शासन व्यवस्था Switch to English
बिहार खेल विश्वविद्यालय विधेयक, 2021
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2021 को बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से बिहार खेल विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 को पारित कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- बिहार सरकार के कला-संस्कृति, खेल व युवा मामलों के मंत्री डॉ. आलोक रंजन झा ने इस विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत किया।
- इस विधेयक के पास होने के उपरांत बिहार देश का छठा राज्य बन गया, जहाँ खेल विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि बिहार से पूर्व गुजरात, पंजाब, असम, तमिलनाडु व राजस्थान में ऐेसे खेल विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं।
- इस विधेयक के ज़रिये बनने वाले खेल विश्वविद्यालय का मुख्यालय राजगीर (नालंदा) में होगा। इसके अतिरिक्त राजगीर में ही पहले से बन रही स्पोर्ट्स अकादमी भी इसी विश्वविद्यालय के अंतर्गत आएगी।
- इस विश्वविद्यालय में बिहार राज्य की महिलाओं के लिये विशेष आरक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
बिहार को इससे होने वाले लाभ
- इससे बिहार एक ‘स्पोर्ट़िग पॉवर’ वाले राज्य में विकसित हो सकेगा।
- बिहार के खिलाड़ियों को एक बेहतर माहौल व आधारिक खेल अवसंरचना प्राप्त होगी। उल्लेखनीय है कि खेल से संबंधित मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण बिहार के अनेक प्रतिभावान खिलाड़ी दूसरे राज्यों की तरफ से खेलने लगते थे।
- बिहार राज्य के विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों को समुचित प्रशिक्षण के साथ ओलंपिक तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय खेलों की तैयारी हेतु बेहतर सुविधा मिलेगी।
- आरक्षित सीटों से महिलाओं को खेलों के प्रति अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और इस प्रकार खेल के क्षेत्र में उनकी संख्या बढ़ेगी।
पीसीएस Switch to English
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2021 को राजस्थान सरकार ने प्रदेश में विवाहों में होने वाले अपव्यय को कम करने व सामूहिक विवाह आयोजनों को प्रोत्साहित करने के लिये मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 शुरू की है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत सामूहिक विवाह के आयोजन, आवेदन एवं भुगतान का सरलीकरण करते हुए ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसका उद्देश्य लाभार्थियों एवं आयोजनकर्त्ता संस्थानों को अधिक-से-अधिक लाभ देना है।
- इस योजना में विवाह आयोजन की अनुमति के लिये विवाह की तिथि से कम-से-कम 15 दिन पहले ऑफलाइन आवेदन के स्थान पर अब ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान किया गया है।
- विवाह पंजीयन हेतु समयावधि 15 दिन के स्थान पर 60 दिन कर दी गई है।
- वधुओं द्वारा बैंक खाता विवरण प्रस्तुत करने की अवधि 15 दिन के स्थान पर 60 दिन कर दी गई है।
- सामूहिक विवाह के आयोजन दिन IFMS (एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के माध्यम से 10 हज़ार रुपए का हस्तांतरण वधू के खाते में तथा 3 हज़ार रुपए का हस्तांतरण संस्था को किया जाएगा।
- विवाह आयोजन के पश्चात् 60 दिन की अवधि में विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र व अन्य दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पर 5 हज़ार रुपए की राशि का हस्तांतरण वधू के खाते में किया जाएगा।
- प्रकरण में आने वाली समस्याओं के त्वरित निवारण हेतु ज़िला स्तर पर ज़िला कलेक्टर द्वारा प्रावधान किया गया है।
पीसीएस Switch to English
झारखंड मोटरवाहन (संशोधन) नियमावली, 2021
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2021 को झारखंड कैबिनेट ने झारखंड मोटरवाहन (संशोधन) नियमावली, 2021 को मंज़ूरी प्रदान कर दी है, जिसमें आवेदन शुल्क, लाइसेंस शुल्क व परमिट शुल्क में दोगुनी वृद्धि की गई है।
प्रमुख बिंदु
- लर्ऩिग लाइसेंस जाँच शुल्क, ड्राइविंग लाइसेंस, रिन्यूअल लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी की गई है।
- सवारी गाड़ियों, यात्री बसों तथा मोटर कैब के परमिट शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है।
- पर्यटक वाहनों के लिये शुल्क में बढ़ोतरी करके इसकी राशि को 1500 रुपए कर दिया गया है।
पीसीएस Switch to English
अनुपूरक बजट
चर्चा में क्यों?
27 जुलाई, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य के चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश किया।
प्रमुख बिंदु
- यह अनुपूरक बजट 2485 करोड़ रुपए का है।
- इस बजट में ‘जल जीवन मिशन योजना’ के लिये सर्वाधिक 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- इसी तरह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिये 208 करोड़ रुपए, भूमिहीन खेतिहर मज़दूरों के लिये (न्याय योजना के तहत) 200 करोड़ रुपए तथा कर्ज़ का ब्याज चुकाने के लिये 105 करोड़ रुपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है।
- अनुपूरक बजट में छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के लिये 4 करोड़ रुपए, साजा में 50 बिस्तर के एमसीएच (मातृ-शिशु) की स्थापना के लिये 1.60 करोड़ रुपए तथा रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान की स्थापना के लिये 1.30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- बजट में अन्य प्रावधान हैं-
- संचार क्रांति योजना - 100 करोड़ रुपए
- राष्ट्रीय आजीविका मिशन - 121.90 करोड़ रुपए
- मजरा टोला विद्युतीकरण योजना - 58 करोड़ रुपए
- मुख्यमंत्री हाट बाज़ार क्लीनिक योजना - 7 करोड़ रुपए
पीसीएस Switch to English
उत्तराखंड क्रांति दल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आयोजित उत्तराखंड क्रांति दल के महासम्मेलन में पार्टी के नए अध्यक्ष के तौर पर काशी सिंह ऐरी को चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड क्रांति दल का राजनीति से निरंतर पतन होने के कारण यह दल जनता का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम बना हुआ है।
- उत्तराखंड निर्माण में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला यह दल जनता की संवेदनाओं से गहरे तौर पर जुड़ा हुआ है।
- इस दल का गठन वर्ष 1979 में बिपिन चंद्र त्रिपाठी, प्रो. देवीदत्त पंत, इंद्रमणि बड़ोनी व काशी सिंह ऐरी के प्रयासों से हुआ था।
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