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महिला क्षैतिज आरक्षण के अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार, राज्यपाल की मंज़ूरी के बाद होगा लागू
चर्चा में क्यों?
27 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के कार्मिक एवं सतर्कता सचिव शैलेश बगौली ने मीडिया को बताया कि राज्य की महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण के लिये अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। अगले हफ्ते ड्राफ्ट विधायी विभाग को भेजा जाएगा, वहाँ से राज्यपाल की मंज़ूरी के लिये राजभवन भेजा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिये अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। राज्यपाल की मंज़ूरी के बाद राज्य में महिला क्षैतिज आरक्षण का कानून बन जाएगा।
- विदित है कि नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा महिला क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगाने के बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया। क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिये पिछले दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश लाने पर सहमति बनी थी।
- शैलेश बगौली के मुताबिक प्रदेश सरकार की नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिये भी शासन स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। इस संबंध में न्याय विभाग से विचार-विमर्श चल रहा है। क्षैतिज आरक्षण के समर्थन में ठोस विधिक आधार तैयार करने के बाद प्रस्ताव न्याय विभाग को भेजा जाएगा।
- गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश को निरस्त कर दिया था।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर राज्यपाल लेख जख गुरमीत सिंह (सेनिख) ने राजभवन में कई वर्षों से लंबित राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण विधेयक को लौटा दिया। इस विधेयक के लौटने के बाद सरकार से क्षैतिज आरक्षण के लिये तात्कालिक तौर पर अध्यादेश या विधेयक लाने की मांग की गई।
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केंद्र ने उत्तराखंड के हवाले की एचएमटी की 45.33 एकड़ ज़मीन
चर्चा में क्यों?
27 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने नैनीताल के हल्द्वानी में स्थित एचएमटी की बहुप्रतीक्षित 33 एकड़ भूमि उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित कर दी। मंत्रालय ने भूमि हस्तांतरण के आदेश जारी कर दिये हैं।
प्रमुख बिंदु
- आदेश के अनुसार रानीबाग और हल्द्वानी स्थित एचएमटी की 33 एकड़ भूमि उत्तराखंड सरकार को 72 करोड़ दो लाख 10 हज़ार रुपए की रिज़र्व प्राइज़ पर हस्तांतरित की गई है। बाज़ार दर पर भूमि की बहुत अधिक लागत है।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार कई वर्षों से भूमि प्राप्त करने के लिये केंद्र सरकार से अनुरोध कर रही थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूमि हस्तांतरित करने का अनुरोध किया था। साथ ही, अगस्त में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के साथ बैठक में भी यह मुद्दा उठाया था।
- एचएमटी की भूमि पर राज्य सरकार मिनी सिडकुल का निर्माण कर सकती है। राज्य में बड़ी संख्या में उद्यमी निवेश करने के इच्छुक हैं, लेकिन सरकार के सामने उद्योगों के लिये भूमि की व्यवस्था करना बहुत बड़ी चुनौती है।
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