आकाश मिसाइल के एडवांस वर्जन का सफल परीक्षण | राजस्थान | 28 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
27 अप्रैल, 2022 को सरहदी ज़िले जैसलमेर के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में आकाश मिसाइल के एडवांस वर्जन आकाश प्राइम का सफल परीक्षण किया गया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि आकाश मिसाइल भारत में बनी ज़मीन-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे ज़मीन पर किसी भी वाहन या स्थायी जगह से दागा जा सकता है।
- आकाश मिसाइल परिवार में अब तक कुल 2 मिसाइलें थीं, अब आकाश प्राइम इस वर्ग की तीसरी अहम मिसाइल बन गई है। ये मिसाइलें हवा में किसी भी तरह के एयरक्राफ्ट को नष्ट करने में सक्षम है।
- इस मिसाइल की रेंज आसमान में 30 किलोमीटर तक है और ये एक बार में 60 किलोग्राम तक पेलोड ले जा सकती है। ये मिसाइल हवा में भी नियंत्रित की जा सकती है और खुद भी सेंसर्स के ज़रिये ड्रोंस से लेकर फाइटर जेट्स तक को निशाना बना सकती है।
- आकाश प्राइम ऊँचाइयों पर उड़ रहे फाइटर जेट्स से लेकर ड्रोंस, क्रूज मिसाइल, एयर-टू-सर्फेस मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों को भी आसानी से भेदने में सक्षम है। ये बेसिक आकाश मिसाइल के मुकाबले करीब 10 गुना ज़्यादा इलाके को स्कैन कर सकती है।
- मिसाइल की खास बात है कि यह दुश्मन के विमानों का पता लगाकर आसमान में ही ध्वस्त करने में सक्षम है। यह मिसाइल विमान को 30 किमी. दूर और 18 हज़ार मीटर ऊँचाई तक टारगेट कर सकती है।
- आकाश मिसाइलों को डीआरडीओ ने विकसित किया है और इनका उत्पादन भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की ओर से किया जाता है। इसके सर्विलाँस, रडार, कमांड सेंटर और लॉन्चर को बनाने की ज़िम्मेदारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल), टाटा पावर स्ट्रैटिजिक इंजीनियरिंग डिविजन और लार्सन एंड टूब्रो के पास है।