जल संरक्षण को लेकर बिहार सरकार का नया फैसला | बिहार | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
26 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के 2865 सरकारी कन्या माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के परिसर में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिये शिक्षा विभाग ने 2865 स्कूलों के लिये 20.80 करोड़ रुपए की राशि देने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य शिक्षा विभाग ने तय किया है कि ‘जन-जीवन- हरियाली अभियान’ के तहत स्कूल परिसर में बारिश के पानी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के ज़रिये भूजल के रूप में सहेजा जाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के ज़रिये भूजल को संतुलित रखते हुए स्कूली हैंडपंप-नलकूप को हमेशा रखा जाएगा, ताकि बालिकाओं को पेयजल के लिये स्कूल परिसर न छोड़ना पड़े।
- स्कूलों में पेयजल के अलावा समुचित पानी उपलब्ध रहने से शौचालयों की साफ-सफाई भी सुनिश्चित हो सकेगी।
- बिहार शिक्षा परियोजना ने एक आकलन तैयार कर निर्णय लिया है कि 20.80 करोड़ रुपए की राशि में से प्रत्येक स्कूल को 80 हज़ार रुपए दिये जाएगे। इस राशि से रैन वाटर हार्वेस्टिंग के लिये भौतिक संरचना का निर्माण किया जायेगा।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिये 2865 ऐसे विद्यालयों का चयन किया जाना है, जहाँ भौतिक संरचना निर्माण के लिये कम-से-कम तीन हज़ार वर्गफीट ज़मीन की उपलब्धता हो।
- इस राशि को खर्च करने से पहले यह सुनिश्चित किया जायेगा कि योजना का दोहरीकरण एवं राशि का अपव्यय किसी भी तरह न हो। व्यय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र बिहार शिक्षा परियोजना को उपलब्ध कराना होगा।
- इसके अलावा विद्यालय स्तर पर इस काम की मॉनीटरिंग संबंधित विद्यालय की समिति, ज़िला शिक्षा पदाधिकारी, बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक और माध्यमिक निदेशक करेंगे।
- नगर विकास एवं आवास विभाग ने अगले दो साल, यानी 2024-25 तक करीब 2800 सार्वजनिक कुओं, तालाब एवं पोखर के जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही सार्वजनिक चापाकल के निकट करीब दो हज़ार सोख्ता बनाए जाने की भी तैयारी है। इसको लेकर चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभाग ने जल-जीवन-हरियाली के अंतर्गत 38 नगर निकायों के लिये कुल 62.93 करोड़ रुपए से अधिक की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी है।
- नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग ने 2023-24 में 618 और 2024-25 में 551 सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार का लक्ष्य तय किया है। इसी तरह, इन दो वर्षों में क्रमश: 365 और 318 तालाब व पोखरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा जबकि 650 व 632 सोख्ता बनाए जाएंगे।
- इसके अलावा विभाग ने नगर निकाय के स्वामित्व वाले करीब 183 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्य कराए जाने का भी निर्णय लिया है। इसको लेकर क्षेत्र चिह्नित करने की प्रक्रिया चल रही है।
- ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’को प्रोत्साहित करने के लिये विभाग ने बिल्डिंग बाइलॉज में सभी प्रकार के भूखंडों पर निर्मित या निर्माणाधीन भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली की व्यवस्था किया जाना अनिवार्य कर दिया है।
- इसके साथ ही बिहार नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली 2013 के तहत वर्षा जल संचयन हेतु संरचना का निर्माण करने वाले भूखंडों को होल्डिंग टैक्स में पाँच प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है।
बीकानेर में तीन दिवसीय किसान मेला शुरू | राजस्थान | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
27 मार्च, 2023 को राजस्थान के बीकानेर ज़िले में स्थित स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय (27 मार्च-29 मार्च) किसान मेला प्रारंभ हुआ।
प्रमुख बिंदु
- किसान मेला ‘पोषक अनाज, समृद्ध किसान’ की थीम पर आयोजित किया जा रहा है।
- विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि मेले के दौरान केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, आईसीएआर संस्थानों, राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों तथा निजी स्टॉल धारकों की लगभग 100 प्रदर्शनियाँ लगाई गई हैं।
- मेले के दौरान किसानों के लिये विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी। मेले का पहला दिन फल, सब्जी और पुष्प दिवस, दूसरा दिन पशुपालन दिवस तथा तीसरा दिन फसल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
- इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, किसानों को प्रतिमाह 2000 यूनिट बिजली निशुल्क उपलब्ध करवाने जैसे ऐतिहासिक निर्णय लिये गए हैं।
- इस दौरान कृषि मंत्री ने विभिन्न पुस्तकों जैसे- मेला स्मारिका, मशरूम उत्पादन तकनीक, प्रगति के पथ पर अग्रसर कृषि महाविद्यालयरू मंडावा, हार्नेसिंग द पोटेंशियल ऑफ मिलेट्स फॉर एग्री एंटरप्रेन्योरशिप का विमोचन किया।
- उन्होंने आत्मा द्वारा चयनित किसानों, विभिन्न कृषक प्रतियोगिताओं के विजेताओं, चौधरी चरण सिंह स्मृति पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कृत किया। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र झुंझुनू के प्रभारी डॉ. दयानंद को सर्वश्रेष्ठ प्रसार कार्यकर्त्ता के रूप में सम्मानित किया।
- इस दौरान उन्होंने कृषि महाविद्यालय के स्नातकोत्तर कन्या छात्रावास और सभागार का लोकार्पण भी किया।
राज्य में अब शॉप्स एवं डॉग ब्रीडर्स का पंजीयन अनिवार्य | राजस्थान | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
27 मार्च, 2023 को राजस्थान जीव-जंतु बोर्ड के अध्यक्ष के.सी. विश्नोई ने बताया कि राज्य में पालतू जीव-जंतुओं की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये जीव-जंतु कल्याण बोर्ड ने प्रभावी कदम उठाते हुए राज्य में संचालित डॉग ब्रीडर्स एवं पेट शॉप्स का पंजीयन जीव-जंतु कल्याण बोर्ड में करवाना अनिवार्य कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- पंजीयन के लिये राज्य में प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स नियम 2017 व 2018 को लागू कर दिया गया है।
- जीव-जंतु बोर्ड के अध्यक्ष के.सी. विश्नोई ने बताया कि ऐसी पेट शॉप एवं डॉग ब्रीडर्स संस्थाएँ जो प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (डॉग ब्रीडिंग एवं मार्केटिंग नियम) 2017 एवं प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (पेट शॉप नियम) 2018 के अंतर्गत पंजीयन की श्रेणी में हों, को राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना अनिवार्य होगा।
- बोर्ड में रजिस्ट्रशन के उपरांत ही स्थानीय निकाय विभाग द्वारा लाइसेंस दिया जाएगा। लाइसेंस पाँच वर्ष की अवधि के लिये वैध रहेगा, तत्पश्चात् इसका नवीनीकरण करवाना होगा।
- पंजीयन प्रक्रिया के दौरान बोर्ड द्वारा प्राधिकृत अधिकारियों के द्वारा संस्था का निरीक्षण किया जाएगा व पंजीयन के पश्चात् भी समय-समय पर निरिक्षण किये जाएंगे, जिससे पालतू पशुओं की दुकानों पर ब्रीडिंग एवं उनके रख-रखाव के सबंध में गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सकेंगे।
- जीव-जंतु बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि अब राज्य में ब्रीडर बिना पंजीयन के ब्रीडिंग का कार्य नहीं कर सकेंगे। ब्रीडर्स एवं पेट शॉप मालिक राज्य के ज़िलों के संयुक्त निदेशक कार्यालय एवं राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड से संपर्क कर सकते हैं।
नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘साशा’ की हुई मृत्यु | मध्य प्रदेश | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
27 मार्च, 2023 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-प्राणी जे.एस. चौहान ने बताया कि नामीबिया से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ी गई मादा चीता ‘साशा’के गुर्दों में संक्रमण होने की वजह से मृत्यु हो गई है। इस मादा चीता के गुर्दों में संक्रमण भारत आने के पहले से ही था।
प्रमुख बिंदु
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-प्राणी जे.एस. चौहान ने बताया कि चीता के स्वास्थ्य की देख-रेख के लिये तैनात पशु चिकित्सक द्वारा मादा चीता के स्वास्थ्य परीक्षण में उपचार की आवश्यकता पाई गई थी। फलस्वरूप उसी दिन उसे क्वारेंटाइन बाड़े में लाया गया।
- चीता का स्वास्थ्य परीक्षण वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में स्थित लैब में अत्याधुनिक मशीनों से किया गया। खून के नमूनों की जाँच से यह जानकारी प्राप्त हुई कि साशा के गुर्दों में संक्रमण है।
- जे.एस. चौहान ने बताया कि भारतीय वन्य जीव-संरक्षण देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और कूनों राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा चीता कंजर्वेंशन फाउडेंशन, नामीबिया से ‘साशा’की ट्रीटमेंट हिस्ट्री प्राप्त होने पर ज्ञात हुआ कि 15 अगस्त, 2022 को नामीबिया में खून के नमूने की अंतिम जाँच में भी क्रिएटिनिन का स्तर 400 से अधिक पाया गया था, जिससे यह पुष्टि हुई कि साशा को गुर्दे की बीमारी भारत आने के पहले से ही थी।
- 22 जनवरी, 2023 से ‘साशा’की मृत्यु के समय तक कूनो राष्ट्रीय उद्यान के सभी वन्य प्राणी चिकित्सकों और नामीबियाई विशेषज्ञ डॉ. इलाई वॉकर द्वारा लगातार दिन-रात उपचार किया गया।
- नामीबिया से लाए गए शेष 7 चीता, जिनमें 3 नर और 1 मादा स्वच्छंद विचरण के लिये खुले वन क्षेत्र में छोड़े गए हैं, पूरी तरह से स्वस्थ एवं सक्रिय रहकर शिकार कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से लाए सभी 12 चीता वर्तमान में क्वारेंटाइन बाड़ों में स्वस्थ और सक्रिय है।
विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था।
मादा चीता ‘साशा’
20वां CSI SIG e-Governance Awards-2022 | हरियाणा | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नई दिल्ली के दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में केंद्र सरकार की ‘कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया’ के 20वें CSI SIG e-Governance Award-2022 के तहत हरियाणा के सूचना, लोकसंपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग को ‘Award Of Appreciation’ तथा हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवॉर्ड 2022 से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि उक्त अवॉर्ड 25 मार्च, 2023 को सीएसआई एसआईजी की ओर से नई दिल्ली के दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में प्रदान किये गए।
- प्रोजेक्ट केटेगरी के तहत दिए गए अवॉर्ड ‘Award Of Appreciation’ को हरियाणा के सूचना, लोकसंपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग की ओर से उपनिदेशक उर्वशी रंगारा ने प्राप्त किया।
- उर्वशी रंगारा ने बताया कि यह अवॉर्ड विभाग द्वारा मीडिया हाउसेज को जारी किये जाने वाले विज्ञापनों के लिये आरंभ की गई पहल ‘ऑनलाइन रिलीज ऑर्डर एंड बिलिंग सिस्टम’ के लिये मिला है।
- विदित है कि करीब सवा तीन वर्ष पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बड़ी पहल करते हुए मीडिया हाउसेस को जारी किये जाने वाले सरकारी विज्ञापनों और उनके भुगतान की समूची प्रक्रिया में पारदर्शिता व दक्षता लाने के लिये इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सॉफ्टवेयर लॉच किया था।
- इस सॉफ्टवेयर से रिलीज ऑर्डर व विज्ञापन संबंधी भुगतान आसान हुआ। समूची प्रक्रिया पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत हो गई, जिससे कार्य में तेज़ी और पारदर्शिता आई।
- इस सॉफ्टवेयर की खास बात यह है कि इसे एनआईसी के सहयोग से पूरी तरह से ‘इन हाउस’ विकसित किया गया है।
- राज्य के सूचना, लोकसंपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग के अलावा हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनाव प्रबंधन सुचारु रूप से सुनिश्चित करने हेतु आवदनों पर एकीकृत प्रणाली अपनाने पर सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवॉर्ड 2022 जीता।
- इसे शहरी स्थानीय निकाय 2022 के आम चुनावों के दौरान एनआईसी हरियाणा द्वारा विकसित और कार्यान्वित किया गया था।
- यह पुरस्कार कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रदान किया गया और हरियाणा राज्य चुनाव आयोग के सचिव डॉ. इंद्रजीत के साथ हरियाणा राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी दीपक बंसल ने ग्रहण किया।
- इस आईसीटी परियोजना को एनआईसी हरियाणा द्वारा राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के मार्गदर्शन में विकसित किया गया था।
- हरियाणा राज्य चुनाव आयोग के लिये आईसीटी एप्लीकेशन सूट के कार्यान्वयन का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से स्थानीय निकाय चुनाव करवाना था। किसी भी समयबद्ध सार्वजनिक गतिविधियों में पारदर्शिता लाने के लिये यह आईसीटी सबसे उपयुक्त है।
- आईसीटी परियोजना में वेब आधारित एकीकृत मॉड्यूल और एप्लिकेशन, मतदाता सूची और वार्ड बंदी तैयार करना, वोटर्स सर्च वेब एप्लिकेशन, चुनाव ड्यूटी पर तैनात करने के लिये कर्मचारियों के डाटा का ऑनलाइन संग्रह करना, नामांकित उम्मीदवारों के विवरण को कैप्चर करना, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के बारे जानना (केवाईसी), चुनाव ड्यूटी प्रबंधन प्रणाली आवेदन, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के हलफनामें (नामांकन की जाच और नामांकन वापस लेने के बाद), चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिये चुनाव चिह्नों का आवंटन, चुनाव प्रक्रिया की निगरानी तथा प्रबंधन प्रणाली जैसी ऑनलाइन मतगणना परिणाम और कई तरह की रिपोर्ट ई-डैशबोर्ड पर तैयार करना शामिल हैं।
ईस्ट ज़ोन जूनियर हॉकी प्रतियोगिता | झारखंड | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
19 से 26 मार्च, 2023 तक हॉकी झारखंड और ज़िला प्रशासन खूंटी के संयुक्त तत्वावधान में खूंटी के एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम बिरसा कॉलेज कैंपस में आयोजित ईस्ट ज़ोन जूनियर हॉकी प्रतियोगिता में झारखंड की महिला और पुरुष, दोनों टीमें चैंपियन बनी हैं।
प्रमुख बिंदु
- महिला वर्ग में हॉकी झारखंड और हॉकी मिज़ोरम के बीच हुए मैदानी खेल में दोनों ही टीम दो-दो गोल की बराबरी पर रहीं। इसके बाद पेनाल्टी शूटआउट में झारखंड ने 2-1 से मैच जीत लिया।
- झारखंड टीम की गोलकीपर अनुपम होरो को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।
- पुरुष वर्ग का फाइनल हॉकी झारखंड और हॉकी ओडिशा के बीच खेला गया, जिसमें झारखंड ने 3-1 से जीत हासिल की।
- झारखंड टीम के दीपक सोरेंग को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।
- झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त टीमों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया।
- तीसरे एवं चौथे स्थान के लिये महिला वर्ग का मैच ओडिशा और बिहार के बीच खेला गया, जिसमें ओडिशा ने 10-0 से मैच जीतकर कांस्य पदक हासिल किया। ओडिशा की सुप्रिया कुजूर को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
- पुरुष वर्ग में हॉकी बंगाल और हॉकी बिहार के बीच मैच खेला गया, जिसमें बिहार टीम 3-1 से विजयी रही। बिहार टीम के अमन कुमार को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
नगरी दुबराज को मिला जीआई टैग | छत्तीसगढ़ | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
26 मार्च, 2023 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामलों के साथ खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया कि छत्तीसगढ़ के धमतरी विकासखंड के नगरी के धान की ‘नगरी दुबराज’ किस्म को जीआई टैग मिला है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मध्य प्रदेश के रीवा में पाए जाने वाले सुंदरजा आम और मुरैना में बनने वाली गजक को भी जीआई टैग मिला है।
- उल्लेखनीय है कि ‘नगरी दुबराज’ छत्तीसगढ़ राज्य की दूसरी फसल है, जिसे जियोग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री टैग, यानी जीआई टैग मिला है। इसके पहले जीरा फूल धान की किस्म के लिये प्रदेश को जीआई टैग मिल चुका है।
- विदित है कि 29 नवंबर, 2021 को ग्वालियर में आयोजित जियोग्राफिकल इंडिकेशन कमेटी की बैठक में छत्तीसगढ़ के धमतरी के ‘नगरी दुबराज’ किस्म को जीआई टैग देने के लिये अनुमोदन किया गया था।
- चेन्नई द्वारा गठित कमेटी में भारत के 10 विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा जाँचा और परखा गया तथा नगरी दुबराज की नगरी में उत्पत्ति होने का प्रमाण स्वीकार कर लिया गया।
- ज्ञातव्य है कि अक्टूबर 2021 में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने जीआई टैग के लिये नगरी दुबराज का प्रस्ताव भेजा था।
- नगरी दुबराज को छत्तीसगढ़ में बासमती भी कहा जाता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोज कार्यक्रमों में सुगंधित चावल के रूप में इस चावल का प्रयोग किया जाता है।
- नगरी दुबराज की उत्पत्ति सिहावा के श्रृंगी ऋषि आश्रम क्षेत्र से मानी गई है। इसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में भी किया गया है। विभिन्न शोध पत्रों में भी दुबराज का स्रोत नगरी सिहावा को ही बताया गया है।
- नगरी दुबराज से निकलने वाला चावल बहुत ही सुगंधित होता है। यह पूर्णरूप से देशी किस्म है और इसके दाने छोटे हैं। इसका चावल पकने के बाद खाने में बेहद नरम है। एक एकड़ में अधिकतम छह क्विंटल तक उपज मिलती है। धान की ऊँचाई कम और 125 दिन में पकने की अवधि है।
- वर्ल्ड इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी आर्गनाइज़ेशन (विपो) के अनुसार जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी खास फसल, प्राकृतिक या कृत्रिम उत्पाद को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है। यह बौद्धिक संपदा का अधिकार माना जाता है
- उल्लेखनीय है कि भारतीय संसद ने सन् 1999 में रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स’ लागू किया था। इस आधार पर भारत के किसी भी क्षेत्र में पाई जाने वाली विशिष्ट वस्तु का कानूनी अधिकार उस राज्य, व्यक्ति या संगठन इत्यादि को दे दिया जाता है।
नगरी दुबराज
गोंडवाना राष्ट्रीय आजीविका, कला एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2023 | छत्तीसगढ़ | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
27 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बीटीआई ग्राउंड, शंकर नगर रायपुर में चार दिवसीय ‘गोंडवाना राष्ट्रीय आजीविका, कला एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2023’ का शुभारंभ किया। यह आयोजन नाबार्ड के छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 30 मार्च तक किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदर्शनी में नाबार्ड ने 120 स्टॉल प्रायोजित किया है जिनमें नाबार्ड समर्थित स्वयं सहायता समूहों, एफपीओ, गैर कृषि क्षेत्र के कारीगरों समेत 250 प्रतिभागी सम्मिलित हुए हैं।
- छत्तीसगढ़ के विभिन्न ज़िलों से 125 प्रतिभागी, साथ ही देश के अन्य 15 राज्यों- यथा महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिमी बंगाल, झारखंड, तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्र प्रदेश व हरियाणा से करीब 125 प्रतिभागी प्रदर्शनी में भाग लेकर इसका लाभ उठाएंगे। इसके अलावा राज्य के 5 ज़िलों से 125 किसानों और कारीगरों को भी एक्स्पोजर विजिट पर आमंत्रित किया गया है।
- इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इस तरह के आयोजन आदिवासी और सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस मेले के आयोजन से ग्रामीण कुटीर उद्योगों तथा हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलेगा एवं रोज़गार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
- अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि नाबार्ड के इस राष्ट्रीय मेला में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों के ग्रामीण शिल्पकारों, बुनकरों, स्व-सहायता समूहों एवं किसानों द्वारा निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी और बिक्री के लिये स्टॉल लगाए गए हैं। नाबार्ड द्वारा ऐसे शिल्पकारों एवं कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिये समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।
- नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेंद्र मणि ने ‘गोंडवाना राष्ट्रीय आजीविका, कला एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2023’ का महत्त्व बताया और कहा कि नाबार्ड ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत नाबार्ड समर्थित स्वयं सहायता समूह, शिल्पकार, उत्पादक संगठनों, हथकरघा, हस्तशिल्पकारों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री हेतु एक मंच प्रदान करना है।
प्रदेश में आभा आईडी बनाने में देहरादून ज़िला अव्वल | उत्तराखंड | 28 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
25 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना के तहत प्रदेश में आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आईडी) बनाने में देहरादून ज़िला अव्वल है।
प्रमुख बिंदु
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के राज्य मिशन निदेशक एवं अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान ने बताया कि प्रदेश के 30.61 लाख से अधिक लोग अपनी आभा आईडी बनाकर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का हिस्सा बन चुके हैं। आईडी बनाने वाले लोगों का स्वास्थ्य संबंधी संपूर्ण ब्योरा ऑनलाइन दर्ज हो चुका है।
- प्रदेश की राजधानी देहरादून में सबसे अधिक 6,61,919 आभा आईडी बनी हैं, जबकि नैनीताल ज़िला दूसरे स्थान पर है।
- ज्ञातव्य है कि प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत वर्ष 2021 में हुई थी। मिशन की ओर से किये गए प्रयासों से प्रदेश के लोगों का स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटाइज करने की गति अपेक्षाओं के अनुरूप है।
- विदित है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। मिशन के तहत हर व्यक्ति की आभा आईडी बनाई जानी है। आईडी बनाने से स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार की पूरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
- आभा आईडी के फायदे -
- स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी।
- अस्पताल के पंजीकरण से लेकर उपचार तक पेपरलेस होगा।
- अस्पताल में क्यूआर कोड के ज़रिये टोकन लेने की सुविधा।
- बीमारी के इलाज से संबंधित रिकॉर्ड डिजिटल माध्यम से सुरक्षित रहेगा।
- राज्य में आभा आईडी का जनपदवार विवरण –
ज़िला |
आभा आईडी |
देहरादून |
661919 |
नैनीताल |
398571 |
हरिद्वार |
282253 |
ऊधमसिंह नगर |
232694 |
पौड़ी गढ़वाल |
183236 |
अल्मोड़ा |
143166 |
टिहरी |
122741 |
पिथौरागढ़ |
94285 |
चमोली |
75008 |
बागेश्वर |
71453 |
चंपावत |
65452 |
उत्तरकाशी |
55736 |
रुद्रप्रयाग |
28832 |
ज़िले की सूचना न देने वाले |
646288 |
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन एक क्रांतिकारी कदम है। आभा नंबर के माध्यम से स्वास्थ्य की सभी जानकारी मिल सकेगी। प्रदेश में शत-प्रतिशत लोगों को मिशन से जोड़ने के काम को प्राथमिकता से करने के लिये संबंधित अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिये गए हैं।