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स्टेट पी.सी.एस.

  • 28 Jul 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के 74 ज़िलों में खुलेंगे क्रिटिकल केयर यूनिट

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में बताया कि प्रदेश में ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’का संकल्प पूरा करने की दिशा में 74 ज़िलों में क्रिटिकल यूनिट स्थापित की जाएगी।  

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि प्रदेश में 45 ज़िलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज क्रियाशील हैं। जल्द ही प्रदेश के 13 ज़िलों में मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ होने वाला है।  
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को और मजबूत करने की ज़रूरत है। हर मेडिकल कॉलेज को न्यूनतम पाँच कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को गोद लेना चाहिये। वहाँ नियमित अंतराल पर डॉक्टरों को विजिट करना चाहिये और सेंटर के डॉक्टरों का मार्गदर्शन करना चाहिये।
  • प्रधानमंत्री आयुष्मान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर योजना के तहत प्रत्येक ज़िले में गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये ज़िला स्तरीय अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में 100 या 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना की जाएगी।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि तमिलनाडु ऐसा राज्य है, जहाँ एक दिन में 11 मेडिकल कॉलेज लोकार्पित हुए थे। अब 13 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण के साथ उत्तर प्रदेश नया रिकॉर्ड बनाएगा।   
  • ज्ञातव्य है कि आजादी के बाद अब तक प्रदेश में राजकीय क्षेत्र में मात्र पाँच बीएससी नर्सिंग कॉलेज संचालित थे। वर्ष 2021-22 में सात तथा 2022-23 में 11 नए राजकीय नर्सिंग कॉलेज संचालित किये गए।  
  • भारत सरकार के सहयोग से यहाँ अतिशीघ्र 27 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना होने जा रही है। इससे प्रदेश के नर्सिंग और पैरामेडिकल सेक्टर में कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिये बड़ा अवसर सृजित होगा। 
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार सितंबर से ‘आयुष्मान भव:’ अभियान प्रारंभ कर रही है। इसके तहत ‘आपके द्वार आयुष्मान 3.0’ कार्यक्रम होगा।  
  • कार्यक्रम में घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। गांवों, नगरों और स्कूलों में ‘आयुष्मान सभा’के आयोजन होंगे। इस प्रकार जो गांव पूरी तरह संतृप्त हो जाएगा, उसे ‘आयुष्मान ग्राम’ घोषित किया जाएगा।  
  • प्रस्तावित ‘आयुष्मान भव:’ अभियान की सफलता के लिये राज्य में सभी जरूरी प्रयास करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक ‘आयुष्मान ग्राम’वाला राज्य होगा। 
  • आयुष्मान भारत के तहत अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सत्यापित कर उपलब्ध कराये गए डाटा के आधार पर भी लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा। राज्य सरकार जिन परिवारों को सत्यापित कर डाटा उपलब्ध कराएगी, सभी को आयुष्मान भारत कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।  
  • केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि चंदौली में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना के लिये भारत सरकार ने 16.81 करोड़ रुपए स्वीकृत किये हैं। वहीं वाराणसी में श्री शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय व ज़िला चिकित्सालय में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित करने के लिये 215.62 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं। 


बिहार Switch to English

बिहार की बेटी फलक की फिल्म ‘चंपारण मटन’ऑस्कर की दौड़ में शामिल

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के मुजफ्फरपुर ज़िले की बेटी फलक अभिनीत की फिल्म ‘चंपारण मटन’ऑस्कर की दौड़ में शामिल हो गई। 

प्रमुख बिंदु  

  • फलक अभिनीत की फिल्म ‘चंपारण मटन’ने अमेरिका, फ्राँस और ऑस्ट्रिया जैसे देशों की फिल्मों के साथ अकेले स्टूडेंट अकादमी अवॉर्ड के सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है। 
  • ऑस्कर के स्टूडेंट एकेडमी अवॉर्ड 2023 के सेमीफाइनल राउंड में फिल्म का चयन हुआ है। इस अवॉर्ड के लिये दुनियाभर के फिल्म प्रशिक्षण संस्थानों का चयन किया गया था। 1700 से अधिक फिल्मों को चुना गया था। 
  • ‘चंपारण मटन’फिल्म का निर्देशन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे के रंजन कुमार की ओर से किया गया है। फिल्म मात्र आधे घंटे की है।  
  • ज्ञातव्य है कि स्टूडेंट अकादमी अवॉर्ड प्रशिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालय में फिल्म बनाना, पढ़ रहे छात्र और छात्राओं को दिया जाता है, यह ऑस्कर की ही शाखा होती है। 1972 से यह अवॉर्ड अच्छी फिल्मों को दिया जा रहा है। स्टूडेंट एकेडमी अवॉर्ड चार कैटेगरी में दिया जाता है। 
  • ‘चंपारण मटन’ नैरेटिव समेत तीन अन्य श्रेणियों में शामिल है। यह एकमात्र भारतीय फिल्म है, जो इस अवॉर्ड में शामिल हुई है। विदित है कि यहाँ अवॉर्ड पाने वाली फिल्में ऑस्कर अवॉर्ड से नवाज़ी जा चुकी हैं। 
  • यहाँ सेमीफाइनल में इसका 16 फिल्मों से मुकाबला होने वाला है। इसी श्रेणी में अर्जेंटीना, बेल्ज़ियम, जर्मनी जैसे देश की फिल्में भी शामिल हैं।  
  • अभिनेत्री फलक बताती है कि आधे घंटे की यह फिल्म लोगों को अपने रिश्ते में ईमानदारी और किसी भी हाल में हार नहीं मानने के लिये प्रेरित करती है। इस फिल्म की कहानी लॉकडाउन के बाद नौकरी छूट जाने वाले शख्स पर आधारित है। 
  • इसकी संवेदनशीलता लोगों के दिल को छू लेती है। यही कारण है कि फिल्म को स्टूडेंट अकादमी अवॉर्ड के लिये ऑस्कर में चुना गया है। 
  • गौरतलब है कि भारतीय सिनेमा से लेकर हर सिनेमा के लिये ऑस्कर अवॉर्ड खास होता है। सिनेमा के जगत में इसे सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है। इसमें विजेता को कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं दी जाती है।  
  • इस अवॉर्ड के मिल जाने के बाद किसी भी कलाकार को पूरी दुनिया में पहचान मिल जाती है। एक अभिनेता के पूरे कॅरियर को इससे काफी फायदा पहुँचता है। अभिनेता की मार्केट वैल्यू में भी इससे काफी बढ़ोतरी हो जाती है।  
  • एकेडमी अवॉर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार एक ऑस्कर स्टैच्यू को बनाने में करीब 1000 डॉलर तक का खर्च होता है। 
  • वहीं साल 1950 तक ऑस्कर अवॉर्ड का मालिकाना हक कलाकार के पास था, लेकिन अब इसमें परिवर्तन आया है। एकेडमी के नियमों के अनुसार कलाकार अब अवॉर्ड की कीमत रुपयों में नहीं लगा सकते हैं। 
  • अगर कोई अपने अवॉर्ड को बेचना चाहता है तो उसे एक डॉलर में अवॉर्ड ऑस्कर को वापस करना होगा। इस तरह इस अवॉर्ड की कीमत रुपयों में नहीं लगाई जा सकती है। यह अवॉर्ड पूरे देश के साथ विदेश में भी पहचान दिलाता है।

 


राजस्थान Switch to English

नेवटा बांध और कानोता बांध बनेगा ईको एडवेंचर टूरिज़्म साइट

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये जयपुर के नेवटा और कानोता बांध को अब ईको एडवेंचर टूरिज़्म साइट के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।  

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य सरकार नेवटा और कानोता बांध में विकास कार्यों पर 6.24 करोड़ रुपए व्यय करेगी।  
  • जयपुर स्थित कानोता बांध पर लगभग 2.48 करोड़ रुपए की लागत से बर्ड वाचिंग प्लेटफॉर्म, छतरी का निर्माण, 600 मीटर लंबी पैरापेट दीवार सहित विभिन्न प्रकार के निर्माण किये जाएंगे।   
  • नेवटा बांध पर लगभग 3.75 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य होंगे। यहाँ प्रवेश द्वार से बांध की तरफ जाने वाला मार्ग भी बनाया जाएगा।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी। 

राजस्थान Switch to English

राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड का गठन

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड का गठन किया गया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • यह बोर्ड गडरिया (गाडरी), गायरी, घोसी (गवाला), पूर्बिया (धनगर, गाडरी) जाति वर्ग की स्थिति का जायज़ा लेकर, प्रामाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने तथा पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव राज्य सरकार को देगा। 
  • बोर्ड द्वारा समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन, रोज़गार को बढ़ावा देने, सामाजिक बुराइयों/कुरीतियों के विरुद्ध ठोस उपाय करने और परंपरागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने सहित अन्य सुझाव राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जाएंगे।   
  • इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 5 गैर-सरकारी सदस्य होंगे। साथ ही उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव/आयुक्त/निदेशक/संयुक्त निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे।  
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव होंगे।   
  • इनके अलावा, राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। 
  • बोर्ड का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा।

राजस्थान Switch to English

प्रधानमंत्री ने राजस्थान में छह ईएमआरएस का उद्घाटन किया

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के उदयपुर ज़िले में दो, बांसवाड़ा में दो, प्रतापगढ़ में एक और डूंगरपुर में एक कुल मिलाकर छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • प्रत्येक स्कूल की क्षमता 480 छात्रों की है, जिनमें 240 लड़कियाँ होंगी। इन स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिये अलग-अलग छात्रावास, कर्मचारियों के लिये आवास, भोजन का स्थान और खेल का मैदान होगा।  
  • इन स्कूलों का निर्माण मैदानी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपए और पहाड़ी इलाकों में 48 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। 
  • इन स्कूलों के निर्माण से 2880 आदिवासी छात्र लाभान्वित होंगे, जिनमें आधी लड़कियाँ होंगी। 

एक नजर में राजस्थान के आँकड़े:

योजना/शुरुआत

2013-14

2022-23

स्वीकृत विद्यालय

8

31

  • राजस्थान में 31 ईएमआरएस स्वीकृत हैं जिनमें उदयपुर में आठ, बांसवाड़ा में छह, डूंगरपुर में चार, प्रतापगढ़ में चार, अलवर में दो, जयपुर में दो टोंक में एक करौली में एक, बारा में एक]सिरोही में एक, सवाई-माधोपुर में एक शामिल हैं। (संख्या में आँकड़े स्कूलों की संख्या दर्शाते हैं)A31 में से 24 स्कूलों में निर्माण पूरा हो चुका है और 7 स्कूल निर्माणाधीन हैं, जिनके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है।  

आँकड़े एक नज़र में- अखिल भारतीय

योजना/शुरूआत

2013-14

2023-24

बजट परिव्यय

278.76 करोड़ रुपए

(संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत एक घटक के रूप में

4000 करोड़ रुपए 

(पृथक् केंद्रीय क्षेत्र योजना)

स्वीकृत विद्यालय

167

693 

कार्यात्मक विद्यालय

119

401 

आवर्ती लागत

42,000 रुपए प्रति छात्र प्रति वर्ष

1,09,000 रुपए प्रति छात्र प्रति वर्ष 

पूंजी लागत

12.00 करोड़ रुपए (मैदानी क्षेत्र)

16 करोड़ रुपए (पहाड़ी, पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद)

37.80 करोड़ रुपए

(मैदानी क्षेत्र), 48 करोड़ रुपए (पहाड़ी, पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद) 

सीबीएसई से संबद्ध स्कूल

69

277 

नामांकन

34365

113275

  • वर्तमान में 8,925 छात्र पढ़ रहे हैं और जब सभी स्कूल पूरे हो जाएंगे तो इन स्कूलों में 14,880 छात्र शिक्षा प्राप्त करेंगे।  
  • ईएमआरएस से लाभ पाने वाली प्रमुख जनजातियों में भील, गमेती, गरासिया, मीना, सहरिया शामिल हैं।  
  • 5 करोड़ की लागत से पुराने स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत सड़क निर्माण और पेयजल के लिये भी धनराशि दी जा रही है। 
  • प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में 740 एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल स्थापित किये जा रहे हैं। ये एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल ऐसे प्रत्येक आदिवासी ब्लॉक में स्थापित किये जा रहे हैं, जहाँ 50 प्रतिशत या 20,000 से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी है। 
  • ईएमआरएस के निर्माण की लागत 2021-22 में 452 नए स्कूलों के लिये मैदानी क्षेत्रों में 20 करोड़ रुपए से बढ़ा कर 24 करोड़ रुपए और पहाड़ी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 48 करोड़ रुपए कर दी गई थी। अगले 3 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 38,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। 
  • विदित है कि वर्ष 2013-14 में 167 स्कूल स्वीकृत किये गए थे, जो आज बढ़कर 693 हो गए हैं तथा 2013-14 में 119 स्कूल क्रियाशील थे, जबकि वर्तमान में 401 स्कूल क्रियाशील हैं। पिछले 5 वर्षों में 110 स्कूलों में निर्माण पूरा हुआ है।

 


राजस्थान Switch to English

प्रधानमंत्री ने सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित की

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के सीकर में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र समर्पित करते हुए विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • प्रधानमंत्री ने किसानों को लाभान्वित करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित किये। सभी किसानों की ज़रूरतों के लिये वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिये पीएमकेएसके विकसित किये जा रहे हैं।  
    • कृषि इनपुट (उर्वरकों, बीजों, उपकरणों) की जानकारी से लेकर मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिये परीक्षण सुविधाओं तक विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी तक पीएमकेएसके को देश में किसानों के लिये एक विश्वसनीय समर्थन प्रणाली बनाने की परिकल्पना की गई है।  
    • वे ब्लॉक/ज़िला स्तर के विक्रय केंद्रों पर उर्वरक खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण भी सुनिश्चित करेंगे। 
  • प्रधानमंत्री ने यूरिया गोल्ड की एक नई किस्म का शुभारंभ किया, जो सल्फर के साथ लेपित है। सल्फर लेपित यूरिया की शुरुआत मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगी।  
    • यह अभिनव उर्वरक नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है, पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत को कम करता है और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है। 
  • प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान डिजिटल कॉमर्स के लिये ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) से 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़ने की शुरुआत की। ओएनडीसी एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुँच के साथ सशक्त बनाता है और स्थानीय मूल्यवर्द्धन को प्रोत्साहित करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स के विकास को उत्प्रेरित करता है। 
  • प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लगभग 17,000 करोड़ रुपए की 14वीं किस्त की राशि 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से जारी की। 
  • प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया और बाराँ, बूंदी, करौली, झुंझुनूँ, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी।  
    • मेडिकल कॉलेजों की स्थापना वर्तमान ज़िला/रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिये केंद्र प्रायोजित योजना के तहत की जा रही है।  
    • प्रधानमंत्री ने जिन पाँच मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है, उन्हें 1400 करोड़ रुपए से अधिक की संचयी लागत से विकसित किया गया है, जबकि जिन सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी, वे 2275 करोड़ रुपए की संचयी लागत से बनाए जाएंगे।  
    • 2014 तक राजस्थान में केवल 10 मेडिकल कॉलेज थे। केंद्र सरकार के समर्पित प्रयासों के माध्यम से राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। यह 250 प्रतिशत की वृद्धि है।  
    • इन 12 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से राज्य में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2013-14 में 1750 सीटों से बढ़कर 6275 हो जाएगी, जो 258 प्रतिशत की वृद्धि होगी। 
  • प्रधानमंत्री ने इसके अतिरिक्त उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर ज़िलों में छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया, जिससे इन ज़िलों में रहने वाली जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। वह कार्यक्रम के दौरान जोधपुर में केंद्रीय विद्यालय, तिंवरी का भी उद्घाटन किया। 


मध्य प्रदेश Switch to English

म.प्र. श्रम कल्याण मंडल के संचालक मंडल का गठन

चर्चा में क्यों ?

26 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश शासन श्रम विभाग द्वारा म.प्र. श्रम कल्याण मंडल का गठन किया गया है। गठित संचालक मंडल में अध्यक्ष भगवानदास गोंडाने तथा सचिव कल्याण आयुक्त (पदेन) मनोनीत किया गया।  

प्रमुख बिंदु  

  • वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा उपसचिव म.प्र. शासन, श्रम विभाग रत्नाकर झा को मंडल के कल्याण आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 
  • संचालक मंडल में नियोजकों के 6 प्रतिनिधि सम्मिलित हैं, जिनमें कार्यपालक निदेशक भारत हेवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड भोपाल या प्रतिनिधि अतुल खंडेलवाल, नामा मुकुंद हरि (संचालक जारगो इंड. प्रा. लि एवं अध्यक्ष पीथमपुर उद्योग संचालक संगठन, पीथमपुर ज़िला धार), चंद्रप्रकाश आवतानी (उप-महाप्रबंधक (एच.आर.) भागीरथ कोच एंड मेटल फेडीकेटर, इंदौर), आई.के. कोचर (अध्यक्ष लघु उद्योग भारती, रतलाम इकाई, रतलाम), सी.एम.डी. के.पी. सोल्वेक्स प्रा.लि., निवाड़ी तथा अमित शर्मा (कार्यकारी अध्यक्ष जयप्रकाश एसोसिएट लि., जे.पी. नगर, रीवा) सम्मिलित है। 
  • संचालक मंडल में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों में अरविंद मिश्रा (प्रदेश उप महामंत्री, भारतीय मजदूर संघ, म.प्र. ग्वालियर), कमलेश पटेल (प्रदेश मंत्री भारतीय मजदूर संघ, म.प. कटनी), संगीता श्रीवास्तव (महामंत्री, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ, भारतीय मजदूर संघ, म.प्र. टीकमगढ़), आर.डी. त्रिपाठी (अध्यक्ष, म.प्र. इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कॉन्ग्रेस भोपाल), दीपक जायसवाल (राष्ट्रीय अध्यक्ष नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस, भोपाल) एवं रामविलास गोस्वामी (प्रदेश अध्यक्ष, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस लश्कर, ग्वालियर) शामिल हैं। 
  • संचालक मंडल में 7 स्वतंत्र सदस्य मनोनीत किये गए हैं, जिनमें प्रमुख सचिव म.प्र. शासन श्रम विभाग, भोपाल, श्रमायुक्त म.प्र. शासन, इंदौर, संचालक कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएँ इंदौर, सामाजिक कार्यकर्ता (स्वच्छता अभियान प्रेरक) प्रताप करोसिया (इंदौर), श्याम, सामाजिक कार्यकर्ता (उपभोक्ता जागरण मंच, इंदौर प्रमुख) सुंदर चौकसे, सामाजिक कार्यकर्ता एवं व्यवसायी अमृत जैन (इंदौर) एवं डॉ. मंजू जरोलिया (जबलपुर) शामिल है। 

हरियाणा Switch to English

अब डिपो होल्डरों के पास होगा सुपर-फास्ट 5-जी ‘पीओएस डिवाइस’

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद बताया कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी डिपो-होल्डरों को 5-जी ‘पीओएस डिवाइस’उपलब्ध करवाएगी ताकि गरीब लोगों को राशन वितरण का कार्य जल्द संपन्न हो सके।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस डिवाइस की सहायता से लोग माइक्रो-एटीएम की भाँति डिपो-होल्डर के पास पैसों को भी बैंक खाते में जमा करवा सकेंगे और निकलवा सकेंगे। 
  • उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि हरहित स्टोर और राशन डिपो को संयुक्त बनाने के मॉडल की संभावनाओं का भी पता लगाएँ। इससे डिपो होल्डर चाय पत्ती, नमक जैसा अन्य सामान भी रख लें तो उनकी आमदनी में इज़ाफा हो सकता है। 
  • उपमुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी तेज़ी से बदल रही है, इसी को देखते हुए सुपर-फास्ट स्पीड के लिये सभी डिपो होल्डरों को 5-जी ‘पीओएस डिवाइस’दिया जाएगा, ताकि वह जल्दी-जल्दी अपना काम निपटा सकें और दुकान पर भीड़ भी नहीं लगेगी।  
  • इसी डिवाइस को माइक्रो-एटीएम का रूप दिया जाएगा, ताकि बायोमेट्रिक से लोग अपने पैसे खुद के बैंक खाते में जमा भी करवा सकेंगे और नकदी भी निकलवा पाने में सक्षम होंगे। इससे उन लोगों को खास फायदा होगा, जिन गांवों में बैंक या एटीएम की सुविधा नहीं है।    

हरियाणा Switch to English

रोहतक में बनेगा लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को हरियाणा के एक सरकारी प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में अब लीवर और किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों के इलाज के लिये मरीजों को जल्द ही रोहतक ज़िले में स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआईएमएस) में लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलेगी।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। 
  • एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार निरंतर प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कर रही है। इसी कड़ी में पीजीआईएमएस, रोहतक में ट्रांसप्लांट सेंटर स्थापित करने के साथ-साथ मैनपावर को भी मंजूरी प्रदान की गई है। 
  • इस सेंटर के लिये 3 लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन, 2 रेनल ट्रांसप्लांट सर्जन और 2 नेफ्रोलॉजिस्ट के पदों की भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

 


झारखंड Switch to English

झारखंड पंचायती राज विभाग ने पेसा नियमावली का प्रारूप किया प्रकाशित

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड पंचायती राज विभाग ने झारखंड पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) (पेसा) नियमावली-2022 का औपबंधिक प्रारूप प्रकाशित कर दिया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • झारखंड पंचायत राज अधिनियम-2001 की धारा-131 की उप धारा-1 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए इसका प्रारूप प्रकाशित किया गया है। इस तरह अब आम लोगों से इस पर राय ली जाएगी। उसके बाद विभाग अंतिम रूप से फाइनल प्रारूप का प्रकाशन करेगा। 
  • अभी जो प्रारूप प्रकाशित किया गया है, इसमें पंचायतों के संचालन के बारे में विस्तार से नियम तय किये गए है। इस नियमावली का नाम ‘झारखंड पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार नियमावली-2022’ दिया गया है। 
  • इसमें सचिव का अर्थ ग्राम पंचायत का पंचायत सचिव होगा। ग्रामसभा अध्यक्ष से अभिप्रेत ग्राम प्रधान, ग्रामसभा अध्यक्ष, मांझी मुंडा, मानकी, डोकलो, सोहोर, पंच परगनैत, पड़हा राजा, पाहन, महतो होगा। ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति ग्राम पंचायत स्तर पर निर्वाचित मुखिया एवं वार्ड सदस्य होंगे।  
  • इस नियमावली में वन भूमि, लघु जल निकायों, लघु खनिज, मादक द्रव्य, प्राकृतिक संसाधन को परिभाषित किया गया है। उस पर ग्रामसभा के अधिकार और संचालन तय किये गए हैं। साथ ही ग्रामसभा के गठन एवं ग्राम की संरचना के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। 
  • ग्रामसभा की स्थाई समितियों जैसे- ग्राम विकास समिति, सार्वजनिक संपदा समिति, कृषि समिति, स्वास्थ्य समिति, ग्राम रक्षा समिति, आधारभूत संरचना समिति, शिक्षा एवं सामाजिक न्याय समिति, निगरानी समिति के कार्यों को बताया गया है। 
  • सामुदायिक संसाधनों के प्रबंधन के साथ ही परंपराओं का संरक्षण एवं विवादों का निबटारा, ग्रामसभा में विवादों की सुनवाई, ग्रामसभा द्वारा दंड निर्धारित करने, ग्रामसभा के निर्णय पर अपीलीय अधिकार को भी विस्तारपूर्वक शामिल किया गया है। 
  • इनके अलावा, विकास योजना का अनुमोदन लाभार्थियों की पहचान एवं सामाजिक क्षेत्र के संस्थाओं के कार्यों पर नियंत्रण को भी बिंदुवार उल्लेखित किया गया है।  
  • ग्रामसभा द्वारा कार्यक्रमों की निगरानी, ग्रामसभा के निर्णय का अनुपालन, ग्रामसभा द्वारा योजना बनाना, लाभार्थियों की पहचान, सामाजिक क्षेत्र की संस्थाओं का अनुश्रवण, ग्रामसभा द्वारा सामाजिक अंकेक्षण, ग्रामसभा द्वारा निधियों के उपयोग और उसे अभिप्रमाणित करना, को भी समाहित किया गया है।   
  • नियमावली में यह भी शामिल किया गया है कि सभी व्यक्तियों को गांव के क्षेत्र के अधीन वाले प्राकृतिक जल संसाधनों में मछली पकड़ने का समान अधिकार रहेगा। इस तरह के जल संसाधन का किसी व्यक्ति विशेष अथवा संस्था के साथ सरकारी प्रावधानों के अंतर्गत बंदोबस्ती नहीं होगी। 
  • ग्रामसभाएँ लघु खनिजों जैसे- मिट्टी, पत्थर, बालू, मोरम आदि के लिये योजना बनाने और उसके उपयोग के लिये सक्षम होंगी। ग्रामसभा बालू घाट की संचालक होगी अथवा अपने स्तर से स्थानीय ज़रूरतों के लिये इस्तेमाल कर सकेगी। इससे प्राप्त राजस्व ग्रामसभा के कोष में जमा होगा।  
  • ग्रामसभा यह भी सुनिश्चित करेगी कि बालू घाट में जेसीबी या अन्य किसी मशीन से खनन नहीं हो। मानसून अवधि में बालू खनन व उठाव पर रोक भी लगानी होगी। 
  • अनुसूचित क्षेत्रों से संबंधित ग्रामसभा या पंचायत की पूर्व सलाह के बिना लघु खनिज का खनन पट्टा अथवा खुली खान अनुमति पत्र जारी नहीं होगा। इसकी स्वीकृति के लिये अनुसूचित जनजाति के सहयोग समिति को प्राथमिकता दी जाएगी। लघु खनिजों के वाणिज्यिक उपयोग की अनुमति देने से पहले खनिज विभाग को ग्रामसभा की अनुशंसा लेनी होगी।  
  • ग्रामसभा ही लघु वनोत्पाद का रॉयल्टी तय करेगी। ग्रामसभा द्वारा भूमि वापसी और हस्तांतरण को लेकर भी कुछ अधिकार व नियमन तय किये गए हैं। बाज़ार प्रबंधन भी ग्राम पंचायत के सहयोग से होगा।

झारखंड Switch to English

नीलम नीरद सहित झारखंड की 4 महिलाओं को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय का फेलोशिप

चर्चा में क्यों?

27 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार जादोपटिया चित्रकार नीलम नीरद सहित झारखंड के चार संस्कृति कर्मियों को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय का वर्ष 2020-21 का फेलोशिप अवॉर्ड मिला है।  

प्रमुख बिंदु  

  • जादोपटिया चित्रकार नीलम नीरद सहित झारखंड के तीन संस्कृति कर्मियों को वर्ष 2020-21 का सीनियर फेलोशिप अवॉर्ड मिला है, जबकि इसी वर्ष के जूनियर फेलोशिप अवॉर्ड के लिये राज्य से एक कलाकार का चयन किया गया है। 
  • यह बड़ा इत्तेफाक है कि इस वर्ष के लिये झारखंड से जिन चार नामों को सीनियर और जूनियर फेलोशिप अवॉर्ड के लिये चुना गया, वे सभी महिलाएँ हैं। 
  • दुमका की नीलम नीरद को जनजातीय चित्रकला, राँची की सीमा देवी को लोकगीत और राँची की ही मोनिता सिन्हा को थियेटर के लिये सीनियर फेलोशिप तथा बोकारो की आकांक्षा प्रियदशिर्नी को छऊ नृत्य के लिये जूनियर फेलोशिप अवॉर्ड के लिये चुना गया है। 
  • यह फेलोशिप अवॉर्ड संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विशिष्ट कला-साधकों को दिया जाता है, जिसका चयन राष्ट्रीय स्तर पर होता है। यह फेलोशिप दो वर्ष के लिये मिलता है, जिसे योजना के अनुसार छह माह का अतिरिक्त विस्तार दिये जाने का भी प्रावधान है। 
  • नीलम नीरद जनजातीय जादोपटिया चित्रकला की प्रख्यात कलाकार हैं। इनकी कलाकृतियाँ राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनियों में सराही गई हैं। ये सम्मानित भी होती रही हैं। 
  • जादोपटिया चित्रकला का संबंध संताल जनजाति से है। इस शैली के चित्र कागज और कपड़े के लंबवत् पट (स्क्रॉल) पर बनाये जाते हैं। प्रत्येक पट के अलग अलग विषय होते हैं और एक पट पर 16 से 32 चित्र तक होते हैं। इन्हें प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है और पारंपरिक कलाकार इसे दिखाते समय गीत भी गाता है, जिसमें चित्रों की कथा का वर्णन होता है।  
  • नीलम नीरद ने इसके वंशानुगत कलाकारों से सीख कर इस चित्रकला शैली को आगे बढ़ा रही हैं और इसमें कई प्रयोग भी उन्होंने किये हैं।


छत्तीसगढ़ Switch to English

नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में राजनांदगांव ज़िले का तीसरा स्थान

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नीति आयोग द्वारा आकांक्षी ज़िला अंतर्गत कृषि एवं जल संसाधन के क्षेत्र के लिये जारी डेल्टा रैंकिंग में राजनांदगांव ज़िले को देश में तीसरा स्थान मिला है। नीति आयोग द्वारा इस उपलब्धि के लिये ‘चैंपियन ऑफ चेंज’ के तौर पर ज़िले की सराहना की गई है।  

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कृषि एवं जल संसाधन के क्षेत्र में ज़िले में उत्कृष्ट कार्य हुये हैं। नीति आयोग द्वारा जारी इंडिकेटर्स जैसे माइक्रो इरिगेशन से रकबे में वृद्धि, मनरेगा अंतर्गत तैयार जल स्रोत, पशुओं के टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान तथा कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी कर राजनांदगांव ज़िले ने यह सफलता हासिल की है। 
  • उल्लेखनीय है कि मई 2023 में जारी डेल्टा रैंकिंग में देश के सबसे विकसित आकांक्षी ज़िलों में राजनांदगांव ज़िले ने तीसरा स्थान हासिल किया है।  
  • राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं जैसे- सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं अन्य योजनाओं से ज़िले में कृषि एवं नवीनतम तकनीक से किसानों में खुशहाली आई है। वहीं जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी नवाचारी पहल से अच्छे परिणाम प्राप्त हुये हैं।


उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश के सरकारी वाहनों के रखरखाव, मरम्मत व कंडम होने की स्थिति के संबंध में नया शासनादेश जारी

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड के परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने प्रदेश के सरकारी वाहनों के रखरखाव, मरम्मत व कंडम होने संबंधी पूर्व के सभी शासनादेशों को निष्क्रिय करते हुए नया शासनादेश जारी किया है। 

प्रमुख बिंदु  

  • वाहनों की मरम्मत व निष्प्रयोज्य घोषित करने को लेकर पूर्व के सभी शासनादेशों को अतिक्रमित करते हुए नया शासनादेश जारी किया गया है। इस आधार पर ही मरम्मत व कंडम के नियम लागू होंगे। 
  • नये शासनादेश के तहत कोई भी 300 सीसी क्षमता से कम की सरकारी मोटरसाइकिल 10 साल की आयु और एक लाख किमी. चलने पर कंडम मानी जाएगी। सभी चौपहिया सरकारी वाहन 15 साल की आयु पूरी करने के बाद संचालित नहीं हो सकेंगे।  
  • वाहनों की मरम्मत के लिये परिवहन विभाग की ओर से अधिकृत गैराज या डीलर पर ही जा सकेंगे। जिन विभागों में वाहनों के रखरखाव व मरम्मत के लिये तकनीकी स्टाफ उपलब्ध है, वहाँ उपलब्ध बजट की सीमा में तकनीकी स्टाफ की संस्तुति के बाद विभागीय कार्यशालाओं में मरम्मत कराई जा सकती है।  
  • जिन विभागों में तकनीकी स्टाफ उपलब्ध नहीं है, वे परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक की तकनीकी सिफारिश के बाद परिवहन विभाग से मान्यता प्राप्त या अधिकृत गैराज या डीलर के पास मरम्मत करा सकते हैं। इसके लिये शर्त यह है कि वाहन के खरीद मूल्य का पाँच प्रतिशत से अधिक खर्च संभावित न हो।  
  • शासनादेश के मुताबिक, ऐसे वाहन, जिनकी आयु पूरी होने वाली हो और उनकी मरम्मत पर खर्च ज़्यादा आ सकता है, उनके लिये भी परिवहन विभाग निर्णय लेगा। ज़रूरत पड़ेगी तो उन्हें कंडम घोषित कर दिया जाएगा। 
  • ये हैं वाहनों के कंडम होने के नियम: 
    • सरकारी विभागों, नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत, राज्य परिवहन उपक्रम या किसी सार्वजनिक उपक्रम के सभी वाहन जिनकी आयु पंजीकरण की तिथि से 15 साल पूरी हो जाएगी, कंडम माने जाएंगे। 
    • 300 सीसी से कम इंजन क्षमता के सरकारी दुपहिया वाहन पंजीकरण की तिथि से 10 साल की आयु पूरी करने और एक लाख किमी. (पर्वतीय क्षेत्र में 80 हज़ार किमी.) चलने पर कंडम किये जा सकते हैं। 
    • 300 सीसी से अधिक क्षमता के सरकारी दुपहिया वाहन 10 साल आयु व 1.25 लाख (पर्वतीय क्षेत्र में एक लाख) किमी. चलने पर कंडम किये जा सकते हैं। 
    • 12 साल की आयु और एक लाख किमी. चलने वाले सरकारी तिपहिया वाहन कंडम किये जा सकते हैं। 
    • 3000 किलोग्राम तक सकल यानभार क्षमता वाले वाहन 13 साल की आयु व 1.50 लाख किमी. पर कंडम हो सकते हैं। 11 साल आयु व दो लाख किमी., नौ साल की आयु व 2.50 लाख किमी., सात साल की आयु व तीन लाख किमी. पर भी कंडम किये जा सकते हैं। 
    • 3000-7000 किलोग्राम भार क्षमता वाले वाहन 12 साल की आयु व 2.25 लाख किमी., 10 साल की आयु व 2.75 लाख किमी. चलने पर कंडम हो सकते हैं। 
    • 7500 किलोग्राम से अधिक क्षमता के वाहन 12 साल की आयु व 2.50 लाख किमी., 10 साल की आयु व तीन लाख किमी. के बाद कंडम हो सकते हैं। 
    • अगर कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और मरम्मत लायक स्थिति में न हो, तक्नीकी खराबी या वाहन संचालन व मरम्मत अधिक खर्चीला होने पर भी उसे संभागीय तकनीकी समिति की सिफारिश पर कंडम किया जा सकता है। इस समिति में संबंधित संभाग के आरटीओ, उपसंभाग के एआरटीओ, आरआई टेक्निकल शामिल होंगे।

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