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उत्तर प्रदेश के 22 मेडिकल कॉलेजों में एचएमआईएस सेवा प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
26 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के 22 मेडिकल कॉलेजों में ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) सुविधा शुरू की, जिससे मेडिकल कॉलेजों में भर्ती होने वाले मरीजों को अब मोबाइल पर अपनी सेहत की कुंडली मिल सकेगी।
प्रमुख बिंदु
- एचएमआईएस की शुरुआत एसएसपीजीआईसीएच नोएडा, स्वशासी मेडिकल कॉलेज एटा, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, हरदोई, बस्ती, सिद्धार्थनगर, शाहजहाँपुर, अयोध्या, बहराइच, देवरिया, गाजीपुर, फिरोजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बदायूँ, बांदा, जौनपुर, कन्नौज, जालौन एवं रिम्स सैफई में की गई है।
- उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि एचएमआईएस से, अगर मरीज के पास जाँच रिपोर्ट नहीं है तो भी ओपीडी में डॉक्टर ऑनलाइन रिपोर्ट देख सकेंगे। वह एक क्लिक पर संबंधित मरीज की पूरी केस हिस्ट्री जान सकेंगे। अब तक यह व्यवस्था एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान सहित 12 मेडिकल कॉलेजों में थी।
- उन्होंने बताया कि एचएमआईएस को एंड्रायड फोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर संबंधित अस्पताल में पंजीयन किया जा सकेगा। इस सॉफ्टवेयर से रोगियों को अस्पताल में किस दिन कौन-से डॉक्टर उपलब्ध होंगे, इसकी जानकारी मिल सकेगी।
- इस व्यवस्था से सभी मरीजों का पुख्ता डाटा तैयार हो सकेगा। इससे शोध करने, संसाधनों के विकास, व्यवस्था की निगरानी, भविष्य की योजना बनाने में आसानी होगी। एंबुलेंस, बेड एलॉटमेंट, भोजन आदि का रिकॉर्ड भी इस पर रहेगा। इससे कार्यों में पारदर्शिता लाई जा सकेगी।
- एचएमआईएस से मरीजों को ऑनलाइन पंजीयन, भुगतान, प्रिस्क्रिप्शन, लैब रिपोर्ट, फार्मेसी पर्ची, ओपीडी कार्ड, एडमिशन टिकट, डिस्चार्ज समरी मोबाइल पर मिल सकेगी। वह डॉक्टर की उपलब्धता, विशेष क्लीनिक का समय और ब्लड बैंक आदि की जानकारी आसानी से ले सकेंगे।
- सॉफ्टवेयर से रोगी का आधार, आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट भी जोड़ा जाएगा। वहीं मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयाँ आसानी से लिख सकेंगे तथा दवाओं की एक्सपायरी सूची भी देखी जा सकेगी।
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