्तीसगढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन हासिल करने वाला देश का चौथा राज्य

चर्चा में क्यों?

27 नवंबर, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दुर्ग ज़िले के अमलेश्वर और रायपुर ज़िले के निसदा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण और मूल्यांकन के बाद एनक्यूएएस प्रमाण-पत्र जारी किया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर एनक्यूएएस (National Quality Assurance Standard) सर्टिफिकेशन हासिल करने वाला देश का चौथा राज्य बन गया।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सेवाओं के मूल्यांकन में अमलेश्वर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केंद्र को 94 प्रतिशत और निसदा को 93 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं। दोनों ही स्वास्थ्य केंद्रों का इस वर्ष जुलाई में केंद्रीय टीम द्वारा मूल्यांकन किया गया था।
  • हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केंद्रों का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन 12 मानकों के आधार पर किया जाता है। इसके लिये संस्था द्वारा सेवा प्रदायगी, मरीज़ संतुष्टि, क्लिनिकल सर्विसेस, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विसेस, गुणवत्तापूर्ण प्रबंध, आउटपुट जैसे मानकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।
  • राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन का उद्देश्य अस्पतालों की सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए आम जनता तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाना है।
  • अमलेश्वर का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर छत्तीसगढ़ राज्य का पहला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफाइड उप स्वास्थ्य केंद्र बन गया है।
  • यहाँ हॉस्पिटल में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध है। इसके माध्यम से न केवल स्थानीय स्तर पर बीमारियों का परीक्षण किया जाता है, अपितु टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बड़े अस्पताल से कनेक्ट कर मरीज़ों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिये मानसिक बीमारियों के मामले में देश की मानी हुई संस्था निमहंस बेंगलूरु के विशेषज्ञ जुड़ते हैं। इसी तरह से अन्य बीमारियों में भी स्वास्थ्य केंद्रों से लगातार संपर्क बना रहता है।
  • अच्छा इलाज होने की वजह से लोग काफी आते हैं और दिल की बीमारी, कैंसर आदि बीमारियों को आरंभिक रूप से ही चिह्नांकित करने में मदद मिल जाती है। इसके साथ ही यहाँ संस्थागत प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध है।
  • उल्लेखनीय है कि अब तक प्रदेश के कुल 57 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्राप्त हो चुका है। इनमें दस ज़िला अस्पताल, सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। 

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