उत्तराखंड Switch to English
राजाजी टाइगर रिज़र्व
चर्चा में क्यों
मुख्य वन्यजीव वार्डन के अनुसार, कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व से राजाजी टाइगर रिज़र्व में स्थानांतरित की गई एक बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया है।
मुख्य बिंदु:
- यह बाघिन कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व से राजाजी टाइगर रिज़र्व में स्थानांतरित की गई तीन बाघिनों में से एक है।
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सहित अन्य संभावित बाघ आवासों के लिये एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है
- पश्चिमी राजाजी टाइगर रिज़र्व में दिसंबर 2020, जनवरी 2021, मई 2023 में चार बाघ, तीन मादा और एक नर का स्थानांतरण किया गया।
राजाजी टाइगर रिज़र्व
- स्थान: हरिद्वार (उत्तराखंड), शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में। यह राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है।
- पृष्ठभूमि: राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1983 में उत्तराखंड में तीन अभयारण्यों यानी राजाजी, मोतीचूर और चीला को मिलाकर की गई थी।
- इसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सी. राजगोपालाचारी के नाम पर रखा गया था; जो लोकप्रिय रूप से "राजाजी" के नाम से जाने जाते हैं।
- इसे वर्ष 2015 में देश का 48वाँ बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था।
- मुख्य विशेषताएँ:
- वनस्पति: चौड़ी पत्ती वाले पर्णपाती वन, नदी-वनस्पति, झाड़ियाँ, घास के मैदान और देवदार के वन इस पार्क में वनस्पतियों की शृंखला का निर्माण करते हैं।
- साल (Shorea robusta) विशिष्ट प्रमुख वृक्ष प्रजाति है।
- जीव-जंतु: यह रिज़र्व बाघ, हाथी, तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, स्लॉथ भालू, सियार, लकड़बग्घा, स्पॉटेड डियर, सांभर, बार्किंग डियर, नीलगाय, बंदरों और पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियों सहित स्तनधारियों की 50 से अधिक प्रजातियों का निवास स्थान है।
- नदियाँ: गंगा और सोंग नदियाँ यहाँ से बहती हैं।
- वनस्पति: चौड़ी पत्ती वाले पर्णपाती वन, नदी-वनस्पति, झाड़ियाँ, घास के मैदान और देवदार के वन इस पार्क में वनस्पतियों की शृंखला का निर्माण करते हैं।
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