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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 28 Oct 2022
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डॉ. भीमराव अंबडेकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022

चर्चा में क्यों?

27 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के उद्योग आयुक्त महेंद्र पारख ने उद्योग भवन में राज्य के समस्त बैंकों के राज्यस्तरीय नियंत्रक अधिकारीगणों के साथ आयोजित बैठक में राज्य के औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये डॉ. भीमराव अंबेडेकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022 का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • आयुक्त पारख ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए तक के ऋण पर 9 फीसद ब्याज अनुदान तथा 5 करोड़ रुपए तक के ऋण पर 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ ही 25 लाख रुपए तक की सीमा में प्रोजेक्ट लागत का 25 फीसद तक मार्जिन मनी का भी प्रावधान किया गया है, जिससे अनुसूचित जाति एवं जनजाति के निवेशक नए उद्योग लगाने, सेवा क्षेत्र में तथा व्यापार के लिये भी प्रेरित होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की बजट घोषणा की अनुपालना में उद्योग विभाग ने 8 सितंबर, 2022 को इस योजना की अधिसूचना जारी कर दी थी।
  • योजनांतर्गत लक्षित वर्गों की प्रथम पीढ़ी के उद्यमियों सहित पात्र व्यक्तियों को उद्यम की स्थापना या विस्तार के लिये विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता अनुदान एवं अन्य सुविधाओं संबंधी प्रावधान किये गए हैं, जिससे उक्त वर्गों का आर्थिक सशक्तीकरण हो सकेगा।
  • इस योजना के अंतर्गत लक्षित वर्गों के उद्यमियों को उद्यमिता एवं कौशल संवर्धन कार्यक्रम, इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से प्रायोगिक प्रशिक्षण, रियायती दर पर भूमि की उपलब्धता व अन्य परिलाभ, कम लागत पर ऋण सुविधा, सीजीटीएमएमएसई के अंतर्गत गारंटी फीस मार्जिन मनी अनुदान, व्याज अनुदान सहित विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा।

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राजस्थान में उद्योगों को ईटीपी लगाने के लिये 13.88 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जारी

चर्चा में क्यों?

27 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति 2014 एवं 2019 के अंतर्गत राज्य में औद्योगिक इकाइयों द्वारा अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी) की स्थापना के लिये 88 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जारी करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में ईटीपी लगाने की स्वीकृति से विभिन्न उद्योगों द्वारा उत्सर्जित किये जाने वाले अपशिष्ट का उचित उपचार किया जा सकेगा तथा पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिलेगी।
  • राज्य में अधिक-से-अधिक उद्योगों को अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी) स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये यह योजना लाई गई है।
  • ज्ञातव्य है कि ईटीपी लगने से जहाँ एक ओर हानिकारक औद्योगिक कचरे के निस्तारण में सहायता मिलती है, वहीं उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट से आमजन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से भी बचाव होता है।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों को अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी) लगाने पर प्लांट एवं मशीनरी की लागत का 20 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है।    

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