उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रदेश में जल परिवहन व पर्यटन को प्रोत्साहन के लिये सोलर बोट का होगा संचालन
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को उ.प्र. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण तथा उ.प्र. राज्य पर्यटन विकास लि. के बीच सौर ऊर्जा चालित नौकाओं के संचालन के लिये करार हस्ताक्षरित किया गया, जिसके तहत प्रदेश में जल परिवहन व पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिये नदियों, सरोवरों व झीलों में सौर ऊर्जा चालित नौकाओं (सोलर बोट) का संचालन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- विभिन्न नगर निगमों में 17 स्थलों पर स्थित नदियों व सरोवरों में सोलर बोट संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
- पहले चरण में यह अयोध्या, काशी, मथुरा सहित पाँच धार्मिक स्थलों पर चलेंगी। इसकी शुरुआत अयोध्या से होगी। इस तरह का प्रयोग करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
- धर्मनगरी अयोध्या के सरयू नदी में अत्याधुनिक 30 सोलर बोट का संचालन शुरू किया जाएगा। बोट से श्रद्धालु सरयू नदी का दर्शन पूजन कर सकेंगे साथ ही इससे जल पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। करीब एक करोड़ रुपए की लागत वाली इस बोट पर एक साथ 12 से 15 लोग बैठ सकेंगे।
- अयोध्या के बाद काशी, मथुरा, प्रयागराज और गढ़मुक्तेश्वर में सोलर बोट शुरू की जाएगी। इसके बाद अगले सत्र में चित्रकूट, आगरा, गोरखपुर, जौनपुर सहित अन्य नदी के किनारे वाले शहरों में यह सुविधा दी जाएगी।
- प्रारंभ में यूपी नेडा द्वारा सोलर बोट को आपूर्तिकर्त्ता फर्म के माध्यम से छह महीने के लिये प्रयोग के तौर पर संचालित कराया जाएगा। इसके बाद पर्यटन विकास निगम द्वारा निजी उद्यमियों के माध्यम से अनुभवी संस्था का चयन करते हुए सोलर बोट का नियमित संचालन किया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
मुख्य न्यायाधिपति ने ‘आरएसएलएसए (रालसा) एट ए ग्लांस’ पुस्तक का किया विमोचन
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्य पीठ (जोधपुर) में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति तथा आरएसएलएसए (रालसा) के मुख्य संरक्षक ऑगिस्टिन जार्ज मसीह की अध्यक्षता में रालसा की उपलब्धियाँ एवं गतिविधियों को समाहित करते हुए तैयार की गई पुस्तक ‘आरएसएलएसए एट ए ग्लांस’का विमोचन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही दो जनकल्याणकारी स्कीम विशेष योग्यजनों के हितार्थ उनका पहचान पत्र सुनिश्चित करने एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं यथा कृत्रिम अंग एवं अन्य लाभ उपलब्ध कराने के लिये योजना व आदर्श विधिक सेवा केंद्र योजना को लॉन्च किया गया।
- राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष, न्यायाधिपति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि ‘आरएसएलएसए एट ए ग्लांस’पुस्तक का विमोचन, दिव्यांग व्यक्तियों को यू.डी.आई.डी. सर्टिफिकेट व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये योजना तथा प्रत्येक संभाग में दूरस्थ तालुका विधिक सेवा समिति में आदर्श विधिक सेवा केंद्र की योजना का शुभारंभ किया गया है।
- विशेष योग्यजन के चिह्नीकरण की दिशा में प्रारंभ की गई इस योजना से प्रत्येक विशेष योग्यजन को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र अर्थात् यू.डी.आई.डी. प्राप्त हो सकेगा और यू.डी.आई.डी. के अभाव में कोई व्यक्ति राज्य की कल्याणकारी योजनाओं या कृत्रिम अंग प्राप्त करने से वंचित नहीं रहेगा।
- रालसा द्वारा चिह्नित की गई आदर्श तालुकाओं में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को न केवल कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ दिलाया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
- मुख्य न्यायाधिपति ऑगिस्टिन जार्ज मसीह ने बताया कि ‘रालसा एट ए ग्लांस’पुस्तक रालसा की सराहनीय उपलब्धियों और वंचित वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने के प्रति रालसा की अटूट प्रतिबद्धता की झलक पेश करती है।
- विशिष्ट योग्यजनों की पहचान करने और उन्हें यू.डी.आई.डी. प्रदान करने की यह योजना निश्चित रूप से एक प्रगतिशील कदम है। इससे विशिष्ट योग्यजनों को समाज की मुख्यधारा में शामिल हाने के साथ ही समान अधिकार व अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
- रालसा के द्वारा शुरू किये गए आदर्श विधिक सेवा केंद्र को ज़रूरतमंद लोगों को उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की परवाह किये बगैर विधिक सहायता उपलब्ध कराएंगे जिससे वे कानूनी परिदृश्य से निपटने के लिये सशक्त हो सकेंगे।
राजस्थान Switch to English
36 न्याय क्षेत्रों में होगी वल्नरेबल विटनस डिपोजिशन सेंटर्स की स्थापना
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के 36 न्याय क्षेत्रों के मुख्यालयों पर वल्नरेबल विटनस डिपोजिशन सेंटर्स की स्थापना की स्वीकृति दी है।
प्रमुख बिंदु
- वल्नरेबल विटनस डिपोजिशन सेंटर्स की स्थापना से प्रदेश में बाल एवं यौन अपराधों के पीड़ितों एवं अन्य संवेदनशील गवाहों को सुरक्षित वातावरण में गवाही की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
- मुख्यमंत्री ने सेंटर्स की स्थापना के लिये 9.56 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रधानमंत्री ने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से पाँच नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के पाँच नए एवं उन्नत संस्करणों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक की राजधानियों को जोड़ती हैं।
प्रमुख बिंदु
- आरामदायक और उन्नत अनुभव वाली रेल यात्रा के एक नए युग की शुरुआत करते हुए, रानी कमलापति-जबलपुर, रानी कमलापति-इंदौर, गोवा (मडगाँव)-मुंबई, राँची-पटना और धारवाड़-बेंगलुरु के बीच पाँच नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की गईं हैं।
- इन पाँच नए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को मिलाकर अब देश में कुल 23 वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। ये ट्रेनें विभिन्न मार्गों पर वर्तमान में सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों की तुलना में यात्रा के समय में कई घंटों की बचत कर रही हैं।
- आज रवाना की गईं ये वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न राज्यों की राजधानियों और अन्य शहरों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, यात्रा में लगने वाले समय को कम करेंगी तथा यात्रा को और आरामदायक बनाएंगी।
- रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस:
- रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से प्रस्थान करेगी और नरसिंहपुर, पिपरिया तथा नर्मदापुरम रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन जबलपुर स्टेशन पहुँचेगी।
- रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस महाकौशल क्षेत्र (जबलपुर) को मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र (भोपाल) से जोड़ेगी।
- वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू होने से मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी जबलपुर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आसपास के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ-साथ इस इलाके का सर्वांगीण विकास भी होगा।
- इस ट्रेन के चलने से भोपाल से जबलपुर की 340 किमी. की दूरी अब साढ़े चार घंटे में ही तय हो जाएगी।
- रानी कमलापति-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस:
- भोपाल-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भोपाल रेलवे स्टेशन से प्रस्थान करेगी और उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रुकते हुए उसी दिन इंदौर स्टेशन पहुँचेगी।
- रानी कमलापति से इंदौर के बीच वंदे भारत ट्रेन के चलने से भोपाल से इंदौर की 269 किमी. की दूरी अब साढ़े तीन घंटे में तय हो जाएगी। साथ ही, यह इन इलाकों की संस्कृति, पर्यटन और तीर्थ स्थलों को जोड़ने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम बनेगी।
- गोवा (मडगाँव)-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस:
- गोवा (मडगाँव)-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन से प्रस्थान करेगी और दादर, ठाणे, पनवेल, खेड़, रत्नागिरी, कंकावली तथा थिविम रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन मडगाँव स्टेशन पहुँचेगी।
- यह अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस कोंकण क्षेत्र के लोगों को गति और आराम के साथ यात्रा करने का साधन उपलब्ध कराएगी। इससे इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद है कि इस मार्ग पर चलने वाली नई वंदे भारत ट्रेन पर्यटकों की सुविधा में नए आयाम जोड़ेगी।
- राँची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस:
- राँची-पटना नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पटना से प्रस्थान करेगी और गया, कोडरमा, हजारीबाग, बरकाकाना तथा मेसरा रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन राँची स्टेशन पहुँचेगी।
- प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधनों से समृद्ध, राँची खनिज आधारित उद्योगों के लिये एक आदर्श स्थान है। यह ट्रेन स्थानीय व्यापारियों और कारोबारियों के लिये पटना के साथ तेज कनेक्टिविटी स्थापित करने की दृष्टि से लाभदायक साबित होगी।
- धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस:
- धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन केएसआर बेंगलुरु सिटी से प्रस्थान करेगी और यशवंतपुर, दावणगेरे तथा हुबली रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन धारवाड़ स्टेशन पहुँचेगी।
- कर्नाटक में, धारवाड़-बेंगलुरु वंदे भारत ट्रेन विद्या काशी धारवाड़, वाणिज्य नगरी, हुबली और बेंगलुरु को जोड़ेगी। यह वंदे भारत ट्रेन उत्तरी कर्नाटक को दक्षिणी कर्नाटक से जोड़ेगी।
- वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें कई प्रकार की बेहतर सुविधाएँ प्रदान करती हैं, जो यात्रियों को विश्वस्तरीय आरामदायक यात्रा का अनुभव और कवच तकनीक सहित उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा संबंधी विशेष व्यवस्था उपलब्ध कराएगी।
- प्रत्येक ट्रेन में 160 किमी. प्रति घंटे की परिचालन गति के लिये पूरी तरह से सस्पेंडेड ट्रैक्शन मोटर से लैस बोगियाँ प्रदान की गई हैं। उन्नत अत्याधुनिक सस्पेंशन प्रणाली यात्रियों के लिये सुगम एवं सुरक्षित यात्रा और बेहतर आरामदायक सवारी सुनिश्चित करती है।
- इन ट्रेनों को पावर कार और उन्नत पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम के साथ लगभग 30 प्रतिशत बिजली की बचत करके भारतीय रेल के हरित उत्सर्जन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा की ‘उड़नपरी’-परदादी ने 100 मीटर रेस में जीता गोल्ड मेडल
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित 18वीं युवरानी महेंद्र कुमारी राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देशभर के युवाओं के साथ बुजुर्ग खिलाड़ियों ने भी अपना दम दिखाया, जिसमें हरियाणा की 106 वर्षीय ‘उड़नपरी’-परदादी रामबाई ने 100 मीटर रेस में पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल जीता।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ‘उड़नपरी’-परदादी रामबाई ने अपनी तीन पीढ़ियों के साथ प्रतिभाग किया। रामबाई ने 100 मीटर, उनकी बेटी संतरा और पोती शर्मिला सांगवान ने 5 किमी. की दौड़ में प्रतिभाग किया।
- हरियाणा के चरखी दादरी ज़िले के गाँव कादमा की रहने वाली रामबाई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद में 4 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास बना चुकी हैं।
- रामबाई अपने गाँव की सबसे बुजुर्ग महिला हैं और उन्हें लोग ‘उड़नपरी’-परदादी कहकर बुलाते हैं। वो खुद को फिट रखने के लिये रोज सुबह 5-6 किमी. की दौड़ लगाती हैं।
- रामबाई ने 104 साल की उम्र में प्रतिस्पर्धी दौड़ शुरू की। उन्होंने और गुजरात के वडोदरा में नेशनल ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दोहरा स्वर्ण पदक जीता था।
झारखंड Switch to English
झारखंड को मिली वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से राँची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर ऑनलाइन उद्घाटन किया, जिसके साथ ही वंदे भारत राँची से पटना के लिये रवाना हो गई।
प्रमुख बिंदु
- राँची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस झारखंड और बिहार के लिये पहली वंदे भारत रेलगाड़ी है।
- राँची-पटना नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पटना से प्रस्थान करेगी और गया, कोडरमा, हजारीबाग, बरकाकाना तथा मेसरा रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए उसी दिन राँची स्टेशन पहुँचेगी।
- प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधनों से समृद्ध राँची खनिज आधारित उद्योगों के लिये एक आदर्श स्थान है। यह ट्रेन स्थानीय व्यापारियों और कारोबारियों के लिये पटना के साथ तेज कनेक्टिविटी स्थापित करने की दृष्टि से लाभदायक साबित होगी।
- पटना और राँची के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाने वाली यह रेलगाड़ी पर्यटकों, छात्रों और व्यवसायियों के लिये वरदान साबित होगी।
- वंदे भारत एक्सप्रेस के रवाना होने के पहले दिन विभिन्न स्कूलों के बच्चों को फ्री में सफर कराया गया।
- विदित है कि अब देश में कुल 23 वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। ये ट्रेनें विभिन्न मार्गों पर वर्तमान में सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों की तुलना में यात्रा के समय में कई घंटों की बचत कर रही हैं।
- वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेगी और पर्यटन को बढ़ावा देगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने वर्ल्ड बैंक ने मंजूर की 2460 करोड़ रुपए की राशि
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छतीसगढ़ के स्कूलों में बेहतर आधारभूत ढाँचे के साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, सीनियर सेकेंडरी स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये वर्ल्ड बैंक ने छत्तीसगढ़ को लगभग 2460 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। इस परियोजना से गरीब और कमजोर वर्ग से आने वाले लगभग 40 लाख छात्र लाभान्वित होंगे।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही गरीब वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश एवं हिन्दी माध्यम के उत्कृष्ट स्कूल प्रारंभ किये जा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचारी पहल भी किये जा रहे हैं।
- सभी स्तरों में शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करने, सीनियर सेकेंडरी स्तर पर साइंस और कॉमर्स की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ एक्सीलरेटेड लर्निंग फॉर नॉलेज इकोनॉमी ऑपरेशन (चाक) परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में भी अध्ययन-अध्यापन की बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- इसी कड़ी में वर्ल्ड बैंक की मदद से राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान और वाणिज्य शिक्षा को प्रोत्साहित करने, विज्ञान और गणित शिक्षकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ प्रयोगशालाओं में आवश्यक बुनियादी ढाँचे को मजबूत बनाने, दूरस्थ स्थानों से पढ़ाई के लिये आने वाले छात्रों के लिये आवास की व्यवस्था, स्कूलों में छात्रों का नामांकन दर बढ़ाने तथा गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिये प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
- वर्ल्ड बैंक की इस परियोजना से कक्षा 1 से 12वीं तक के लगभग 600 मॉडल स्कूलों को विकसित और संचालित करने में मदद मिलेगी तथा माध्यमिक स्तर पर विज्ञान और वाणिज्य की शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
- स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों, मजबूत नेतृत्व और प्रबंधन सीखने के लिये पर्याप्त बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। परियोजना से कोविड-19 के दौरान लर्निंग लॉस में कमी आएगी।
- परियोजना से अध्यापकों के प्रशिक्षण से शिक्षकों की कक्षा में अध्यापन की क्षमता बेहतर होने के साथ ही छात्रों की विषय-वस्तु को सीखने की क्षमता बढ़ेगी। इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते निर्माण और सेवा क्षेत्रों में युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश में अब इजराइली कृषि तकनीक से होगी बागवानी
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को देहरादून स्थित राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) की अध्यक्षता में इंडो-इजराइल कृषि परियोजना की बैठक हुई, जिसमें बताया गया कि प्रदेश में इजराइल की कृषि तकनीक से बागवानी को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इसके लिये इंडो-इजराइल कृषि परियोजना के तहत राज्य में उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी) स्थापित किया जाएगा। इजराइल के पास ड्राई लैंड फार्मिंग की तकनीक है, जिसमें पानी का कम इस्तेमाल कर फसलों का अधिक उत्पादन किया जाता है।
- बैठक में राज्यपाल ने कहा कि राज्य में इजराइली तकनीकी के लिये रोड मैप तैयार कर मिशन मोड में काम करने की आवश्यकता है। इसके लिये उद्यान विभाग और पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से योजना बनाई जाए।
- उन्होंने इंडो-इजराइल प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की केदारघाटी का शहद प्रतीकात्मक रूप में भेंट किया।
- उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत और इजराइल कृषि परियोजना का लक्ष्य फसल विविधता को बढ़ावा देने के साथ कम पानी के प्रयोग से उत्पादकता बढ़ाना है। इजराइल कृषि प्रौद्योगिकी पर आधारित उत्कृष्टता केंद्र से राज्य में बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। इसका लाभ किसानों को मिलेगा।
- कृषि तकनीक को सीखने के लिये उत्तराखंड का एक दल जल्द ही इजराइल जाएगा।
- इजराइल एंबेसी से आए येअर इशेल ने बताया कि इंडो-इजराइल कृषि परियोजना के तहत 24 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये जा चुके हैं। राज्य के मैदानी व घाटी क्षेत्रों में बागवानी की संभावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड में भी सेंटर बनाया जाएगा। इसमें पंतनगर विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाएगा।
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