उत्तर प्रदेश Switch to English
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये बोर्ड का गठन करेगी उत्तर प्रदेश सरकार
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को विश्व बैंक द्वारा ‘उत्तर प्रदेश सतत् और समान विकास की ओर’ विषय पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये एक बोर्ड गठित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती का उद्देश्य उर्वरकों, रसायनों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करके तथा कम या शून्य लागत वाले किसानों द्वारा उत्पादित इनपुट का उपयोग करके विषाक्त मुक्त कृषि को बढ़ावा देना है।
- उत्तर प्रदेश के वर्ष 2022-23 के बजट में बुंदेलखंड क्षेत्र के सात ज़िलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है।
- केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये गंगा नदी के किनारे पाँच किमी. क्षेत्र की पहचान की है।
- प्राकृतिक खेती के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी 2020 में एक विशेष अभियान ‘गंगा यात्रा’ शुरू की थी।
- इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश ने प्राकृतिक खेती के लिये गंगा नदी के किनारे 27 ज़िलों की पहचान की है।
- गौरतलब है कि भारत में परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति कार्यक्रम (बीपीकेपी) का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
बिहार Switch to English
एमएसएमई अवार्ड, 2022 में बिहार को मिला दूसरा पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के विकास और प्रोत्साहन में उत्कृष्ट योगदान के लिये ‘राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार, 2022’ में दूसरा पुरस्कार प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जून को दिल्ली में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रदान करेंगे।
- उद्योग मंत्री ने बताया कि बिहार का औद्योगीकरण काफी हद तक एमएसएमई क्षेत्र के विकास पर निर्भर करता है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि पिछले 1.5 वर्षों में प्राप्त 36,000 करोड़ रुपए के अधिकांश निवेश एमएसएमई क्षेत्र से आये हैं।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में MSME को प्रोत्साहन देने हेतु मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ (एमयूवाई), 2018 में लॉन्च होने के समय केवल एससी/एसटी तक ही सीमित थी, लेकिन इसमें वित्त वर्ष 2021-22 से पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, सामान्य और महिला श्रेणियों को शामिल किया गया है।
राजस्थान Switch to English
‘मिशन बुनियाद’
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने डिजिटल शिक्षा पर आधारित ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम को प्रदेश के सभी ज़िलों में लागू करने के संबंध में चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीईईएफ) को संशोधित प्रस्ताव पर कार्य करने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में ‘मिशन बुनियाद’ का संचालन राज्य के 6 ज़िलों- भीलवाड़ा, धौलपुर, सीकर, करौली, सिरोही व उदयपुर में किया जा रहा है।
- ऊषा शर्मा ने (सीईईएफ) फाउंडेशन के प्रतिनिधियों को इस संबंध में प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये हैं, जिससे कार्यक्रम को शीघ्र राज्य के सभी 33 ज़िलों में संचालित किया जा सके।
- इस मिशन के अंतर्गत आठवीं से बारहवीं तक की छात्राओं को अध्ययन करने हेतु टैबलेट दिये जा रहे हैं।
- गौरतलब है कि एक रिसर्च के अनुसार टैबलेट का उपयोग करने से छात्राओं के सीखने के स्तर में 20 प्रतिशत सुधार आया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
लक्षिका डागर बनीं मध्य प्रदेश की सबसे युवा सरपंच
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश में संपन्न हुई त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उज्जैन की 21 वर्षीय लक्षिका डागर शानदार जीत हासिल कर मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की सरपंच (एक गाँव की मुखिया) बन गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- 21 साल की लक्षिता डागर ने उज्जैन ज़िले की चिंतामन जवासिया ग्राम पंचायत से चुनाव जीतकर यह गौरव हासिल किया है।
- लक्षिका ने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार को 487 मतों से हराकर यह जीत हासिल की है।
- लक्षिका ने जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के पश्चात् उज्जैन में रेडियो जॉकी तथा न्यूज़ एंकर के रूप में काम किया है।
- गौरतलब है कि ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना करने के लिये 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों को संवैधानिक स्थिति प्रदान की गई और उन्हें देश में ग्रामीण विकास का कार्य सौंपा गया।
- उन राज्यों को छोड़कर, जिनकी जनसंख्या 20 लाख से कम है ग्राम, मध्यवर्ती (प्रखंड/तालुक/मंडल) और ज़िला स्तरों पर पंचायतों की त्रिस्तरीय प्रणाली लागू की गई है (अनुच्छेद 243B)।
- सभी स्तरों पर सीटों को प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरा जाना है [अनुच्छेद 243C(2)]
- मतदाता सूची के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के लिये प्रत्येक राज्य में स्वतंत्र चुनाव आयोग होंगे (अनुच्छेद 243K)।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस संशोधन के अंतर्गत अब एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को भी दो साल की बाल देखभाल छुट्टी की अनुमति होगी।
- यह नियम हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) प्रथम संशोधन नियम, 2022 कहे जाएंगे।
- इस संशोधन के अनुसार एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी (अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा) और महिला सरकारी कर्मचारी 18 वर्ष की आयु तक के अपने दो बड़े बच्चों की देखभाल लिये अपनी पूरी सेवा के दौरान अधिकतम दो साल (यानी 730 दिन) के लिये चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा सकते हैं।
- इसके अलावा, दिव्यांग बच्चों के मामले में आयु की कोई सीमा नहीं होगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने जशपुर में किया फूड प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग लैब का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जशपुर ज़िले के रंजीता स्टेडियम परिसर में स्थित फूड प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग लैब में खाद्य उत्पाद प्रसंस्करण प्रयोगशाला एवं पैकेजिंग केंद्र भवन का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- यह भवन डीएमएफ फंड द्वारा लगभग 22 लाख 72 हज़ार रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
- यह प्रदेश की पहली उच्चस्तरीय लैब है, जिसमें विभिन्न उत्पादों के रॉ-मटेरियल को प्रसंस्कृत कर विक्रय के लिये सी मार्ट में भेजा जाता है, जिससे समूह की महिलाओं को अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है।
- उत्पादों को प्रसंस्कृत करने के लिये बॉण्ड सिलर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैप सिलर, ऑटोमेटिक ग्रेनुअल फीलिंग मशीन, टी बैग फीलिंग मशीन, वैक्यूम पैकेजिंग, च्यवनप्राश एवं हनी पैकेजिंग, सैनिटाइजर फीलिंग मशीन, बीओडी इंक्यूबेटर, लेमिनर एयर फ्लो, फ्यूम हुड, मॉइश्चर एनालाइजर जैसी अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाएगा।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की 22वीं बैठक
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की 22वीं बोर्ड बैठक आयोजित की गई।
प्रमुख बिंदु
- बोर्ड की 22वीं बैठक में कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिनका विवरण निम्नलिखित है-
- सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे का निर्माण 1200 करोड़ रुपए और हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट रोपवे का निर्माण 850 करोड़ रुपए से किया जाएगा।
- औली को साहसिक गतिविधियों के लिये ट्रेनिंग हब के रूप में विकसित करने हेतु मास्टर प्लान निर्माण के लिये 1.50 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये परिषद की गतिविधियों को संचालित करने हेतु कुल 55 करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया।
- पैराग्लाइडिंग, माउंटेन बाइकिंग, एडवेंचर समिट, स्कीइंग चैंपियनशिप, टिहरी झील महोत्सव, योग महोत्सव के आयोजन का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया।
- इनके अतिरिक्त कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय भी लिये गए हैं-
- हुनर से रोज़गार योजना के तहत कुकिंग, सर्विस, हाउसकीपिंग, फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट के लिये 200 व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- कैरावान टूरिज़्म, चाय बगान टूरिज़्म, होम स्टे टूरिज़्म, नेचर गाइड में भी युवाओं को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया।
- ऋषिकेश में गंगा क्याक फेस्टिवल, टिहरी में कैनोइंग फेस्टिवल, बौर जलाशय में क्याकिंग चैंपियनशिप, योग महोत्सव, छोटा कैलाश माउंटेनियरिंग अभियान, पिंडारी में ट्रैक ऑफ-द इयर के साथ हाई एंड लो एल्टीट्यूड ट्रैकिग ट्रेनिंग के प्रस्ताव पर सहमति दी गई।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति, 2022 को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा को डाटा सेंटर उद्योग के स्थल के रूप में विकसित करने और हरियाणा को वैश्विक डाटा सेंटर हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति, 2022 को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति का उद्देश्य दुनिया के मुख्य उद्यमियों को उद्योग व व्यापार वातावरण प्रदान करके आकर्षित करना और हरियाणा में 115-120 नए डाटा सेंटर की स्थापना की सुविधा प्रदान करना है।
- इन डाटा सेंटरों के स्थापित होने से 7500 करोड़ रुपए के निवेश की संभावना है।
- हरियाणा में स्थापित 1 मेगावाट और उससे अधिक बिज़ली की खपत करने वाला कोई भी डाटा सेंटर इस नई नीति के तहत लाभ उठाने के लिये पात्र होगा।
- इस नीति के तहत राज्य जीएसटी, स्टाम्प शुल्क, बिजली शुल्क में छूट के साथ अन्य आर्थिक लाभ प्रदान किये जाएंगे जैसे रोजगार सृजन सब्सिडी।
- हरियाणा सरकार डाटा सेंटर से संबंधित बुनियादी ढाँचे को हरियाणा बिल्डिंग कोड के तहत एक अलग इकाई के रूप में शामिल करेगी, जो एफएआर में छूट और बिल्डिंग डिजाइन तथा निर्माण मानदंड प्रदान करेगी।
- हरियाणा सरकार डाटा सेंटर्स को एक अलग अवसंरचना उद्योग तथा ऊर्जा सघन उद्योग के रूप में घोषित करेगी।
- हरियाणा सरकार डाटा केंद्रों को हरियाणा आवश्यक सेवा रख-रखाव अधिनियम, 1974 के तहत एक आवश्यक सेवा के रूप में घोषित करेगी।
- राज्य संचार और कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी के तहत दिशा-निर्देशों के अनुसार और समयबद्ध तरीके से डाटा सेंटरों के लिये स्वीकृति के आवेदनों को ‘राइट ऑफ वे’ मुहैया करवाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया सरना एथनिक रिसोर्ट में टेलीस्कोप का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जशपुर ज़िले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सरना एथनिक रिसोर्ट में टेलीस्कोप का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने यह टेलीस्कोप देशदेखा पर्यटन महिला स्व-सहायता समूह को प्रदान किया।
- जिनके द्वारा इस टेलीस्कोप को देशदेखा पर्यटन स्थल पर संचालित किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री के समक्ष स्टार्टअप जशपुर ट्रिप्पी हिल्स एवं देशदेखा पर्यटन समिति के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। रिसोर्ट स्थल में जशपुर पर्यटन सर्किट प्रारंभ किया गया, जिससे प्रत्येक पर्यटन स्थल की जानकारी मिलेगी।
- इस दौरान मुख्यमंत्री ने ज़िले के पर्यटन स्थलों की जानकारी ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्म में उपलब्ध कराने के लिये तैयार की गई ‘जोहार जशपुर वेबसाइट’ लॉन्च किया। वेबसाइट के माध्यम से जशपुर के सभी पर्यटन स्थलों के लोकेशन, पहुँच मार्ग एवं अन्य आवश्यक सारी जानकारी ऑनलाइन लोगों को मिल सकेगी।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति, 2022 को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग, हरियाणा द्वारा तैयार की गई एक नई हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति, 2022 को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति के माध्यम से, राज्य सरकार का उद्देश्य हरियाणा में जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना और उसका पोषण करना है।
- अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), भारत सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त कोई भी स्टार्टअप इकाई, इसके निगमन/पंजीकरण की तारीख से 10 साल की अवधि तक और जिसका वार्षिक कारोबार 100 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है, वे हरियाणा में इस नई नीति के तहत प्रमुख राजकोषीय और गैर-राजकोषीय लाभ लेने के लिये पात्र बन जाएंगे।
- इन लाभों में सब्सिडाइज्ड इन्क्यूबेशन स्पेस, हरियाणा सरकार की निविदाओं में भागीदारी के लिये उदार मानदंड, मेंटरशिप कार्यक्रमों में भागीदारी और अन्य स्टार्टअप विशिष्ट कार्यक्रम शामिल हैं।
- इस नीति के कार्यान्वयन और अन्य संस्थागत गतिविधियों की निगरानी के लिये सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग में एक स्टार्टअप हरियाणा प्रकोष्ठ की स्थापना की जा रही है।
- नीति के तहत इन्क्यूबेटरों की स्थापना के लिये गवर्नमेंट होस्ट इंस्टीट्यूट को 2 करोड़ रुपए तक तथा निजी होस्ट इंस्टीट्यूट को 1 करोड़ रुपए तक का पूँजी अनुदान दिया जाएगा।
- इन्क्यूबेटर को राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों में स्टार्टअप प्रतियोगिता उत्सव के आयोजन के लिये प्रति आयोजन 20 लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
- राज्य सरकार ने स्टार्टअप हितधारकों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिये नई हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति, 2022 में कई नए प्रोत्साहन भी जोड़े हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं-
- पंचकूला, हिसार और अन्य संभावित स्थानों पर आईटी स्टार्टअप वेयरहाऊस की स्थापना हेतु पूँजीगत व्यय के लिये 4 करोड़ रुपए तथा तीन साल के आवर्ती व्यय के लिये 1 करोड़ रुपए की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- इससे पहले, इनक्यूबेशन केंद्र में स्टार्टअप लाभ प्राप्त करने के लिये केवल एक वर्ष की अवधि हेतु पात्र थे। अब नई स्टार्टअप नीति में ऐसे स्टार्टअप सब्सिडाइज्ड दरों पर स्पेस, प्लग एंड प्ले सुविधाओं के लिये तीन वर्ष हेतु लाभ ले सकते हैं।
- राज्य सरकार हर छह महीने में हरियाणा के 22 जिलों में विशिष्ट उद्यमिता विकास कार्यक्रम भी आयोजित करेगी ताकि नई नीति के तहत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में उनके विकास के अवसरों और क्षमता के बारे में इच्छुक इनोवेटर्स/उद्यमियों तथा स्कूल/कॉलेज के विद्यार्थियों के बीच और जागरूकता पैदा की जा सके।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चयनित
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा जगदलपुर ज़िले के वनधन विकास केंद्र बकावण्ड और कोरबा ज़िले के डोंगानाला के दो स्व-सहायता समूह को प्रतिष्ठित ग्रिड पुरस्कार हेतु ई.एस.जी. वर्ल्ड समिट में नामित एवं चयनित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन तथा महिला सशक्तीकरण की श्रेणियों में प्राप्त हुआ है।
- विजेताओं का चयन लगभग तीन माह चले तीन चरणों में कठोर परीक्षण मापदंडों पर प्रस्तावों के विश्लेषण के आधार पर किया गया।
- सिंगापुर के कार्प स्टेज तथा ई.एस.जी. रिसर्च फाउंडेशन का उद्देश्य ईएसजी मापदंड विकास के लक्ष्यों तथा प्रभावों को विस्तारित करना एवं संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा निर्धारित संधारणीय विकास लक्ष्यों की स्थापना है।
- इन पुरस्कारों के लिये ‘संधारणीय विकास लक्ष्यों’ की श्रेणियों के अनुसार, पूरे विश्व के व्यवसायियों से नामांकन प्राप्त किये गए थे।
- ई.एस.जी. ग्रिड पुरस्कार समारोह सिंगापुर में आगामी 22 और 23 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। इसमें भाग लेने विजेता स्व-सहायता समूहों की 2-2 महिला सदस्यों को सिंगापुर भेजा जाएगा।
- छत्तीसगढ़ से चयनित महिलाओं में डोंगानाला से सरोज पटेल तथा फूलबाई नेती और बकावण्ड से पद्मिनी बघेल तथा बेला बाई कश्यप शामिल हैं।
- ई.एस.जी. ग्रिड पुरस्कार समारोह में 150 देशों के प्रतिनिधि, पूरे विश्व के 200 से अधिक संस्थानों के एक्जीक्यूटिव, बड़े संस्थानों के प्रतिनिधि उद्यमी बैंक से निवेशक, समाजसेवी, सामाजिक संगठन, पर्यावरणविद् शासकीय तथा अन्य प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।
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