राँची में 28 अप्रैल से शुरू होगा इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर | झारखंड | 28 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को झारखंड चेंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने चेंबर भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि झारखंड चेंबर और जीएस मार्केटिंग एसोसिएट्स के संयुक्त तत्त्वावधान में मोरहाबादी मैदान में 11 दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर 28 अप्रैल से शुरू होगा।
प्रमुख बिंदु
- 11 दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर का उद्घाटन राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन करेंगे। इस मेगा ट्रेड फेयर का समापन 8 मई को होगा।
- विदित है कि झारखंड चेंबर और वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम के संयुक्त तत्त्वावधान में पाँच दिवसीय ऑनलाइन सर्टिफिकेट स्किल अपग्रेडिंग प्रोग्राम की शुरुआत चेंबर भवन में हुई।
- चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि झारखंड चेंबर की ओर से सभी प्रतिभागियों को मोरहाबादी मैदान में लगाए जा रहे मेगा ट्रेड फेयर में एप्रिसिएशन सर्टिफिकेट 30 अप्रैल को प्रदान किया जाएगा।
- यह वर्कशॉप फैशन डिजाइनर, लघु एवं मध्यम वस्त्र उद्योग एवं बुटिक उद्योग से जुड़े उद्यमियों के लिये उपयोगी है। यह वर्कशॉप पूरे देश में चलाया जा रहा है।
- झारखंड चेंबर के पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर में ज़रूरत के हर सामान मिलेंगे। प्रत्येक 3,000 रुपए की खरीदारी पर निश्चित उपहार मिलेगा।
दुमका में मयूराक्षी नदी पर झारखंड का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार | झारखंड | 28 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार दुमका में मयूराक्षी नदी पर झारखंड का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो गया है। 2340 मीटर लंबी इस पुल के निर्माण में 198 करोड़ से अधिक की राशि लगी है।
प्रमुख बिंदु
- यह पुल दुमका सदर प्रखंड के कुमड़ाबाद को मसलिया के मकरमपुर को जोड़ते हुए सिंगरी-हरको पथ से जोड़ती है।
- इस उच्चस्तरीय पुल के बन जाने से ज़िले की एक बड़ी आबादी दुमका शहर के 14-15 किलोमीटर नजदीक आ गई है। पुल बनने से पहले मकरमपुर से दुमका ज़िला मुख्यालय की दूरी 30 किलोमीटर से भी अधिक थी।
- पहुँच पथ सहित 2.800 किलोमीटर लंबे इस पुल की चौड़ाई 16 मीटर हैं। हालाँकि बीच में सात स्पैन के बीच पुल को 30 मीटर चौड़ा किया गया है, जो सेल्फी प्वाइंट से लेकर पार्क़िग जोन भी साबित होगा।
- विदित है कि मकरमपुर सहित कई गाँव ऐसे हैं, जो पहले दुमका शहर से सटे थे। मसानजोर डैम बनने के बाद बीच का इलाका डूब गया, तो मकरमपुर की आधी आबादी डैम के डूबक्षेत्र के उस पार रह गई थी। अब पुल बन जाने से ऐसे मसानजोर विस्थापित को आने-जाने में परेशानी नहीं होगी। कॉलेज आने-जाने में युवाओं को सहुलियत होगी, तो व्यापार-रोजी-रोज़गार भी समृद्ध होगा।