मध्य प्रदेश Switch to English
नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘साशा’ की हुई मृत्यु
चर्चा में क्यों?
27 मार्च, 2023 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-प्राणी जे.एस. चौहान ने बताया कि नामीबिया से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ी गई मादा चीता ‘साशा’के गुर्दों में संक्रमण होने की वजह से मृत्यु हो गई है। इस मादा चीता के गुर्दों में संक्रमण भारत आने के पहले से ही था।
प्रमुख बिंदु
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-प्राणी जे.एस. चौहान ने बताया कि चीता के स्वास्थ्य की देख-रेख के लिये तैनात पशु चिकित्सक द्वारा मादा चीता के स्वास्थ्य परीक्षण में उपचार की आवश्यकता पाई गई थी। फलस्वरूप उसी दिन उसे क्वारेंटाइन बाड़े में लाया गया।
- चीता का स्वास्थ्य परीक्षण वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में स्थित लैब में अत्याधुनिक मशीनों से किया गया। खून के नमूनों की जाँच से यह जानकारी प्राप्त हुई कि साशा के गुर्दों में संक्रमण है।
- जे.एस. चौहान ने बताया कि भारतीय वन्य जीव-संरक्षण देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और कूनों राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा चीता कंजर्वेंशन फाउडेंशन, नामीबिया से ‘साशा’की ट्रीटमेंट हिस्ट्री प्राप्त होने पर ज्ञात हुआ कि 15 अगस्त, 2022 को नामीबिया में खून के नमूने की अंतिम जाँच में भी क्रिएटिनिन का स्तर 400 से अधिक पाया गया था, जिससे यह पुष्टि हुई कि साशा को गुर्दे की बीमारी भारत आने के पहले से ही थी।
- 22 जनवरी, 2023 से ‘साशा’की मृत्यु के समय तक कूनो राष्ट्रीय उद्यान के सभी वन्य प्राणी चिकित्सकों और नामीबियाई विशेषज्ञ डॉ. इलाई वॉकर द्वारा लगातार दिन-रात उपचार किया गया।
- नामीबिया से लाए गए शेष 7 चीता, जिनमें 3 नर और 1 मादा स्वच्छंद विचरण के लिये खुले वन क्षेत्र में छोड़े गए हैं, पूरी तरह से स्वस्थ एवं सक्रिय रहकर शिकार कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से लाए सभी 12 चीता वर्तमान में क्वारेंटाइन बाड़ों में स्वस्थ और सक्रिय है।
विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था।
मादा चीता ‘साशा’
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