मध्य प्रदेश Switch to English
NMDC द्वारा टाइगर रिज़र्व के पास हीरा उत्खनन
चर्चा में क्यों?
भारत की राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) पन्ना टाइगर रिज़र्व के निकट एक खदान से 6,500 कैरेट हीरे निकालने की योजना बना रही है , जिनकी कीमत 3.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
प्रमुख बिंदु
- खनन कार्यों में विलंब:
- NMDC को पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने में देरी का सामना करना पड़ा जिसके कारण मध्य प्रदेश में पन्ना खदान में खनन कार्य तीन वर्षों से अधिक समय तक रुका रहा, क्योंकि यह टाइगर रिज़र्व के निकट है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने बाद में NMDC को कुछ दिशानिर्देशों के अधीन खनन कार्य फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी, जिससे कंपनी खदान में अपना काम फिर से शुरू कर सकी।
- हीरा निष्कर्षण:
- परिचालन पुनः शुरू करने के बाद से NMDC ने 3,700 कैरेट हीरे निकाले हैं, जिनकी कीमत 1.93 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- पन्ना खदान के बारे में:
- पन्ना खदान 275.96 हेक्टेयर (681.91 एकड़) में फैली है और इसका संचालन 1970 के दशक के प्रारंभ में शुरू हुआ था।
- यह भारत की एकमात्र मशीनीकृत हीरा खदान है।
- मध्य प्रदेश में हीरा खनन:
- मध्य प्रदेश एशिया के प्रमुख हीरा खनन क्षेत्रों में से एक है।
- वैश्विक और घरेलू कंपनियों को पन्ना रिज़र्व के पास बंदर परियोजना में हीरे के खनन में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
पन्ना टाइगर रिज़र्व
- परिचय:
- उत्तरी मध्य प्रदेश में विंध्य पर्वत शृंखला में स्थित है।
- 542 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
- बुंदेलखंड क्षेत्र का एकमात्र टाइगर रिज़र्व।
- वर्ष 1994 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत भारत सरकार द्वारा इसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया।
- परिदृश्य:
- वनस्पति:
- शुष्क पर्णपाती वनों तथा घास के मैदानों का प्रभुत्त्व।
- उत्तर में यह अभ्यारण्य सागौन के वनों से घिरा हुआ है ।
- पूर्व में इसकी सीमा सागौन-करधई मिश्रित वनों से लगती है।
- जीव-जंतु:
- यह रिज़र्व बाघों, भालूओं, तेंदुओं और धारीदार लकड़बग्घों की महत्त्वपूर्ण आबादी का घर है।
- अन्य उल्लेखनीय मांसाहारियों में गीदड़, भेड़िये, जंगली कुत्ते, जंगली बिल्लियाँ और चित्तीदार बिल्ली बिल्ली शामिल हैं।
- उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक फैली विंध्य पर्वत शृंखलाएँ वन्य जीवों की पूर्वी और पश्चिमी आबादी को जोड़ने में मदद करती हैं।