उत्तर प्रदेश Switch to English
देश में सर्वाधिक बिजली कनेक्शन वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश
चर्चा में क्यों?
27 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि महज़ आठ साल में 47 करोड़ नए बिजली कनेक्शन देने के साथ ही उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक विद्युत उपभोक्ताओं वाला राज्य बन गया है। उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर तमिलनाडु हैं।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि उत्तर प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 74 करोड़, महाराष्ट्र में करीब 2.40 करोड़ और तमिलनाडु में करीब 2.20 करोड़ है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कुल उपभोक्ताओं की संख्या करीब तीन करोड़ बताई जा रही है जो कि उत्तर प्रदेश से 23 से 25 लाख कम है।
- पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि बीते आठ साल में प्रदेश के 8 करोड़ से अधिक परिवार ढिबरी और लालटेन युग से बाहर निकल आए हैं। इस अवधि में प्रदेश में बिजली के नए कनेक्शन का रिकॉर्ड भी बना है।
- ज्ञातव्य है कि वर्ष 2014 तक राज्य में कुल करीब 42 करोड़ उपभोक्ता थे, वहीं वर्ष 2014 से नवंबर 2022 के बीच राज्य में 1.8 करोड़ नए उपभोक्ताओं के घरों में बिजली पहुँची। बिजली के साथ ही इन परिवारों में पंखा, कूलर, एसी, फ्रिज, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी पहुँच गए।
- एम. देवराज ने बताया कि राज्य के लोगों के रहन-सहन में सुधार को ऐसे भी समझा जा सकता है कि वर्ष 2014 में बिजली की अधिकतम मांग 12327 मेगावाट रिकॉर्ड की गई थी, जो 2022 में 26589 मेगावाट पहुँच गई। बिजली के कनेक्शन दोगुने से अधिक हुए तो खपत भी उसी गति से बढ़ गई।
- प्रदेश सरकार ने हर घर को बिजली कनेक्शन देने का अभियान शुरू किया हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 2017 से अब तक एक करोड़ 47 लाख 90 हज़ार नए कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इसमें बड़ी भूमिका ‘सौभाग्य योजना’के तहत कनेक्शन देने की रही।
- उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने बताया कि वर्ष 2017 से 2021 के बीच ‘सौभाग्य योजना’के तहत प्रदेश में 18 लाख कनेक्शन दिये गए थे। इस योजना में अधिक कनेक्शन देने पर भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत भी किया था।
- उन्होंने बताया कि प्रदेश में ‘रिवैम्प्ड योजना’के तहत बिजली व्यवस्था को और बेहतर किया जा रहा है। बिजली उत्पादन से लेकर वितरण तक कई योजनाओं पर काम शुरू किया गया है। आने वाले दिनों में प्रदेश के हर उपभोक्ता को निर्बाध बिजली मिलेगी।
बिहार Switch to English
प्रधानमंत्री फॉर्मलाइज़ेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजना (PMFME) में बिहार देश में पहले नंबर पर
चर्चा में क्यों?
27 जनवरी, 2022 को बिहार उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया कि प्रधानमंत्री की महत्त्वाकांक्षी उद्यमी योजना ‘प्रधानमंत्री फॉर्मलाइज़ेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजना (PMFME)’ को लागू करने में बिहार देश में पहले नंबर पर है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक के मुताबिक अब तक देश में सबसे अधिक 450 लोन केस बिहार के मंज़ूर हुए हैं। पिछले दो वित्तीय वर्ष (2020-21 और 2021-22) में पूरे बिहार में मात्र 20 लोन केस मंज़ूर हो पाए थे। चालू वित्तीय वर्ष में बिहार में 2050 लोन स्वीकृत करवाने का लक्ष्य है।
- बिहार की तुलना में वर्तमान चालू वित्तीय वर्ष में अब तक महाराष्ट्र के 205 और तेलंगाना के 296 लोन केस स्वीकृत हो सके हैं। शेष राज्यों की स्थिति इससे भी कमज़ोर है।
- बिहार ने 16-23 जनवरी, 2023 के सप्ताह में पीएमएफएमई योजना के तहत बैंकों को सबसे अधिक आवेदन भेजे थे। हालाँकि, आवेदनों की तुलना में स्वीकृति दर कमज़ोर है।
- पीएमएफएमई योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण, जैसे- मिनी राइस मिल, फ्लॉवर मिल, अचार यूनिट, पापड़ यूनिट, मखाना यूनिट, नूडल/पास्ता यूनिट आदि को अधिक तवज्जो दी जाती है। इसमें भी 35 फीसदी तक का अनुदान दिया जाता है।
- पीएमएफएमई में बिहार के इन पाँच ज़िलों के सर्वाधिक केस स्वीकृत हुए- समस्तीपुर (46), नालंदा (30), पटना (24), मुज़फ्फरपुर (22) और सिवान (18)।
- इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों एवं उत्पादक सहकारी समितियों को मदद देना भी है।
- इस योजना को पाँच वर्ष, यानी 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक की अवधि के लिये लागू किया गया है।
राजस्थान Switch to English
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला
चर्चा में क्यों?
27 जनवरी, 2023 को राजस्थान लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने जोधपुर में हुई राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद की बैठक में बताया कि राजस्थान में औद्योगिक विकास को विश्वपटल पर नई ऊँचाइयाँ देने के उद्देश्य से आगामी 20 से 22 मार्च, 2023 तक जोधपुर के ईपीसीएच सेंटर बोरानाड़ा औद्योगिक क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आयोजित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने बैठक में बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय मेले में जोधपुर से निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पाद फर्नीचर के अलावा कृषि एवं विभिन्न प्रकार के प्रसंस्करण उद्योगों, इंजीनियरिंग उत्पाद, स्टील आदि का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि इसके लिये यूरोप, अमेरिका, मध्य एशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के भारतीय दूतावास एवं उच्चायुक्तों के माध्यम से विदेशी क्रेताओं से संपर्क कर इस आयोजन में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया जाएगा। इसमें हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद एवं प्रमुख निर्यातक तथा निर्यातक संगठन भी वांछित सहयोग करेंगे।
- राजीव अरोड़ा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इस व्यापार मेले के सफल क्रियान्वयन के लिये विभिन्न उद्यमियों एवं निर्यातकों से सुझाव आमंत्रित कर उन पर मुख्य रूप से अमल किया जाएगा। स्थानीय निर्यातक एवं गैर-निर्यातक उद्यमी इस आयोजन को सफल बनाने के लिये हरसंभव भागीदारी का निर्वाह करेंगे।
- उन्होंने बताया कि एक्सपो से विशेषरूप से संभाग के उन कारीगरों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिन्हें गाँव-गाँव में काम करके अपने उत्पादों को बेचने के लिये दिल्ली, मुंबई आदि महानगरों में जाना पड़ता है। इस आयोजन के माध्यम से अधिक-से-अधिक खरीदारों तक उत्पाद पहुंचेंगे तथा स्थानीय उत्पादों के प्रति इनका आकर्षण बढ़ेगा।
- बैठक में बताया गया कि मेला अवधि में जोधपुर शहर में सड़कों के विशेष रख-रखाव व सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस आयोजन में सहयोग के लिये आयोजक संस्थाओं तथा उद्यमियों द्वारा एक समिति का गठन किया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
भगवान श्री देवनारायण जयंती पर राज्य में राजकीय अवकाश घोषित
चर्चा में क्यों?
27 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भगवान श्री देवनारायण की जयंती पर राज्य में राजकीय अवकाश घोषित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राज्य में आमजन की आस्था और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए ही भगवान श्री देवनारायण की जयंती पर राज्य में राजकीय अवकाश घोषित करने का यह निर्णय लिया गया है।
- विदित है कि देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह अवाना, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत तथा खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने पत्र लिखकर भगवान श्री देवनारायण जयंती पर अवकाश घोषित करने की मांग की थी।
- उल्लेखनीय है कि भगवान श्री देवनारायण की एक गोरक्षक, असहाय लोगों के कष्टों का निवारण करने वाले लोक देवता एवं पराक्रमी योद्धा के रूप में आराधना की जाती है। राजस्थान एवं अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में विभिन्न समाज के श्रद्धालुओं द्वारा भगवान श्री देवनारायण की पूजा की जाती है।
- गौरतलब है कि इस वर्ष भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती 28 जनवरी को मनाई जा रही है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेशीय और भारतीय देशी गायों के लिये नवीन पुरस्कार योजना
चर्चा में क्यों?
27 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में ‘प्रदेश की मूल गो-वंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों के लिये पुरस्कार योजना’लागू की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- पशुपालन मंत्री ने बताया कि देश-प्रदेश की देशी नस्लों के गोपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई योजना में 1 से 15 फरवरी तक प्रदेश की मूल और भारतीय उन्नत नस्ल की गायों की प्रतियोगिताएँ होंगी।
- इस प्रतियोगिता में 201 ज़िलास्तरीय पुरस्कार दिये जाएंगे, जो 45 मध्य प्रदेश के मूल गोवंशीय और 156 भारतीय उन्नत नस्ल की गायों के लिये होंगे। इसके अलावा 6 राज्यस्तरीय पुरस्कार भी दिये जाएंगे।
- प्रदेश की मूल गोवंशीय और भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की प्रतियोगिता ज़िलों में अलग-अलग की जाएंगी। प्रदेश की मूल गोवंशीय नस्ल प्रतियोगिता 15 ज़िलों- आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी में की जाएगी।
- मालवी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता ज़िला आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन और इंदौर में तथा निमाड़ी नस्ल की ज़िला खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार और केनकथा नस्ल की प्रतियोगिता ज़िला दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी ज़िले में होगी।
- पशुपालन मंत्री ने बताया कि प्रदेश की मूल गोवंशी नस्ल- मालवी, निवाड़ी और केनकथा गाय का प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 4 लीटर या अधिक और भारतीय गाय का 6 लीटर या उससे अधिक होना चाहिये।
- भारतीय उन्नत नस्ल गाय प्रतियोगिता सभी 52 ज़िलों में होगी। अधिक दूध देने वाली गायों के पशुपालकों को पुरस्कार दिया जाएगा।
- दोनों प्रतियोगिताओं में ज़िलास्तरीय प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार क्रमश: 51 हज़ार, 21 हज़ार और 11 हज़ार रुपए होंगे। इसी तरह राज्यस्तरीय पुरस्कार भी क्रमश: 2 लाख, 1 लाख और 50 हज़ार रुपए का होगा।
- तीनों पुरस्कार के अलावा शेष प्रतियोगी गायों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाएंगे। पुरस्कार प्राप्त समस्त पशुपालकों की सूची मय गायों की नस्ल और दुग्ध उत्पादन ब्योरे के साथ विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा पुलिस के 14 अधिकारी पुलिस पदक से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
26 जनवरी, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर हरियाणा पुलिस के 14 अधिकारियों व कर्मियों को विशिष्ट एवं सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक से अलंकृत किया गया।
प्रमुख बिंदु
- घोषित किये गए कुल 14 पदकों में से एक पुलिस अधिकारी को विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा 13 अन्य को सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
- पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अमिताभ सिंह ढिल्लों, पुलिस महानिरीक्षक (आधुनिकीकरण) को विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित करने के लिये चुना गया है।
- जिन्हें सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है, उनमें - सतेंद्र कुमार गुप्ता आईजीपी (करनाल रेंज) करनाल, बी. सतीश बालन आईजीपी (एसटीएफ), वीरेंद्र कुमार विज डीसीपी (ईस्ट) गुरुग्राम, सुरेंद्र सिंह डीएसपी (सीआईडी) नई दिल्ली, राजकुमार रंगा एसीपी पंचकूला, हरि किशन इंस्पेक्टर स्टेट क्राइम ब्रांच, रमेश कुमार सब-इंस्पेक्टर (एसआई) अंबाला, दिनेश सिंह एसआई प्रथम आईआरबी भोंडसी गुरुग्राम, नरेश कुमार एसआई रोहतक, देवेंद्र कुमार एएसआई पानीपत, राम पाल ईएएसआई (सीआईडी) चंडीगढ़, सज्जन कुमार ओआरपी एएसआई हिसार और सुनील कुमार हेड कॉन्स्टेबल पंचकूला शामिल हैं।
हरियाणा Switch to English
यूआईईटी के दो छात्रों का स्मार्ट सोलर हब हुआ लॉन्च
चर्चा में क्यों?
25 जनवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्च्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआईईटी) के दो छात्रों इशांक बंसल और अर्जुन मित्तल द्वारा शुरू किये गए स्मार्ट सोलर हब स्टार्टअप को लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने सोलर एनर्जी के इनविनोवा नाम के इस स्टार्ट-अप को लॉन्च किया है।
- उन्होंने बताया कि स्टार्टअप के मामले में हरियाणा का देश में तीसरा स्थान है। 60 हज़ार नई स्टार्टअप कंपनियों में से पाँच हज़ार कंपनियाँ हरियाणा में हैं, जोकि 12 प्रतिशत हैं।
- डॉ. अग्रवाल ने बताया कि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने नई स्टार्टअप पॉलिसी बनाई है, जिसके तहत अलग-अलग प्रकार की छूट व रियायतें देकर प्रदेश में नए स्टार्टअप स्थापित करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- स्मार्ट सोलर हब नाम से शुरू किये गए स्टार्टअप इनविनोवा का उद्देश्य एक्सेसीबल एनर्जी और कनेक्टीविटी के साथ आउटडोर स्पेस में सार्वजनिक इंटरेक्शन को बढ़ाना है।
- इसके माध्यम से सार्वजनिक जीवन में टेक्नोलॉजी को लोकप्रिय बनाकर अर्बन लिविंग को किस प्रकार बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर फोकस किया गया है। शहरों को ज़्यादा जीवंत, सस्टेनेबल और ज़्यादा संवेदनशील बनाने में भी यह टेक्नोलॉजी कारगर सिद्ध होगी।
- इस अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. वाई.पी वर्मा ने बताया कि यूआईईटी में कुल 8 स्टार्टअप चल रहे हैं, जिनके लिये विभाग जगह देता है और ज़रूरी उपकरण उपलब्ध कराता है।
झारखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों की आश्रितों को किया सम्मानित
चर्चा में क्यों?
26 जनवरी, 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य की उप-राजधानी दुमका में आयोजित समारोह में तीन स्वतंत्रता सेनानियों की आश्रित पत्नियों को सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वतंत्रता सेनानी स्व. धनेश्वर मंडल की पत्नी चंद्रावती देवी (ग्राम- बंदरी, प्रखंड- सरैयाहाट, ज़िला- दुमका), स्व. पतरू राय की पत्नी परवतिया देवी (ग्राम- परसदाहा, प्रखंड- सरैयाहाट, ज़िला- दुमका) एवं स्व. दशरथ राय की पत्नी सरोतिया देवी (ग्राम- डेलीपाथर, प्रखंड- रामगढ़, ज़िला- दुमका) को सम्मानित किया।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली एसएसबी 35 बटालियन और झाँकियों में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की झाँकी को प्रथम पुरस्कार से नवाजा। इसके अलावा बेहतर कार्य करने वाले पदाधिकारियों और कर्मियों को भी सम्मानित किया गया।
- पुरस्कृत होने वाली परेड टुकड़ी:
- प्रथम पुरस्कार - एसएसबी 35 बटालियन
- द्वितीय पुरस्कार - आईआरबी- 1 जामताड़ा
- तृतीय पुरस्कार - एनसीसी, दुमका
- इन विभागों की झाँकियों को मिला पुरस्कार:
- प्रथम पुरस्कार - ज़िला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, दुमका
- द्वितीय पुस्कार - ज़िला उद्योग विभाग
- तृतीय पुरस्कार - ज़िला ग्रामीण विकास अभिकरण एवं वन विभाग
- बेहतर कार्य के लिये सम्मानित होने वाले पदाधिकारी और कर्मी - शिकारीपाड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार चौधरी, सविता कुमारी (एएनएम), लखपति देवी (सेविका), राजीव रंजन (चालक), विकास कुमार अग्रवाल (पेंटिंग)।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के खिलाड़ियों के 4% आरक्षण के अध्यादेश को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
27 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिये राज्य सरकार अध्यादेश ला रही है। न्याय विभाग ने अध्यादेश लाने को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पूर्व में 4 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश था, लेकिन 2013 में हाईकोर्ट ने इस शासनादेश को रद्द कर दिया था।
- खेल मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिया जा सके, इसके लिये न्याय और कार्मिक विभाग से सहमति मिल गई है और इसके लिये नियमावली बनाई गई है।
- कैबिनेट के माध्यम से अध्यादेश लाकर या विधानसभा के माध्यम से इसे कानून बनाया जाएगा। इससे प्रदेश में खेल का और बेहतर माहौल बनेगा व खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित होगा।
- खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर ने बताया कि प्रदेश सरकार हरियाणा राज्य की तर्ज़ पर उत्तराखंड में अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता को 5400 ग्रेड पे पर सीधे नौकरी देने की तैयारी कर रही है। इसके लिये तैयार प्रस्ताव को वित्त और कार्मिक विभाग से मंज़ूरी मिल गई है।
- इसका शासनादेश जारी होते ही हरियाणा के बाद उत्तराखंड पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधे नौकरी देने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा।
- खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधे नौकरी मिलने से उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उत्तराखंड को खेलभूमि के नाम से भी जाना जा सकेगा।
उत्तराखंड Switch to English
सेना मेडल से सम्मानित होंगे उत्तराखंड के मेजर प्रशांत भट्ट
चर्चा में क्यों?
25 जनवरी, 2023 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से की गई वीरता पुरस्कारों की घोषणा में उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले के कौसानी निवासी युवा सैन्य अधिकारी मेजर प्रशांत भट्ट को सेना मेडल के लिये चयनित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि युवा सैन्य अधिकारी मेजर प्रशांत भट्ट का सैनिक स्कूल से 12वीं पास करने के बाद प्रथम प्रयास में ही एनडीए में चयन हुआ था। वर्ष 2014 में वह भारतीय सेना की दो पैरा स्पेशल फोर्स में लेफ्टिनेंट के पद पर चुने गए। बाद में कमीशंड मिलने पर वह मेजर के पद पर पहुँचे।
- सेवाकाल में बॉर्डर पर हुए कई सफल ऑपरेशन में उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता और साहस को देखते हुए गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कारों के लिये चयनित जांबांजों में उन्हें भी सेना मेडल के लिये चुना गया है।
- प्रशांत भट्ट को भारत सरकार ने कुशल नेतृत्व, कर्त्तव्य परायण, साहस और संवेदनशील मुद्दों को सरलता से हल करने पर सेना मेडल से सम्मानित करने की घोषणा की है।
- ज्ञातव्य है कि मेजर प्रशांत भट्ट वर्तमान में मध्य प्रदेश के महू में जूनियर कमांड का प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं।
- विदित है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा सेना मेडल प्राप्त वीर जांबाज सैनिकों को पुरस्कार के तौर पर एकमुश्त 15 लाख रुपए और हर वर्ष 50,000 रुपए तथा भारत सरकार से भी लगभग इतनी ही धनराशि दी जाती है।
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