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तीनदिवसीय खैरागढ़ महोत्सव का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
27 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनांदगाँव ज़िले के खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में तीनदिवसीय खैरागढ़ महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस दौरान मुख्यमंत्री ने 6 करोड़ 51 लाख रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया तथा चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी के शिकार हुए राजनांदगाँव ज़िले के 17,127 निवेशकों को एक करोड़ 57 लाख रुपए की राशि वापस लौटाई।
- मुख्यमंत्री बघेल ने राजनांदगाँव ज़िले में 14 करोड़ 74 लाख रुपए की लागत से स्थापित 9 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय का लोकार्पण भी किया।
- उल्लेखनीय है कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ द्वारा खैरागढ़ महोत्सव का आयोजन 27 से 30 अप्रैल, 2022 तक किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने खैरागढ़ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के संस्थापक खैरागढ़ के राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती देवी तथा राजकुमारी इंदिरा को स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया।
- गौरतलब है कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय एशिया का पहला विश्वविद्यालय है, जो दृश्य और प्रदर्शन कला के लिये समर्पित है। यह भारत का एकमात्र संगीत एवं ललित कला का विश्वविद्यालय है।
- सन् 1956 में खैरागढ़ रियासत के तत्कालीन राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती देवी ने संगीत एवं ललित कला विश्वविद्यालय खोलने के लिये अपना महल दान कर दिया था और अपनी बेटी ‘इंदिरा’ के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम रखा था।
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अक्षय तृतीया को छत्तीसगढ़ में मनाया जाएगा ‘माटी पूजन दिवस’
चर्चा में क्यों?
27 अप्रैल, 2022 को राज्य शासन द्वारा राज्य में अक्षय तृतीया को ‘माटी पूजन दिवस’ के रूप में मनाए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा का परिपालन करते हुए निर्देश जारी कर दिये गए।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये अनेक पहल कर रही है। इस कड़ी में मिट्टी की उर्वरा शक्ति के पुनर्जीवन के लिये रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के स्थान पर वर्मी कंपोस्ट के उपयोग के साथ ही गो-मूत्र एवं अन्य जैविक पदार्थों के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है।
- इसी उद्देश्य को ही आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष 3 मई को अक्षय तृतीया पर राज्य में ‘माटी पूजन दिवस’ मनाने का महा अभियान प्रारंभ किया जा रहा है।
- आयोजन को लेकर जारी निर्देश के अनुसार इस अवसर पर राजधानी रायपुर में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। वहीं सभी ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं ज़िला पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर परंपरागत रूप से माटी पूजन किया जाएगा।
- माटी पूजन कार्यक्रम में धरती माता की रक्षा की शपथ ली जाएगी और मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया जाएगा।
- इन कार्यक्रमों में ज़िलों के प्रभारी मंत्री, विधायकगण, त्रिस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधि सहित कृषक एवं नागरिक शामिल होंगे। पर्यावरण से जुड़े इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में सामाजिक संगठनों तथा विद्यालय व महाविद्यालय के विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
- गौरतलब है कि अक्षय तृतीया को छत्तीसगढ़ में ‘अक्ती’ के नाम से भी जाना जाता है।
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