उत्तराखंड Switch to English
माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के 200 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा राज्य के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, अभिभावकों व अध्यापकों से वर्चुअल संवाद भी किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति की राशि को 250 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए करने और इसके लाभान्वितों की संख्या को 11 से बढ़ाकर 100 करने की घोषणा की। उन्होंने श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति की राशि को 150 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की भी घोषणा की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम में 8 ट्रेड प्रारंभ किये गए हैं। इससे हमारे बच्चों का स्किल डेवलपमेंट होगा, जो कि उनके करियर में सहायक होगा।
- उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के राजकीय विद्यालयों के 10वीं और 12वीं के छात्र/छात्राओं को प्रीलोडेड कंटेंट के साथ मोबाइल टैबलेट जल्द उपलब्ध कराएगी। 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की स्थापना की गई है, जबकि 600 और विद्यालयों में वर्चुअल क्लास प्रस्तावित हैं। सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य की गई हैं। 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालय सीबीएसई मान्यता के साथ इंग्लिश मीडियम में प्रारंभ किये गए हैं।
- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि उत्तराखंड में स्कूल एजुकेशन में विषयवार अध्यापकों की नियुक्ति की गई है, अतिथि शिक्षकों का वेतन 15 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 25 हज़ार रुपए करने का निर्णय लिया गया है।
- गौरतलब है कि नीति आयोग द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता में उत्तराखंड को चौथे स्थान पर रखा गया है।
उत्तराखंड Switch to English
देवभूमि हिमालयन सुपर 30 ट्रस्ट की वेबसाइट का वर्चुअली लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में देवभूमि हिमालयन सुपर 30 ट्रस्ट की वेबसाइट https\\www.himalayansuper30.in\ का वर्चुअली लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- सुपर 30 के माध्यम से राज्य के साधनहीन गरीब छात्रों को आवास, भोजन, कोचिंग आदि की नि:शुल्क व्यवस्था कर उन्हें आई.आई.टी. के लिये तैयार करने का प्रयास किया जाएगा। इससे छात्रों को उनकी सफलता की मंजिल तक पहुँचाने में मदद मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि राज्य के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की शैक्षिक क्षमता के अनुसार उन्हें तकनीकी शिक्षा के उच्च संस्थानों में प्रवेश हेतु तैयारी के लिये दिसंबर 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिशा-निर्देशन में ज़िला प्रशासन अल्मोड़ा द्वारा अल्मोड़ा में प्रदेश के पहले ‘द सुपर-30 हिमालयन एजुकेशनल ट्रस्ट’ का गठन किया गया था।
- इसमें प्रदेश के सभी विद्यालयों के 10वीं कक्षा की परीक्षा में मैरिट में रहने वाले चार से पाँच छात्रों को प्रदेशस्तरीय प्रवेश परीक्षा के लिये चुना जाएगा। चुने गए छात्रों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर टॉप 30 छात्रों को इस संस्थान में प्रवेश दिया जाएगा।
- इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य राज्य के गरीब प्रतिभावान बच्चों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में प्रवेश के लिये नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।
राजस्थान Switch to English
‘आइडिया वॉल’
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को राज्यपाल कलराज मिश्र ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत निर्मित ‘आइडिया वॉल’ पर हस्ताक्षर किये। इस दौरान उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पित रहते हुए सशक्त, संपन्न और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान किया।
प्रमुख बिंदु
- आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो द्वारा ‘आइडिया वॉल’ निर्मित किये जाने के साथ ही आज़ादी आंदोलन से जुड़े सेनानियों और घटनाओं पर केंद्रित 15 स्टैंड मिनी मोबाइल प्रदर्शनी की पहल की गई।
- ‘आइडिया वॉल’ पर प्रदेश के 75 गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नए भारत के निर्माण के लिये विचार और सुझाव लिखे जाने की राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुरुआत की।
- प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो की निदेशक ऋतु शुक्ला और अपर महानिदेशक प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने इस अवसर पर बताया कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘आइडिया वॉल’ पर गणमान्य व्यक्तियों के विचार और सुझाव एकत्र कर 75 चुनिंदा सुझाव सूचना और प्रसारण मंत्रालय को भेजे जाएंगे।
- इसी के साथ राज्यपाल ने कोरोना वैक्सीन के बारे में जागरूकता के उद्देश्य से राजभवन से मोबाइल एक्जीवेशन वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- गौरतलब है कि झालावाड़ तथा जयपुर से श्रीगंगानगर मार्ग पर 30-30 दिवस के लिये चलाई जा रही मोबाइल वैन द्वारा जयपुर, कोटा, अजमेर, भरतपुर तथा बीकानेर संभाग के लगभग 200 स्थानों पर प्रचार एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन वाहनों में आज़ादी का अमृत महोत्सव पर एक 15 स्टैंड की मिनी प्रदर्शनी भी ले जाई जा रही है, जो स्थान-स्थान पर आम जन के लिये प्रदर्शित की जाएगी।
राजस्थान Switch to English
‘हर घर नल कनेक्शन’
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत राज्यस्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रेग्यूलर विंग एवं मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत 203.83 करोड़ रुपए की लागत से 145 परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इससे 173 गाँवों में 38503 ‘हर घर नल कनेक्शन’ दिये जाएंगे। इसके अलावा बैठक में मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत चित्तौड़गढ़ एवं उदयपुर में सर्वे और डीपीआर तैयार करने के दो कार्यों के लिये 268.60 लाख रुपए के प्रस्ताव तथा जेजेएम की वार्षिक योजना के तहत सपोर्ट गतिविधियों हेतु 297.55 करोड़ रुपए के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया।
- बैठक में रेग्यूलर विंग के तहत धौलपुर के 36 गाँवों के लिये 47 करोड़ रुपए की लागत से 29 ग्रामीण योजनाओं की स्वीकृति दी गई। इससे 9673 ‘हर घर नल कनेक्शन’ दिये जाएंगे।
- झालावाड़ में 34 गाँवों के लिये 24.49 करोड़ रुपए की लागत से 31 ग्रामीण योजनाओं की स्वीकृति दी गई। इससे 6008 ‘हर घर नल कनेक्शन’ दिये जाएंगे।
- करौली में 43 गाँवों के लिये 41.80 करोड़ रुपए की लागत से 36 ग्रामीण योजनाओं की स्वीकृति दी गई, इससे 9274 ‘हर घर नल कनेक्शन’ दिये जाएंगे।
- बूंदी ज़िले में एक ग्रामीण परियोजना में ‘हर घर नल कनेक्शन’ के लिये 2.34 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी जारी की गई।
- इसके अलावा अलवर में 46 गाँवों के लिये 54.10 करोड़ रुपए की लागत से 47 ग्रामीण योजनाओं की स्वीकृति दी गई, इससे 11859 ‘हर घर नल कनेक्शन’ दिये जाएंगे।
- बृहद् पेयजल परियोजनाओं के तहत बारां ज़िले में सिंगोला एनिकट आधारित पेयजल परियोजना के लिये 34.10 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी गई। इसमें 10 गाँवों में 1367 ‘हर घर नल कनेक्शन’ दिये जाएंगे।
- सर्वे और डीपीआर तैयार कराने के कार्यों में चित्तौड़गढ़ में चंबल नदी आधारित पेयजल परियोजना से 265 गाँवों में 36254 ‘हर घर नल कनेक्शन’ के लिये 156.32 लाख रुपए दिये गए। उदयपुर में सोम कमला अंबा बांध से 164 गाँवों में 26041 ‘हर घर नल कनेक्शन’ हेतु 112.28 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।
मध्य प्रदेश Switch to English
जल परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यता प्राप्त करने में मध्य प्रदेश प्रथम
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिये राष्ट्रीय परीक्षण और अशंशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से मान्यता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है।
प्रमुख बिंदु
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की प्रदेश में राज्य और ज़िलास्तरीय 51 प्रयोगशालाओं को प्रत्यायन बोर्ड (NABL) द्वारा मान्यता प्रमाण-पत्र प्रदान किये गए हैं। देश की विभिन्न जल परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु मान्यता प्राप्त करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश प्रथम एवं महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है।
- आम नागरिक को प्रदाय किये जा रहे जल की गुणवत्ता का समय-समय पर परीक्षण किया जाता है। इसके लिये प्रदेश में पीएचई विभाग द्वारा एक राज्यस्तरीय और 55 ज़िलास्तरीय (इनमें उन्नयन की गई खुरई, मऊगंज, सरदारपुर तथा परासिया शामिल हैं) प्रयोगशालाएँ संचालित हैं। इसके अतिरिक्त 100 उपखंडस्तरीय प्रयोगशालाएँ भी संचालित हैं।
- पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न राज्यों द्वारा अपनी जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के प्रमाणीकरण हेतु निर्धारित मापदंडों और शुल्क के साथ आवेदन दिये जाते हैं।
- राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से अब तक 25 राज्यों की 182 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को जारी किये गए मान्यता प्रमाण-पत्रों में मध्य प्रदेश की सर्वाधिक 51 प्रयोगशालाएँ शामिल हैं।
हरियाणा Switch to English
ई-भूमि पोर्टल
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हाई पावर लैंड परचेज कमेटी (एचपीएलपीसी) की बैठक में छह ज़िलों- रेवाड़ी, नूंह, सिरसा, फरीदाबाद, सोनीपत और जींद में सात परियोजनाओं के लिये भू-मालिकों की सहमति के साथ ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से 311 एकड़ भूमि की खरीद को मंज़ूरी दी गई, जिसकी लागत लगभग 172 करोड़ रुपए है।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के सात एजेंडों को मंज़ूरी दी गई।
- इनमें रेवाड़ी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना, नूंह ज़िले में चार लेन मेडिकल कॉलेज रोड से गुरुग्राम-अलवर रोड (एनएच 248ए) तक रिंग रोड का निर्माण, सिरसा में अतिरिक्त अनाज़ मंडी का विकास, सेंट्रल रोड फंड की अंतर्राज्यीय कनेक्टिविटी योजना के तहत यमुना नदी पर जसना मंझावली अट्टा गुजरान होते हुए ग्रेटर नोएडा के लिये सड़क और पुल का निर्माण शामिल हैं।
- इसी तरह सोनीपत ज़िले में गन्नौर रेलवे स्टेशन के पास दिल्ली-अंबाला सेक्शन में दो लेन आरओबी का निर्माण, सिरसा ज़िले में महाग्राम योजना के तहत चौटाला गाँव में सीवरेज सिस्टम एसटीपी का निर्माण तथा जींद में नहर आधारित जलापूर्ति योजना का निर्माण शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्य के 1242 गोठान हुए स्वावलंबी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य के कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की महत्त्वपूर्ण फ्लैगशिप योजना ‘सुराजी गाँव योजना’ के ‘गरुवा’ घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 5,963 गोठानों में से 1,242 गोठान स्वावलंबी हो गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रायगढ़ ज़िले में सर्वाधिक 189 गोठान स्वावलंबी हुए हैं। दूसरे नंबर पर कबीरधाम ज़िले में 141 गोठान तथा तीसरे क्रम पर राजनांदगाँव ज़िले में 101 गोठान स्वावलंबी हुए हैं।
- इसी प्रकार गरियाबंद ज़िले में 25, धमतरी में 43, बलौदाबाज़ार में 49, रायपुर ज़िले में 25, दुर्ग में 64, बालोद में 30, बेमेतरा में 22, कोरबा में 61, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 25, जांजगीर-चांपा में 44, बिलासपुर में 34, मुंगेली में 20, कोरिया में 23, जशपुर में 36, बलरामपुर में 18, सरगुजा में 39, सूरजपुर में 22, कांकेर में 69, कोंडागाँव में 21, दंतेवाड़ा में 29, नारायणपुर में 5, बस्तर में 26, बीजापुर में 12 तथा सुकमा ज़िले में 18 गोठान स्वावलंबी बन चुके हैं।
- गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्द्धन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा अब तक 10,107 गाँवों में गोठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 5,963 गोठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहाँ पर गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं।
- वर्तमान में 3,220 गोठानों का तेज़ी से निर्माण कराया जा रहा है, शेष 924 गोठानों के निर्माण का कार्य अभी शुरू कराया जाना है।
- अब तक 4 हज़ार से अधिक गोठानों में लगभग 7,600 एकड़ में हरा चारा लगाया गया है, जिसमें हाईब्रिड नेपियर घास का रोपण एवं अन्य चारा बुआई की गई है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
वन अधिकार दावों को मान्यता देने में छत्तीसगढ़ अग्रणी
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में आयोजित आदिम जाति कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन अधिकार के दावों को मान्यता देने में पूरे देश में अग्रणी राज्य है।
प्रमुख बिंदु
- प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में अब तक 4 लाख 86 हज़ार व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र के अंतर्गत 21 लाख 95 हज़ार 228 हेक्टेयर रकबा की भूमि वितरित की गई है।
- इनमें व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र के तहत 4 लाख 41 हज़ार 502 हितग्राहियों को 3 लाख 60 हज़ार 619 हेक्टेयर रकबा और 44 हज़ार 524 सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र के तहत 18 लाख 34 हज़ार 609 हेक्टेयर रकबा की वितरित भूमि शामिल है।
- इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में जनजातीय वर्ग के लोगों के हित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी ली और इसका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित कर उन्हें अधिक-से-अधिक लाभ पहुँचाने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने जनजातीय वर्ग के समग्र उत्थान और उनकी उद्यमिता दक्षता के विकास पर विशेष ज़ोर दिया।
- साथ ही, उन्होंने प्रदेश के वनांचल तथा आदिवासी दूरस्थ क्षेत्रों में जनजातीय वर्ग के स्वास्थ्य सुधार और बेहतर जीवनयापन की दिशा में संबंधित विभागों को समन्वित रूप से कार्य करने के भी निर्देश दिये। इसी तरह जनजातीय वर्ग के समग्र विकास हेतु उनकी शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए उन्हें अधिक-से-अधिक रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये निर्देशित किया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
ट्राईफेड के आउटलेट का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को केंद्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा ने जगदलपुर के माँ दंतेश्वरी एयरपोर्ट में ट्राईफेड के आउटलेट का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस आउटलेट में बस्तर के कलाकारों द्वारा निर्मित बेलमेटल कलाकृति, कपड़े, वन उत्पाद को प्रदर्शनी सह-विक्रय के लिये रखा गया है।
- एयरपोर्ट में खुले इस आउटलेट से आने वाले आगंतुकों को बस्तर के कलाकारों द्वारा निर्मित उत्पाद एक स्थल पर मिल सकेंगे। साथ ही, बस्तर की कला का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार होगा। इसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ यहाँ के कलाकारों को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
वनधन विकास केंद्रों को मिला सम्मान
चर्चा में क्यों?
27 अगस्त, 2021 को जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में सेमरा स्थित फूड पार्क में आयोजित ट्राईफेड के वनधन सम्मेलन, 2021 कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न वनधन विकास केंद्रों को सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के बस्तर ज़िले से वनधन केंद्र कुरूंदी, बकावण्ड, घोटिया और धुरागाँव को अवॉर्ड प्रदान किया गया।
- इसके अलावा राज्य के वनधन केंद्र कडेना धरमजयगढ़ (रायगढ़), वनधन केंद्र गरियाबंद, वनधन केंद्र डोंगानाला कटघोरा (कोरबा), वनधन केंद्र बरोडा (बलौदा बाज़ार), वनधन केंद्र कौरिनभाटा (राजनांदगाँव), वनधन केंद्र दुगली (धमतरी), वनधन केंद्र नारायणपुर, वनधन केंद्र पनचक्की (जशपुर) को भी विभिन्न वर्गों में अवॉर्ड दिये गए।
- इन वनधन विकास केंद्रों को 5 वर्ग में संचालन के पैमाना, उत्पाद की अधिकतम बिक्री, मूल्यवर्द्धित वस्तुओं की श्रेणी, एमएफपी योजना के तहत समर्थन मूल्य पर खरीदी एवं मार्केटिंग के लिये नवाचार और रचनात्मक विचार के आधार पर सम्मानित किया गया।
- केंद्रीय मंत्री ने सेमरा ट्राईफेड में लगाए गए स्टाल में बस्तरिया उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने वनधन विकास समिति से जुड़ी स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा इमली, काजू, तैलीय बीज, मूसली और महुआ के प्रसंस्करण के साथ ही गढ़ कलेवा के स्थानीय व्यंजन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा स्थापित शबरी के हस्तशिल्प, बस्तर कलागुड़ी कलाकृतियाँ, रेशम उत्पादन, हरिहर बस्तर के उत्पाद, ट्राईब्स इंडिया के उत्पाद, बस्तर पपीता, बस्तर कॉफी, बाँस कला केंद्र और हथकरघा से तैयार उत्पादों का निरीक्षण किया।
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