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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 28 Jan 2022
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बिहार के 2 व्यक्तियो को पद्म पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

25 जनवरी, 2022 को 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने वर्ष 2022 के लिये 128 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। बिहार के शैबल गुप्ता और आचार्य चंदनाजी पद्मश्री के लिये चुने गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • बिहार के आचार्य चंदनाजी को सामाजिक कार्यों के लिये, जबकि शैबल गुप्ता को मरणोपरांत साहित्य और शिक्षा में विशिष्ट योगदान के लिये पद्मश्री पुरस्कार हेतु चुना गया है।
  • पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं, जिन्हें तीन श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। इन तीन श्रेणियों में पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री शामिल हैं। असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्मविभूषण’, उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्मभूषण’और किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्मश्री’पुरस्कार प्रदान किया जाता है। 
  • ये पुरस्कार विभिन्न विषयों/क्षेत्रों, अर्थात् कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान व इंजीनियरिंग, व्यापार एवं उद्योग, चिकित्सा, साहित्य व शिक्षा, खेल, सिविल सेवा, इत्यादि में प्रदान किये जाते हैं। 
  • इन पुरस्कारों की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा हर वर्ष ‘गणतंत्र दिवस’के अवसर पर की जाती है तथा आमतौर पर मार्च/अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाने वाले औपचारिक समारोहों में प्रदान किये जाते हैं। 
  • इस वर्ष राष्ट्रपति ने 128 पद्म पुरस्कार प्रदान करने की मंज़ूरी दी है, जिनमें 2 जोड़ी पुरस्कार (किसी जोड़ी को दिये पुरस्कार की गणना एक पुरस्कार के रूप में की जाती है) भी शामिल हैं। इस सूची में 4 पद्मविभूषण, 17 पद्मभूषण और 107 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं। 
  • पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वालों में 34 महिलाएँ हैं और इस सूची में 10 व्यक्ति विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई श्रेणी के अंतर्गत हैं तथा 13 व्यक्तियों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया है।

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