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नेवटा बांध और कानोता बांध बनेगा ईको एडवेंचर टूरिज़्म साइट
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये जयपुर के नेवटा और कानोता बांध को अब ईको एडवेंचर टूरिज़्म साइट के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार नेवटा और कानोता बांध में विकास कार्यों पर 6.24 करोड़ रुपए व्यय करेगी।
- जयपुर स्थित कानोता बांध पर लगभग 2.48 करोड़ रुपए की लागत से बर्ड वाचिंग प्लेटफॉर्म, छतरी का निर्माण, 600 मीटर लंबी पैरापेट दीवार सहित विभिन्न प्रकार के निर्माण किये जाएंगे।
- नेवटा बांध पर लगभग 3.75 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य होंगे। यहाँ प्रवेश द्वार से बांध की तरफ जाने वाला मार्ग भी बनाया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।
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राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड का गठन
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2023 को राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड का गठन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- यह बोर्ड गडरिया (गाडरी), गायरी, घोसी (गवाला), पूर्बिया (धनगर, गाडरी) जाति वर्ग की स्थिति का जायज़ा लेकर, प्रामाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने तथा पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव राज्य सरकार को देगा।
- बोर्ड द्वारा समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन, रोज़गार को बढ़ावा देने, सामाजिक बुराइयों/कुरीतियों के विरुद्ध ठोस उपाय करने और परंपरागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने सहित अन्य सुझाव राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जाएंगे।
- इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 5 गैर-सरकारी सदस्य होंगे। साथ ही उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव/आयुक्त/निदेशक/संयुक्त निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव होंगे।
- इनके अलावा, राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
- बोर्ड का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा।
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प्रधानमंत्री ने राजस्थान में छह ईएमआरएस का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के उदयपुर ज़िले में दो, बांसवाड़ा में दो, प्रतापगढ़ में एक और डूंगरपुर में एक कुल मिलाकर छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रत्येक स्कूल की क्षमता 480 छात्रों की है, जिनमें 240 लड़कियाँ होंगी। इन स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिये अलग-अलग छात्रावास, कर्मचारियों के लिये आवास, भोजन का स्थान और खेल का मैदान होगा।
- इन स्कूलों का निर्माण मैदानी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपए और पहाड़ी इलाकों में 48 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है।
- इन स्कूलों के निर्माण से 2880 आदिवासी छात्र लाभान्वित होंगे, जिनमें आधी लड़कियाँ होंगी।
एक नजर में राजस्थान के आँकड़े: |
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योजना/शुरुआत |
2013-14 |
2022-23 |
स्वीकृत विद्यालय |
8 |
31 |
- राजस्थान में 31 ईएमआरएस स्वीकृत हैं जिनमें उदयपुर में आठ, बांसवाड़ा में छह, डूंगरपुर में चार, प्रतापगढ़ में चार, अलवर में दो, जयपुर में दो टोंक में एक करौली में एक, बारा में एक] सिरोही में एक, सवाई-माधोपुर में एक शामिल हैं। (संख्या में आँकड़े स्कूलों की संख्या दर्शाते हैं) A 31 में से 24 स्कूलों में निर्माण पूरा हो चुका है और 7 स्कूल निर्माणाधीन हैं, जिनके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है।
आँकड़े एक नज़र में- अखिल भारतीय |
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योजना/शुरूआत |
2013-14 |
2023-24 |
बजट परिव्यय |
278.76 करोड़ रुपए (संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत एक घटक के रूप में |
4000 करोड़ रुपए (पृथक् केंद्रीय क्षेत्र योजना) |
स्वीकृत विद्यालय |
167 |
693 |
कार्यात्मक विद्यालय |
119 |
401 |
आवर्ती लागत |
42,000 रुपए प्रति छात्र प्रति वर्ष |
1,09,000 रुपए प्रति छात्र प्रति वर्ष |
पूंजी लागत |
12.00 करोड़ रुपए (मैदानी क्षेत्र) 16 करोड़ रुपए (पहाड़ी, पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद) |
37.80 करोड़ रुपए (मैदानी क्षेत्र), 48 करोड़ रुपए (पहाड़ी, पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद) |
सीबीएसई से संबद्ध स्कूल |
69 |
277 |
नामांकन |
34365 |
113275 |
- वर्तमान में 8,925 छात्र पढ़ रहे हैं और जब सभी स्कूल पूरे हो जाएंगे तो इन स्कूलों में 14,880 छात्र शिक्षा प्राप्त करेंगे।
- ईएमआरएस से लाभ पाने वाली प्रमुख जनजातियों में भील, गमेती, गरासिया, मीना, सहरिया शामिल हैं।
- 5 करोड़ की लागत से पुराने स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत सड़क निर्माण और पेयजल के लिये भी धनराशि दी जा रही है।
- प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में 740 एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल स्थापित किये जा रहे हैं। ये एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल ऐसे प्रत्येक आदिवासी ब्लॉक में स्थापित किये जा रहे हैं, जहाँ 50 प्रतिशत या 20,000 से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी है।
- ईएमआरएस के निर्माण की लागत 2021-22 में 452 नए स्कूलों के लिये मैदानी क्षेत्रों में 20 करोड़ रुपए से बढ़ा कर 24 करोड़ रुपए और पहाड़ी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 48 करोड़ रुपए कर दी गई थी। अगले 3 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 38,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
- विदित है कि वर्ष 2013-14 में 167 स्कूल स्वीकृत किये गए थे, जो आज बढ़कर 693 हो गए हैं तथा 2013-14 में 119 स्कूल क्रियाशील थे, जबकि वर्तमान में 401 स्कूल क्रियाशील हैं। पिछले 5 वर्षों में 110 स्कूलों में निर्माण पूरा हुआ है।
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प्रधानमंत्री ने सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित की
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के सीकर में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र समर्पित करते हुए विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री ने किसानों को लाभान्वित करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित किये। सभी किसानों की ज़रूरतों के लिये वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिये पीएमकेएसके विकसित किये जा रहे हैं।
- कृषि इनपुट (उर्वरकों, बीजों, उपकरणों) की जानकारी से लेकर मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिये परीक्षण सुविधाओं तक विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी तक पीएमकेएसके को देश में किसानों के लिये एक विश्वसनीय समर्थन प्रणाली बनाने की परिकल्पना की गई है।
- वे ब्लॉक/ज़िला स्तर के विक्रय केंद्रों पर उर्वरक खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण भी सुनिश्चित करेंगे।
- प्रधानमंत्री ने यूरिया गोल्ड की एक नई किस्म का शुभारंभ किया, जो सल्फर के साथ लेपित है। सल्फर लेपित यूरिया की शुरुआत मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगी।
- यह अभिनव उर्वरक नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है, पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत को कम करता है और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
- प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान डिजिटल कॉमर्स के लिये ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) से 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़ने की शुरुआत की। ओएनडीसी एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुँच के साथ सशक्त बनाता है और स्थानीय मूल्यवर्द्धन को प्रोत्साहित करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स के विकास को उत्प्रेरित करता है।
- प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लगभग 17,000 करोड़ रुपए की 14वीं किस्त की राशि 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से जारी की।
- प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया और बाराँ, बूंदी, करौली, झुंझुनूँ, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी।
- मेडिकल कॉलेजों की स्थापना वर्तमान ज़िला/रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिये केंद्र प्रायोजित योजना के तहत की जा रही है।
- प्रधानमंत्री ने जिन पाँच मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है, उन्हें 1400 करोड़ रुपए से अधिक की संचयी लागत से विकसित किया गया है, जबकि जिन सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी, वे 2275 करोड़ रुपए की संचयी लागत से बनाए जाएंगे।
- 2014 तक राजस्थान में केवल 10 मेडिकल कॉलेज थे। केंद्र सरकार के समर्पित प्रयासों के माध्यम से राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। यह 250 प्रतिशत की वृद्धि है।
- इन 12 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से राज्य में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2013-14 में 1750 सीटों से बढ़कर 6275 हो जाएगी, जो 258 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
- प्रधानमंत्री ने इसके अतिरिक्त उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर ज़िलों में छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया, जिससे इन ज़िलों में रहने वाली जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। वह कार्यक्रम के दौरान जोधपुर में केंद्रीय विद्यालय, तिंवरी का भी उद्घाटन किया।
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