हिरासत में हुई मौतों में उत्तर प्रदेश अव्वल | उत्तर प्रदेश | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2022 को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले दो सालों में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
प्रमुख बिंदु
- 2020-21 में उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में 451 मौतें दर्ज की गईं, जबकि 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 501 हो गई। 2020-22 के दौरान उत्तर प्रदेश में 955 मौतें हिरासत में हुईं।
- सरकारी आँकड़ों के अनुसार भारत में हिरासत में होने वाली मौतों की कुल संख्या 2020-21 में 1,940 से बढ़कर 2021-22 में 2,544 हो गई है।
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद अब्दुस्समद समदानी के एक सवाल के जवाब में डेटा पेश करते हुए ये आँकड़े बताए।
- उत्तर प्रदेश के बाद हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें पश्चिम बंगाल में हुईं। राज्य में 2020-21 में 185 मौतें और 2021-22 में 257 मौतें दर्ज की गईं।
- आँकड़ों के अनुसार पिछले दो सालों में बिहार में पुलिस हिरासत में कुल 396, मध्य प्रदेश में 364 और महाराष्ट्र में 340 मौतें हुई हैं।
- जम्मू-कश्मीर पुलिस मुठभेड़ों में मौत से संबंधित मामलों में दर्ज मामलों की सूची में 2021-22 में 45 मामलों के साथ सबसे ऊपर है। सूची में दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ है, जिसमें 30 मौतें पुलिस मुठभेड़ में हुई हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 27 लोग एनकाउंटर में मारे गए हैं।
- गौरतलब है कि देश भर में 2021-22 और 2020-21 में पुलिस एनकाउंटर में मौत से संबंधित कुल 151 और 82 मामले दर्ज किये गए हैं।
‘एक तहसील एक उत्पाद’योजना | उत्तर प्रदेश | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘एक ज़िला एक उत्पाद’(ODOP) योजना की सफलता के बाद ‘एक तहसील एक उत्पाद’योजना शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके ज़रिये तहसील स्तर पर प्रोडक्ट को बढ़ावा मिलने के साथ ही युवाओं को नए रोज़गार मिलेंगे।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एमएसएमई विभाग इस संबंध में कार्य कर रहा है। पहले चरण में ज़िले के स्थानीय प्रशासन से मिलकर तहसीलवार खास उत्पादों की सूची तैयार करेगा।
- गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की ज़्यादातर तहसीलों या उनके किसी खास कस्बे का कोई उत्पाद उनकी पहचान है, जैसे- गोरखपुर के कैंपियरगंज के रमचौरा के कच्चे केले, फरेंदा महराजगंज की हरी मटर, हरदोई के संडीला का लड्डू, कुशीनगर के दुदही ब्लॉक में हल्दी की खेती आदि।
- यह संभावना है कि ODOP की तर्ज़ पर अगर इन उत्पादों की पैकेजिंग, डिज़ाइनिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग, ज़रूरत के मुताबिक पूंजी की उपलब्धता और इनसे जुड़े लोगों के कौशल को निखारने के लिये प्रशिक्षण आदि की सुविधाएँ उपलब्ध करा दी जाएँ तो इनकी भी संभावनाएँ ODOP (One District One Product) की तरह ही बढ़ जाएंगी।
- वक्त के साथ इन उत्पादों के ज़रिये ब्रांड यूपी देश-दुनिया में और मज़बूत होगा। एक तरीके से यह ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’का ही विस्तार होगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में 24 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश के पहले स्थापना दिवस की शुरुआत करते हुए ODOP योजना लॉन्च की थी, जिसका अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। इसलिये राज्य सरकार ने ‘एक तहसील एक उत्पाद’योजना पर काम करने का निर्णय लिया है।
प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिये स्टेशनरी फ्री, बैंक अकाउंट में मिलेंगे अब 1200 रुपए | उत्तर प्रदेश | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक में बच्चों के लिये स्कूल ड्रेस और स्टेशनरी के लिये दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाने से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट बैठक में प्राइमरी स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के अभिभावकों को दी जाने वाली राशि को बढ़ाने का फैसला लिया गया। इस बार 1100 रुपए से बढ़ाकर 1200 रुपए डीबीटी के ज़रिये दिये जाएंगे।
- इस राशि से उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों और अशासकीय सहायताप्राप्त प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के सभी विद्यार्थियों के लिये उनके अभिभावक वर्तमान शैक्षिक सत्र में यूनिफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूते-मोजे के साथ स्टेशनरी भी खरीद सकेंगे।
- स्टेशनरी में चार कापियाँ, दो पेंसिल, दो पेन, चार रबर और चार शॉपनर शामिल हैं।
- वर्तमान शैक्षिक सत्र में दो करोड़ बच्चों के नामांकन लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 91 करोड़ बच्चे नामांकित हो चुके हैं। नामांकित बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में 1200 रुपए की रकम भेजने पर कुल 2225.6 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
- कैबिनेट ने प्रत्येक वर्ष में केंद्रांश प्राप्त होने की प्रतीक्षा किये बिना बच्चों को यूनिफार्म, स्वेटर, बैग, जूते-मोजे और स्टेशनरी की पूरी धनराशि की अग्रिम वित्तीय स्वीकृति जारी करने का प्रस्ताव भी अनुमोदित कर दिया है। इससे यह धनराशि समय से डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में भेजी जा सकेगी।
- यूनिफार्म के लिये जहाँ केंद्र व राज्य सरकार, दोनों बजट उपलब्ध कराते हैं, वहीं स्वेटर, बैग, जूते-मोजे का खर्च राज्य सरकार अपने संसाधनों से वहन करती है।
परिवार नियोजन सेवाओं में राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान को द्वितीय पुरस्कार | राजस्थान | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय परिवार नियोजन सम्मेलन में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत प्रदेश में महिलाओं के लिये परिवार नियोजन साधन ‘अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन’की सुलभ सेवाएँ सुनिश्चित करने की उपलब्धियों हेतु राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ.भारती प्रवीण पंवार ने यह पुरस्कार प्रदान किया है। राजस्थान को मिले द्वितीय स्थान का यह पुरस्कार निदेशक आरसीएच डॉ. के. एल. मीणा एवं परियोजना निदेशक परिवार कल्याण डॉ. गिरीश द्विवेदी ने ग्रहण किया।
- राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि प्रदेश में परिवार कल्याण साधन अंतरा इंजेक्शन की सुलभ उपलब्धता, फालोअप एवं सघन मॉनिटरिंग हेतु अंतराराज एप्लीकेशन, ई-काउंसिलिंग, ई-लर्निंग मॉड्यूल को क्रियान्वित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप अब तक प्रदेश में 5 लाख से अधिक महिलाओं ने इस साधन को अपनाया है। अब तक कुल 10 लाख अंतरा इंजेक्शन की डोज लगवाई गई हैं।
- गौरतलब है कि अंतरा इंजेक्शन अनचाहे गर्भ को रोकने व बच्चों के बीच अंतर रखने का एक सुरक्षित अस्थायी गर्भनिरोधक विकल्प है। तीन माह के अंतराल में लगने वाला यह इंजेक्शन एक बार लगवाने पर तीन माह तक या 90 दिन तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा देता है।
वर्ल्ड ट्रेवल मार्केट रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म इंडिया अवार्ड | मध्य प्रदेश | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव (पर्यटन और संस्कृति) एवं प्रबंध संचालक टूरिज़्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि वर्ल्ड ट्रेवल मार्केट रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म इंडिया अवार्ड की मेजबानी भोपाल करेगा।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा ADTOI-MP चेप्टर एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया के सहयोग से रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित की जाएगी।
- 30 अगस्त, 2022 से शुरू होने वाले ये कार्यक्रम 10 सितंबर, 2022 तक चलेंगे। इसके अंतर्गत यूके, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्राँस सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों वाली एक आईसीआरटी टीम मध्य प्रदेश के विभिन्न गंतव्यों का दौरा करेगी। टीम का नेतृत्व आईसीआरटी के संस्थापक निदेशक और रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म पार्टनशिप के प्रबंध निदेशक डॉ. हेरोल्ड गुडविन करेंगे।
- यह टीम प्रदेश के समृद्ध विरासत स्थलों और ग्रामीण पर्यटन के विकसित गाँवों का अवलोकन करेगी। साथ ही प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में ग्राम-स्टे, स्थानीय भ्रमण, पारंपरिक व्यंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शिरकत करेगी।
- यह टीम मंडला में प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट), प्रोजेक्ट रिस्पॉन्सिबल सोवेनियर एवं ओरछा में प्रोजेक्ट हमसफर की समीक्षा भी करेगी।
- उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म (ICRT) ऐसे प्रबुद्धजनों का एक नेटवर्क है, जो केपटाउन घोषणा का समर्थन करते हैं। इसमें कई सहयोगी संगठन और संबद्ध केंद्र हैं। इसकी स्थापना 2002 में हेरोल्ड गुडविन द्वारा पर्यटन गंतव्यों में रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म और 2002 के केप टाउन घोषणा के परिणामस्वरूप की गई थी।
- आईसीआरटी नेटवर्क के सदस्य रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की अवधारणा को विकसित करने और बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं। इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म द्वारा वर्ष 2004 से वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म अवार्ड की शुरुआत की गई।
- इस अवार्ड का उद्देश्य विश्व में रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म को बढ़ावा देना एवं संस्थाओं द्वारा इस क्षेत्र में किये जा रहे अच्छे कार्यों के संबंध में जागरूक करना है।
- वर्ल्ड रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवार्ड 10 विभिन्न श्रेणियों में दिया जाता है। अभी तक यह अवार्ड कार्यक्रम लंदन में डब्ल्यू.टी.एम. में होता था। पहली बार भारत एवं सब कॉन्टिनेंट का अवार्ड लंदन से बाहर भोपाल में होने जा रहा है।
- इस अवार्ड में भारत के अतिरित्त पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, भूटान, मलेशिया एवं नेपाल आदि देश हिस्सा लेंगे। अवार्ड के विजेता का अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा चयन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष डॉ. हेराल्ड गुडविन होंगे।
- इस अवार्ड की प्रमुख श्रेणियाँ निम्न हैं-
- डिकार्बनाइजिंग ट्रेवल एंड टूरिज्म
- सस्टेनिंग एम्पालाइज एंड कम्युनिटी थ्रू पेंडेमिक
- डेस्टिनेशन बिल्डिंग बैक बेटर पोस्ट कोविड
- इंक्रीज डायवरसिटी इन टूरिज्म, हाउ इंक्लूसिव इज अवर इंडस्ट्रीज
- रिड्यूसिंग प्लास्टिक वेस्ट इन द इनवायरमेंट
- ग्रोइंग द लोकल इकोनॉमिक बेनीफिट
- एक्सेस फॉर द डिफ्रंटली एबल्ड एस ट्रेवलर्स, इम्पलाइज एंड हॉलीडे मेकर्स
- इंक्रीज टूरिज्म कॉन्ट्रीब्यूशन टू नेचुरल हेरीटेज एंड बायो डायवर्सिटी
- कंजरविंग वाटर एंड इंप्रूविंग वाटर सिक्योरिटी एंड सप्लाई फार नेबर्स
- कॉन्ट्रीब्यूटिंग टू कल्चरल हेरीटेज
हरियाणा ई-अधिगम टैबलेट वितरण योजना की उज्बेकिस्तान ने की सराहना | हरियाणा | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2022 को चंडीगढ़ में उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री कंवर पाल को बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ई-अधिगम योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 5 लाख बच्चों को फ्री टैबलेट, 2 जीबी इंटरनेट डाटा व सॉफ्टवेयर दिये जाने की उज्बेकिस्तान सहित विश्व भर में प्रशंसा हो रही है।
प्रमुख बिंदु
- इस दौरान उज्बेकिस्तान के नामनगान विश्वविद्यालय के कुलपति व अन्य सदस्यों ने इस योजना की विस्तृत जानकारी ली तथा शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि उन्हें हरियाणा इस प्रकार की योजना तैयार करने में अपनी विशेषज्ञता प्रदान करे, ताकि वे भी अपने देश में विद्यार्थियों के लिये ऐसी योजना लागू कर सकें।
- कंवर पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्कूल स्तर पर बच्चों को टैबलेट देकर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में गहरी रुचि का परिचय दिया है। स्कूल में बच्चे ई-अधिगम योजना के माध्यम से पढ़ाई कर टेक्नोलॉजी में कुशल होंगे, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोज़गार भी उपलब्ध होंगे।
- शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने सरकारी स्कूलों के 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के 5 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किये गए हैं।
- प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार विद्यार्थियों के लिये सुपर-100 कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। मेधावी विद्यार्थियों का करियर बनाने के लिये शिक्षा विभाग का सुपर-100 कार्यक्रम एक अनूठा प्रयास है। इसके तहत आईआईटी व नीट की फ्री कोचिंग दी जाती है।
- उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उनके देश के विद्यार्थियों में भी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सहित कौशल विकास की रुचि पैदा हो, इसके लिये वे इस योजना का अनुसरण कर रहे हैं, जिससे कि वहाँ पर भी विशेषज्ञ तैयार हों।
- प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अब भारत ने नई शिक्षा नीति-2020 बनाई है, लेकिन उनके यहाँ पर अब तक रशियन पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाता है, यह उचित समय है कि अब भारत की इस नीति से अधिक-से-अधिक सीखा जाए।
- शिक्षा मंत्री से प्रतिनिधिमंडल ने टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान के लिये आग्रह करते हुए कहा कि उज्बेकिस्तान के 5 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर अंग्रेज़ी विषय में हरियाणा के सरकारी विश्वविद्यालयों में दाखिला करवाया जाए, जिससे वहाँ के विद्यार्थी अंग्रेज़ी विषय पर अपनी अच्छी पकड़ बना सकें।
- प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भारत में अंग्रेज़ी भाषा पाठ्यक्रम आसान है, इसलिये भारतीय अंग्रेज़ी भाषा की सामग्री उनके स्कूलों के लिये उपयुक्त है। इसके अलावा, अंग्रेज़ी व कंप्यूटर विषय के अध्यापकों को लघु प्रशिक्षण हेतु उज्बेकिस्तान भेजने पर भी शिक्षा मंत्री ने सहमति जताई है।
- शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा कला व संस्कृति के लिये प्रसिद्व फरीदाबाद सूरजकुंड मेले का उज्बेकिस्तान पार्टनर देश है। इसके सहयोग से मेले का आयोजन किया जाता है। इसके साथ-साथ शिक्षा में हरियाणा उज्बेकिस्तान का सहयोगी बनेगा।
- इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को सम्मानित किया। उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री को वहाँ के इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों द्वारा डिज़ाइन की गई टोपी व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति-2022 | हरियाणा | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई के माध्यम से टेक्सटाइल उद्योग को भी बढ़ावा देने तथा अधिक-से-अधिक युवाओं को रोज़गार दिलाने के उद्देश्य से प्रदेश में जल्द ही ‘हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति-2022’ लागू की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह जानकारी नई दिल्ली में ‘हरियाणा आत्मनिर्भर वस्त्र नीति-2022’ के प्रारूप को लेकर आयोजित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक के बाद दी।
- बैठक में ‘हरियाणा आत्मनिर्भर वस्त्र नीति-2022’ के लक्ष्य, उद्यमिता विस्तार, निवेश, रोज़गार सृजन, अनुदान, टेक्सटाईल पार्क व अन्य संदर्भित विषयों पर चर्चा हुई। साथ ही ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ के संदर्भ में भी विमर्श हुआ।
- उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ‘हरियाणा आत्मनिर्भर वस्त्र नीति-2022’ के प्रारूप पर मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा गहन विचार-विमर्श किया गया है। अब इस नीति को अनुमोदन के लिये मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
- वर्ष 2025 तक की समयावधि के लिये तैयार की गई इस नीति से करीब 4 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश तथा 20 हज़ार युवाओं को रोज़गार मिलने का अनुमान है।
- इस नीति के अंतर्गत टेक्निकल टेक्सटाइल को विशेषरूप से प्रोत्साहित कर विस्तार दिया जाएगा। सिंथेटिक फाईबर व रिजेनरेटेड फाईबर ईकाइयों को प्रोत्साहित किया जाना भी इस नीति में शामिल किया गया है।
पैक्स उपभोक्ताओं के लिये शीघ्र ही एकमुश्त योजना | हरियाणा | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2022 को हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने सहकारी समितियाँ व हरको बैंक के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हरियाणा केंद्रीय सहकारी बैंक की तर्ज़ पर पैक्स उपभोक्ताओं के लिये भी शीघ्र ही एकमुश्त अदायगी योजना बनाई जाएगी, ताकि पैक्स उपभोक्ता भी इस योजना का लाभ उठा सकें।
प्रमुख बिंदु
- सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य की सभी पैक्स को जल्द-से-जल्द कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा। प्रदेश की 751 पैक्स को कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है। पहले चरण में 307 पैक्स को कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है। दूसरे चरण में शेष पैक्स को भी कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि नाबार्ड पायलेट प्रोजेक्ट के तौर कंप्यूटराइज्ड पैक्स का मुआयना करेगा, इसलिये पैक्स का डाटा अपलोड कर उन्हें जल्द ऑनलाईन करने का कार्य किया जाए। इसके लिये शीघ्र ही पंचकूला में कर्मचारियों हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
- प्रदेश की केंद्रीय सहकारी बैंक उपभोक्ताओं के लिये क्रियान्वित एकमुश्त अदायगी योजना के तहत अब तक 28.09 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। सहकारी बैंकों के 24397 सदस्य हैं, जिनमें से 1207 सदस्यों ने एकमुश्त अदायगी योजना का लाभ उठाया है।
पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में उत्कृष्ट कार्यों के लिये छत्तीसगढ़ को मिले 3 पुरस्कार | छत्तीसगढ़ | 28 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय परिवार नियोजन सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ को पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में उत्कृष्ट कार्यों के लिये तीन पुरस्कारों से नवाजा है।
प्रमुख बिंदु
- पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान पिछले तीन वर्षों 2019 से 2021 के बीच नसबंदी में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पंवार ने प्रदेश को इस उपलब्धि के लिये पुरस्कृत किया। परिवार नियोजन कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. टी.के. टोंडर एवं कंसल्टेंट डॉ. रोशन गुप्ता ने छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
- पुरुष नसबंदी के लिये प्रदेश को दो और श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुआ है। सर्वाधिक पुरुष नसबंदी के लिये डॉ. संजय नवल को राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार मिला है।
- पुरुष नसबंदी के लिये दंपति मोटिवेशन (प्रेरक) की श्रेणी में रायपुर ज़िले के तिल्दा की मितानिन केवरा वर्मा को पुरस्कृत किया गया है।
- परिवार नियोजन कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. टी.के. टोंडर ने बताया की पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 3212 पुरुषों की नसबंदी की गई है। इस दौरान वर्ष 2019-20 में 1695, वर्ष 2020-21 में 168 और वर्ष 2021-22 में 1349 पुरुषों ने नसबंदी कराई है।
- नसबंदी पखवाड़ा के दौरान ग्राम स्तर से लेकर ज़िला स्तर तक विशेष अभियान चलाकर लोगों में पुरुष नसबंदी के प्रति फैली भ्रांतियों व मिथकों को दूर किया जाता है। ग्राम स्तर पर ‘मोर मितान मोर संगवारी’चौपाल का आयोजन कर पुरुषों को नसबंदी के लिये प्रेरित किया जाता है।